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राज्य स्तरीय दो दिवसीय प्रशामक देखभाल कार्यशाला का  स्वास्थ्य विभाग, पंचकूला द्वारा हुआ शुभारंभ

महानिदेशक स्वास्थ्य विभाग डाॅ मनीष बंसल ने कार्यशाला में मुख्यातिथि के रूप में करी शिरकत

“यूनाइटेड बाय यूनिक”  थीम पर आधारित है दो दिवसीय कार्यशाला

4 फरवरी को हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री कार्यशाला व प्रशिक्षण शिविर में मुख्यातिथि के रूप में करेगी  शिरकत

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पंचकूला, 3 फरवरी राज्यस्तरीय दो दिवसीय पैलेटिव कार्यशाला और प्रशिक्षण शिविर का आज लोक निर्माण विभाग सैक्टर 1 के ओडिटोरियम में महानिदेशक स्वास्थ्य विभाग डाॅ मनीष बसंल ने दीप प्रज्जवलित करके शुभारंभ किया। श्री मनीष बंसल ने कार्यशाला में मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की।

डीजीएचएस ने बताया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य चिकित्सा अधिकारियों और फील्ड स्टाफ को घर-आधारित और परिधीय (पेरिफेरल) स्तर पर प्रशामक देखभाल की ट्रेनिंग देना है, जिससे वे कैंसर, गुर्दे की बीमारी, हृदय रोग, स्ट्रोक, न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर, पुराने घाव और अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों की उचित देखभाल कर सकें।
उन्होने बताया कि यह कार्यशाला व प्रशिक्षण शिविर इस वर्ष की थीम “यूनाइटेड बाय यूनिक” के अनुरूप है। यह थीम कैंसर देखभाल और प्रशामक प्रबंधन में सामूहिक प्रयासों के महत्व को दर्शाती है। 4 फरवरी को हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती राव कार्यशाला में मुख्यातिथि के रूप में शिरकत करेगी।  
श्री बंसल ने बताया कि प्रशामक देखभाल एक विशेष चिकित्सा पद्धति है जो गंभीर और जीवन-सीमा वाली बीमारियों से पीड़ित मरीजों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने पर केंद्रित होती है। यह न केवल शारीरिक लक्षणों (जैसे दर्द और थकान) को दूर करने में मदद करती है बल्कि मरीजों और उनके परिवारों को भावनात्मक, मानसिक और सामाजिक सहायता भी प्रदान करती है।
उन्होने बताया कि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के विकास के बावजूद, कई मरीज गंभीर बीमारियों के कारण लंबे समय तक दर्द और तकलीफ झेलते हैं। इसी कारण दुनिया भर में विभिन्न देश प्रशामक देखभाल को मुख्यधारा की स्वास्थ्य सेवाओं में शामिल कर रहे हैं, ताकि मरीजों को गरिमा पूर्ण और दर्द-मुक्त जीवन मिल सके।
कार्यशाला में विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
कार्यशाला में डीजीएचएस (पी) डॉ. कुलदीप सिंह सम्माननीय अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इसके अलावा, डायरेक्टर डॉ. कुलदीप गौरी और सिविल सर्जन पंचकूला डॉ. मुक्‍ता कुमार भी गणमान्य अतिथियों के रूप में शामिल हुए।
डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विसेज ने राष्ट्रीय प्रशामक देखभाल कार्यक्रम (एनपीपीसी) के महत्व पर प्रकाश डाला, जो मरीजों और उनके देखभालकर्ताओं के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कार्यरत है।
 इस कार्यक्रम के तहत
– मरीजों को मॉर्फिन और पेन पैच जैसी दर्द निवारक दवाइयां उपलब्ध कराई जाती हैं।
– मरीजों और उनके परिवारों को भावनात्मक और मानसिक सहायता प्रदान की जाती है।
– स्वास्थ्यकर्मियों को होम विजिट की ट्रेनिंग दी जाती है, जिससे अस्पताल जाने की आवश्यकता कम हो।
– मरीजों को अस्पताल के बजाय अपने परिवार के बीच अधिक समय बिताने का अवसर मिलता है।

 दो दिवसीय पैलेटिव कार्यशाला और प्रशिक्षण शिविर में डॉ. कुलदीप सिंह, डीजीएचएस (पी) ने रोगी के उपचार के साथ करुणा के एकीकरण के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने एनपीएनसीडी कार्यक्रम के तहत विभिन्न कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए राज्य द्वारा की जा रही पहलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने युवा लोगों को आगे आने और अपने दैनिक सेवा में उपशामक देखभाल को एकीकृत करने के लिए स्वयंसेवक बनने के लिए प्रेरित किया।

सिविल सर्जन डॉ. मुक्‍ता कुमार, जो कि बाल रोग विशेषज्ञ (पीडियाट्रिशियन) और पंचकूला अस्पताल में बाल रोग विभाग की प्रमुख हैं, ने बाल रोगियों में प्रशामक देखभाल के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि सहानुभूति (एम्पैथी) और ईमानदार संवाद माता-पिता और परिवारों को इस कठिन समय में संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
हरियाणा के विभिन्न जिलों से 120 से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों की भागीदारी
इस राज्य स्तरीय कार्यशाला में हरियाणा के विभिन्न जिलों से 120 से अधिक स्वास्थ्यकर्मी शामिल हुए। इनमें चिकित्सा अधिकारी, फील्ड स्टाफ और स्वास्थ्य प्रदाता शामिल हैं, जो घर और समुदाय स्तर पर प्रशामक देखभाल सेवाएं प्रदान करते हैं।
कार्यशाला में एआईआईएमएस दिल्ली, पीजीआईएमईआर चंडीगढ़, जीएमसीएच चंडीगढ़ और सिविल अस्पताल पंचकूला के विशेषज्ञों ने विभिन्न सत्र लिए। विशेषज्ञों ने प्रशामक देखभाल, ऑन्कोलॉजी, दर्द प्रबंधन और समग्र (होलिस्टिक) रोगी सहायता के विषयों पर चर्चा की।
प्रमुख विषय
– टर्मिनली इल मरीजों में दर्द और लक्षण प्रबंधन
– मरीजों और परिवारों के लिए मनोवैज्ञानिक एवं भावनात्मक सहयोग
– प्रशामक देखभाल में नैतिक मुद्दे
– होम-बेस्ड प्रशामक देखभाल और परिधीय प्रबंधन के सर्वोत्तम अभ्यास
प्रशामक देखभाल में प्रशिक्षित विशेषज्ञों की भूमिका
इस वर्ष, सिविल अस्पताल पंचकूला की ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. सुलभा मित्तल आर्या, सर्जन डॉ. निखिल बचाचेस और स्टाफ नर्स महक ने एम्स, नई दिल्ली और जीएमसीएच, चंडीगढ़ में प्रशामक देखभाल में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया। इनका मार्गदर्शन डॉ. सुषमा भटनागर (उत्तर भारत में प्रशामक देखभाल की अग्रणी विशेषज्ञ) और डॉ. वनीता आहूजा (जीएमसीएच, चंडीगढ़) ने किया।
प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद, ये विशेषज्ञ हरियाणा के विभिन्न जिलों में फील्ड स्टाफ को ट्रेनिंग दे रहे हैं ताकि राज्य में होम-बेस्ड प्रशामक देखभाल सेवाओं को मजबूत किया जा सके।
पंचकूला प्रशामक देखभाल में अग्रणी जिला
पिछले कुछ वर्षों में पंचकूला कैंसर रोगियों के लिए प्रशामक देखभाल में अग्रणी जिला रहा है। यहां एक समर्पित प्रशामक देखभाल वार्ड स्थापित किया गया है, जिससे सैकड़ों मरीजों को लाभ मिला है।
इसके अतिरिक्त, पंचकूला जिला अस्पताल में मुफ्त में कीमोथेरेपी दी जाती है और जरूरतमंद मरीजों के लिए मॉर्फिन एवं दर्द निवारक पैच भी उपलब्ध कराए जाते हैं। इससे मरीजों की तकलीफें कम होती हैं और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार आता है।
कार्यशाला का उद्देश्य
यह राज्य स्तरीय कार्यशाला चिकित्सा कर्मियों को आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। इस पहल से हरियाणा में प्रशामक देखभाल सेवाओं को और अधिक मजबूती मिलेगी और मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

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व्यक्ति की शख्सियत का निर्माण करने में अहम भूमिका निभाते हैं खेल – चंद्रकांत कटारिया

एसडीएम ने 68वें नेशनल स्कूल गेम प्रतियोगिता के अंडर-17 महिला क्रिकेट प्रतियोगिता का सतलुज पब्लिक स्कूल सेक्टर-4 से किया उद्घाटन

पहले मैच में कर्नाटक ने उत्तराखंड को 24 रनों से हराया

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पंचकूला, 3 फरवरी – एसडीएम श्री चंद्रकांत कटारिया ने कहा कि खेल व्यक्ति की शख्सियत का निर्माण करने में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने खिलाड़ियों को अधिक से अधिक खेलों, संस्थानों में करवाए जाने वाले शैक्षणिक मुकाबलों और अन्य गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया। एसडीएम ने खिलाड़ियों को आशीर्वाद देते हुए खेल भावना से खेलों में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया

एसडीएम चंद्रकांत कटारिया स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की तरफ 68वें नेशनल स्कूल गेम प्रतियोगिता के अंडर-17 महिला क्रिकेट प्रतियोगिता का सतलुज पब्लिक स्कूल सेक्टर-4 में उद्घाटन के लिए बतौर मुख्यातिथि पहुंचे थे। मुख्यातिथि ने 25 टीमों द्वारा निकाले गए परेड मार्च की सलामी ली। सेक्टर-19 स्कूल की छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी।

जिला शिक्षा अधिकारी सतपाल कौशिक ने बताया कि जिला पंचकूला को 68वें नेशनल स्कूल गेम प्रतियागिता के अंडर-17 महिला क्रिकेट प्रतियोगिता की मेजबानी करने का मौका मिला है। इसमें देशभर के अलग-अलग राज्यों, केन्द्र शासित प्रदेशों व बोर्ड संस्थानों की 25 टीमें हिस्सा ले रही हैं। पांच अलग-अलग खेल मैदानों में प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाया जा रहा है। यह प्रतियोगिता सात फरवरी तक चलेगी।

पहला मैच कर्नाटक और उत्तराखंड के बीच खेला गया। कर्नाटक ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 15 ओवरों में 107 रन बनाए। उत्तराखंड की टीम 83 रन बनाकर ऑल आउट हो गई। इस मैच को कर्नाटक की टीम ने 24 रनों से जीत लिया।

इस मौके पर एसजीएफआई आब्जर्वर एवं उप-निदेशक सुनील भारद्वाज, जिला खेल अधिकारी नील कमल, सतलुज पब्लिक स्कूल के सीईओ कृत सराय, खंड शिक्षा अधिकारी डा. अनूप, जोगिन्द्र, सीमा और सुमन, एईओ दयानन्द, विपुल शर्मा, राष्ट्रीय टूर्नामेंट तकनीकी समिति के सदस्य ओम प्रकाश, अमरजीत कुमार, विपुल शर्मा, कोच मुकेश कुमार, कोच शुभकरन सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।

ये टीमें ले रहीं है प्रतियागिता में हिस्सा

पंचकूला में होने वाली अंडर-17 प्रतियोगिता में अंध्र प्रदेश, उड़िसा, चंडीगढ़, छतीसगढ़, सीबीएसई वेल्फेयर स्पोट्स ऑग्रेनाजेशन, आईसीएसई, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, आईपीएससी, झारखंड, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, करेल, केवीएस, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, नवोदय विद्यालय, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडू, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल की टीम प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही हैं।

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5 फरवरी को इंद्रधनुष में पोश और पॉक्सो अधिनियम को लेकर राज्य स्तरीय कानूनी जागरुकता कार्यक्रम

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पंचकूला, 3 फरवरी – हरियाणा राज्य महिला आयोग द्वारा 5 फरवरी को इंद्रधनुष ऑडिटोरियम में पोश अधिनियम और पॉक्सो अधिनियम को लेकर राज्य स्तरीय कानूनी कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती रेणु भाटिया ने इस बारे जानकारी देते हुए बताया कि राज्य स्तरीय कानूनी जागरुकता कार्यक्रम में राष्ट्रीय महिला आयोग नई दिल्ली की अध्यक्ष श्रीमती विजया रहाटकर के अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग हरियाणा की मंत्री श्रीमती श्रुति चौधरी भाग लेंगी। कानूनी जागरुकता कार्यक्रम में हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती सुमन सैनी भी मौजूद रहेंगी।

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एसडीएम ने  समाधान शिविर में सुनी लोगों की समस्याए

समस्याओं का संबंधित अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर निवारण करने के दिए निर्देश

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पंचकूला, 3 फरवरी एसडीएम चंद्रकांत कटारिया ने आज लघु सचिवालय के सभागार में सरकार द्वारा निर्देशित समाधान शिविर में जिला के 4 लोगों की समस्याएं सुनी और  संबंधित अधिकारियों को जल्द से जल्द समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर नगराधीश विश्वनाथ भी उपस्थित थे।
श्री कटारिया ने बताया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सैनी ने जिले की जनता की समस्याओं के समाधान के लिए प्रत्येक कार्यदिवस को जिला में प्रातः 10 से 12 बजे तक समाधान शिविर  आयोजित करने का निर्णय लिया हैं। उन्होंने बताया कि समाधान शिविर आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य जिला  की जनता की समस्याओं का मौके पर व जल्द से जल्द समाधान करना हैं।
एसडीएम ने अधिकारियों को कहा कि हम सभी यहां जिलावासियों की समस्याओं के समाधान के लिए एकत्रित हुए है। उन्होने निर्देश दिए कि जिले की जनता को बार बार अपने कार्यो के लिए चक्कर न काटने पडें। उन्होंने सभी अधिकारियों से प्राथमिकता के आधार पर लोगांेें की समस्याओं के समाधान करने के निर्देश दिए।
श्री चंद्रकांत कटारियां ने जिलावासियों से समाधान शिविर में आकर अपनी समस्याओं का जल्द से जल्द निवारण करवाने की अपील की।

इस अवसर पर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, जिला विकास एवं पंचायत विभाग, राजस्व विभाग, जिला शिक्षा अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग, बाल कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, मत्सय विभाग, पुलिस विभाग, माईनिंग, पीडब्लयूडी बीएंड आर, सिंचाई विभाग, जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग, यूएचबीवीएन, नगर निगम कालका व पंचकूला के अधिकारी  मौजूद रहे।

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80 हिमवीरांगनाओं सहित 650 हिमवीर हुए आईटीबीपी की मुख्यधारा में शामिल

संस्थान ने कठोर मेहनत, शारीरिक क्षमता, कई विधाओं में दिया ज्ञान

कांस्टेबल पवन सिंह, अमन नेगी, ताशी नांगयाल भूटिया तथा मुस्मान अप्पा को किया सम्मानित

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पंचकूला 3 फरवरी – आईटीबीपी के महानिदेशक राहुल रसगोत्रा ने कहा कि आईटीबीपी जैसे अनुशासित बल में रहकर देश की सेवा करना गौरवशाली है। इस संस्थान में कठोर मेहनत, शारीरिक क्षमता के अतिरिक्त अनेक विधाओं में ज्ञान अर्जित किया है। यह पूरे सेवा काल में पग-पग   पर मार्गदर्शन करेगा ओर साथ ही ड्यूटि के दौरान आने वाली चुनौतियों से निपटने में भी मदद करेगा।

महानिदेशक राहुल रसगोत्रा प्रशिक्षण केन्द्र भानू में आयोजित 490वें दीक्षांत एवं शपथ ग्रहण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने 650 हिम वीर एवं हिमवीरांगनाओं को पुलिस बल में शामिल होने की शपथ दिलवाई।

महानिदेशक ने कहा कि बल में सीखे हुए ज्ञान को आगे बढ़ाते हुए अपने जीवन में और अधिक सीखने के प्रयास के लिए प्रेरित किया। प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण पूर्ण करने पर बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए बल प्रमुख ने कहा कि आप सभी बहुत भाग्यशाली हैं। उन्होंने बी०टी०सी० के प्रशिक्षकों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुये उन्हें भी बधाई देते हुए कहा की इन हिमवीर, हिमवीरांगनाओं के बल में शामिल होने से सीमा बल और अधिक सशक्त होगा।

प्राथमिक प्रशिक्षण केंद्र, भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल भानु (पंचकूला) हरियाणा में 490वें जीडी पुरुष व महिला बैच के 650 हिमवीर, हिमवीरांगनाओं का दीक्षांत एवं शपथ ग्रहण समारोह परेड का आयोजन हुआ जिसके उपरांत ये सभी प्रशिक्षणार्थी बल की मुख्यधारा से जुड़े। इनके प्रशिक्षण की अवधि 44 सप्ताह थी, जिसको 26 फरवरी 2024 से  शुरू किया गया था।

कोर्स के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को हथियार चलाना, युद्ध कौशल, मैप रीडिंग, आत्मरक्षा, आतंक विरोधी अभियान तथा आंतरिक सुरक्षा  के बारे में गहन प्रशिक्षण दिया गया है। इस बैच में 24 राज्य, केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशिक्षणार्थियों, जिसमें अरुणाचल प्रदेश से 211, सिक्किम से 161, लद्दाख से 57, राजस्थान से 46, हिमाचल प्रदेश से 36, उत्तर प्रदेश से 29, उत्तराखंड से 24, हरियाणा से 22, बिहार व असम से 11-11, आंध्र प्रदेश से 6, मध्य प्रदेश से 5, जम्मू व कश्मीर व पंजाब से 4-4, झारखंड, महाराष्ट्र, छतीसगढ़, मणिपुर, पश्चिम बंगाल से 3-3, दिल्ली, मेघालय से 2-2, केरल व गुजरात से 1-1 सहित कुल 650  हिमवीर, हिमवीरांगनाएं ने दीक्षांत समारोह में  शपथ ग्रहण की।
भव्य परेड के दौरान इन नव-आरक्षियों और प्रशिक्षणार्थियों ने राष्ट्र ध्वज एवं बल निशान के तले अपने-अपने धर्म ग्रन्थों को साक्षी मानकर शपथ ली ।

पी०एम०जी०, महानिरीक्षक, प्राथमिक प्रशिक्षण केंद्र भानू  अशोक कुमार नेगी ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। मुख्य अतिथि द्वारा विभिन्न गतिविधियों में सर्वश्रेष्ठ का० पवन सिंह, का० अमन नेगी, का० ताशी नांगयाल भूटिया तथा का० मुस्मान अप्पा को ट्राफी किया सम्मानित।
ब्रिगेडियर जी० एस० गिल, उपमहानिरीक्षक द्वारा धन्यवाद करते हुए मुख्यातिथि, प्रशिक्षणार्थियों के परिजनों, बल के सेवानिवृत पदाधिकारियों एवं इस समारोह के साक्षी बने सभी जनों का आभार व्यक्त किया।  
परेड के बाद पाइप बैंड द्वारा मधुर धुनो को प्रस्तुत किया गया। आईटीबीपी का यह बैंड राष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में विजेता रहा है। हिमवीर एवं हिमवीरांगनाओं द्वारा पी टी, वन मिनट ड्रिल, टेक्टिल स्ट्रेंथ एण्ड कंडीशनिंग का प्रदर्शन किए गया जिससे दर्शक दीर्घा में बैठे गणमान्य अतिथियों में जोश की लहर एवं उत्साह का संचार हुआ तथा बल के साहसिक एवं हैरत अंगेज कार्यों से रूबरू होकर आश्चर्य चकित हुए।
बीटीसी के सुसज्जित प्रांगण में भव्य समारोह के अवसर पर ब्रिगेडियर. एस. गिल, एडीजी एस के चैधरी, उपमहानिरीक्षक, डॉ० टेक चंद, उपमहानिरीक्षक (वेट) तथा श्री सुनील कांडपाल, सेनानी (प्रशिक्षण), नव-आरक्षियों के अभिभावक, अधीनस्थ अधिकारी तथा अन्य पदाधिकारी एवं अन्य कोर्सों के प्रशिक्षणार्थी उपस्थित रहे।
दीक्षांत एवं शपथ ग्रहण समारोह के उपरांत मुख्य अतिथि ने समारोह में आए प्रशिक्षणार्थियों व उनके अभिभावकों के साथ चर्चा में अनुभवों को साझा किया।

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आयुर्वेद वर्तमान समय की आवश्यकता और इसकी बढ़ती लोकप्रियता स्वास्थ्य सेवा के लिए कारगर – चंद्रकांत कटारिया

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पंचकूला, 2 फरवरी – एस डी एम चंद्रकांत कटारिया ने कहा कि आयुर्वेद वर्तमान समय की आवश्यकता और इसकी बढ़ती लोकप्रियता स्वास्थ्य सेवा के लिए बहुत ही कारगर है।
एस डी एम चंद्रकांत कटारिया आयुष विभाग हरियाणा के महानिदेशक श्री संजीव वर्मा निर्देशानुसार बसंत पंचमी के उपलक्ष्य पर निःशुल्क चिकित्सा कैम्प के उद्घाटन अवसर पर नागरिकों को संबोधित कर रहे थे।

जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. दिलीप कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में श्री सिद्धिविनायक मंदिर, सैक्टर 26, लगाए गए शिविर में आयुर्वेद चिकित्सा, होम्योपैथिक चिकित्सा, पंचकर्म चिकित्सा एवं योग के बारे में अवगत करवाया गया।

शिविर का शुभारंभ एस०डी०एम० श्री चंद्रकान्त कटारिया ने द्वीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने आयुर्वेद की बढ़ती लोकप्रियता पर विस्तार से प्रकाश डाला तथा आयुष पद्धति को जनसाधारण के पास पहुँचाने के लिए अधिक से अधिक सार्थक प्रयास करने के लिए प्रेरित किया।

निःशुल्क चिकित्सा कैम्प में डा० चित्रलेखा, ए०एम०ओ०, पंचकर्मा विशेषज्ञा द्वारा पंचकर्म चिकित्सा पद्मति से, डा० नमिता घई ए०एम०ओ०, डा० प्रीति ए०एम०ओ० व डॉ० श्रुति ए०एम०ओ० ने आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्मति से तथा डॉ० वसुधा एच०एम०ओ० व डॉ० मोनिका माटा एच०एम०ओ० ने होम्योपैथिक चिकित्सा पद्मति से रोगियों की जांच की गई।

कैम्प में सचिन, योग प्रशिक्षक व अरूण, योग सहायक द्वारा विभिन्न बिमारियों में उचित योगासन करने के बारे में भी जागरूक किया गया। इस कैंप में 205 रोगियों की जांच की गई एवं रोगियों को निःशुल्क आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक दवाईयों का वितरण भी किया गया।

इस कैम्प में आने वाले रोगियों की निःशुल्क शुगर, बी०पी० इत्यादि की जॉच की गई तथा चिकित्सकों द्वारा ऋतुओं के अनुसार उचित खान-पान के बारे में लोगों को जागरूक किया गया।

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एसडीएम ने विश्व आर्द्रभूमि दिवस-2025 के उपलक्ष्य में आयोजित राज्य स्तरीय आर्द्रदिवस कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में करी शिरकत

-आद्रभूमियों की रक्षा हम सभी का नैतिक कत्र्तव्य-एसडीएम

-श्री कटारिया ने क्विज व पेंटिंग में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को किया सम्मानित

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पंचकूला, 1 फरवरी- एसडीएम चंद्रकांत कटारिया ने आज विश्व आर्द्रभूमि दिवस-2025 के उपलक्ष्य में टिक्करताल लेक रिजोर्ट मोरनी पर आयोजित राज्य स्तरीय आर्द्रदिवस कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की और कहा आद्रभूमियों की रक्षा हम सभी का नैतिक कत्र्तव्य है। उन्होंने कहा कि आज का दिन हमारे जीवन और हमारे ग्रह के स्वास्थ्य में आर्द्रभूमियों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरुकता बढ़ाने और जश्न मनाने के लिए समर्पित है।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में नगराधीश श्री विश्वनाथ ने शिरकत की, टिक्करताल हिल्स के प्रिंसीपल उर्मिल रंगा व वैट लेंडस एवं पर्यावरण विभाग के अधिकारी महेंद्र शर्मा, निजी सचिव श्रीमती कमला भी उपस्थित थी।

उन्होंने कहा कि वर्ष-2025 की थीम हमारे साझा भविष्य के लिए आर्दभूमियों की रक्षा इन कीमती पारिस्थितिक चर्चा की रक्षा करने की तत्काल आवश्यकता के साथ गूजती है। उन्होंने कहा कि आर्द्रभूमियों जिनमें दलदल पोखर, मैंग्रोव और बाढ़ के मैदान शामिल है, केवल पानी से ढकी हुई भूमि नहीं हैं। वे गतिशील और परस्पर जुड़े पारिस्थितिक तत्र हैं जो प्रकृति और मानवता दोनों को कई तरह के लाभ प्रदान करते हैं।

श्री चंद्रकांत कटारिया ने बताया कि आर्द्रभूनियाँ जैव विविधता के हॉटस्पॉट हैं जो पौधों और जानवरों के जीवन की एक अविश्वसनीय सरणी का समर्थन करती है। ये प्राकृतिक फिल्टर के रूप में कार्य करती हैं हमारे पानी को शुद्ध करती हैं और हमारे भूजल की आपूर्ति को फिर से भरती हैं। वे बाढ़ नियंत्रण में महत्वपूर्ण हैं, अतिरिक्त पानी को अवशोषित करती हैं और विनाशकारी बाढ़ के खतरे को कम करती हैं। इसके अलावा, आर्दभूमियों कार्बन की भारी मात्रा में भंडारण करके जलवायु परिवर्तन शमन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने बताया कि उनके महत्व के बावजूद आर्दभूनियों खतरनाक दर से गायब हो रही है। कृषि शहरीकरण और प्रदूषण के लिए जल निकासी जैसी मानवीय गतिविधियों इन महत्वपूर्ण पारिस्थितिक तत्रों को नष्ट कर रही हैं। जिसका परिणाम भयानक हैं जिनमें जैव विविधता का नुकसान बाढ़ में वृ‌द्धि, पानी की कभी और जलवायु परिवर्तन का बढ़ना शामिल है।

उन्होंने कहा कि विश्व आर्द्रदिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में हम सभी आर्द्रभूमियों की रक्षा और पुनस्थापना के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करें। हमें इन रासाधनों के बु‌द्धिमानी उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए टिकाऊ प्रथाओं को लागू करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। सरकारी समुदायों और व्यक्तियों सभी को वर्तमान और भविष्य की पीढियों के लाभ के लिए आर्द्रभूमियों के सरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।

  उन्होंने सभी से साझा भविष्य के लिए आर्द्रभूमियों की रक्षा के विषय को अपनाने और इन अमूल्य पारिस्थितिक तत्रों की रक्षा के लिए बढचढकर भाग लेने की अपील करी। उन्होंने कहा कि हम सभी  मिलकर काम करके सभी के लिए एक स्वस्थ ग्रह सुनिश्चित कर सकते हैं।
आर्द्रदिवस कार्यक्रम में पेंटिंग और क्विज प्रतियोगिता का भी आयोजन करवाया गया। इस प्रतियोगिता में सार्थक सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-12ए व टिक्करताल हिल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल की छात्राओं ने भाग लिया। श्री चंद्रकांत कटारिया ने क्विज प्रतियोगिता में प्रथम सातवीं क्लास की छात्रा विशाखा, 11वीं क्लास की शिवांस के छात्र द्वितीय और डेविड टिक्करताल के छात्र को तृतीय आने पर  मोमेंटो देकर सम्मानित किया। उन्होंने पेंटिंग प्रतियोगिता में सार्थक स्कूल की छात्रा प्रतिज्ञा को प्रथम आने व सार्थक स्कूल की छात्रा गगन व टिक्करताल हिल्स की छात्रा रूचि को तृतीय आने पर मोमेंटो देकर सम्मानित किया। इससे पूर्व एसडीएम व नगराधीश श्री विश्वनाथ ने लेक रिजोर्ट के प्रांगण में पौधारोपण भी किया। उन्होंने कहा कि पौधारोपण के साथ साथ पौधें की सुरक्षा भी बहुत जरूरी है।
राज्य स्तरीय आर्द्रदिवस कार्यक्रम में नगराधीश श्री विश्वनाथ ने बच्चों को सरल ढंग से आर्द्रदिवस के लाभ के बारे में विस्तार से जानकारी दी व इसकी रक्षा के लिए भी बढचढकर भाग लेने की अपील की, इस मौके पर नगराधीश ने बच्चों से आर्द्रदिवस के बारे में सवाल भी पूछे और बडे ही सरल ढंग से उनके जवाब दिए।

राज्य स्तरीय आर्द्रदिवस कार्यक्रम में टिक्करताल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के वाईस प्रिंसीपल सुभाष शर्मा ने बेहतरीन अंदाज में एंकरिंग की।
इस अवसर पर प्रथम क्लास की छात्रा रिद्धि शर्मा ने देशभक्ति कविता प्रस्तुत कर सभी की तालियां बटोरी। मुख्यातिथि श्री चंद्रकांत कटारिया ने रिद्धि को मोमेंटो देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में सार्थक स्कूल व मोरनी हिल्स के बच्चों ने स्वागत गान की बेहतरीन प्रस्तुति दी। राज्य स्तरीय आर्द्रदिवस कार्यक्रम में लगभग 150 बच्चों व आगुंतक, पर्यावरण, शिक्षा विभाग के अध्यापकों व अधिकारियों व कर्मचारियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।
इस अवसर पर वैट लेंड एवं पर्यावरण विभाग के पिं्रस, कुलदीप, रमेश कटारिया, सुनील भारद्वाज, सार्थक सीनियर सेकेंडरी स्कूल के अध्यापक भीम सिंह, कला अध्यापक कृति सहित गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

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आपदा संकट प्रबंधन में युवाओं की भूमिका” विषय पर एक विशेष व्याख्यान

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पंचकूला 1 फरवरी – राजकीय महाविद्यालय कालका की प्राचार्या प्रोमिला मलिक के तत्वाधान में रेड क्रॉस सोसाइटी और भूगोल विभाग के सहयोग से “आपदा संकट प्रबंधन में युवाओं की भूमिका” विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता प्रोफेसर डॉक्टर जगबीर सिंह रहे जो दिल्ली विश्वविद्यालय के स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में भूगोल विभाग के प्रोफेसर हैं।  डॉ जगबीर सिंह ने आपदा प्रबंधन, पर्यावरण और सतत विकास से संबंधित 30 अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन- सह – कार्यशालाएं और 50 राष्ट्रीय सम्मेलन और कार्यशालाएं आयोजित की हैं।

डॉ जगबीर सिंह ऑस्ट्रेलिया के ग्रेट बैरियर रीफ के पारिस्थितिक और पर्यावरणीय खतरों पर पीएचडी पूरी करने वाले पहले भारतीय अनुसंधान वैज्ञानिक हैं।

 डॉ जगबीर सिंह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आपदा प्रबंधन में युवाओं की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है आपदाओं से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले लोग बच्चे और युवा वर्ग ही होते हैं इसीलिए आपदा प्रबंधन में युवाओं को सम्मिलित करना बहुत आवश्यक है आपदा जोखिम न्यूनीकरण में युवाओं की भागीदारी से आपदाओं के जोखिम और उनके प्रभाव को कम किया जा सकता है। युवाओं में आपदा प्रबंधन के लिए जरूरी कौशल विकसित किया जा सकते हैं। युवाओं को आपातकालीन स्थितियों में जिम्मेदारी लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। आपदाओं के खतरे को देखते हुए युवाओं को सही ट्रेनिंग के जरिए आपदाओं से निपटने के लिए तैयार किया जा सकता है।

 आपदा दो प्रकार की होती है प्राकृतिक और मानव निर्मित। प्राकृतिक आपदाएं पृथ्वी की प्राकृतिक प्रक्रियाओं के कारण होती है जबकि मानव निर्मित आपदाएं मानवीय गतिविधियों के कारण होती हैं। प्राकृतिक आपदाओं के उदाहरण हैं भूकंप, चक्रवात, बाढ़, सूखा, सुनामी। मानव निर्मित आपदाओं के उदाहरण है औद्योगिक दुर्घटनाएं, आग या विस्फोट, वायु, रेल और समुद्री दुर्घटनाएं, रासायनिक रिसाव, भूजल प्रदूषण आदि।

डॉ जगबीर सिंह ने विद्यार्थियों को आपदा से बनाने के लिए ह्यूमन चेन अर्थात मानव श्रृंखला बनाने का प्रशिक्षण दिया। उन्होंने कहा कि मानव निर्मित आपदाओं से बचने के लिए आपातकालीन योजना बनाएं और आपदा प्रबंधन के उपाय का पालन करें। प्रस्तुत कार्यक्रम रेड क्रॉस सोसायटी की प्रभारी प्रोफेसर डॉक्टर कविता और भूगोल विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर गुलशन कुमार के मार्गदर्शन और दिशा निर्देशन में किया गया।

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नशे के विरुद्ध एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम

हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरो द्वारा एक अभियान- नशा मुक्त जीवन नशा मुक्त समाज

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पंचकूला 1 फरवरी हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरो के पुलिस महानिदेशक श्री ओपी सिंह, भापुसे साहब के दिशानिर्देशों एवं मार्गदर्शन में पुलिस अधीक्षक श्री मोहित हांडा, भापुसे और श्रीमती पंखुडी कुमार  के नेतृत्व में हरियाणा में ड्रग्स के विरुद्ध एक निर्णायक युद्ध चला हुआ है। नशा तस्करों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई इस बात का साक्ष्य है कि 2023 में 3823 अभियोग अंकित कर 5870 से अधिक अपराधियों को कारागार तक पहुँचाया गया है तो वर्ष 2024 में 3331 अभियोग अंकित कर 5094 नशा तस्करों को कारागार का मार्ग दिखाया है। इसके साथ कोई नया व्यक्ति इस नशे की दलदल में न फंसे इसके लिए भी अलग से व्यवस्था की गयी है और वह है नशे के विरुद्ध जागरूकता कार्यक्रम।

 ब्यूरो के जागरूकता कार्यक्रम एवं पुनर्वास प्रभारी/ उप निरीक्षक डॉ. अशोक कुमार वर्मा उच्चाधिकारियों के आदेश से गांव गांव तक साइकिल के साधन का प्रयोग करते हुए पहुँच रहें हैं। वे आज सेक्टर 6 पंचकूला स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में पहुंचे और प्राचार्य रजनीश एवं शिक्षिका मंजू शर्मा की उपस्थिति में नशे के विरुद्ध एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम किया जिसमें 450 छात्र छात्राओं और 50 शिक्षकों सहित 4 अन्य कर्मियों ने भाग लिया। ब्यूरो के जागरूकता कार्यक्रम एवं पुनर्वास प्रभारी उप निरीक्षक डॉ. अशोक कुमार वर्मा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि ड्रग्स के विरुद्ध आंदोलन में सभी को भागीदारी करने की आवश्यकता है ताकि भारत का प्रत्येक व्यक्ति सुखी और स्वस्थ रहे। उन्होंने आगे कहा कि अब आपको भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। ड्रग तस्करों की गुप्त सूचनाएं ब्यूरो के नंबर 9050891508 अथवा भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अंतर्गत  मादक पदार्थ निषेध आसूचना केंद्र की वेबसाइट (www.ncbmanas.gov.in) MANAS पोर्टल अथवा 1933 पर दी जा सकती है। विद्यार्थियों द्वारा पूछे गए पृष्ठों का उत्तर देकर उनकी जिज्ञासा को शांत किया गया। कार्यक्रम के अंत में शपथ ग्रहण करवाई गयी।

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68वें नेशनल स्कूल गेम प्रतियोगिता के अंडर-17 महिला क्रिकेट की मेजबानी कर रहा पंचकूला

3 फरवरी से शुरू होने वाली प्रतियोगिताओं में देशभर के विभिन्न राज्यों की 25 क्रिकेट टीमें लेंगी हिस्सा

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पंचकूला, 31 जनवरी – उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने कहा कि हरियाणा प्रदेश की तरफ से हमारा जिला पंचकूला 68वें नेशनल स्कूल गेम प्रतियोगिता के अंडर-17 महिला क्रिकेट की मेजबानी करने जा रहा है। प्रतियोगिता तीन से सात फरवरी तक चलेगी। उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता के दौरान सम्बन्धित विभाग के अधिकारी सभी प्रकार की सुविधाएं मुहैया सुनिश्चित करें।

उपायुक्त ने बताया कि स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की तरफ से अंडर-17 महिला क्रिकेट की मेजबानी शिक्षा विभाग पंचकूला को मिली है। इस प्रतियोगिता में देश के अलग-अलग राज्यों की टीमें हिस्सा लेंगे। 25 टीमें पंचकूला में क्रिकेट खेलने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुकी है। उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता का शुभारंभ 3 फरवरी को सतलुज पब्लिक स्कूल सेक्टर-4 पंचकूला से किया जाना है। सतलुज पब्लिक स्कूल में प्रतियोगिता के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया जाना है। प्रतियोगिता 7 फरवरी तक चलेंगी। उन्होंने बताया कि जिला में 5 जगहों पर क्रिकेट के मैचों का आयोजन करवाया जाएगा।

ये टीमें लेंगी हिस्सा

प्ंचकूला में होने वाली अंडर-17 प्रतियोगिता में अंध्र प्रदेश, उड़िसा, चंडीगढ़, छतीसगढ़, सीबीएसई वेल्फेयर स्पोट्स ऑग्रेनाजेशन, आईसीएसई की टीमों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, आईपीएससी, झारखंड, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, करेल, केवीएस, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, नवोदय विद्यालय की टीमें हिस्सा लेंगी। पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडू, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल की टीम पंचकूला में आएंगी।

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