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‘नशा एक अभिशापÓ फिल्म दिखा कर किया ग्रामीणों को जागरुक

सिरसा, 09 अक्तूबर।


                उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण के दिशा निर्देशानुसार जिला सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग द्वारा जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में नशा मुक्त भारत अभियान के तहत गीतों व भजनों के माध्यम से लोगों को नशा न करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। विभाग की सिनेमा यूनिट द्वारा नशा आधारित लघु फिल्में दिखा कर लोगों को नशा करने के कारण जीवन पर पडऩे वाले प्रभावों व इससे कैसे बाहर निकला जाए, के बारे में अवगत करवाया जा रहा है।

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                इसी कड़ी में विभागीय भजन पाटियों व सिनेमा यूनिट द्वारा जिला के गांव मुन्नांवाली में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ग्रामीणों व युवाओं को ‘नशा एक अभिशापÓ फिल्म दिखा कर नशे से परिवार, समाज व देश पर पडऩे वाले दुष्प्रभावों के बारे में बताया गया। इस अवसर पर जुगती राम एंड पार्टी ने नशा पर आधारित गीतों व भजनों के माध्यम से लोगों को जागरुक किया। प्रचार मंडली द्वारा लोगों को बताया जा रहा है कि नशा किस प्रकार परिवार को बर्बादी के कगार पर ले जाता है। इसके अलावा भजन पार्टियों द्वारा प्रचार के दौरान लोगों को अपील की जा रही है कि जिस भी व्यक्ति के आस पड़ोस में कोई नशे का शिकार है तो उसे नशा छोडऩे के लिए प्रेरित करें और नशा छुड़वाने के लिए उसे नशा मुक्ति केंद्रों में जाने में सहयोग करें ताकि उनका इलाज करके समाज की मुख्य धारा में लाया जा सके। आमजन को स्थानीय नागरिक अस्पताल सिरसा व कालांवाली नशा मुक्ति केंद्रों बारे भी जानकारी दी जा रही है। लोगों को बताया जा रहा है कि यदि आपके आस पड़ोस में कोई भी व्यक्ति नशे की बिक्री करता है तो उसकी सूचना पुलिस प्रशासन के हैल्पलाइन नंबर 88140-11620, 88140-11626 व 88140-11675 अथवा जिला प्रशासन के नंबर 01666-248890 पर दें, सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा।

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नशा त्याग कर देश हित में सकारात्मक योगदान दें युवा : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण

                उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने बताया कि नशा मुक्त भारत अभियान का उद्देश्य देश को नशा मुक्त बनाना है ताकि हर नागरिक स्वस्थ रहते हुए देशहित में अपना सकारात्मक योगदान दें। जिला सिरसा में इस अभियान के तहत प्रतिदिन विभिन्न जागरुकता कार्यक्रमों के माध्यम से आमजन को नशे से होने वाले नुकसान के बारे में अवगत करवाया जा रहा है। इस अभियान में जिला प्रशासन के साथ-साथ युवा क्लबों व स्वयं सेवी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जा रहा है। उन्होंने जिलावासियों से कहा है कि वे इस पुण्ति कार्य में हर जिलावासी अपना अमूल्य योगदान दें क्योंकि नशा एक ऐसा जहर है जिससे एक व्यक्ति ही नहीं बल्कि पूरा परिवार तबाह हो जाता है। इस मुहिम में महिलाएं व युवा भी आगे आएं और घर-घर जाकर जिला को नशा मुक्त बनाने की अलख जगाएं।

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फसल अवशेष प्रबंधन में बेहतर प्रदर्शन करने वाली पंचायतें राज्य स्तर पर होंगी पुरस्कृत : उपायुक्त

सिरसा, 8 अक्तूबर।


उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने कहा कि जो पंचायत फसल अवशेष प्रबंधन की दिशा में बेहतर प्रदर्शन करेंगी, उन पंचायतों को राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा। इनमें प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान वाली पंचायतें पुरस्कृत होंगी। अधिकारी जीरो बर्निंग के संकल्प के साथ इस लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में तालमेल के साथ कार्य करें।
उपायुक्त वीरवार को लघुसचिवालय के 63 नंबर कमरा में पराली जलाने की घटनाओं पर पूर्ण रोक को लेकर अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे रहे थे। बैठक में एसडीएम सिरसा जयवीर यादव, एसडीएम कालांवाली निर्मल नागर, एसडीएम डबवाली अश्वनी कुमार, डीडीए बाबू लाल, सहायक कृषि अभियंता डीएस यादव सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।


उपायुक्त ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं को लेकर सर्वोच्च न्यायालय पूरी तरह से सख्त है। इस दिशा में प्रदेश सरकार भी गंभीरता के साथ कार्य कर रही है। प्रदेश सरकार ने जीरो बर्निंग के संकल्प के साथ इस दिशा में कार्य करने बारे दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसलिए अधिकारी पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के कार्य को प्राथमिकता से लेंं। इस कार्य में लापरवाही व कोताही बरतने वाले अधिकारी के खिलाफ नियमनुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को पराली न जलाने बारे जागरूक करें और फसल अवशेष प्रबंधन कृषि उपकरणों के इस्तेमाल के लिए प्रेरित करें। प्रदेश सरकार ने ऐसी पंचायतें जो फसल अवशेषों को जलाने की बजाए उनके बेहतर प्रबंधन में अच्छा प्रदर्शन करेगीं, उन्हें जिला व राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा। इसलिए ग्राम पंचायतें कृषि एवं कल्याण विभाग की ओर से फसल अवशेष प्रबंधन के उपकरणों के अधिक से अधिक इस्तेमाल बारे लोगों को प्रेरित करें।


पराली जलाने की घटना पर सेटेलाइट से होगी निगरानी :


उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने अधिकारियों से कहा कि पराली जलाने की घटनाओं पर पूर्ण अंकुश व निगरानी के उद्ेश्य के लिए हरसेक द्वारा सेटेलाइट द्वारा पराली जलाने की घटना की इमेज लेकर संबंधित अधिकारी को मैसेज भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों के पास मेसेज जाऐगा उनमें डीसी, एसडीएम, तहसीलदार/नायब तहसीलदार, डीडीए, ग्राम सचिव व सरपंच शामिल हैं। जैसे ही संबंधित अधिकारी के पास मैसेज पहुंचेगा, ग्राम स्तर पर गठित कमेटी मौके पर जाकर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करेगी। कमेटी मौके की वस्तु स्थिति की फोटो लेना भी सुनिश्चित करेगी।  उन्होंने कहा कि यह मैसेज हरसेक द्वारा दिन में दो बार प्रात: 3 बजे व सायं 3 बजे अधिकारी के फोन पर आएगा।

फसल अवशेष प्रबंधन कृषि उपकरणों की उपयोगिता करें सुनिश्चित :


उपायुक्त ने कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि जिला में फसल अवशेष प्रबंधन कृषि उपकरणों का शतप्रतिशत उपयोग हो रहा है या नहीं। उन्होंने कहा कि किसानों को जागरूक किया जाए कि इन कृषि उपकरणों से न केवल अवशेष प्रबंधन होता है, बल्कि भूमि की ऊपजाऊ शक्ति भी बढती है। गांव में कस्टम हायरिंग सैंटर 80 प्रतिशत कृषि उपकरण लघु व सीमांत किसानों को उपलब्ध करवाएं, ताकि ऐसे किसानों के लिए फसल अवशेष प्रबंधन करना सुगम व आसान हो सके। उन्होंने कहा कि किसानों की सुविधा को देखते हुए अनुदान पर प्राप्त कृषि उपकरणों के बिल अपलोड की तिथि को भी बढा दिया गया है। अब 12 अक्तूबर तक बिल अपलोड किए जा सकते हैं। उन्होंने अधिकारियों को इस कार्य को शतप्रतिशत करवाए जाने के दिशा-निर्देश दिए।


पराली बेल्स भंडारण के लिए गांव में जगह का करें चयन :


उपायुक्त ने संबंधित खंड विकास पंचायत अधिकारियों को कहा कि वे ग्राम पंचायत की दो या तीन एकड़ जगह का चयन करें। चिन्हित जगह पर पराली की बेल्स को एकत्रित किया जाएगा। बीडीपीओ जल्द से जल्द इस संबंध में अपनी रिपोर्ट दें। उन्होंने कहा कि सभी एसडीएम अपने-अपने क्षेत्रों में एक अभियान चलाकर लोगों को पराली न जलाने के लिए जागरूक करें। किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन कृषि उपकरणों की उपयोगिता व इनके इस्तेमाल के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि पराली न जलाने की घटनाओं पर निगरानी व लोगों को जागरूक करने के लिए ग्राम स्तर पर एडीओ, पटवारी व ग्राम सचिव की एक कमेटी गठित की गई है। यह कमेटी गांव में पराली जलाने की घटनाओं पर कड़ी निगरानी रखें और इस संबंध में तुरंत कार्रवाई के लिए तत्पर रहें। इसके अलावा गांव स्तर पर नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं।  

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जिला में 1066 मीट्रिक टन धान व 357.85 मीट्रिक टन बाजरा की हुई खरीद : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण

सिरसा, 08 अक्तूबर।


                  उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने बताया कि बुधवार तक जिला की मंडियों व खरीद केंद्रों पर 1066 मीट्रिक टन धान व 357.85 मीट्रिक टन बाजरा मूंग की खरीद की जा चुकी है।

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                  उपायुक्त बिढ़ाण ने बताया कि डबवाली मंडी में 61 मीट्रिक टन, रोड़ी मंडी में 16 मीट्रिक टन, दड़बी मंडी में 542 मीट्रिक टन, कालांवाली मंडी में 9 मीट्रिक टन, रानियां मंडी में 270 मीट्रिक टन तथा सिरसा मंडी में 168 मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि जिला में बाजरा की खरीद भी मंडियों में सुचारु रुप से जारी है। नाथूसरी चौपटा खरीद केंद्र पर हैफेड ने 166 मीट्रिक टन, रानियां खरीद केंद्र में 14 मीट्रिक टन, रोड़ी खरीद केंद्र पर हैफेड ने 20 मीट्रिक टन, गोरीवाला खरीद केंद्र पर हैफेड ने 8 मीट्रिक टन, सिरसा खरीद केंद्र में 86.8 मीट्रिक टन तथा ऐलनाबाद खरीद केंद्र में 63.05 मीट्रिक टन बाजरा की खरीद की है। सिरसा में हरियाणा वेयर हाउसिंग कॉर्पाेरेशन द्वारा 16.9 मीट्रिक टन मूंग की खरीद की जा चुकी है। जिला की विभिन्न 22 खरीद केंद्रों पर धान, 6 खरीद केंद्रों पर बाजरा तथा 5 खरीद केंद्रों पर मूंग फसल की खरीद की जा रही है।

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नशा मुक्त भारत अभियान : युवा क्लब एवं पंचायत एकजुट होकर लोगों को करें जागरुक : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण

सिरसा, 08 अक्तूबर।


                  उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने कहा कि किसी भी परिवार, समाज व देश की उन्नति में नशा सबसे बड़ा अवरोधक होता है। आज के समय में नशा सम्पूर्ण समाज के लिए बड़ी चुनौती है। जिला एवं पुलिस प्रशासन द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने के लिए धरातल स्तर पर लगातार गंभीरता से कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभियान की सफलता के लिए हर वर्ग का समान सहयोग जरुरी है, क्योंकि आपसी सहयोग से ही नशे को जिले से जड़मूल से समाप्त किया जा सकता है।

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                  उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण वीरवार को अपने कैंप कार्यालय में नशा मुक्त भारत अभियान के तहत अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में डीएसपी संजय बिश्रोई, जिला समाज कल्याण अधिकारी नरेश बत्रा, जिला शिक्षा अधिकारी संत कुमार, सरपंच निशांत, कबड्डïी कोच दलबीर सिंह सहित खैरेकां युवा क्लब के प्रधान लवप्रीत आदि मौजूद थे।

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                  उपायुक्त बिढ़ाण ने पुलिस विभाग के अधिकारियों कहा कि नशा मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने के लिए संभावित गांवों को चिह्निïत कर गांवों में अपनी टीमों की गश्त बढ़ाएं और नशा बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण आपसी मतभेदों को त्याग कर गांव की भलाई के लिए कार्य करें ताकि युवा नशे को छोड़ कर शिक्षा व खेल में अपना करियर बनाएं।

                  उन्होंने खेल विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों के माध्यम से बच्चों व युवाओं को नशे की दुष्परिणाम बताएं और सभ्य समाज के निर्माण में योगदान के लिए प्रेरित करें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि गोद लिए गए गांवों में अधिकारी जाकर योजनाबद्ध तरीके से कार्य करें और पंचायत के सहयोग से गांवों में कार्यक्रमों का आयोजन करें। अधिकारी गांव में जाकर ग्रामीणों व बुजुर्गों से संवाद स्थापित करें और नशा मुक्त भारत अभियान में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ें, क्योंकि सामूहिक एकजुटता से ही नशे जैसी बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है।


                  उपायुक्त बिढ़ाण ने कहा कि नशा मुक्त समाज की स्थापना में अभिभावकों भी की भी बड़ी जिम्मेवारी बनती है। कई बार युवा अपने बड़ों को देखकर नशा करना सीख जाते हैं, जोकि उनके लिए घातक सिद्ध होता है। नशा हमारे लिए अभिशाप है, जो व्यक्ति को शारिरिक, मानसिक व आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाते है। बैठक में खैरेकां युवा क्लब द्वारा गांव के स्कूल में पीने के पानी की समस्या रखी जाने पर उपायुक्त ने जिला शिक्षा अधिकारी को समस्या के जल्द से जल्द समाधान के निर्देश दिए।

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फसल कटाई के लिए कृषि यंत्रों के उपयोग के लिए किसानों को प्रेरित करें सरपंच : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण

सिरसा, 08 अक्तूबर।


                  उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं वाले संभावित गांवों पर हरसेक (सेटेलाइट) के माध्यम से निगरानी की जा रही है। इसलिए किसान खेतों में फसल के अवशेषों को न जलाएं बल्कि एसएमएस लगी कंबाइन का प्रयोग करें और फसल अवशेषों को मिट्टïी में ही मिलाएं ताकि भूमि की उर्वरा शक्ति भी बढ़े। उन्होंने कहा कि प्राचीन व वैदिक काल में फसल अवशेषों को जलाया नहीं जाता था बल्कि उनका प्रयोग जैविक खाद के रुप में किया जाता था।

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                  उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण वीरवार को वीडियो कॉफ्रेंस के माध्यम से सरपंचों से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान एसडीएम सिरसा जयवीर यादव, एसडीएम कालांवाली निर्मल नागर, एसडीएम डबवाली अश्वनी कुमार, उप निदेशक कृषि डा. बाबूलाल, सहायक कृषि अभियंता डीएस यादव आदि उपस्थित थे।

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                  उपायुक्त बिढ़ाण ने कहा कि सभी सरपंच ग्राम सभा का आयोजन कर ग्रामीणों को पराली न जलाने के बारे में जागरुक करें और पराली जलाने पर प्रशासनिक कार्रवाई के बारे में अवगत करवाएं। इसके अलावा जहां पर पराली की खपत होती है, ऐसे स्थान जैसे फैक्ट्री, पंचायती भूमि तथा गौशाला आदि का चयन किया जाए। उन्होंने सरपंचों को निर्देश दिए कि जिस पंचायत में सीएचसी है, वे ज्यादा से ज्यादा कृषि उपकरणों का उपयोग करें और 80 प्रतिशत छोटे किसानों को कृषि यंत्र आवंटन में प्राथमिकता दें। किसानों द्वारा कृषि उपकरणों के उपयोग की प्रतिदिन रिपोर्ट तैयार कर कृषि विभाग को भेजी जाए ताकि सही जानकारी को पोर्टल पर अपलोड किया जा सके। उन्होंने कहा कि सरपंच गांवों में बैठक कर ग्रामीणों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान की गंभीरता से अवगत करवाएं और पराली जलाने से वातावरण प्रदूषित होने के बारे में बताएं।


                  उपायुक्त ने कहा कि पराली जलाने से न केवल भूमि की उर्वरा शक्ति कम होती है बल्कि उपजाऊ शक्ति बढ़ाने वाले मित्र कीट भी नष्टï हो जाते हैं और धीरे-धीरे भूमि बंजर बन जाती है। इसके अलावा पराली जलाने से श्वास संबंधी अनेक बीमारियां होने का अंदेशा बना रहता है। सरपंच जिला प्रशासन द्वारा पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश के लिए कृषि विभाग द्वारा गठित टीमों का सहयोग करें और ग्रामीणों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि कोई भी किसान अगर पराली जलाता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई व जुर्माना किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करें।


पराली न जलाने का प्रस्ताव पारित कर भिजवाएं सरपंच : उपायुक्त बिढ़ाण


                  उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने कहा कि सभी सरपंच ग्राम सभाओं की बैठक कर पराली न जलाने का प्रस्ताव पारित करें और प्रस्ताव को शुक्रवार तक उपायुक्त कार्यालय में भिजवाएं। इसके अलावा ग्राम सभा की बैठक में ग्रामीणों को पराली न जलाने की शपथ भी दिलवाएं। उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोच व दृढ संकल्प से ही हम जिला में पराली जलाने की घटनाओं पर शत प्रतिशत अंकुश लगा सकते हैं, इसलिए सरपंच अपना दायित्व गंभीरता से निभाएं और ग्रामीणों को पराली न जलाने के लिए जागरुक करें। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान व उसके प्रबंधन के बारे में विस्तार से बताएं।


पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य करें अधिकारी : उपायुक्त बिढ़ाण


                  उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने कहा कि किसी भी गांवों में पराली जलाने की घटना न हो, इसके लिए कृषि अधिकारी गांव स्तर पर गठित नोडल अधिकारी से तालमेल स्थापित कर योजनाबद्ध तरीके से कार्य करें। इसके अलावा सरपंच व ग्राम सचिवों से मिलकर गांवों में जागरुकता कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीणों को पराली न जलाने के बारे में प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि किसान पराली का उपयोग पशुचारे के साथ-साथ अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए भी कर सकता है। जहां पराली का उपयोग बिजली बनाने के लिए किया जाता है वहीं पराली का उपयोग अन्य सामग्री बनाने में भी किया जाता है। कृषि अधिकारी गांवों में जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन कर किसानों एवं महिलाओं को पराली जलाने से होने वाले नुकसान व उसके प्रबंधन की जानकारी दें।

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पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश के लिए अधिकारी आपसी तालमेल से करें कार्य : उपायुक्त

सिरसा, 7 अक्तूबर।


उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने कहा कि जिला में कोई भी घटना पराली जलाने के संबंध में न हो, इसके लिए संबंधित अधिकारी गंभीरतापूर्वक योजनाबद्ध तरीके से कार्य करें। गांव में फसल अवशेष जलाने की घटनाओं पर नोडल अधिकारी पैनी नजर रखें। जहां भी पराली जलाने की घटना होती है, तुरंत उसकी सूचना उच्च अधिकारी को दें, ताकि संबंधित के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जा सके।

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उपायुक्त बुधवार को लघुसचिवालय स्थित वीडियो कॉफ्रेंस हाल में मुख्य सचिव विजय वर्धन की अध्यक्षता में आयोजित वीसी उपरांत अधिकारियों को पराली जलाने की घटनाओं के संबंध में दिशा-निर्देश दे रहे थे। वीसी में उप निदेशक कृषि बाबू लाल, डीएस यादव सहित संबंधित अधिकारी मौजूद थे।


उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने मुख्य सचिव को जानकारी देते हुए बताया कि इस सीजन में जिला में पराली जलाने की तीन घटनाएं ट्रेस की गई हैं। इनमें से एक का चालान किया गया है और दो पर कार्रवाई चल रही है। उन्होंने बताया कि जिला में पराली जलाने की घटनाओं पर कड़ी निगरानी के दृष्टिगत गांव में नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, जिन्हें सरपंच के साथ तालमेल कर पराली जलाने की घटनाओं अंकुश के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन का प्रयास है कि पिछली साल के मुकाबले इस बार पराली जलाने की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाया जाएगा।


उन्होंने बताया कि जिला में अनुदान पर फसल अवशेष प्रबंधन कृषि उपकरण के लिए 2084 आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से 862 ने पोर्टल पर अपने बिल अपलोड कर दिए हैं। उन्होंने बताया कि जिला में 297 कस्टमर हायरिंग सैंटर स्थापित किए गए हैं। इनमें 200 विभागीय जबकि 97 पंचायत को अधिकृत किए गए हैं। उन्होंने बताया कि जिला में 101 बेलर उपलब्ध हैं। उपायुक्त ने वीडियो कॉफ्रेंस उपरांत उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला में कोई फसल अवशेष जलाने की घटना न हो इसके लिए आपसी तालमेल बनाकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारी संबंधित गांव में कड़ी निगरानी रखें, जैसे ही पराली जलाने की घटना के बारे में उन्हें जानकारी मिलती है, तुरंत इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को करें। उन्होंने कहा कि पराली जलाने वालों पर तुरंत कार्रवाई करते हुए उसका चालान किया जाए। यदि कोई इसमें बाधा उत्पन्न करता है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। उन्होंने कहा कि किसानों को जागरूक करते हुए उन्हें फसल अवशेष प्रबंधन कृषि उपकरणों के प्रयोग बारे प्रेरित किया जाए।

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मुख्य सचिव विजय वर्धन ने वीडियो कॉफ्रेंस में जिला के उपायुक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि पराली जलाने की घटनाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन कृषि उपकरण उपलब्ध करवाए जाएं, ताकि फसल अवशेष का उचित निपटान हो सके। किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए फसल अवशेष प्रबंधन कृषि उपकरणों के बिलों को अपलोड करने की तिथि को बढा दिया गया है। अब 12 अक्तूबर तक फसल अवशेष प्रबंधन कृषि उपकरणों को पोर्टल पर अपलोड करवाए जाएं। उन्होंने कहा कि जहां पर पराली की खपत होती है, ऐसे स्थानों जैसे फैक्ट्री, पंचायत की जमीन, गौशाला आदि को चिन्हित किया जाए। उन्होंने कहा कि जिला में बिना एसएमएस के कंबाईन हारवेस्टर का इस्तेमाल न हो। मुख्य सचिव ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई हो इसके लिए दिन में दो बार सेटेलाइट रिपोर्ट का मैसेज संबंधित अधिकारियों के पास जाएगा। यह मैसेज संबंधित किसान, नोडल अधिकारी, सरपंच, तहसीलदार,एसडीएम, डीडीए व उपायुक्त के पास जाएगा। उन्होंने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि इस बारे भी रिपोर्ट दी जाए कि फसल अवशेष प्रबंधन कृषि उपकरणों का कितना उपयोग हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि कस्टम हायर सैंटर(सीएचसी) 70 प्रतिशत कृषि उपकरणों को लघु व सीमांत किसानों को उपलब्ध करवाएं। गांव में ग्राम सभाएं आयोजित कर किसानों को फसल अवशेष न जलाने बारे जागरूक किया जाए व उन्हें फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कृषि उपकरणों के इस्तेमाल के लिए प्रेरित किया जाए। मुख्यमंत्री अतिरिक्त प्रधान सचिव वी उमाशंकर, कृषि विभाग अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह, विकास एवं पंचायत विभाग प्रधान सचिव सुधीर राजपाल ने भी पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के संबंध में सभी उपायुक्तों को निर्देश देते हुए सुझाव सांझा किए।

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कंटेनमेंट जोन में प्रशासन द्वारा जारी हिदायतों की गंभीरता से हो पालना : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण

सिरसा, 07 अक्तूबर।

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                उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने बताया कि जिला में सोमवार को कोरोना संक्रमण के नए केस मिलने के बाद प्रभावित क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन व साथ लगते क्षेत्र को बफर जोन बनाया गया हैं। संबंधित एसडीएम कंटेनमेंट व बफर जोन के ओवरऑल इंचार्ज रहेंगे, जो सभी प्रबंधों व व्यवस्थाओं की देखरेख करेंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि कंटेनमेंट जोन में प्रशासन द्वारा जारी हिदायतों की गंभीरता से पालना सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा यह भी ध्यान रखा जाए कि कंटेनमेंट जोन में रह रहे लोगों को किसी प्रकार की परेशानी न हो व सुविधाएं सरलता से उपलब्ध हो।


नए कंटेनमेंट व बफर जोन स्थापित, कंट्रोल रुम नम्बर जारी :


                उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने बताया कि जिला में कोरोना केस मिलने पर नए कंटेनमेंट व बफर जोन बनाए गए हैं जिनमें सिरसा में सुरतगढियां बाजार गली बेरी वाली (94162-84636), शाह सतनामपुरा नजदीक ट्रयू सॉल कंपनी (97292-777000), जेजे कॉलोनी गुरू तेग बहादुर नगर (01666-240724), सी-ब्लॉक कमालिया भवन (01666-240289, 240091), शिव चौक इंद्रपुरी मौहल्ला गली नंबर एक व लेख सिंह वाली गली (01666-220613), चत्तरगढ़ पट्टी झोपड़ा रोड़ (94169-24113) व रानियां में वार्ड नंबर 4 पीपल वाली गली (01698-250316) में कंटेनमेंट जोन व बफर जोन बनाए गए हैं।

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कंटेनमेंट व बफर जोन के लिए हिदायतें जारी :


               उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने अधिकारियों को कोरोना वायरस के आस-पास के क्षेत्रों में इसके फैलाव को रोकने के लिए संदिग्धों की स्क्रीनिंग, संदिग्ध मामलों का परीक्षण, क्वारंनटाइन, सोशल डिस्टेंस आदि कार्यों के लिए कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इन क्षेत्रों में सैनिटाइजेशन, खाद्य सामग्री की सुचारु आपूर्ति, बिजली व पानी की सुचारु सप्लाई, कंटेनमेंट जोन में रहने वालो लोगों का डाटा आरोग्य सेतु एप पर अपलोड करने, पशुधन के लिए खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाने, स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने आदि कार्यों के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को हिदायतें जारी की गई है। इसके अलावा कंटेनमेंट जोन में सभी प्रकार की गतिविधियों व आवागमन पर रोक लगा दी गई है। केवल आपातकालीन सेवाओं के लिए ही बाहर जाया जा सकता है।

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स्वास्थ्य विभाग ने तय किए प्राईवेट लैब्स में होने वाले कोरोना टेस्ट के रेट : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण

सिरसा, 07 अक्तूबर।

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                उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग हरियाणा द्वारा कोरोना टेस्ट के लिए रेट निर्धारित किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने प्राईवेट लैब में करवाए जाने वाले कोरोना टेस्ट के चार्ज को सीमित कर दिया है, इसके साथ यह सख्त हिदायत जारी की है कि कोई भी लैब तय चार्ज रेट से ज्यादा की वसूली नहीं कर सकती।


                उपायुक्त बिढ़ाण ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के आदेशानुसार, आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए हरियाणा में कोई भी लैबोरेट्री 1200 रूपए से ज्यादा चार्ज नहीं कर सकती। 1200 रूपए में ही जीएसटी और हैंडलिंग चार्जेस सैंपल लेने तक शामिल होंगे। वहीं रैपिड एंटीजन टेस्टिंग की रेट पहले ही 650 तय हैं तथा एलिसा टेस्टिंग की कीमत 250 रूपये भी पहले ही फिक्स हैं। साथ ही सभी लैबोरेट्री संचालकों को कोविड-19 के तहत जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) की पालना करनी होगी। आदेशों की अवहेलना करने वाले भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दंड के भागी होंगे।

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पीएमजीकेवाई के तहत नवंबर तक निशुल्क उपलब्ध करवाया जाएगा राशन : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण

सिरसा, 07 अक्तूबर।


                उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ान ने बताया कि भारत सरकार द्वारा कोरोना महामारी के चलते गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेवाई) के माध्यम से अब नवंबर 2020 तक निशुल्क राशन उपलब्ध करवाया जाएगा। लॉकडाउन के दौरान सरकार द्वारा अप्रैल से जून 2020 तक निशुल्क राशन देने की घोषणा की गई थी, जिसे अब बढ़ा कर नवम्बर 2020 कर दिया गया है। सरकार द्वारा गुलाबी, पीले व खाकी राशन कार्ड धारकों को 5 किलोग्राम प्रति सदस्य गेहूं तथा एक किलोग्राम चना प्रतिमाह प्रति परिवार दिया जाता है।

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                उपायुक्त बिढ़ान ने बताया कि केवल प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत नवंबर 2020 तक गेहूं व चना का वितरण निशुल्क किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा खाद्य अधिनियम 2013 के तहत गुलाबी, पीले व खाकी राशन कार्डधारकों को वितरित किए जाने वाले गेहूं 2 रुपये प्रति किलो, चीनी 13.50 रुपये प्रति किलो, सरसों का तेल 20 रुपये प्रति लीटर व नमक 6 रुपये प्रति किलो इत्यादि के वितरण पर निर्धारित मूल्य लाभार्थियों से लिया जाएगा, जोकि पहले की भांति रियायती दरों पर ही लाभार्थियों को उपलब्ध होगा।

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गुलाबी, पीले व खाकी राशन कार्ड धारकों को मिल रहा योजना का लाभ


                उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत गुलाबी रंग के राशन कार्ड धारक 5 किलोग्राम गेहूं प्रति सदस्य व एक किलोग्राम निशुल्क चना प्रति परिवार के पात्र होंगे। इसके अतिरिक्त इन्हें 35 किलोग्राम गेहूं 2 रुपये प्रति किलो, एक किलो चीनी 13.50 रुपये प्रति किलो, 2 लीटर सरसों का तेल प्रति परिवार 20 रुपये प्रति लीटर व नमक 6 रुपये प्रति किलो शुल्क पर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पीले रंग के राशन कार्ड धारक 5 किलोग्राम गेहूं प्रति सदस्य व एक किलोग्राम निशुल्क चना प्रति परिवार के पात्र होंगे। इसके अतिरिक्त इन्हें 5 किलोग्राम गेहूं 2 रुपये प्रति किलो, एक किलो चीनी 13.50 रुपये प्रति किल, 2 लीटर सरसों का तेल प्रति परिवार 20 रुपये प्रति लीटर व नमक 6 रुपये प्रति किलो शुल्क पर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि खाकी रंग के राशन कार्ड धारक 5 किलोग्राम गेहूं प्रति सदस्य व एक किलोग्राम निशुल्क चना प्रति परिवार के पात्र होंगे। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत वितरित किए जाने वाला गेहूं 5 किलोग्राम प्रति सदस्य 2 रुपये प्रति किलो के हिसाब से दिया जाएगा।


राशन वितरण में गड़बड़ी की शिकायत पर डिपूधारक के खिलाफ की जाएगी कार्रवाई : उपायुक्त बिढ़ान


                उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ान ने कहा कि यदि डिपूधारक इस योजना के तहत वितरित किए जाने वाले राशन पर लाभार्थियों से कोई राशि लेगा तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा यदि किसी लाभार्थी को राशन वितरण के संबंध में कोई शिकायत है तो वे संबंधित जिला खाद्य एवं पूर्ति नियंत्रक के कार्यालय में या मुख्यालय पर स्थित राज्य उपभोक्ता सहायता केंद्र के टोल फ्री नम्बर 1800-180-2087, 1967 पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है।

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जिला में 718 मीट्रिक टन धान, 314 मीट्रिक टन बाजरा व 16.9 मीट्रिक टन मूंग की हुई खरीद : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण

सिरसा, 07 अक्तूबर।


                उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने बताया कि मंगलवार तक जिला की मंडियों व खरीद केंद्रों पर 718 मीट्रिक टन धान, 314.1 मीट्रिक टन बाजरा व 16.9 मीट्रिक टन मूंग की खरीद की जा चुकी है।

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उपायुक्त बिढ़ाण ने बताया कि नाथूसरी चौपटा खरीद केंद्र पर हैफेड ने 166 मीट्रिक टन, रोड़ी खरीद केंद्र पर हैफेड ने 16 मीट्रिक टन, गोरीवाला खरीद केंद्र पर हैफेड ने 7 मीट्रिक टन, सिरसा में हरियाणा वेयर हाउसिंग कॉर्पाेरेशन ने 71.9 मीट्रिक टन तथा ऐलनाबाद में एचडब्ल्यूसी ने 53.2 मीट्रिक टन बाजरा की खरीद की है। सिरसा में हरियाणा वेयर हाउसिंग कॉर्पाेरेशन द्वारा 16.9 मीट्रिक टन मूंग की खरीद की जा चुकी है। जिला की विभिन्न 22 खरीद केंद्रों पर धान, 6 खरीद केंद्रों पर बाजरा तथा 5 खरीद केंद्रों पर मूंग फसल की खरीद की जा रही है।


मंडियों व खरीद केंद्रों पर फसल खरीद प्रक्रिया निर्बाध रुप से जारी : उपायुक्त बिढ़ाण


                उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने बताया कि जिला की मंडियों व खरीद केंद्रों पर खरीफ सफल की आवक जारी है तथा किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आने दी जा रही है। जिला प्रशासन द्वारा फसल की सुचारु खरीद के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं। जिला में 22 खरीद केंद्रों के माध्यम से धान फसल की खरीद की जा रही हैं। इसके अलावा 6 खरीद केंद्रों के माध्यम से बाजरा, 5 केंद्रों के माध्यम से मूंग तथा एक खरीद केंद्र के माध्यम से मक्का फसल की खरीद की जा रही है। फसल खरीद कार्यों के लिए अतिरिक्त उपायुक्त उत्तम सिंह को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।

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उपायुक्त बिढ़ाण ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि खाद्य, आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग हरियाणा द्वारा खरीफ मार्केटिंग सीजन 2020-21 के मद्देनजर जारी हिदायतों की गंभीरता से पालना की जाए। उन्होंने कहा कि संबंधित एसडीएम अपने-अपने अधीन क्षेत्रों में धान, बाजरा, मूंग व मक्का खरीद के लिए ओवरऑल इंचार्ज हैं। जिला मार्केटिंग इनफोर्समेंट बोर्ड व सचिव मार्केट कमेटी द्वारा मंडियों में खरीद कार्यों के लिए सभी व्यवस्थाएं पुख्ता की गई है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वे खरीद केंद्रों में सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखें। उन्होंने खरीद एजेंसियों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे फसल उठान कार्य भी लगातार करते रहें ताकि बाद में परेशानी का सामना न करना पड़े।


                उन्होंने किसानों से कहा है कि वे अपनी फसल को मंडियों में अच्छी प्रकार सेे सुखा कर लाएं, मंडियों व खरीद केंद्रों पर 14 प्रतिशत से कम नमी वाली बाजरा फसल व 17 प्रतिशत से कम नमी वाली धान की फसल की खरीद की जा रही है। मंडियों में फसल बिकवाली के लिए आने वाले किसानों से कहा है कि वे कोविड-19 के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क जैसी हिदायतों की पालना सुनिश्चित करें ताकि कोरोना संक्रमण से बचा जा सके।


                 सचिव मार्केट कमेटी सिरसा विकास सेतिया ने बताया कि अनाज मंडी में फसल खरीद की प्रक्रिया सुचारु रुप से चल रही है। जिन किसानों ने मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर जिन किसानों द्वारा एमएसपी रेट पर खरीद की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस समय धान का एमएसपी रेट 1888/- रुपये, बाजरा का 2150/- रुपये, मूंग का 7196/- रुपये व नरमा 5725/- रुपये निर्धारित है। उन्होंने बताया फसल बेचने के लिए आने से पहले किसान को मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर सप्ताह का चयन करना होता है तत्पश्चात कम्प्यूटर द्वारा ऑनलाइन तारीख जारी की जाती है और किसान के मोबाईल पर मैसेज जाता है। किसान द्वारा मैसेज दिखाने के उपरांत उसे गेटपास जारी किया जाता है। उन्होंने बताया कि मंडी में सफाई, बिजली, पानी व शौचालय व्यवस्था दुरुस्थ हैै। खरीद कार्यों को लेकर अधिकारियों व कर्मचारी की नियुक्त की जा चुकी है ताकि मंडी में आने वाले किसानों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो।