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*उपायुक्त श्री महावीर कौशिक ने पिंजौर व कालका में डेंगू के मामलों के दृष्टिगत आमजन से करी अपील* 

*- डेंगू की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का करें पालन* 


*- डेंगू पर पूर्ण रूप से काबू पाने के लिए जनभागीदारी आवश्यक-उपायुक्त*

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पंचकूला, 22 सितंबर- उपायुक्त श्री महावीर कौशिक ने कालका में डेंगू के बढते मामलों के दृष्टिगत आमजन से अपील करते हुए कहा है कि वे डेंगू की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें तथा अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें।  उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग डेंगू के प्रति पूर्ण रूप से सजग है और उसकी रोकथाम के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं, परंतु डेंगू पर पूर्ण रूप से काबू पाने के लिए जनभागीदारी बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक रविवार को सभी अपने घरों पर सूखा दिवस (ड्राई डे) मनाएं अर्थात पानी के बर्तनों, कूलर, फूलदान, हौदी आदि को खाली करें और सुखाकर ही पानी भरें। कूलर और कंटेनर का पानी 3 दिन बाद अवश्य खाली करें। मच्छर के लारवा वाले पानी को नाली में न डालकर  सूखे फर्श पर ही डालें। एक बार खाली करके सुखाकर व पौंछकर ही ताजा पानी भरें। पानी के बर्तनों व टंकियों इत्यादि को पूरी तरह ढक कर रखें। छत पर पड़े मटके, टायर, बोतल तथा अन्य टूटे-फूटे बर्तनों का हटा दें, ताकि इनमें बरसात का पानी जमा न हो। उन्होंने कहा कि पूरी बाजू के कपड़ों का इस्तेमाल करें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें। यदि तीन दिन बाद कुलर या कंटेनर को सूखाना संभव नहीं है तो कुलर या कंटेनर में दो चम्मच पैट्रोल या सरसों का तेल डाल दें। बुखार आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर खून की मुफ्त जांच करवाएं तथा डेंगू पाए जाने पर सरकारी अस्पताल से पूर्ण उपचार भी मुफ्त करवाएं। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा नागरिकों के लिए सरकारी अस्पतालों में डेंगू रोगियों के लिए प्लेटलेटस की सुविधा निशुल्क उपलब्ध है। अधिक जानकारी के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में संपर्क किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि घरों के आस-पास के गड्डों में 3 दिन से ज्यादा दिन तक पानी खड़ा न होने दें। हैंडपंप व नल के आसपास पानी जमा न होने दें। टायर, टयूब व खाली डब्बे खुले में न छो़डें। यदि कुलर प्रयोग में नहीं लाया जा रहा है तो उसमें पानी जमा न होने दें। स्वयं दवा न खाएं-एसप्रीन, ब्रूफीन दवाईयों का सेवन न करें। पुराना सामान जैसे-टायर, टयूब, खाली डिब्बे, पोलिथीन के लिफाफे खुले में न फेंकें ताकि बरसात का पानी इन कंटेनरों में इकट्ठा न हो। यदि अंदर रखना संभव न हो तो उन्हें ढंककर रखें।

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