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Mayor Harpreet Kaur Babla inaugurates animal carcass incinerator plant at Raipurkalan Gaushala

सहायक निदेशक गुरप्रताप सिंह को मिला एमएसएमई सेंटर का अतिरिक्त कार्यभार

सिरसा, 22 फरवरी।

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सहायक निदेशक गुरप्रताप सिंह को सिरसा के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एम.एस.एम.ई) केंद्र का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। गुरप्रताप सिंह ने सोमवार को अपना कार्यभार संभाल लिया है। इसके अलावा इन्हें फतेहाबाद व हिसार के एमएसएमई केंद्र का भी अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।


गुरप्रताप सिंह ने बताया कि किसी भी देश के विकास में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों(एमएसएमई) का महत्वपूर्ण योगदान है। इसी उद्ेश्य के तहत एमएसएमई को बढावा देने के लिए जिला स्तर पर एमएसएमई सैंटर स्थापित किया गया हैं। उन्होंने बताया कि एमएसएमई सैंटर की सभी प्रकार की गतिविधियां जिला उद्योग केंद्र सिरसा से संचालित की जाएंगी।

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महिला सवारी की मदद करने वाले रोडवेज कर्मचारियों को उपायुक्त ने प्रशस्ति पत्र देकर किया सम्मानित

सिरसा, 22 फरवरी।

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महिला बस सवारी से पर्स छीनकर भागने वाले को पकडऩे के बहादुरी कार्य के लिए उपायुक्त प्रदीप कुमार ने रोडवेज के निरीक्षक व चालक को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया और इस कार्य के लिए दोनों की सराहना करते हुए पीठ भी थपथपाई। इस दौरान सिटीएम गौरव गुप्ता व रोडवेज महाप्रबंधक के.आर कौशल भी मौजूद थे।


गत दिनों सिरसा बस स्टैंड पर महिला बस सवारी से एक व्यक्ति पर्स छीनकर भाग रहा था। महिला द्वारा मदद मांगने पर वहां पर मौजूद रोडवेज में निरीक्षक पद पर कार्यरत सुरेंद्र पाल सिंह व किलोमीटर स्कीम बस के चालक दलबीर सिंह ने पर्स छीनने वाले का पीछा करते हुए उसे बस स्टैंड परिसर में ही दबोच लिया। महिला के पर्स में नकदी व कीमती जेवर थे। इस बाहदुरी व उत्कृष्ट कार्य के लिए उपायुक्त ने दोनों कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

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उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि इस तरह के कार्य समाज में एक सकारात्मक संदेश देते हैं और भाईचारे को सुदृढ बनाते हैं। उन्होंने कहा ऐसे बहादुरी भरे कार्यों से असामाजिक तत्वों को भी सबक मिलता है और उनमें भय पैदा होता है। रोडवेज के कर्मचारियों ने पर्स छीनने वाले को पकड़कर न केवल महिला की मदद की बल्कि समाज में एक-दूसरे की मदद करने का संदेश भी दिया है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्य दूसरों के लिए प्रेरणादायी बनते हैं।

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फल उत्कृष्टता केंद्र मांगेआना में आधुनिक फल उत्पादन प्रोद्योगिकी प्रदर्शन फील्ड-डे कार्यक्रम आयोजित

सिरसा, 20 फरवरी।

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              फल उत्कृष्टता केंद्र मांगेआना में आधुनिक फल उत्पादन प्रोद्योगिकी प्रदर्शन एवं केंद्र भ्रमण के लिए चार दिवसीय फील्ड-डे कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम के दूसरे दिन जिला सिरसा, फतेहाबाद, हिसार एवं भिवानी से लगभग 115 प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संयुक्त निदेशक उद्यान एवं उद्यान प्रशिक्षण संस्थान करनाल के प्रधानाचार्य डा. जोगिंद्र सिंह ने की। इस दौरान किसानों को विभिन्न फलों के आधुनिक फल उत्पादन तकनीक के प्रदर्शन के लिए केंद्र का भ्रमण भी करवाया गया।


              कार्यक्रम में डा. जोगिंद्र सिंह ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के कृषि योग्य भूमि का लगभग 8 प्रतिशत क्षेत्र बागवानी के अंतर्गत आता है। उद्यान विभाग के प्रयासों एवं किसानों के परिश्रम के फलस्वरूप प्रदेश में बागवानी क्षेत्र लगातार बढ रहा है। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे फल उत्कृष्टता केंद्र पर किए जा रहे विभिन्न तकनीकी प्रदर्शन से प्रशिक्षण लेकर अपने खेतों में भी नई तकनीक को अपनाए और अधिक लाभ कमाएं। साथ ही किसान अपना उत्पाद स्वयं बेचना सीखे ताकि आय में और अधिक बढोतरी कर सके।


              उप-निदेशक उद्यान फल उत्कृष्टता केंद्र डा. आत्म प्रकाश ने केंद्र पर चल रही विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्र द्वारा पिछले लगभग 11 वर्षों से नींबू वर्गीय फलों, अनार, जैतून, खजूर की आधुनिक फल उत्पादन तकनीक के बारे में किसानों को महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध करवाई जा रही है। केंद्र के प्रयासों एवं अच्छी तकनीक के कारण सरकार ने किसानों के लिए अनार व खजूर फसल के क्षेत्र को प्रदेश में बढाने के लिए अनुदान का प्रावधान किया है। उन्होंने बताया कि अगले दो दिनों में 21 व 22 फरवरी 2021 को अनार, खजूर, जैतून व आड़ू आदि फसलों के बारे में किसानों को गहनता से जानकारी दी जाएगी।

              डा. अमर सिंह पूनिया ने किसानों नींबू जाति के बागों के रख-रखाव के संबंध में तथा डा. श्रवण कुमार ने किसानों को विभाग द्वारा उनके लिए चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारें में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही फल उत्कृष्टता केंद्र पर किसानों को उपलब्ध करवाई जा रही विभिन्न प्रजातियों पौध के बारे में भी बताया गया। इस अवसर पर डा. रमेश कुमार ने किसानों को नींबू जाति व अन्य फलों में टपका सिंचाई के माध्यम से विभिन्न घुलनशील खादों के प्रयोग के बारें में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हम इस विधि से किस प्रकार कम खर्च में अधिक एव अच्छी गुणवत्ता की पैदावार ले सकते है।

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जिला रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा खंड रानियां के गांव गिंदड़ा में नशा मुक्ति सेमिनार किया आयोजित

सिरसा, 20 फरवरी।

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                उपायुक्त प्रदीप कुमार के दिशा निर्देशानुसार जिला रेडक्रॉस सोसाइटी द्वारा जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में समय-समय पर नशा मुक्ति सेमिनारों का आयोजन किया जाता है। इसी कड़ी में जिला रेडक्रॉस सोसाइटी द्वारा शनिवार को खंड रानियां के गांव गिंदड़ा के ग्राम सचिवालय में नशा मुक्ति सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खारिया के प्राचार्य सदीव सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की तथा राजकीय माध्यमिक विद्यालय रामनगरिया के मुख्य अध्यापक मदन वर्मा बतौर मुख्य वक्ता मौजूद रहे। सेमिनार में जिला रेडक्रॉस सोसायटी सिरसा के सचिव लाल बहादुर बेनीवाल भी मौजूद थे।


                मुख्य अतिथि सदीव सिंह ने सेमिनार को संबोधित करते हुए युवाओं का आह्वान किया कि वे स्वयं भी नशा न करें और दूसरों को भी नशा न करने के लिए प्रेरित करें। हम सबको मिलकर यह प्रयास करना चाहिए ताकि युवा वर्ग नशे से दूर रह सके। उन्होंने कहा कि ग्रामिणों को चाहिए कि वे ग्राम स्तर पर खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन करें और युवाओं को अच्छे स्वास्थ्य, शिक्षा व खेल जैसी गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि यदि उनके परिवार या आस पड़ोस में यदि कोई व्यक्ति नशा करता है तो नशा मुक्ति केंद्रों में उसका ईलाज करवाएं ताकि वे समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सके। इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति नशे की बिक्री करता है तो उसकी सूचना पुलिस प्रशासन के हैल्पलाइन नंबर 88140-11620, 88140-11626 व 88140-11675 अथवा जिला प्रशासन के नंबर 01666-248890 पर दें। उन्होंने कहा कि सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा।


                मुख्य वक्ता मदन वर्मा ने भी उपस्थितजनों को नशा से परिवार व समाज पर पडऩे वाले दुष्प्रभावों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने नशा क्या है, नशे के प्रकार, नशा एक बीमारी है, नशे की बीमारी से मुक्ति, नशे के बारे में पैदा हुई गलत धारणाओं व नशा करने वाले व्यक्ति के मुख्य लक्षणों की जानकारी विस्तार से दी। उन्होंने बताया कि हमें नशे में लिप्त व्यक्ति का नशा छुड़वाने के लिए उससे किस प्रकार का व्यवहार करना चाहिए, इस बारे भी अवगत करवाया।

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                जिला रेडक्रॉस सोसायटी सिरसा के सचिव लाल बहादुर बेनीवाल ने कहा कि नशा समाज के लिए अभिशाप है और यह हमारे समाज को खोखला करता जा रहा है। विशेषकर युवा पीढ़ी को नशे की लत से दूर रहकर अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए शिक्षा के साथ साथ अन्य गतिविधियों में भाग लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस परिवार में नशा होता है, वह परिवार आर्थिक व सामाजिक तौर पर पिछड़ जाता है।


                सेमिनार में नशा न करने बारे उपस्थितजनों को शपथ दिलवाई गई। नशामुक्ति अभियान से जुड़े कार्यकर्ताओं व ग्रवित वालंटियर्स को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया गया। सेमिनार मे जिला रैडक्रास सोसायटी की ओर से उपस्थित महिलाओं को तुलसी के पौधे के गमले देकर पर्यावरण स्वच्छ रखने का संदेश दिया।  कार्यक्रम के अंत में जिला  रेडक्रॉस सोसाइटी द्वारा मुख्यातिथि व अन्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सरपंच तारा देवी मूंड, पंच ममता रानी, मूर्ति देवी, विजय सिंह नौखवाल, सुभाष टाक , महावीर सिंह, उषा रानी, पार्वती देवी आशा वर्कर, छात्रा तमन्ना, सहयोगी ग्रवित वालंटियर्स विरेंद्र मलेठिया, मोहित धुंधवाल, राधेश्याम जाखड़, प्रवीन नौखवाल , मुकेश जाखड़, पुरुषोत्तम भाटीवाल, नीरज बशीर, कुलदीप, धर्मपाल, हरि सिंह, डा. इंद्रसैन, बृजलाल सहित भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।

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वर्तमान तकनीक का युग, शिक्षक विद्यार्थियों में करें वैज्ञानिक दृष्टिïकोण पैदा : डीसी

सिरसा, 19 फरवरी।

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                उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि वर्तमान तकनीक का युग है, इसलिए विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिïकोण होना समय की मांग व आवश्यक है। शिक्षक सामान्य शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक तकनीकी शिक्षा के बारे में भी शिक्षित करें। इस दिशा में गांव गुडिया खेड़ा के राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों में शिक्षा के साथ-साथ वैज्ञानिक सोच विकसित करने में टिंकरिंग लैब कारगर साबित होगी।


                उपायुक्त शुक्रवार को उक्त लैब के उदघाटन अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षकों, विद्यार्थियों व ग्रामीणों को संबोधित कर रहे थे। उपायुक्त ने लैब के उद्ïघाटन उपरांत लैब का निरीक्षण कर सुविधाओं की जानकारी ली। स्कूल में स्थापित अटल टिंकरिंग लैब के इंचार्ज राजेश जैन और कृष्ण जैन ने मुख्य अतिथि को लैब के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी आत्म प्रकाश, जिला खंड शिक्षा अधिकारी जसपाल सिंह, जिला गणित विशेषज्ञ नीरज पाहुजा, जिला विज्ञान विशेषज्ञ और नोडल अधिकारी अटल टिंकरिंग लैब डॉ मुकेश कुमार, सरपंच प्रतिनिधि भरत सिंह और खंड नाथूसरी चोपटा के विभिन्न स्कूलों के प्राचार्य उपस्थित थे। इससे पहले उपायुक्त ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और लैब का निरीक्षण कर सुविधाओं का जायजा लिया। समारोह में स्कूल प्राचार्य द्वारा उपायुक्त को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।


                उपायुक्त ने कहा कि वर्तमान युग प्रतिस्पर्धा का युग है, जो विद्यार्थी समय के साथ नहीं चलेगा वह प्रतिस्पर्धा की दौड़ में पिछड़ जाएगा। इसलिए विद्यार्थी लक्ष्य निर्धारित कर कड़ी मेहनत के साथ पढाई करें, तभी वे निश्चय ही सफलता के शिखर पर पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि कोई कार्य मुश्किल नहीं है बशर्ते उसे परिश्रम के साथ किया जाए। शिक्षक पढाई के साथ-साथ विद्यार्थियों को सुसंस्कारित बनाएं ताकि समाज के नवनिर्माण में योगदान दे सकें। उन्होंने कहा कि शिक्षक द्वारा बच्चों को दिया गया ज्ञान उन्हें आजीवन आगे बढने के लिए प्रोत्साहित करता है।

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                उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि  अभिभावक व परिवारजन भी घर के वातावरण को बच्चों के पढाई के अनुकूल बनाएं और समय-समय पर बच्चों को जीवन में आगे बढने के लिए प्रेरित करते हुए उनका मार्गदर्शन करते रहें। उन्होंने कहा कि अटल टिकरिग लैब में विद्यार्थियों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिग और गणित के विभिन्न पहलुओं को समझाने के साथ-साथ उपकरणों का प्रयोग कर कुछ नया करने का अवसर मिलेगा। अटल लैब में आइआर सेंसर से लेकर थ्रीडी प्रिटर्स और अल्ट्रासोनिक सेंसर जैसे अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि इस लैब से विज्ञान, गणित व तकनीक में रुचि रखने वाले विद्यार्थी लैब में रचनात्मक प्रयोग कर सकेंगे, जिससे उनके कौशल में और निखार आएगा।


                इस अवसर पर प्रिंसिपल उमेद सिंह ढाका, ग्रामीण अमीलाल मंडा, नानक राम गोदारा, काशी राम गोदारा, छेलू राम, राम प्रताप बिरड़ा, रिछपाल छिंपा, हेतराम सांगवान, दुनीराम बिरड़ा, महावीर, राम सिंह बिरड़ा, गिरधारी सांगवान सहित भारी संख्या में ग्रामीण, स्कूल स्टॉफ सदस्य व छात्र – छात्राएं मौजूद थे।


अटल टिंकरिंग लैब के लिए जिला के 35 स्कूलों का चयन :


                अटल टिंकरिंग लैब के लिए सिरसा जिला के 35 स्कूलों चयनित हो चुके हैं। इनमें से अब तक सरकारी व गैर सरकारी सात स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना की जा चुकी है। अटल टिंकरिंग लैब में विद्यार्थी रोबोटिक्स, सेंसर्स, 3डी प्रिंटर्स व विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के बारे में जानेंगे। अटल इनोवेशन मिशन का मुख्य उद्देश्य अटल टिंकरिंग लैब के माध्यम से विद्यार्थियों को नई टेक्नोलॉजी से रूबरू करवाना व उनके नवप्रवर्तन/नए आइडिया को सार्थक करने के लिए एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध करवाना है।


क्या है अटल टिंकरिंग योजना :


                अटल टिंकरिंग लैब भारत सरकार के नीति आयोग की एक महत्वाकांक्षी योजना है। अटल इनोवेशन के तहत इस योजना का उद्देश्य इनोवेशन को बढ़ावा देना और छोटी उम्र से ही बच्चों को आविष्कार करने के लिए प्रेरित करना है। लैब में विद्यार्थियों को रोबोटिक्स, थ्री डी प्रिंटर्स, इलेक्ट्रोनिक्स डेवलपमेंट टूल्स, कम्प्यूटर, वीडियो कॉफ्रेंसिंग, माइक्रोकंट्रोलर बोर्ड, अल्ट्रासोनिक सेंसर जैसे अत्याधुनिक उपकरण मिलेंगे।

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हरियाणा उद्यम एवं प्रोत्साहन पॉलिसी 2020 में उद्योगों के लिए अपार संभावनाएं : अतिरिक्त निदेशक एसएन सिंह

सिरसा, 19 फरवरी।

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                अतिरिक्त निदेशक उद्योग एवं वाणिज्य विभाग हरियाणा एसएन सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने नए उद्योगों की स्थापना करने के लिए सभी आवश्यक मंजूरी प्राप्त करने की प्रक्रिया को बहुत ही सरल और सुव्यवस्थित कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार उद्योग जगत से जुड़ी समस्याओं के निवारण के लिये योजनाबद्ध रूप से कार्य कर रही है, ताकि सभी छोटे व बड़े उद्योगों से जुड़े लोगों को प्रोत्साहन मिल सके।


                अतिरिक्त निदेशक एसएन सिंह शुक्रवार को स्थानीय पंचायत भवन में हरियाणा उद्यम एवं प्रोत्साहन पॉलिसी 2020 के विस्तार व इज ऑफ डूइंग बिजनेस के संबंध में आयोजित वर्कशॉप को संबोधित कर रहे थे। इस वर्कशॉप में उप निदेशक जिला उद्योग केंद्र ज्ञान चंद लांग्यान, बिजली निगम से कार्यकारी अभियंता जीत राम, जीके वधवा, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डा. गिरीश चौधरी, सिंचाई विभाग से एसडीओ महेंद्र सिंह, एचएसआईआईडीसी से सुमित चौधरी सहित विभिन्न उद्योग संगठनों के पदाधिकारियों व उद्योग इकाइयों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।


                अतिरिक्त निदेशक एसएन सिंह ने हरियाणा सरकार द्वारा औद्योगिक इकाइयों के लिए किए गए सुधारों के विषय में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हरियाणा उद्यम एवं प्रोत्साहन पॉलिसी 2020 में कई नए प्रावधानों को जोड़ा गया है ताकि उद्योगों को अधिक विकसित किया जा सके और अधिक से अधिक लोगों को रोजगार का सृजन किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह पॉलिसी इज ऑफ डूइंग बिजनेस प्रोग्रोम को और अधिक आगे बढ़ाने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि नई उद्योग नीति ग्रामीण क्षेत्रों में घर-द्वार पर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने तथा सूक्ष्म उद्यमों की सहायता के लिए बेहद कारगर साबित होगी। इससे सूक्ष्म उद्यमों और स्टार्ट-अप को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

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                उन्होंने कहा कि नई पॉलिसी के अंतर्गत सभी प्रमुख विभागों की महत्वपूर्ण सेवाओं जैसे फैक्ट्री लाइसेंस, ऑनलाइन शिकायतों का निवारण के लिए ऑनलाइन शिकायत पोर्टल प्रारंभ किया गया हैं, जिसके माध्यम से उद्योग इकाइयों की शिकायतों का शीघ्र अति शीघ्र निस्तारण किया जाएगा। उन्होंने विभागाध्यक्षों से कहा कि वे पोर्टल पर आने वाली शिकायतों का निर्धारित समयावधि में समाधान करे ताकि उद्योग मालिकों को कोई समस्या न आए। उन्होंने हरियाणा सरकार की नई औद्योगिक नीति एचइपीपी 2020 व उद्योग इकाइयों को मिलने वाले प्रमुख लाभ के विषय में जानकारी दी।

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हर गांव में बनेंगे सार्वजनिक शौचालय, 229 गांव में किया जा चुका शौचालयों का निर्माण

सिरसा, 19 फरवरी।


उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छता अभियान को मजबूती देने इसमें जनभागीदारी बढाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत गांवों में सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है। इसी कड़ी में जिला के प्रत्येक गांव में सार्वजनिक शौचालय बनाए जाने का लक्ष्य है। अब तक 229 गांवों में शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है और 114 गांवों में शौचालयों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

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उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अभियान को जन-जन तक पहुंचाने व इसमें लोगों की भागीदारी करने तथा स्वच्छता के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिए सरकार द्वारा अनेक प्रकार की योजनाएं व कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। गांवों में सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण भी इन्हीं योजनाओं व कार्यक्रमों में से एक है। उन्होंने बताया कि जिला में 229 गांवों में सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण करवाया जा चुका है, जिस पर 4 करोड़ 58 लाख रुपये की राशि खर्च हुई है। इसी प्रकार 114 गांवों में शौचालयों का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिनके निर्माण कार्य पर 2 करोड़ 28 लाख रुपये की राशि खर्च होगी। उन्होंने बताया कि जिला के प्रत्येक गांव में सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया जाएगा। इन सार्वजनिक शौचालयों के संचालन की जिम्मेवारी संबंधित ग्राम पंचायत को ही दी गई है, ताकि इनके रखरखा व साफ-सफाई व्यवस्था सुचारू रूप से होती रहे।

 
उपायुक्त ने बताया कि गांवों में सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण से गांव में होने वाले सामूहिक कार्यक्रमों, बाहर से आने वाली लेबर व फेरी वालों के अलावा अन्य लोगों को शौच के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। जन-जन को स्वच्छता की मुहिम को जोडऩे में गांवों में सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के सपने को साकार करने में हर व्यक्ति को अपना योगदान देना होगा। इसके लिए जरूरी है कि वे अपने घर व आसपास सफाई रखे और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें। उन्होंने बताया कि जिला के लोग स्वच्छता के प्रति जागरूक हैं और इसी का परिणाम था कि वर्ष 2018 में सिरसा जिला की खुले में शौच मुक्त में हरियाणा में प्रथम स्थान मिला था। उन्होंने कहा कि इसी तरह की जागरूकता व भागीदारी करके जिला को स्वच्छता में भी नम्बर वन बनाकर स्वच्छ भारत मिशन के सपने को साकार करना है।

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खुले में शौच मुक्त में जिला को मिली थी प्रथम रैंक, पंचायतों को मिली थी पुरस्कार राशि :


उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि सिरसा के लोग सरकार के जनहित से जुड़े अभियानों व कार्यक्रमों में हमेशा ही अग्रणी भूमिका निभाते हैं। लोगों की भागीदारी व जागरूकता के चलते वर्ष 2018 में भी खुले में शौच मुक्त में सिरसा जिला हरियाणा में प्रथम रैंक पर रहा था। इसके परिणाम स्वरूप जिला की सभी पंचायतों को एक-एक लाख रुपये, पंचायत समितियों को 5-5 लाख रुपये तथा जिला परिषद को 25 लाख रुपये की राशि का पुरस्कार दिया गया था।

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मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर प्रत्येक किसान की रबी फसल का हो पंजीकरण : उपायुक्त प्रदीप कुमार

सिरसा,


उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि मेरी फसल-मेरा ब्यौरा प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण योजना है, जिसके तहत मेरी फसल-ब्यौरा पोर्टल पर रबी की फसलों का पंजीकरण किया जा रहा है, ताकि किसानों को मंडी में अपनी फसल बेचने में कोई असुविधा न हो और न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) पर अपनी फसल को बेच सकें।

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उपायुक्त वीरवार को पंचायत भवन में मेरी फसल-मेरा ब्यौरा को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों को की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में एसडीएम सिरसा जयवीर यादव, एसडीएम कालांवाली निर्मल नागर, एसडीएम ऐलनाबाद दिलबाग सिंह, एसडीएम डबवाली अश्वनी कुमार, डीआरओ बिजेंद्र भारद्वाज सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।


उपायुक्त ने निर्देश देते हुए कहा कि संबंधित विभागों के अधिकारी आपसी तालमेल से कार्य करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी किसान मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपनी रबी की फसल को पंजीकृत करवाने से वंचित न रहे। अधिकारी योजनाबद्ध तरीके से कार्य करते हुए जिला के प्रत्येक किसान की रबी की फसल का पंजीकरण करवाना सुनिश्चित करें।


उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पर पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा कि मंडी में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल बिक्री के लिए संबंधित किसान की फसल का मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण होना जरूरी है। इस बार पंजीकरण के लिए परिवार पहचान पत्र को अनिवार्य किया गया है। जिस भी किसान ने यदि अभी तक परिवार पहचान नहीं बनवाया है, उन्हें परिवार पहचान पत्र बनवाने के लिए पे्ररित करें, जिससे उनकी फसल का पंजीकरण हो सके। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए यह योजना महत्वपूर्ण है, इसलिए अधिकारी व कर्मचारी फसल पंजीकरण कार्य को गंभीरता से लें और इसमें अपना पूर्ण सहयोग व योगदान दें। उन्होंने अधिकारियों विशेषकर एडीओ, ग्राम सचिव व पटवारियों से कहा कि वे किसानों से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं, इसलिए वे किसानों को मेरी फसल-मेरी ब्यौरा पोर्टल पर फसलों के पंजीकरण के लिए जागरूक करने व पंजीकरण कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका सकते हैं।

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उन्होंने कहा कि पंजीकरण कार्य में ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाए और गांव में सरपंच के माध्यम से फसल पंजीकरण के लिए मुनादी करवाई जाए, ताकि अधिक से अधिक किसानों को इस बारे जानकारी मिल सके और सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना का पूरा-पूरा लाभ उठा सकें। उन्होंने कहा कि सरपंच अपने गांव में किसानों को मेरी फसल-मेरा ब्यौरा बारे जानकारी दें और उन्हें फसल पंजीकरण के लिए प्रेरित करें।  


अधिकारी व कर्मचारी अपनी बारी पर वैक्सीन अवश्य लगवाएं और दूसरों को भी प्रेरित करें :


उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि कोरोना बचाव के लिए कोरोना वैक्सीनेशन का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। अधिकारी व कर्मचारी वैक्सीन जरूर लगवाएं और आमजन को भी इसके लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है और किसी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं है।

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व्यक्तिगत श्रेणी के कृषि यंत्रों का भौतिक सत्यापन 20 व 21 फरवरी को

सिरसा, 18 फरवरी।


                कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा 20 व 21 फरवरी को खंड स्तर पर व्यक्तिगत श्रेणी के कृषि यंत्रों का भौतिक सत्यापन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम में वे किसान शामिल हो सकते हैं जिन्होंने विभागीय पोर्टल पर कृषि यंत्रों पर अनुदान के लिए 31 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन किया हो तथा 19 फरवरी तक अपने बिल पोर्टल पर ऑनलाइन अपलोड कर चुके हैं। कृषि यंत्रों का भौतिक सत्यापन जिला स्तरीय कार्यकारिणी समिति द्वारा गठित कमेटी के सदस्यों द्वारा किया जाएगा।

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                सहायक कृषि अभियंता डीएस यादव ने बताया कि 20 फरवरी को खंड डबवाली व औढां के किसानों के कृषि यंत्रों का भौतिक सत्यापन अनाज मंडी डबवाली किया जाएगा। उन्होंने बताया कि खंड रानियां व ऐलनाबाद के किसानों के कृषि यंत्रों का भौतिक सत्यापन 20 फरवरी को अनाज मंडी जीवननगर तथा खंड सिरसा, नाथुसरी चौपटा व बड़ागुढ़ा खंड के किसानों के कृषि यंत्रों का भौतिक सत्यापन 21 फरवरी को कपास मंडी सिरसा में किया जाएगा।


                उन्होंने जिला के किसानों से कहा है कि भौतिक सत्यापन से पहले सभी किसान अपने कृषि यंत्रों पर पेंट द्वारा अपना नाम तथा पिता का नाम व गांव सहित लिखवाएं तथा मशीन का सीरियल नंबर पंच मशीन द्वारा खुदवाएं। भौतिक सत्यापन के दौरान किसान के कृषि यंत्र के बिल, ई-वे बिल, आधार कार्ड, पैन कार्ड, स्वयं घोषणा पत्र, मशीन के साथ किसान की फोटो जीपीएस लॉकेशन के साथ, मेरी फसल-मेरा ब्यौरा, परिवार पहचान पत्र, बैंक खाते की प्रति, पटवारी रिपोर्ट तथा ट्रैक्टर की वैद्य आरसी इत्यादि कागजातों का सत्यापन किया जाएगा तथा सभी दस्तावेज किसान को स्वयं सत्यापित करने होंगे। उन्होंने कहा कि बिल व ई-वे बिल तिहरी प्रति में लाएं तथा अपने मूल दस्तावेज भी साथ लाएं। उन्होंने कहा कि किसान अपने कृषि यंत्र के साथ फोटो, कृषि यंत्र पर नंबर वाली प्लेट की फोटो व पंच किए गए सीरियल नंबर की फोटो साथ लाएं।

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मुर्राह सरंक्षण एवं विकास स्कीम में 37 तथा गौसंवर्धन स्कीम के तहत 88 पशुपालकों दी गई 17 लाख 70 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि : उपायुक्त प्रदीप कुमार

सिरसा, 18 फरवरी।


                      उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा पशुपालकों को आर्थिक तौर से सुदृढ बनाने के लिए अनेक योजनाएं क्रियान्वित की गई हैं और पशुपालकों के उत्थान व कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसी कड़ी में दुग्ध उत्पादन व अच्छी नस्ल के पशुओंं की बढोतरी के उद्ेश्य से मुर्राह सरंक्षण एवं विकास तथा गौसंवर्धन स्कीम के तहत पशुपालकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। पशुपालन विभाग ने उक्त स्कीमों के तहत वित्त वर्ष में अब तक जिला के 125 पशुपालकों को 17 लाख 70 हजार रुपये की राशि प्रोत्साहन के रूप में दी है।

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                      उन्होंने बताया कि मुर्राह सरंक्षण एवं विकास स्कीम मुर्राह नस्ल को बढावा देने में बहुत ही कारगर साबित हो रही है। भैंसों में मुर्राह नस्ल विश्व की सबसे सर्वोत्तम नस्लों में से एक है। पशुपालक अधिक से अधिक मुर्राह नस्ल का पालन करें, इसके लिए मुर्राह सरंक्षण एवं विकास स्कीम के तहत पशुपालकों को प्रोत्साहित किया जाता है। स्कीम के तहत मुर्राह नस्ल की भैंसों की दुग्ध रिकॉर्डिंग की जाती है। दुग्ध रिकॉर्डिंग 18 से 22 किलोग्राम, 22 से 25 किलोग्राम तथा 25 किलोग्राम से अधिक के रूप में अलग-अलग श्रेणियों में की जाती है, जिसमें क्रमश: 15 हजार रुपये, 20 हजार रुपये तथा 30 हजार रुपये की राशि प्रोत्साहन के रूप में पशुपालकों को दी जाती है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष के दौरान स्कीम के तहत 51 मुर्राह भैंसों का चयन कर उनके दुग्ध की रिकॉर्डिंग की गई। स्कीम के तहत 37 पशुपालकों को 5 लाख 85 हजार रुपये की राशि प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान की है, ताकि पशुपालक आर्थिक रूप से स्वावलंबी बन सकें।

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                      उपायुक्त ने बताया कि मुर्राह भैंस की नस्ल की तर्ज पर हरियाणा व साहीवाल नस्ल की गायों को बढावा देने के उद्ेश्य से प्रदेश सरकार ने गौसंवर्धन स्कीम लागू की है। स्कीम के तहत हरियाणा व साहीवाल गायों के दुग्ध की मात्रा अनुसार विभिन्न श्रेणियों में पशुपालकों को प्रोत्साहन राशि दी जाती है। उन्होंने बताया कि हरियाणा नस्ल गाय के लिए 8 से 10 किलोग्राम, 10 से 12 किलोग्राम व 12 किलोग्राम से अधिक प्रति दिन के हिसाब से श्रेणी बनाई गई है, जिसमें क्रमश: 10 हजार, 15 हजार व 20 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसी प्रकार साहीवाल गाय के लिए 10 से 12 किलोग्राम, 12 से 15 किलोग्राम व 15 किलोग्राम से ज्यादा प्रतिदिन के हिसाब से श्रेणी बनाई गई है, जिसमें क्रमश: 10 हजार रुपये, 15 हजार रुपये व 20 हजार रुपये की राशि प्रोत्साहन के तौर पर दी जाती है। उन्होंने बताया कि स्कीम के तहत जिला में वित्त वर्ष में हरियाणा नस्ल की 37 गायों व 57 साहीवाल गायों चयन कर दुग्ध रिकार्डिंग किया गया, जिसमें 88 पशुपालकों को 11 लाख 85 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई। उपायुक्त ने जिला के पशुपालकों से अपील करते हुए कहा कि वे प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर पशुपालन व्यवसाय को बढावा दें और आर्थिक तौर पर सुदृढ बनें।