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जलशक्ति अभियान का दूसरा चरण देश में जल प्रबंधन के विषय पर मील का पत्थर साबित होगा- कटारिया

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पंचकूला मार्च 23 :  माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च को विश्व जल दिवस के मौके पर जलशक्ति मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे जल शक्ति अभियान के दूसरे चरण Catch the Rain का वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ , मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान , केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत  तथा केन्द्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री श्री रतन लाल कटारिया , जलशक्ति मंत्रालय के अधिकारी एवं विभिन्न ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधि वर्चुअल प्लेटफॉर्म के माध्यम से जुड़ें। 

इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मानसून आने तक मनरेगा के अंतर्गत बजट को वर्षा जल संचयन और जल संरक्षण के कार्यों के लिए खर्च किया जाएगा। उन्होंने देश में ग्राम सरपंचों से वर्षा जल संचयन कार्यक्रम में बढ़ चढकर योगदान देने का आह्वान भी किया। 

इस कार्यक्रम के पश्चात् श्री कटारिया ने बहुप्रतीक्षित केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और केन्द्रीय जलशक्ति मंत्रालय द्वारा MoU साइन किए जाने को पूरे देश, विशेषकर बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक पल बताते हुए कहा कि नदी जोड़ परियोजना का सपना श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी  ने देखा था। स्व. वाजपेयी जी ने जल की अधिकता वाली नदियों से अतिरिक्त जल को नहरों के माध्यम से जल की कमी वाली नदियों से जोड़कर विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिवर्ष पड़ने वाले भयंकर सूखे से लोगों को निजात दिलाने की योजना बनाई थी, जो आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में हकीकत बनने जा रही है। श्री कटारिया ने बताया कि यह समझौता सभी राज्यों के लिए सहकारी संघवाद के सिद्धांतों का पालन करने का एक अनुकरणीय उदाहरण है। उन्होंने यह भी बताया कि इस नदी जोड़ों परियोजना के अंतर्गत देश भर में कुल 30 संभावित लिंक को चिन्हित किया गया है, जिन पर अलग-अलग स्तरों पर कार्य चल रहा है। 

केन बेतवा लिंक प्रोजेक्ट के बारे में बताते हुए श्री कटारिया ने कहा कि इस परियोजना में बांध बनाकर नहर के माध्यम से केन नदी से अतिरिक्त पानी को बेतवा नदी तक लाया जाएगा। इस परियोजना से बुंदेलखंड क्षेत्र में पड़ने वाली सूखे की मार से वहां के लोगों को राहत मिलेगी। इससे सालाना करीब 10.62 हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई हो सकेगी, वहीं 62 लाख लोगों को पीने के पानी की आपूर्ति भी सुनिश्चित की जा सकेगी। इसके साथ ही क्षेत्र के लिए 103 मेगावट हाइड्रोपावर का उत्पादन होने का भी अनुमान है।

श्री कटारिया ने कहा कि देश के 256 जिलों में, जहां जल की उपलब्धता की स्थिति अत्यंत गंभीर थी, वहां आमजन में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने और जल की उपलब्धता बढ़ाने के लिए 2019 में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जलशक्ति अभियान के पहले चरण की शुरूआत की गई थी। इस अभियान में जल स्त्रोतों के पुनर्द्धार, गहन वृक्षारोपण तथा वर्षा जल के संचयन के लिए केन्द्र सरकार के अधिकारियों और वैज्ञानिकों ने राज्य सरकारों के साथ मिलकर कार्य किए जिसके बेहद ही सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। जिससे उत्साहित होकर इस अभियान को ओर अधिक विस्तार स्वरूप देते हुए जलशक्ति अभियान के दूसरे चरण को लांच करने की योजना बनाई गई है। जलशक्ति अभियान के दूसरे चरण को ‘catch the rain, where it falls, when it falls’ शीर्षक से देश के सभी जिलों में शहरी व ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में प्रारंभ किया जाएगा।

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श्री कटारिया ने बताया कि यह अभियान 22 मार्च से 30 नवंबर तक चलेगा जो देश में मानसून शुरू होने से पहले और पूरा मानसून का मौसम कवर करेगा। इस मुहिम की शुरुआत जन आंदोलन के तौर पर की जाएगी जिसमें पानी और जल संरक्षण से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए सभी जिले की ग्राम पंचायतों में ग्राम सभाएं आयोजित की जाएंगी ताकि जमीनी स्तर पर लोग इसमें शामिल होकर जल संरक्षण के इस मिशन में बारिश के पानी की एक एक बूंद के संचयन के लक्ष्य पर कार्य करने के लिए आगे आ सकें। 

अंडमान और निकोबार द्वारा ग्रामीण घरों में घरेलू नल का पानी उपलब्ध कराने के 100 प्रतिशत लक्ष्य को हासिल करने वाले देश के तीसरे राज्य बनने पर हर्ष व्यक्त किया। 

श्री कटारिया ने मंत्रालय के सभी अधिकारियों को इस महत्वाकांक्षी योजना को लागू करने में उनकी ईमानदारी और समर्पण के लिए बधाई दी।