*Municipal Corporation conducts cleanliness drive in Sector 11 green belt*

जिला नगर योजनाकार द्वारा बड़ी कार्यवाही करते हुए अवैध निर्माण को गिराने का चलाया गया अभियान

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पंचकूला, 3 सितंबर- जिला नगर योजनाकार पचंकूला द्वारा नियंत्रित क्षेत्र अधिनियम अर्बन ऐरिया अधिनियम में बड़ी कार्यवाही करते हुए गांव मढांवाला में खसरा नंबर 407, 402, 403, 404 तथा 406 में लगभग 1 एकड़ में पनप रही अवैध काॅलोनी, गांव सीतो माजरा में खसरा नंबर 145 व 146 में लगभग 1.5 एकड़ में पनप रही अवैध काॅलोनी में 7 डीपीसी, गांव कर्णपुर में अवैध निर्माणाधीन बाउंड्री वाॅल तथा गांव गरीड़ा में अवैध शेड को गिराने का अभियान चलाया गया।


इस कार्यवाही में जिला नगर योजनाकार, पंचकूला श्रीमती प्रियम भारद्वाज तथा कालका के तहसीलदार श्री विक्रम सिंगला बतौर डियूटी मैजिस्ट्रेट मौजूद रहे। इसके अतिरिक्त जिला नगर योजनाकार (ई0) की टीम व किसी भी अप्रिंय घटना से निपटने के लिए पुलिस बल तोड़फोड़ दस्ते के साथ माजूद रहा। लोगों द्वारा तोड़-फोड़ के विरोध के बावजूद विभाग ने अपनी कार्यवाही जारी रखी।


इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला नगर योजनाकार श्रीमती प्रियम भारद्वाज ने बताया कि उपरोक्त अवैध काॅलोनियां भू-मालिकों द्वारा प्राॅपर्टी डीलरों के साथ मिलकर बिना किसी सरकारी अनुमति के विकसित की जा रही हैं। ऐसे भू-मालिकों, प्राॅपर्टी डीलरों तथा अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ अर्बन एरिया एक्ट 1975 के तहत विभाग द्वारा एफआईआर दर्ज करवाई जाती है जिसमें तीन साल कारावास तथा जुर्माने का भी प्रावधान है।


उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि विभाग से सीएलयू की अनुमति के बिना किसी भी प्रकार के छोटे या बड़े निर्माण न करें ताकि जनता की कड़ी मेहनत का पैसा बर्बाद न हो और अनाधिकृत अवैध निर्माणों पर रोक लग सके।

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उन्होंने बताया कि अवैध काॅलोनियों का निर्माण कार्य अवैध है और अगर यहां कोई निर्माण करता है तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जायेगी। हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियम अधिनियम-1975 के तहत अर्बन एरिया में उपरोक्त अधिनियम की धारा 3 के अनुसार कोई भी प्रापर्टी डीलर निदेशक, नगर तथा ग्राम आयोजना विभाग हरियाणा से बिना लाईसेंस लिए यदि किसी भी प्रकार की काॅलोनी विकसित करता है तो वह गैर कानूनी है  और अवैध काॅलोनी क्षेत्र में प्लाॅट के लिए जमीन की खरीद-फरोख्त व अवैध निर्माण करने के विरूद्ध  हरियाणा शहरी अधिनियम 1975 की धारा 10(2) के तहत सख्त कानूनी कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने बताया कि नियंत्रित क्षेत्र में कोई भी निर्माण कार्य करने से पहले अनुमति लेनी अनिवार्य है।