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जिला बाल कल्याण परिषद् द्वारा चलाई जा रही अनेक गतिविधियां व स्कीम

विभिन्न गतिविधियों में 2200 बच्चे हो रहे लाभान्वित

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पंचकूला, 4 जुलाई- जिला बाल कल्याण परिषद् पंचकूला द्वारा गरीब असहाय बच्चों, लडकियों महिलाओं के चहुंमुखी विकास के लिए अनेक गतिविधियां व स्कीम चलाई जा रही हंै। परिषद् के द्वारा शुरू की गई ये पहल लाभानुभोगियों के विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम है।


  इस संबंध में जानकारी देते हुये उपायुक्त डाॅ. प्रियंका सोनी ने बताया कि परिषद द्वारा पंचकूला, ग्राम सचिवालय रायपुररानी और मिनी बाल भवन, कालका में 3 कंप्युटर प्रशिक्षण केन्द्र, मिनी बाल भवन, कालका में 01 फैशन डिजाईनिग प्रशिक्षण केन्द्र, पंचकूला मिनी बाल भवन, कालका पंचायत घर, रायपुररानी में 03 सिलाई एवं कढ़ाई केन्द्र, पंचकूला और मिनी बाल भवन, कालका में 02 ब्युटी केयर प्रशिक्षण केन्द्र, बेज नं0 19, सै0 14, पंचकूला, मिनी बाल भवन, कालका और लघु सचिवालय, सै0 1, पंचकूला में 03 डे केयर केन्द्र, (जिसमें 06 माह से 06 साल तक के बच्चों को सुविधा प्रदान की जाती है।) पंचकूला और मिनी बाल भवन, कालका में 02 बाल पुस्तकालय, मिनी बाल भवन, कालका में 01 कोचिंग कक्षा चलाई जा रही है। इनमें स्कूल मे पढने वाले गरीब और जरुरतमंद बच्चों को स्कूल के बाद कोचिंग दी जाती है।


  उन्होंने बताया कि शिशुगृह, सै0 15, पंचकूला में वर्चुअल कक्षा चलाई जा रही है, जिसमें कक्षा छठी से दसवी तक साईंस और अंग्रेजी की निःशुल्क कोचिंग दी जा रही है। इन सभी गतिविधियों में लगभग 2200 बच्चे लाभांवित हो रहे हैं। इसके अतिरिक्त परिषद् द्वारा मुख्यमंत्री अंन्तोदय परिवार उत्थान योजना के अंर्तगत पंजीकृत 345 परिवारों के बच्चो, लडकियों/महिलाओं को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसमें कुल 119 बच्चों द्वारा कोर्स पूर्ण कर प्रमाण पत्र प्राप्त किये जा चुके है।


  परिषद्, द्वारा जो प्रमाण पत्र वितरित किये जाते है वे सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है। प्रमाण पत्र प्राप्त करने उपरांत बच्चे सरकारी, गैर सरकारी व अपना स्वंय का रोजगार स्थापित करके अपने परिवार की आय बढ़ा सकते हैं। उन्होंने बताया कि परिषद् द्वारा संचालित केन्द्रों से प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके कुल 37 प्रशिक्षु सरकारी, गैर सरकारी संस्थानों में कार्य कर रहे है तथा स्वयं का रोजगार स्थापित किया गया है। परिषद् द्वारा ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान खण्ड स्तर पर शिविर लगाये जाते है, जिसमें बच्चों को सकारात्मक सोच के साथ व्यस्त रखा जाता है। शिविर के दौरान बच्चों को योगा, आर्ट एंड क्राफट, नृत्य और संगीत, कलैग्राफी, इंग्लिश स्पीकिंग की शिक्षा निपुण ट्रेनरों द्वारा प्रदान की जाती है।


  डाॅ सोनी ने बताया कि परिषद्, द्वारा राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिताएं भी खण्ड स्तर तथा जिला स्तर पर करवाई जाती है। प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर आने वाले बच्चों को प्रतिवर्ष बाल दिवस समारोह पर पुरस्कृत किया जाता है तथा राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर आने वाले बच्चों को राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाता है। उन्होंने बताया कि परिषद् द्वारा प्रतिवर्ष अक्टुबर माह में बाल दिवस समारोह के उपलक्ष्य में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओ का आयोजन किया जाता है जैसे रंगोली, पोस्टर मेकिंग, स्कैचिंग आन द स्पाॅट, प्रश्नोतरी प्रतियोगिता, कार्ड मेकिंग, कलश/थाली सजावट, दीया/मोमबती सजावट इत्यादि।


  उन्होंने बताया कि जिला स्तर की प्रतियोगिताओं में प्रथम और द्वितीय स्थान पर आने वाले बच्चों को मण्डल स्तरीय प्रतियोगिताओं में भेजा जाता है और मण्डल स्तरीय प्रतियोगिताओं में प्रथम और द्वितीय स्थान पाने वाले बच्चों को राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भेजा जाता है। राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पाने वाले बच्चों को महामहिम राज्यपाल द्वारा सम्मानित किया जाता है। उपरोक्त गतिविधियों के बारे में समय समय पर परिषद् द्वारा गांव व शहर में बच्चों व महिलाओं को प्रेरित किया जाता है। उन्होंने बताया कि अधिक जानकारी के लिए जिला बाल कल्याण परिषद, बेज नं0 19, सै0-14, पंचकूला, दूरभाष- 0172-2586554, ईमेल- इंसइींूंदचास14/हउंपसण्बवउ पर संपर्क किया जा सकता है।

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