आॅनलाईन सेमिनार में अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रतिभागी।
पंचकूला 25 मई- उच्चत शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित आॅनलाईन अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार के तीसरे दिन टेक्निकल सेशन में एमडी रेनी सेंसई सर्विस लिमिटेड, यूके के शब्द मिश्रा ने महामारी के समय मानसिक स्वास्थ्य व शिक्षण संस्थानों की भूमिका के बारे में विस्तार से अवगत करवाते हुए कहा कि इस महामारी की घड़ी में मानसिक स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है और यह भूमिका शिक्षण संस्थान बखूबी निभा सकते हैं.।
सत्र के शुभारंभ में डिप्टी डायरेक्टर डॉ हेमंत वर्मा, ने सभी उपस्थित अतिथि गण व प्रतिभागियों का स्वागत करके किया। दूसरे टेक्निकल सेशन में डॉ रीटा रघु वंशी, पटनागर, उत्तराखंड ने प्रभावी स्वास्थ्य संचार व सतत उपचारों के बारे में बेहतरीन तरकीबें बताई। उन्होंने कहा की कोरोना के दौरान उचित दूरी बनाए रखना व गलत जानकारी न फैलाने पर हम प्रभावी स्वास्थ्य संचार कर सकते हैं। इसके लिए सदैव सक्रिय रहना चाहिए। त्रिभुवन यूनिवर्सिटी कें डॉक्टर नरेंद्र सिंह ने कोविड-19 महामारी के चलते आत्महत्या को कैसे रोका जाए विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने विस्तृत आंकड़े के आधार पर ऐसे तरीके बताएं जिससे कि आत्महत्या जैसी घातक घटनाओं को रोका जा सकता है। ऐसी परिस्थितियांे में हमें केवल व्यक्ति का दिमाग को सामान्य बनाए रखना है तभी हम सफल हो सकते है।
न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्रामर, यूके मिस मैरी ने- रैनिसैंस नाउ- विषय पर एक पीपीटी के माध्यम से अपने विचारों से अवगत करवाया। उन्होंने कई ऐसे तरीके व घटनाओं का उदाहरण देते हुए कहा की हम रेसिलियंस की प्रैक्टिस करके हर बाधा को दूर कर सकते हैं।
इसके बाद ज्वाइंट डायरेक्टर, हायर एजुकेशन डॉ अंजू मनोचा ने तीन दिवसीय सेमिनार की तीनों दिन की गतिविधियों पर विस्तृत प्रकाश डाला और पीपीटी के माध्यम से 170 पोस्टर्स में से चुने गए बेस्ट पोस्टर भी दिखाए गए। तल्लाप्रगड़ा, कोऑर्डिनेटर, केवीके डॉक्टर श्रीदेवी ने वैलिडिटी अपने एड्रेस में पर्यावरण व उससे जुड़े अन्य पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने पीपीटी के माध्यम से यह दर्शाया की महामारी से पहले वह महामारी के बाद पर्यावरण में परिवर्तन हुए हैं।
कार्यक्रम के अंत में एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का भी आयोजन करवाया गया। अंत में डॉ अंजू मनोचा ने सभी अतिथि गण व प्रतिभागियों का आभार जताया और ऐसे कार्यक्रम समय समय होने पर बल दिया।
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