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कोरोना को हराने वालों का लोगों को संदेश, घबराएं नहीं मास्क लगाएं

सिरसा, 23 अक्तूबर।


आज देश ही नहीं पूरा विश्व कोरोना महामारी से ग्रस्त है। समय के साथ भले ही कोरोना संक्रमण का फैलाव कम हुआ है, लेकिन अभी तक यह खत्म नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोगों को संदेश में कहा है कि जब तक दवाई नहीं, तब तक कोई ढिलाई नहीं। प्रधानमंत्री की ढिलाई न करने की बात कोरोना बचाव उपायों की अनुपालना को लेकर है, क्योंकि जब तक दवाई नहीं आती है, तब तक मॉस्क, हाथों को बार-बार धोने की आदत व एक दूसरे से उचित दूरी ही इससे बचने के उपाय हैं। जिन लोगों ने इस बीमारी को मात दी है, उन लोगों ने भी अपने अनुभव सांझा करते हुए लोगों को यही संदेश दिया कि कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि सावधानी बरतते हुए मॉस्क व सोशल डिस्टेसिंग का पालन करके इस बीमारी से बचा जा सकता है।

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डॉक्टर आदित्य अग्रवाल ने कोरोना बीमारी के अनुभव सांझा करते हुए बताया कि वे पेशे से डॉक्टर हैं। वे स्वयं भी एक महीने पहले कोरोना से संक्रमित हो गए थे। उन्होंने प्रोटोकोल के तहत मेडिसन ली और धीरे-धीरे रिकवर होने लगा। कुछ ही दिनों में पूरी तरह से स्वस्थ हो गया। उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर ज्यादा पेनिक होने की जरूरत नहीं है। यदि किसी को कोरोना के लक्षण दिखाई देते हैं, तो वे तुरंत अपनी जांच करवाएं। कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि सावधानी बरतें और मॉस्क, बार-बार हाथ धोने व सोशल डिस्टेसिंग को अपनाएं। खाना खाने से पहले व बाद में हाथों को अच्छी तरह से धोने की आदत डालें।


इंद्रजीत सिंह को भी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। वे भी मेडिकल ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने अपने अनुभव के आधार पर बताया कि कोरोना संक्रमण के फैलाव में भले ही कमी आई लेकिन अभी यह पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है, इसलिए लोग बचाव उपायों में जरा सी भी ढिलाई न बरतें। उन्होंने कहा कि वे स्वयं कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं, लेकिन प्रोटोकोल के तहत दवाई लेकर अब पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं। उनका मानना है कि कोरोना से डरें ना, बल्कि मॉस्क व एक-दूसरे से उचित दूरी बनाकर रखें, यही कोरोना से बचाव का कारगर तरीका है।


डॉ. नीतिन सोमानी ने बताया कि वे स्वयं इस स्थिति से गुजरे हैं। जो लोग कोरोना को हल्के में ले रहे हैं, वो उनकी गलत सोच है। उन्होंने बताया कि वे पेशे से डॉक्टर हैं। मरीजों के सैंपल लेने होते हैं। इसी दौरान मैं भी कोरोना संक्रमित हो गया था। मैंने प्रोटोकोल के तहत दवाईयां ली और अब पूरी तरह से स्वस्थ हूं। यह ठीक है कि कोरोना बीमारी से डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन इसे मामूली समझकर इससे बचाव के उपायों में ढिलाई बरतना भी गलत है। मॉस्क लगाकर रखना, हाथों को बार-बार हाथ धोने की आदत इस बीमारी से बचाव का अचूक उपाय है।

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एडवोकेट संजीव जैन ने भी अपने कोरोना संक्रमित होने के अनुभव सांझा करते हुए बताया कि उन्हें कोरोना की जांच करवाई थी। डॉक्टर की ओर से मैसेज मिला कि वे कोरोना पोजिटीव पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि डॉक्टर की सलाह पर वे होम आईसोलेशन में रहकर डॉक्टर की निगरानी में प्रोटोकोल के तहत दवाई ली। डॉक्टर की ओर से उन्हें पूरा सहयोग मिला। हमारे सिविल अस्पताल में डॉक्टर की टीम पूरी ईमानदारी व लग्न से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरा लोगों को यही संदेश है कि वे कोरोना से घबराएं न बल्कि सावधानी व बचाव उपायों की अनुपालना करते हुए इसका सामना करें।


एक अन्य नागरिक सुरेश गर्ग ने बताया कि वे भी कोरोना से संक्रमित हो गए थे। डॉक्टर की सलाह से उचित इलाज करवाया। अब वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं। उन्होंने लोगों से संदेश दिया कि वे लक्षण दिखाई देते ही अपनी जांच अवश्य करवाएं। मॉस्क व सामाजिक दूरी से ही कोरोना से बचाव हो सकता है। आमजन कोरोना से बचाव के लिए सरकार व प्रशासन की हिदायतों की अनुपालना करके इस बीमारी पर काबू पाने में सहयोग करें।

हरजिंद्र सिंह ने कोरोना बीमारी की स्थिति से गुजरने के अनुभव सांझा करते हुए बताया कि लोग कोरोना को हल्के में कतई न लें। उन्होंने कहा कि वे स्वयं इस बीमारी को झेल चुके हैं। मेरा इम्यूनिटी सिस्टम व खान-पानी सही होने के साथ-साथ प्रोटोकोल के अनुसार डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से वे इस बीमारी से अब पूरी तरह से ऊबर चुके हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को मेरा यही संदेश है कि कोरोना से बचाव के लिए जारी हिदायतो ंको अनुपालना पूरी ईमानदारी से करें। अपने खान-पान का ध्यान रखें, क्योंकि इस बीमारी से लडऩे में हमारी इम्यूनिटी पावर बहुत ही बड़ा रोल अदा करती है। मॉस्क लगाएं और सामाजिक दूरी का पालन करें।