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31 मार्च तक पंजीकृत किसान करवाएं ई-केवाईसी वेरिफिकेशन : उपायुक्त अजय सिंह तोमर

सिरसा, 29 मार्च।

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उपायुक्त अजय सिंह तोमर ने बताया है कि केंद्र एवं हरियाणा सरकार की ओर से प्रदेश के किसानों को खेती के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत मदद की जा रही है। सरकार की कोशिश है कि किसानों की लागत को घटाकर मुनाफा बढ़ाया जाए। बिना विलंब के सरकार की योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को 31 मार्च तक ई-केवाईसी का वेरिफिकेशन करवाना जरूरी है।


उपायुक्त ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम के तहत प्रदेश के लाखों किसानों को खेती करने के लिए आर्थिक सहायता दी जा रही है। योजना का लाभ निर्बाध रूप से जारी रहे इसके लिए 31 मार्च तक पंजीकृत किसानों का ई-केवाईसी का कार्य किया जा रहा है। जिला के किसानों से आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि सभी किसान अनिवार्य रूप से ई-केवाईसी का कार्य पूर्ण करवाना सुनिश्चित करें। यह कार्य पीएम-किसान पोर्टल तथा संबंधित ऐप के माध्यम से निशुल्क रूप में किया जा रहा है। साथ ही कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से भी वेरिफिकेशन का कार्य किया जा सकता है।


उन्होंने बताया कि जिला के किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम के तहत सालाना 6,000 रुपये दिए जाते हैं। इसका भुगतान 2000-2000 रुपये की तीन किस्तों में किया जाता है। ये पैसा सरकार द्वारा सीधा किसानों के खाते में ट्रांसफर किया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा अभी तक इस योजना के तहत 10 किस्त जारी की जा चुकी हैं। वहीं 11वीं किस्त इस वर्ष की दूसरी तिमाही में जारी की जानी है। अगर किसान के खाते में अभी तक पीएम किसान निधि योजना की 10वीं किश्त का पैसा नहीं आया है, तो केंद्र सरकार की वेबसाइट पर अपनी डिटेल्स चेक कर लें अन्यथा 11वीं किस्त का पैसा भी अटक सकता है।

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कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा. बाबूलाल ने बताया कि स्टेटस चेक करने के लिए सबसे पहले pmkisan.gov.in वेबसाइट पर जाना होगा। इस वेबसाइट की दाएं तरफ किसान कॉर्नर पर क्लिक करें। इसके बाद बेनिफिशियरी स्टेटस पर क्लिक करना है। यहां पर आधार नंबर, मोबाइल नंबर जैसी डिटेल्स दर्ज करनी है। इसके बाद लिस्ट में अपना नाम आसानी से चेक कर सकते हैं। इसके साथ ही शिकायत दर्ज करवाने के लिए पीएम किसान टोल फ्री नंबर 18001155266 पर भी संपर्क किया जा सकता है।

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राज्य ऊर्जा संरक्षण पुरस्कारों के लिए आवेदन 31 मार्च तक : उपायुक्त अजय सिंह तोमर

सिरसा, 28 मार्च।

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प्रदेश के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा ऊर्जा संरक्षण पुरस्कारों के लिए विभिन्न श्रेणियों में आवेदन मांगे गए हैं, जिसके लिए 31 मार्च अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। वर्ष 2020-21 के लिए ये पुरस्कार दिए जाने हैं।


उपायुक्त अजय सिंह तोमर ने बताया कि नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग एवं हरेडा द्वारा राज्य ऊर्जा संरक्षण पुरस्कारों की योजना के अंतर्गत वर्ष 2020-21 के लिए विभिन्न श्रेणियों के पात्र उपभोक्ताओं से आवेदन आमंत्रित किए गए  हैं। आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 मार्च है। हरियाणा राज्य में स्थित औद्योगिक, वाणिज्यिक, राजकीय, संस्थागत, समूह आवासीय भवनों को ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में श्रेष्ट उपाय करने, तकनीक अपनाने, ऊर्जा दक्षता हासिल करने के फलस्वरूप  राज्य ऊर्जा संरक्षण पुरस्कारों से अलंकृत किया जाता है। इसके अलावा इनोवेशन/नई प्रौद्योगिकियां/अनुसंधान एवं विकास परियोजनाएं जिनमें नवीन प्रचार परियोजनाएं शामिल हों, ऊर्जा संरक्षण में अनुसंधान और नवाचार, ऊर्जा दक्षता, अपशिष्ट से ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र, कुशल प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन में श्रेष्ठ कार्य करने वाली संस्थाएं भी राज्य ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार के लिए आवेदन कर सकती हैं। इन पुरस्कारों में नकद राशि, शील्ड तथा प्रमाण पत्र प्रदान किये जाते हैं।

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उन्होंने बताया कि योजना के दिशानिर्देशों की एक प्रति हरेडा की वेबसाइट 222.द्धड्डह्म्द्गस्रड्ड.द्दश1.द्बठ्ठ पर उपलब्ध है। आवेदन के बारे में अधिक जानकारी के लिए अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग में किसी भी कार्य दिवस में सम्पर्क किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि पात्र उपभोक्ता अपना आवेदन अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग में दिनांक 31 मार्च तक जमा करवा सकते हैं।

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पोषण अभियान को बनाना होगा जन आंदोलन : उपायुक्त अजय सिंह तोमर

– जिला में 4 अप्रैल तक आयोजित किया जा रहा है पोषण पखवाड़ा


सिरसा, 28 मार्च।

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उपायुक्त अजय सिंह तोमर ने कहा कि पोषण अभियान एक सरकारी कार्यक्रम होकर एक जन आंदोलन है और इसमें जन-जन की भागीदारी वांछित है। उन्होंने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग हरियाणा द्वारा 21 मार्च से 4 अप्रैल तक पोषण पखवाड़ा आयोजित किया जा रहा है।


उन्होंने कहा कि जीवन में स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण है और इसके बिना जीवन अधूरा है। इसलिए पोषण पखवाड़ा की सफलता में जहां जन-जन का सहयोग आवश्यक है, वहीं स्थानीय नेताओं, पंचायत प्रतिनिधियों, स्कूल प्रबंधन समितियों, सरकारी विभागों, सामाजिक संगठनों, तमाम सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की समावेशी भागीदारी भी अपेक्षित है। उन्होंने कहा कि इस भागीदारी को निभाने का एक खूबसूरत अवसर पोषण पखवाड़ा के रूप में हम सबको प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि पोषण पखवाड़ा के तहत 21 से 27 मार्च तक बच्चों के विकास एवं स्वास्थ्य की जांच व निगरानी की जाएगी। 28 व 29 मार्च को जल प्रबंधन को लेकर पोषण पखवाड़ा के तहत कार्य किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि 30 मार्च से 1 अप्रैल तक एनीमिया पर वार्तालाप, जांच व उपचार के कार्य किए जाएंगे। इसी प्रकार से 2 से 4 अप्रैल तक स्वस्थ मां व बच्चे के लिए पारंपरिक व्यंजन पर फोकस किया जाएगा।

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उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से पोषण अभियान महिलाएं, धात्री महिलाएं तथा नवजात शिशु किशोरियां व बच्चों के लिए है। बच्चों को पौष्टिकीकृत दूध और तेल तथा आयोडीन युक्त नमक खिलाएं। आई.एफ.ए. और विटामिन-ए की निर्धारित खुराक दिलवायें। पेट के कीड़ों से बचने के लिए 12 से 24 महीने के बच्चे को एल्बेंडाजोल की आधी गोली तथा 24 से 59 महीने के बच्चे को एक गोली साल में दो बार आंगनवाड़ी केंद्र पर दिलवायें। आंगनवाड़ी केन्द्र पर नियमित रूप से लेकर जाएं तथा उसका वजन अवश्य करवायें। बौद्धिक विकास के लिये पौष्टिक आहार उसकी उम्र के अनुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा, एएनएम या डॉक्टर द्वारा बतायी गयी मात्रा के अनुसार दें। 5 साल की उम्र तक सूची अनुसार सभी टीके नियमित रूप से ज़रूर लगवायें। व्यक्तिगत साफ-सफाई और स्वच्छता की आदत डलवायें। ऊंचे स्थान पर ढक कर रखा हुआ शुद्ध पानी ही पिलायें। खाना खाने और खिलाने से पहले साबुन से हाथ जरूर धोयें। शौच के बाद साबुन से हाथ अवश्य धोएं।

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हनुमान जी प्रभु के हर कार्य को बड़े ही पवित्र भाव से करते थे- साध्वी

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सिरसा।दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से गांव बणी-1 में ‌तीन दिवसीय सुंदरकांड का आयोजन किया गया। जिसमें आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी शिष्या पंकजा भारती ने भक्त हनुमान की गाथा का वर्णन किया। साध्वी ने कहा कि श्री हनुमान जी प्रभु के हर कार्य को बड़े ही पवित्र मन से करते है। क्योंकि उनके मन में प्रभु श्रीराम ही निवास करते है। तभी तो बड़ी से बड़ी मु‌श्किल भी वो पार कर जाते है। सुंदरकांड प्रसंग इसलिए ही सुंदरकांड है। क्योंकि इसमें एक भक्त भगवान से कैसे मिल सकता है। उसका वर्णन किया गया । साध्वी के द्वारा संगीतमय चोपाई व भजन से सभी भक्तों को भाव विभोर किया। सुंदरकांड में हनुमानजी द्वारा किए गए महान कार्यों का वर्णन किया गया है। अखंड रामायण पाठ में सुंदरकांड के पाठ का विशेष महत्व होता है। साध्वी ने कहा कि संपूर्ण रामायण कथा श्रीराम के गुणों और उनके पुरुषार्थ को दर्शाती है, जबकि सुंदरकांड एकमात्र ऐसा अध्याय है, जो सिर्फ हनुमानजी की शक्ति और विजय का अध्याय है। 

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कृषि विभाग के महानिदेशक डा. हरदीप सिंह ने गुलाबी सुंडी के प्रबंध को लेकर वीसी के माध्यम से ली कृषि अधिकारियों व जिनिंग मिलों के मालिकों की बैठक

सिरसा, 25 मार्च।

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प्रदेश के कपास उत्पादक जिलों के कृषि अधिकारियों व जिनिंग मिलों के मालिकों के साथ गुलाबी सुंडी के प्रबंध को लेकर वीडियो कॉफ्रेंस के माध्यम से बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता कृषि तथा किसान कल्याण विभाग के महानिदेशक डा. हरदीप सिंह ने की।


महानिदेशक डा. हरदीप सिंह ने सभी जिनिंग मालिकों को निर्देश दिए कि अपनी फैक्ट्री/मिलों में उपलब्ध कपास को ढक कर रखें तथा समय-समय पर कपास में फयूमीगेशन करते रहे। इसके साथ-साथ सभी उप कृषि निदेशक समय-समय पर अपने क्षेत्र में जिनिंग मिलों के साथ-साथ तेल मिलों का निरीक्षण भी करते रहे और विभाग के अन्य अधिकारी फिल्ड में जाकर किसानों को जागरूक करें कि कपास की लकडिय़ों को झाड़कर किसी अन्य स्थान पर रखें व बचे हुए अवशेषों को नष्ट कर दें ताकि गुलाबी सुंडी के प्रकोप से कपास फसल में नुकसान हो।


उन्होंने बताया कि इस वर्ष देसी कपास के क्षेत्र को बढ़ाने के लिए किसानों को तीन हजार रुपये प्रति एकड़ व समेकित कीट प्रबंधन एंव एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन के लिए एक हजार रुपये प्रति एकड़ अनुदान देने का प्रावधान किया है। कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करने बारे जागरूक करें ताकि देसी कपास के क्षेत्र को बढ़ाया जा सके। इसके अतिरिक्त किसानों को कपास का बीज अच्छी गुणवत्ता का बीज प्राप्त हो सके इसके लिए केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान, सिरसा को एक प्रोजेक्ट बनाने बारे भी निर्देश दिए, जिसमें हरियाणा की विभिन्न मंडियों से बीटी कपास के सैंपल लेकर उनमें से रैंडम आधार पर चुनाव उपरांत एक-एक हाईब्रिड का अपने संस्थान के फिल्ड में प्रदर्शन प्लाट लगाएं जाए ताकि उसकी गुणवत्ता के साथ-साथ उत्पादकता की जांच हो सके।

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केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान सिरसा के अध्यक्ष डा. एसके वर्मा ने बताया कि पिछले वर्ष जिन क्षेत्रों में गुलाबी सुंडी के प्रकोप से कपास की फसल को नुकसान हुआ था। उन खेतों में रखी हुई कपास की लकडिय़ों में अधखिले टिंडों में गुलाबी सुंडी के लार्वा उपस्थित हैं जिसे नष्ट किया जाना अतिआवश्यक है। उन्होंने जिला के किसानों से आह्वïान किया कि कपास की लकडिय़ों को झाड़कर किसी अन्य स्थान पर ले जाएं व बचे हुए अवशेष को नष्ट कर दें ताकि भविष्य में कपास की फसल में गुलाबी सुंडी से होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।

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राज्य ऊर्जा संरक्षण पुरस्कारों के लिए आवेदन 31 मार्च तक : उपायुक्त अजय सिंह तोमर

सिरसा, 24 मार्च।

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प्रदेश के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा ऊर्जा संरक्षण पुरस्कारों के लिए विभिन्न श्रेणियों में आवेदन मांगे गए हैं, जिसके लिए 31 मार्च अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। वर्ष 2020-21 के लिए ये पुरस्कार दिए जाने हैं।


उपायुक्त अजय सिंह तोमर ने बताया कि नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग एवं हरेडा द्वारा राज्य ऊर्जा संरक्षण पुरस्कारों की योजना के अंतर्गत वर्ष 2020-21 के लिए विभिन्न श्रेणियों के पात्र उपभोक्ताओं से आवेदन आमंत्रित किए गए  हैं। आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 मार्च है। हरियाणा राज्य में स्थित औद्योगिक, वाणिज्यिक, राजकीय, संस्थागत, समूह आवासीय भवनों को ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में श्रेष्ट उपाय करने, तकनीक अपनाने, ऊर्जा दक्षता हासिल करने के फलस्वरूप  राज्य ऊर्जा संरक्षण पुरस्कारों से अलंकृत किया जाता है। इसके अलावा इनोवेशन/नई प्रौद्योगिकियां/अनुसंधान एवं विकास परियोजनाएं जिनमें नवीन प्रचार परियोजनाएं शामिल हों, ऊर्जा संरक्षण में अनुसंधान और नवाचार, ऊर्जा दक्षता, अपशिष्ट से ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र, कुशल प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन में श्रेष्ठ कार्य करने वाली संस्थाएं भी राज्य ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार के लिए आवेदन कर सकती हैं। इन पुरस्कारों में नकद राशि, शील्ड तथा प्रमाण पत्र प्रदान किये जाते हैं।

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उन्होंने बताया कि योजना के दिशानिर्देशों की एक प्रति हरेडा की वेबसाइट www.hareda.gov.in पर उपलब्ध है। आवेदन के बारे में अधिक जानकारी के लिए अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग में किसी भी कार्य दिवस में सम्पर्क किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि पात्र उपभोक्ता अपना आवेदन अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग में दिनांक 31 मार्च तक जमा करवा सकते हैं।

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प्राकृतिक खाद का इस्तेमाल करें किसान, अनुदान पर ढैंचा लगाएं

सिरसा, 24 मार्च।

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कृषि विभाग किसानों को प्राकृतिक खाद ढैंचा लगाने के लिए 80 प्रतिशत अनुदान पर बीज मुहैया करवाएगा। इसके लिए किसान मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर 25 मार्च तक अपना ऑनलाइन पंजीकरण करवा सकते हैं।


उप निदेशक कृषि डा. बाबूलाल ने बताया कि जमीन में लगातार फसलें लेने से कार्बनिक पदार्थ की कमी हो जाती है। जिससे पौधों की जड़ों में वायु का संचार कम होने लगता है या रुक ही जाता है। इससे भूमि की उत्पादन क्षमता क्षीण हो जाती है। उन्होंने बताया कि रबी की लावणी होने के बाद खेत को खाली रखने की बजाय किसान उसमें ढैंचा या जंतर लगा दें। करीब पचास दिन बाद जब ढैंचा की पौध बढ़ जाए तो उस फसल को हरी खाद के रूप में खेत की मिट्टी में ही मिला दें। यह खाद जमीन के लिए सर्वोत्तम है और इससे नाइट्रोजन, फास्फोरस, मैग्नीशियम आदि पोषक तत्व मिलते हैं।

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उन्होंने बताया कि प्रति एकड़ 10 से 12 किलो ढैंचा के बीज की आवश्यकता होती है। बाजार में जंतर बीज का बैग 1500 से 1700 रूपए तक का आता है। यही बैग सब्सिडी पर एक सौ पचास से दो सौ रूपए तक का लिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि दादरी और बाढड़ा में हरियाणा बीज विकास निगम की दुकानों पर यह बीज उपलब्ध है। रबी और खरीफ फसल के बीच के समय में इस ढैंचा को लगाकर किसान खाद की पूर्ति कर सकते हैं। उन्होंने किसानों से ढैंचा या हरी खाद का इस्तेमाल करने का आह्वïान किया है।

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अनुसूचित जाति उप योजना के तहत दो दिवसीय मत्स्य पालन कार्यशाला में पहले दिन लगभग 50 व्यक्तियों ने प्राप्त किया प्रशिक्षण

– अधिकारियों ने मत्स्य पालन, मछली आहार व्यवस्था, रोगों व रोजगार संभावनाओं की दी जानकारी


सिरसा, 24 मार्च।

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केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान रोहतक के तत्वावधान में वीरवार को स्थानीय जिला मत्स्य कार्यालय में अनुसूचित जाति उप योजना के तहत दो दिवसीय मत्स्य पालन (मीठा पानी) प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में निदेशक मत्स्य विभाग धर्मेंद्र बुधवार, निदेशक सीएफआई डा. रविशंकर, केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान रोहतक केंद्र की ओर से प्रभारी अधिकारी वी. हरि कृष्णा, जिला मत्स्य अधिकारी जगदीश चंद्र मौजूद थे। इस अवसर पर लगभग 50 व्यक्तियों ने मत्स्य पालन का प्रशिक्षण प्राप्त किया।


कार्यशाला में प्रभारी अधिकारी वी. हरि कृष्णा व तकनीकी अधिकारी सत्येंद्र सिंह ने मत्स्य किसानों को मत्स्य पालन, मछली आहार व्यवस्था, मछली में होने वाले रोगों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने किसानों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के भी जवाब दिए।

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जिला मत्स्य अधिकारी जगदीश चंद्र ने कार्यशाला में आए व्यक्तियों को केंद्र व राज्य मत्स्य पालन योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। कार्यशाला के अंतर्गत आए किसानों को 200 किलो मछली आहार भी आवंटित किया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य अनुसूचित जाति में मत्स्य पालन को अधिक से अधिक बढ़ावा देना है ताकि युवा मत्स्य पालन व्यवसाय को अपना कर स्वरोजगार शुरु कर सके। उन्होंने बताया कि सरकार का उद्देश्य किसानों की आय को दोगुना करना है और इसी क्रम में मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आधुनिक तकनीक व प्रोटीन बेस फीड का मत्स्य पालन में प्रयोग करके मत्स्य किसान अच्छा मुनाफा कमा कर अपनी आय को बढ़ा सकते हैं। उन्होंने बताया कि मत्स्य पालन व्यवसाय रोजगार सृजन में भी सहायक है।

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आईटीआई सिरसा में मै. हीरो मोटोकॉर्प लिमिटेड गुरुग्राम द्वारा 24 मार्च को लिए जाएंगे साक्षात्कार

सिरसा, 20 मार्च।

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राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान सिरसा में आगामी 24 मार्च को प्रात: 10 बजे मै. हीरो मोटोकॉर्प लिमिटेड गुरुग्राम द्वारा विभिन्न ट्रेड के लिए प्रशिक्षुओं के साक्षात्कार लिए जाएंगे।

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राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान सिरसा के प्राचार्य एवं सहायक शिक्षुता सलाहकार लालचंद रिवाडिय़ा ने बताया कि साक्षात्कार प्रक्रिया में फिटर, पेंटर, वेल्डर व मोटर मकैनिक, व्हीकल (एमएमवी), इलेक्ट्रिशियन, मशीनिस्ट व इलेक्ट्रॉनिक्स मैकेनिक व्यवसाय के वर्ष 2019, 2020, 2021 व 2022 तक के पास शुदा छात्र-छात्राएं भाग ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षु की आयु 18 से 23 वर्ष होनी चाहिए। चयनित प्रशिक्षु को 12 हजार 750 रुपये स्टायफंड के रूप में दिए जाएंगे, प्रशिक्षण अवधि के दौरान प्रशिक्षुओं को कैंटीन सुविधा, वर्दी, अवकाश आदि सुविधाएं भी दी जाएगी। साक्षात्कार के लिए प्रशिक्षु छात्र अपने सभी दस्तावेज जैसे रिज्यूम, 4 पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, 10वीं व 12वीं कक्षा की मार्कशीट, सभी सेमेस्टर की मार्कशीट, कंसोलिडेटेड मार्कशीट (ओरिजनल व फोटोकॉपी) लेकर आएं।

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प्राकृतिक खाद का इस्तेमाल करें किसान, अनुदान पर ढैंचा लगाएं

सिरसा, 20 मार्च।

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कृषि विभाग किसानों को प्राकृतिक खाद ढैंचा लगाने के लिए 80 प्रतिशत अनुदान पर बीज मुहैया करवाएगा। इसके लिए किसान मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर 25 मार्च तक अपना ऑनलाइन पंजीकरण करवा सकते हैं।


उप निदेशक कृषि डा. बाबूलाल ने बताया कि जमीन में लगातार फसलें लेने से कार्बनिक पदार्थ की कमी हो जाती है। जिससे पौधों की जड़ों में वायु का संचार कम होने लगता है या रुक ही जाता है। इससे भूमि की उत्पादन क्षमता क्षीण हो जाती है। उन्होंने बताया कि रबी की लावणी होने के बाद खेत को खाली रखने की बजाय किसान उसमें ढैंचा या जंतर लगा दें। करीब पचास दिन बाद जब ढैंचा की पौध बढ़ जाए तो उस फसल को हरी खाद के रूप में खेत की मिट्टी में ही मिला दें। यह खाद जमीन के लिए सर्वोत्तम है और इससे नाइट्रोजन, फास्फोरस, मैग्नीशियम आदि पोषक तत्व मिलते हैं।

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उन्होंने बताया कि प्रति एकड़ 10 से 12 किलो ढैंचा के बीज की आवश्यकता होती है। बाजार में जंतर बीज का बैग 1500 से 1700 रूपए तक का आता है। यही बैग सब्सिडी पर एक सौ पचास से दो सौ रूपए तक का लिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि दादरी और बाढड़ा में हरियाणा बीज विकास निगम की दुकानों पर यह बीज उपलब्ध है। रबी और खरीफ फसल के बीच के समय में इस ढैंचा को लगाकर किसान खाद की पूर्ति कर सकते हैं। उन्होंने किसानों से ढैंचा या हरी खाद का इस्तेमाल करने का आह्वïान किया है।