*Chandigarh Shines in Swachh Survekshan 2024–25; Enters the Super Swachh League Cities*

जिला नगर योजनाकार द्वारा गंाव खोखरा में लगभग 1.5 एकड में पनप रही अवैध काॅलोनी में 7 डीपीसी को गिराया

– बिना सरकारी अनुमति के अवैध काॅलोनी व निर्माण पाॅप्रर्टी डीलरों के साथ मिलकर विकसित करने पर अर्बन एरिया एक्ट-1975, पैरिफेरी नियंत्रित क्षेत्र-1952 तथा नियंत्रित क्षेत्र-1963 के तहत की जाती है सख्त कानूनी कार्यवाही- जिला नगर योजनाकार

For Detailed News-

पंचकूला, 11 अक्तूबर- उपायुक्त श्री विनय प्रताप सिंह के निर्देशानुसार जिला नगर योजनाकार, पंचकूला के तोडफोड दस्ते ने नियं़ित्रत क्षेत्र व अर्बन एरिया की राजस्व संपदा गंाव खोखरा में लगभग 1.5 एकड में पनप रही अवैध काॅलोनी में सख्त कार्यवाही करते हुए 7 डीपीसी को जेसीबी मशीन के माध्यम से गिराया।


इस कार्यवाही में जिला नगर योजनाकार, पंचकूला श्रीमति प्रियम भारद्वाज व रेंज आफिसर, पिंजौर, श्री अमित शर्मा, बतौर ड्यूटी मैजिस्ट्रेट मौजूद रहे। इसके अतिरक्त जिला नगर योजनाकार (ई0) की टीम के साथ-साथ पुलिस बल तोड़फोड़ दस्ते के साथ मौजूद था। इस दौरान तोड़ फोड़ का विरोध करने के लिये लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। लोगों ने अधिकारियों और पुलिस से बहस की और निर्माण ना तोड़ने का आग्रह भी किया लेकिन तोड़ फोड़ की कार्यवाही जारी रखी गई।


इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला नगर योजनाकार पंचकूला, श्रीमति प्रियम भारद्वाज ने बताया कि राजस्व सम्पदा गांव खोखरा में लगभग 1.5 एकड़ भूमि में विकसित की जा रही अवैध काॅलोनी के विरुद्ध विशेष अभियान चलाया गया, जिसके अतंर्गत प्लाॅटांे की डीपीसी को गिराया गया।

https://propertyliquid.com


उन्होने बताया कि निदेशक, नगर तथा गा्रम आयोजना विभाग हरियाणा, चंडीगढ़ से अनुमति लिये बिना कोई भी काॅलोनी बनाने के लिए प्लाॅटिंग करता है तो विभाग द्वारा उसके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने यह भी बताया कि यदि बिना सरकारी अनुमति के भू-मालिकों द्वारा कोई अवैध काॅलोनी व निर्माण पाॅप्रर्टी डीलरों के साथ मिलकर विकसित किया जाता है तो ऐसे भू-मालिकों, प्राॅपर्टी डीलरों तथा अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ अर्बन एरिया एक्ट-1975, पैरिफेरी नियंत्रित क्षेत्र-1952 तथा नियंत्रित क्षेत्र-1963 के तहत विभाग सख्त कानूनी कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों में एफ. आई. आर. दर्ज भी करवाई जाती है, जिसमें तीन साल कारावास तथा जुर्माने का भी प्रावधान है।