उपायुक्त ने कहा कि मृत देह के अंगदान से अनेकों मरणासन्न व्यक्तियों को नया जीवन मिल सकता है
पंचकूला, 21 जनवरी- उपायुक्त कुमार आहूजा ने कहा कि मृत देह के अंगदान से अनेकों मरणासन्न व्यक्तियों को नया जीवन मिल सकता है और अनेकों को विकलांगता के दर्द से बाहर निकाल कर उन्हें और उनके परिवारों को असहनीय कष्टों से मुक्ति दिलवाई जा सकती है। श्री आहूजा आज लघु सचिवालय के समिति कक्ष में अंगदान को लेकर एक बैठक में अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। बैठक में नगाराधीश सुशील कुमार, सिविल सर्जन डा0 योगेश शर्मा, सिविल अस्पताल सैक्टर 6 की सलाहकार डा0 सरोज अग्रवाल , उप जिला शिक्षा अधिकारी इंदू दहिया व अंग प्रत्यारोपण से संबधित विशेषज्ञ डाक्टरों एवं समाज सेवकों ने भाग लिया।
उपायुक्त ने कहा कि अंग दान आज के दौर की बहुत बड़ी जरूरत है। चिकित्सा जगत में आधुनिक तकनीकों के द्वारा काफी प्रगति हुई है। इन तकनीकों के द्वारा दुर्घटनाओं व अन्य बीमारियों के कारण अपना महत्वपूर्ण अंग गंवानें वाले व्यक्तियों की जान बचाई जा सकती है। उन्हें विकलांगता के कारण आने वाली कठिनाईयों से बचाकर उनके जीवन में नई उमंग भरी जा सकती है। उन्होंने कहा कि अनेंकों अंगों को सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया जा सकता है , परन्तु समाज में अंगदान करने वाले बहुत ही कम हैं। इसी चेतना के अभाव में कई लोगों को घुट-घुट कर जीना पड़ता है। सड़कों की दुर्घटनाओं, कैंसर व अन्य बीमारियों एवं देश के लिए जोखिम लेने वाले सैनिकों को कई बार अंग की जरूरत होती है।
उन्होंने कहा कि आज रक्तदान करने वालों की काफी तादाद है। समाज इस बारे में पूर्णतया जागरूक है। सभी धार्मिक एवं सामाजिक संगठन रक्तदान के लिए शिविरों का आयोजन कर रहे हैं। नेत्रदान को भी समाज ने पूरी तरह से स्वीकार कर लिया है। परन्तु अभी भी लोग अन्य अंगों को दान करने में हिचकिचाते हैं। उन्होंनंे कहा कि इस बारे में वर्षो से ब्रैन डेड यानि जिनके दिमाग ने बिल्कुल काम करना बंद कर दिया है और जिन्हें विशेषज्ञों द्वारा रिकवरी की कोई उम्मीद नहीं का सर्टीटिफिकेट जारी कर दिया गया है, ऐसे मरीजों के परिवार वालों की आपसी सहमति से पूर्णतया कानूनी कार्रवाही करते हुए उन्हें अंगदान के बारे में काउंसलिंग देने के कार्यक्रम तैयार किए गए हैं। इसके लिए डा0 सरोज अग्रवाल को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
डा. सरोज अपनी टीम के साथ पंचकूला के विभिन्न मुख्य अस्पतालों में जाकर दुर्घटना के कारण ब्रैन डैड मरीज के परिवार वालों एवं अस्पतालों की काउंसलिंग करेंगी और उन्हें अंग दान के लिए प्रेरित करेंगी। उपायुक्त ने बताया कि रक्तदान और नेत्रदान की तरह ही कालेजों में युवा विद्यार्थियों को अंगदान के प्रति प्रेरित किया जाएगा। अंगदान के फार्म भरवाए जांएगें और अंगदान की शपथ दिलवाई जाएगी। उन्होंने इस बारे मंे सिविल सर्जन को निर्देश दिए कि वे अंगदान की कानूनी एवं अन्य प्रक्रियाओं और अंगदान की जरूरतों को लेकर सरल भाषा में जागरूकता साहित्य प्रचार के लिए तैयार करें और इस साहित्य के माध्यम से ग्राम सभाओं, नगर निकायों और जन प्रतिनिधियों की बैठकें कर उन्हें जागरूक करें। इस अभियान में सामाजिक, धार्मिक संगठनों को भी शामिल करें।
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