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*Chandigarh nears historic milestone: Final Legacy Waste dump at Dadumajra to vanish, paving way for India’s first Zero-Landfill city*

पंचकूला में होगा महाराजा अग्रसेन उत्सव का भव्य आयोजन

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पंचकूला, 6 अक्तूबर- महाराजा अग्रसेन जी का 5145वां जयंती उत्सव 7 अक्तूबर से 10 अक्तूबर तक बड़े धूमधाम से मनाया जायेगा। हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता उत्सव के पहले दिन मुख्यातिथि के रूप में शिरकत करेंगे। इस अवसर पर महाराजा अग्रसेन चैक सेक्टर-16 पर प्रातः 9 बजे हवन का आयोजन किया जायेगा व इसके पश्चात प्रातः 10 बजे ध्वजारोहण कार्यक्रम होगा। इसके अलावा प्रातः 11 बजे भंडारे का आयोजन किया जायेगा।


पंचकूला नगर निगम महापौर श्री कुलभूषण गोयल महाराजा अग्रसेन उत्सव समारोह की अध्यक्षता करेंगे व गौ सेवा आयोग के चेयरमैंन श्री श्रवण गर्ग विशिष्ठ अतिथि के रूप शिरकत करेंगे। महाराजा अग्रसेन उत्सव का आयोजन समस्त अग्रवाल समाज पंचकूला द्वारा किया जायेगा।

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यह जानकारी देते हुये महाराजा अग्रसेन ट्रस्ट के एक प्रवक्ता ने बताया कि उत्सव के दौरान महाराजा अग्रसेन जी एवं मां माध्वी जी की विशाल एवं भव्य शोभायात्रा का आयोजन सुंदर झाकियों के साथ किया जायेगा। शोभा यात्रा सेक्टर-7 पंचकूला से आरंभ होकर सेक्टर-8, 9, 10, 11 व 15 से होते हुये सेक्टर-16 अग्रवाल भवन पर पंहुचेंगी। महाराजा अग्रसेन जयंती उत्सव को अग्रवाल सभा, महाराजा अग्रसेन चेरिटेबल ट्रस्ट, अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन, अग्रवाल हैल्प लाईन, अग्रवाल वैलफेयर ट्रस्ट, अग्रवाल जन आरोग्य ट्रस्ट, अग्रवाल विकास ट्रस्ट, आज क्रांति मंच पंचकूला व अग्रवाल वैश समाज पंचकूला द्वारा संयुक्त रूप से मनाया जायेगा। महाराजा अग्रसेन जयंती उत्सव के अंतिम दिन रविवार को विशाल भंडारे का आयोजन किया जायेगा।

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5 अक्तूबर तक पंचकूला जिला की 3 अनाज मंडियों में 10900 मीट्रिक टन धान की, की जा चुकी है खरीद-उपायुक्त विनय प्रताप सिंह

पंचकूला, 6 अक्तूबर- उपायुक्त श्री विनय प्रताप सिंह ने बताया कि खरीफ सीजन 2021-22 में कल 5 अक्तूबर तक पंचकूला जिला की 3 अनाज मंडियों में सरकारी खरीद एजंसियों द्वारा कुल 10900 मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है।

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उन्होंने बताया कि कल 5 अक्तूबर तक पंचकूला स्थित अनाज मंडी में हरियाणा वेयरहाउसिंग काॅर्पोरेशन द्वारा 160 मीट्रिक टन तथा हैफेड द्वारा 600 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई जबकि बरवाला अनाज मंडी में हरियाणा वेयरहासिंग कार्पोरेशन द्वारा 2700 मीट्रिक टन व हैफेड द्वारा 3450 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई। उन्होंने बताया कि रायपुररानी स्थित अनाज मंडी में हरियाणा वेयरहाउसिंग काॅर्पोरेशन द्वारा 1200 मीट्रिक टन तथा हैफेड द्वारा 2790 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है।

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पंचकूला जिला में बरवाला, रायपुररानी व पंचकूला में स्थापित तीन अनाज मंडियों में सरकारी खरीद एजंसियों नामतः हैफेड तथा हरियाणा वेयरहासिंग कार्पोरेशन द्वारा फसलों की खरीद की जा रही है।

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श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी करती है माता मनसा देवी

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भारत की सभ्यता एवं संस्कृति आदिकाल से ही विश्व की पथ-प्रदर्शक रही है और इसकी चप्पा-चप्पा धरा को ऋषि मुनियों ने अपने तपोबल से पावन किया है। हरियाणा की पावन धरा भी इस पुरातन गौरवमय भारतीय संस्कृति, धरोहर तथा देश के इतिहास एवं सभ्यता का उद्गम स्थल रही है। यह वह कर्म भूमि है, जहां धर्म की रक्षा के लिए दुनिया का सबसे बड़ा संग्राम महाभारत लड़ा गया था और गीता का पावन संदेश भी इसी भू-भाग से गुंजित हुआ है। वहीं शिवालिक की पहाडियों से लेकर कुरूक्षेत्र तक के 48 कोस के सिंधुवन में ऋषि-मुनियों द्वारा पुराणों की रचना की गई और यह समस्त भूभाग देवधरा के नाम से जाना जाता है।


इसी परम्परा में हरियाणा के जिला पंचकूला में ऐतिहासिक नगर मनीमाजरा के निकट शिवालिक पर्वतमालाओं की गोद में सिन्धुवन के अतिंम छोर पर प्राकृतिक छटाओं से आच्छादित एकदम मनोरम एवं शांति वातावरण में स्थित है – सतयुगी सिद्घ माता मनसा देवी का मंदिर। कहा जाता है कि यदि कोई भक्त सच्चे मन से 40 दिन तक निरंतर मनसा देवी के भवन में पहुंच कर पूजा अर्चना करता है तो माता मनसा देवी उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण करती है। माता मनसा देवी का चैत्र और आश्विन मास के नवरात्रों में मेला लगता है।

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माता मनसा देवी के मंदिर को लेकर कई धारणाएं व मान्यताएं प्रचलित हैं। श्रीमाता मनसा देवी का इतिहास उतना ही प्राचीन है, जितना कि अन्य सिद्घ शक्तिपीठों का। इन शक्ति पीठों का कैसे और कब प्रादुर्भाव हुआ इसके बारे में शिव पुराण में विस्तृत वर्णन मिलता है। धर्म ग्रंथ तंत्र चूड़ामणि के अनुसार ऐसे सिद्घ पीठों की संख्या 51 है, जबकि देवी भागवत पुराण में 108 सिद्घ पीठों का उल्लेख मिलता है, जो सती के अंगों के गिरने से प्रकट हुए। श्रीमाता मनसा देवी के प्रकट होने का उल्लेख शिव पुराण में मिलता है। माता पार्वती हिमालय के राजा दक्ष की कन्या थी व अपने पति भगवान शिव के साथ कैलाश पर्वत पर उनका वास था। कहा जाता है कि एक बार राजा दक्ष ने अश्वमेध यज्ञ रचाया और उसमें सभी देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया, परन्तु इसमें भगवान शिव को नहीं बुलाया, इसके बावजूद भी पार्वती ने यज्ञ में शामिल होने की बहुत जिद्द की। महादेव ने कहा कि बिना बुलाए वहां जाना नहीं चाहिए और यह शिष्टाचार के विरूद्घ भी है। अन्त मे विवश होकर मां पार्वती का आग्रह शिवजी को मानना पड़ा। शिवजी ने अपने कुछ गण पार्वती की रक्षार्थ साथ भेजे। जब पार्वती अपने पिता के घर पहुंची तो किसी ने उनका सत्कार नहीं किया। वह मन ही मन अपने पति भगवान शंकर की बात याद करके पश्चाताप करने लगी। हवन यज्ञ चल रहा था। यह प्रथा थी कि यज्ञ में प्रत्येक देवी देवता एवं उनके सखा संबंधी का भाग निकाला जाता था। जब पार्वती के पिता ने यज्ञ से शिवजी का भाग नहीं निकाला तो पार्वती को बहुत आघात लगा।  आत्म-सम्मान के लिए गौरी ने अपने आपको यज्ञ की अग्नि में होम कर दिया। पिता दक्ष प्रजापति के यज्ञ में प्राणोत्सर्ग करने के समाचार को सुन शिवजी बहुत क्रोधित हुए और वीरभद्र को महाराजा दक्ष को खत्म करने के लिए आदेश दिए। क्र ोध में वीरभद्र ने दक्ष का मस्तक काटकर यज्ञ विघ्वंस कर डाला। शिवजी ने जब यज्ञ स्थान पर जाकर सती का दग्ध शरीर देखा तो सती-सती पुकारते हुए उनके दग्ध शरीर को कंधे पर रखकर भ्रान्तचित से तांडव नृत्य करते हुए देश देशातंर में भटकने लगे।


भगवान शिव का उग्र रूप देखकर ब्रहमा आदि देवताओं को बड़ी चिंता हुई। शिवजी का मोह दूर करने के लिए सती की देह को उनसे दूर करना आवश्यक था, इसलिए भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से लक्ष्यभेद कर सती के शरीर को खंड-खंड कर दिया। वे अंग जहां-जहां गिरे वहीं शक्तिपीठों की स्थापना हुई और शिव ने कहा कि इन स्थानों पर भगवती शिव की भक्ति भाव से आराधना करने पर कुछ भी दुलर्भ नहीं होगा क्योंकि उन-उन स्थानों पर देवी का साक्षात निवास रहेगा। हिमाचल प्रदेश के कांगडा के स्थान पर सती का मस्तक गिरने से बृजेश्वरी देवी शक्तिपीठ, ज्वालामुखी पर जिव्हा गिरने से ज्वाला जी, मन का भाग गिरने से छिन्न मस्तिका चिन्तपूर्णी, नयन से नयना देवी, त्रिपुरा में बाई जंघा से जयन्ती देवी, कलकत्ता में दाये चरण की उंगलियां गिरने से काली मदिंर, सहारनपुर के निकट शिवालिक पर्वत पर शीश गिरने से शकुम्भरी, कुरूक्षेत्र में गुल्फ गिरने से भद्रकाली शक्ति पीठ तथा मनीमाजरा के निकट शिवालिक गिरिमालाओं पर देवी के मस्तिष्क का अग्र भाग गिरने से मनसा देवी आदि शक्ति पीठ देश के लाखों भक्तों के लिए पूजा स्थल बन गए हैं।


एक अन्य दंत कथा के अनुसार मनसा देवी का नाम महंत मंशा नाथ के नाम पर पड़ा बताया जाता है। मुगलकालीन बादशाह सम्राट अकबर के समय लगभग सवा चार सौ वर्ष पूर्व बिलासपुर गांव में देवी भक्त महंत मन्शा नाथ रहते थे। उस समय यहां देवी की पूजा अर्चना करने दूर-दूर से लोग आते थे। दिल्ली सूबे की ओर से यहां मेले पर आने वाले प्रत्येक यात्री से एक रुपया कर के रूप में वसूल किया जाता था। इसका मंहत मनसा नाथ ने विरोध किया। हकूमत के दंड के डर से राजपूतों ने उनके मदिंर में प्रवेश पर रोक लगा दी। माता का अनन्य भक्त होने के नाते उसने वर्तमान मदिंर से कुछ दूर नीचे पहाडों पर अपना डेरा जमा लिया और वहीं से माता की पूजा करने लगा। महंत मंशा नाथ का धूना आज भी मनसा देवी की सीढियों के शुरू में बाई ओर देखा जा सकता है।


आईने अकबरी में यह उल्लेख मिलता है कि जब सम्राट अकबर 1567 ई. में कुरूक्षेत्र में एक सूफी संत को मिलने आए थे तो लाखों की संख्या में लोग वहां सूर्य ग्रहण पर इकटठे हुये थे। महंत मंशा नाथ भी संगत के साथ कुरूक्षेत्र में स्नान के लिये गये थे। कहते हैं कि जब नागरिकों एवं कुछ संतों ने अकबर से सरकार द्वारा यात्रियों से कर वसूली करने की शिकायत की तो उन्होंने हिंदुओं के प्रति उदारता दिखाते हुए सभी तीर्थ स्थानों पर यात्रियों से कर वसूली पर तुरंत रोक लगाने का हुकम दे दिया, जिसके फलस्वरूप कुरूक्षेत्र एवं मनसा देवी के दर्शनों के लिए कर वसूली समाप्त कर दी गई।


श्रीमाता मनसा देवी के सिद्घ शक्तिपीठ पर बने मदिंर का निर्माण मनीमाजरा के राजा गोपाल सिंह ने अपनी मनोकामना पूरी होने पर लगभग पौने दो सौ वर्ष पूर्व चार वर्षो में अपनी देखरेख में सन 1815 ईसवी में पूर्ण करवाया था। मुख्य मदिंर में माता की मूर्ति स्थापित है। मूर्ति के आगे तीन पिंडीयां हैं, जिन्हें मां का रूप ही माना जाता है। ये तीनों पिंडीयां  महालक्ष्मी, मनसा देवी तथा सरस्वती देवी के नाम से जानी जाती हैं। मंदिर की परिक्रमा पर गणेश, हनुमान, द्वारपाल, वैष्णवी देवी, भैरव की मूर्तियां एवं शिव लिंग स्थापित है। इसके अतिरिक्त श्रीमनसा देवी मंदिर के प्रवेश द्वार पर माता मनसा देवी की विधि विधान से अखंड ज्योत प्रज्जवलित कर दी गई है। इस समय मनसा देवी के तीन मंदिर हैं, जिनका निर्माण पटियाला के महाराज द्वारा करवाया गया था। प्राचीन मदिंर के पीछे निचली पहाडी के दामन में एक ऊंचे गोल गुम्बदनुमा भवन में बना माता मनसा देवी का तीसरा मदिंर है। मदिंर के एतिहासिक महत्व तथा मेलों के उपर प्रति वर्ष आने वाले लाखों श्रद्घालुओं को और अधिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए 9 सितम्बर 1991 को माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड का गठन किया गया।


श्री माता मनसा देवी की मान्यता के बारे पुरातन लिखित इतिहास तो उपलब्ध नहीं है, परन्तु पिंजौर, सकेतडी एवं कालका क्षेत्र में पुरातत्ववेताओं की खोज से यहां जो प्राचीन चीजे मिली हैं, जो पाषाण युग से संबंधित है उनसे यह सिद्घ होता है कि आदिकाल में भी इस क्षेत्र में मानव का निवास था और वे देवी देवताओं की पूजा करते थे, जिससे यह मान्यता दृढ होती है कि उस समय इस स्थान पर माता मनसा देवी मदिंर विद्यमान था। यह भी जनश्रुति है कि पांडवों ने बनवास के समय इस उत्तराखंड में पंचपूरा पिंजौर की स्थापना की थी। उन्होंने ही अन्य शक्तिपीठों के साथ-साथ चंडीगढ के निकट चंडीमदिंर, कालका में काली माता तथा मनसा देवी मदिंर में देवी आराधाना की थी। पांडवों के बनवास के दिनों में भगवान श्री कृष्ण के भी इस क्षेत्र में आने के प्रमाण मिलते हैं। त्रेता युग में भी भगवान द्वारा शक्ति पूजा का प्रचलन था और श्री राम द्वारा भी इन शक्ति पीठों की पूजा का वर्णन मिलता है।


हरिद्वार के निकट शिवालिक की ऊंची पहाडियों की चोटी पर माता मनसा देवी का एक और मदिंर विद्यमान है, जो आज देश के लाखों यात्रियों के लिये अराध्य स्थल बना हुआ है, परन्तु उस मदिंर की गणना 51 शक्तिपीठों में नहीं की जाती। पंचकूला के बिलासपुर गांव की भूमि पर वर्तमान माता मनसा देवी मदिंर ही सिद्घ शक्ति पीठ है, जिसकी गणना 51 शक्ति पीठों में होने के अकाट्य प्रमाण हैं। हरिद्वार के निकट माता मनसा देवी के मदिंर के बारे यह दंत कथा प्रसिद्घ है कि यह मनसा देवी तो नागराज या वासुकी की बहिन, महर्षि कश्यप की कन्या व आस्तिक ऋषि की माता तथा जरत्कारू की पत्नी है, जिसने पितरों की अभिलाषा एवं देवताओं की इच्छा एवं स्वयं अपने पति की प्रतिज्ञा को पूर्ण करने तथा सभी की मनोकामना पूर्ण करने के लिए वहां अवतार धारण किया था, सभी की मनोकामना पूर्ण करने के कारण अपने पति के नाम वाली जरत्कारू का नाम भक्तों में मनसा देवी के रूप में प्रसिद्घ हो गया। वह शाक्त भक्तों में अक्षय धनदात्रि, संकट नाशिनी, पुत्र-पोत्र दायिनी तथा नागेश्वरी माता आदि नामों से प्रसिद्घ है।
जिला प्रशासन पंचकूला द्वारा 7 से 14 अक्टूबर तक लगने वाले अश्विन नवरात्र मेले के लिए श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुवधिा न हो, की दिशा में पुख्ता प्रबंध किए हैं। श्री माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड के मुख्य प्रशासक एवं उपायुक्त श्री विनय प्रताप सिंह ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई बार बैठकें आयोजित कर किए गए प्रबंधों की गहन रूचि लेकर समीक्षा भी की ताकि देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं को माता के दर्शन करने आने में किसी प्रकार की कठिनाई न हो। 

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हरियाणा के शिक्षा मंत्री श्री कंवर पाल गुज्जर से मुलाकात के दौरान नई शिक्षा नीति के विषय में विस्तार से हुई चर्चा- बंतो कटारिया

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पंचकूला, 5 अक्तूबर- भाजपा की पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष व गेल की पूर्व स्वतंत्र निदेशक श्रीमती बंतो कटारिया ने बताया कि हरियाणा के शिक्षा मंत्री श्री कंवर पाल गुज्जर से मुलाकात के दौरान उन्होंने नई शिक्षा नीति के विषय में विस्तार से चर्चा की गई।  


उन्होंने बताया कि यह नीति 34 वर्ष की प्रतीक्षा के बाद आई है, जो करोड़ों युवाओं की आशाओं और आकांक्षाओं को साकार करने वाली हैस जिसका देश के शैक्षणिक परिदृश्य पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा। इससे आंतरिक बदलाव होगा और संसाधनों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे भारत के भविष्य को नई दिशा मिलेगी और भविष्य में उसकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी।  


उन्होंने बताया कि शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने उन्हें विश्वास दिलाया कि इस शिक्षा नीति में प्री-स्कूल से ही एक बच्चे के लिये अधिक सुगम व सक्षम परिवेश सुनिश्चित करना हैं। इसमें स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के लिए कभी भी पाठ्यक्रम को छोड़ने के लिए उपयुक्त प्रमाण के साथ पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने और छोड़ने के कई विकल्प होंगे। यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परिकल्पना किए गए इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधारों के लिए आवश्यक है। यह नीति विश्व स्तर की शिक्षा प्रणाली के इतिहास में सबसे अधिक परामर्श प्रक्रियाओ के बाद लाई गई है और भारत को ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के शीर्ष पर पहुंचाने के हमारे नेतृत्व के संकल्प और दृष्टिकोण को दर्शाती है।  बंतो कटारिया ने कहा जैसा कि हम अमृत महोत्सव या भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष मना रहे हैं, वैसे ही यह नीति आज के 5 से 15 वर्ष तक की आयु के उन बच्चों को तैयार करेगी जो भारत की स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर 30 से 40 वर्ष आयु के होंगे और देश के उज्जवल भविष्य के लिये काम करेगे।

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बंतो कटारिया ने कहा नई शिक्षा निति हरियाणा के करोड़ो बच्चों के लिये गेम चेजर साबित होगी और अब ये छात्र कौशल शिक्षा में निपुण होकर आने वाले समय में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में मुख्य भूमिका अदा करेगे। हरियाणा प्रदेश में शिक्षा निति को सफलतापूर्वक एवम जोरदार ढंग से लागू करने पर शिक्षा मंत्री का धन्यवाद करते हुये बंतो कटारिया ने कहा आज सामान्य श्रेणी के विधार्थीयों के साथ-साथ लाखों गरीब समाज के बच्चे भी नई शिक्षा निति के माध्यम से लाभ उठा रहे हैं।

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18 अक्तूबर तक बढाई गई ’महामारी अलर्ट-सुरक्षित हरियाणा’ आदेश की अवधि-जिलाधीश विनय प्रताप सिंह

– केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की पालना करते हुए ओद्यौगिक प्रशिक्षण संस्थानों को 100 प्रतिशत श्रमता के साथ खालने की अनुमति


– नवरात्र, दुशहरा, मिलाद-उन-नबी/ईद-ए-मिलाद, करवा चैथ, दिवाली, गोवर्धन पूजा, छठ पूजा, गुरू नानक जयंती, क्रिसमस तथा नयू ईयर ईव जैसे त्यौाहारों के दौरान मेलों व बड़ी संख्या में भीड़ के दृष्टिगत कोविड उचित व्यवहार का पालन करना होगा जरूरी

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पंचकूला, 5 अक्तूबर- जिलाधीश विनय प्रताप सिंह ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए ’महामारी अलर्ट-सुरक्षित हरियाणा’ के आदेशों की अवधि को जिला में 18 अक्तूबर, 2021 सुबह 5 बजे तक बढ़ा दिया है।


जिलाधीश द्वारा जारी आदेशों के अनुसार ओद्यौगिक प्रशिक्षण संस्थानों को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की पालना करते हुए 100 प्रतिशत श्रमता के साथ खालने की अनुमति प्रदान की गई है। इस दिशा में हरियाणा कौषल विकास विभाग तथा तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा जल्द ही दिशा-निर्देश जारी कर दिये जायेंगे।


जारी आदेशों के अनुसार आगामी महीनों में जिला में नवरात्र, दुशहरा, मिलाद-उन-नबी/ईद-ए-मिलाद, करवा चैथ, दिवाली, गोवर्धन पूजा, छठ पूजा, गुरू नानक जयंती, क्रिसमस तथा नयू ईयर ईव जैसे त्यौाहारों के दौरान मेलों व बड़ी संख्या में भीड़ के दृष्टिगत, खास तौर पर धार्मिक स्थानों पर कोविड उचित व्यवहार का पालन करना जरूरी होगा।


जिलाधीश द्वारा जारी आदेशों के अनुसार कॉलेजों एवं पोलिटैक्निकों  को खोलने की अनुमति प्रदान की गई है, जबकि कोविड उचित व्यवहार, सामाजिक दूरी के नियमों व केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी हिदायतों का पालन इन परिसरों में करना होगा। इस दिशा में उच्चतर शिक्षा विभाग तथा तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा जल्द ही दिशा-निर्देश जारी कर दिये जायेंगे।


जिलाधीश द्वारा जारी किए गए आदेशों के अनुसार मॉल सहित होटल में रेस्टोरेंट एवं बार को सामाजिक दूरी, नियमित सैनीटाईजेशन का पालन करते हुए 50 फीसदी बैठने की क्षमता के साथ संचालित करने की अनुमति होगी। जिम और स्पा को भी 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने की अनुमति दी गई है। इसके लिए भी महामारी से बचाव के सभी नियमो की पालना करनी होगी। सिनेमा हाॅल, माॅलस के अंदर व सटैंड अलोन 50 प्रतिशत बैठने की क्षमता के साथ कोविड-19 व्यवहार नियमों की पालना करते हुए खुल सकेंगे।

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गोल्फ कोर्स के क्लब हाउसिज, रेस्टोरेंट्स और बार को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने की अनुमति दी गई है। इसके लिए भी कोविड अनुकूल व्यवहार की शर्तें जारी रहेगी। गोल्फ कोर्स में खेलने के लिए खिलाड़ियों की भीड़ ना हो, इसका प्रबंधन करना होगा। इसी प्रकार से सभी दुकानों और शॉपिंग माल को आवश्यक सामाजिक दूरी, नियमित सैनिटाइजेशन और कोविड-19 व्यवहार की शर्तों के साथ खोलने की अनुमति प्रदान की गई है।


जिलाधीश द्वारा जारी किए गए आदेशों के अनुसार सामाजिक दूरी के सिद्घांत, नियमित सैनिटाइजेशन और कोविड-19 अनुकूल व्यवहार के नियमों की अनुपालना के साथ स्विमिंग पूल खोलने की अनुमति दी गई है, लेकिन इसके लिए प्रतिभागियों, विजिटर्स व स्टाफ का टीकाकरण होना जरूरी है। इनडोर स्थानों में हॉल की क्षमता का 50 प्रतिशत लोग इकठ्ठा हो सकते हैं, जिनकी अधिकतम सीमा 100 रखी गई है। खुले स्थानों में अधिकतम 200 लोगों तक इकट्ठा हो सकते हैं। कोविड-19 का व्यवहार व सामाजिक दूरी के नियम की सख्ती से पालन सुनिश्चित करनी होगी।


विभिन्न विश्वविद्यालयों, संस्थानों, सरकारी विभागों और अन्य भर्ती एजेंसी जिला में प्रवेश व भर्ती परीक्षाओं का आयोजन कोरोना की रोकथाम के लिये स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय तथा केंद्रीय व राज्य द्वारा जारी संशोधित एसओपीज की सख्त पालना सुनिश्चित करने के साथ कर सकेंगे।
हरियाणा कौशल विकास मिशन के तहत स्थापित ट्रेनिंग सेंटर को खोलने की अनुमति दी गई है। कोचिंग संस्थान, लाईबे्ररी, प्रशिक्षण संस्थान (सरकारी या निजी) शर्तों के साथ खुल सकेंगे। आईटीआई के विद्यार्थियों की शंकाए दूर करने के लिए, प्रयोगशाला में प्रैक्टिकल कक्षाओं, प्रैक्टिकल परीक्षाओं के लिए खोलने की अनुमति प्रदान की गई है।


जारी आदेशानुसार एक समय में 50 व्यक्तियों के साथ धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति होगी। इन स्थलों पर सामाजिक दूरी नियमित सेनेटाइजेशन तथा कोविड उचित व्यवहार की शर्तों का पालन करना होगा। कोर्पोरेट ऑफिस पूर्ण उपस्थिति के साथ खुल सकेंगे। इन्हें भी सामाजिक दूरी, नियमित सेनेटाइजेशन एवं कोविड उचित व्यवहार के नियम की पालना करनी होगी। सभी उत्पादन ईकाइयां, प्रतिष्ठान एवं उद्योगों को कार्य की अनुमति होगी, हालांकि उन्हें कोविड-19 के उचित व्यवहार, हिदायतों आदि का पालन करना होगा। संपर्क वाले खेलों को छोड़ कर खेल परिसर व स्टेडियम ऑउट डोर खेल प्रतियोगिताओं सहित खेल गतिविधिया के लिए खुल सकेंगे (दर्शकों को अनुमति नहीं होगी)। इन गतिविधियों के दौरान सामाजिक दूरी, खेल परिसर का नियमित सेनिटाइजेशन तथा कोविड उचित व्यवहार का पालन सुनिश्चित करना होगा।


जारी आदेशों के अनुसार ’नो मास्क-नो सर्विस’ के सिद्धांत को सख्ती से लागू किया जाएगा। उन्हीं लोगों को पब्लिक व प्राइवेट ट्रांसपोर्ट में सफर की अनुमति दी जाएगी जो मास्क लगाएंगे। इसी प्रकार से सरकारी व निजी प्रतिष्ठानों से केवल वे ही लोग सेवाएं अथवा सामान प्राप्त कर सकेंगे, जिन्होंने मास्क लगाया होगा। सभी दुकानदारो को अपनी दुकानों के सामने सामाजिक दूरी के निशान लगाने होंगे।
इन आदेशों को प्रभावी रूप से लागू करवाने के लिए नगर निगम आयुक्त, जिला नगर आयुक्त सुनिश्चित करेंगे कि नगरपालिकायें इन आदेशों व दिशा निर्देशों का दुकानदारों में प्रचार प्रसार करेंगी। पुलिस उपायुक्त इन आदेशों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिये इंस्पैक्शन टीम का गठन करेंगे।


इसके अलावा उपमंडल अधिकारी (ना0) पंचकूला व कालका प्रतिदिन गतिविधियों पर निगरानी रखने और आदेशों की सख्त पालना सुनिश्चित करने के लिये अपने अपने अधिकार क्षेत्रों में इंचार्ज होंगे।
सभी इंन्सीडेंट कमांडर अपने-अपने इलाकों में इन आदेशों को लागू करने के लिये उत्तरदायी होंगे।


इन आदेशो की उल्लघ्ंाना करने वालों के खिलाफ आपदा प्रबन्धन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 और आई पी सी की धारा 188 के तहत कार्यवाही की जाएगी।

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4 अक्तूबर तक पंचकूला जिला की 3 अनाज मंडियों में 6900 मीट्रिक टन धान की की जा चुकी है खरीद-उपायुक्त विनय प्रताप सिंह

पंचकूला, 4 अक्तूबर- उपायुक्त श्री विनय प्रताप सिंह ने बताया कि खरीफ सीजन 2021-22 में कल 4 अक्तूबर तक पंचकूला जिला की 3 अनाज मंडियों में सरकारी खरीद एजंसियों द्वारा कुल 6900 मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है।

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उन्होंने बताया कि कल 4 अक्तूबर तक पंचकूला स्थित अनाज मंडी में हरियाणा वेयरहाउसिंग काॅर्पोरेशन द्वारा 160 मीट्रिक टन तथा हैफेड द्वारा 100 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई जबकि बरवाला अनाज मंडी में हरियाणा वेयरहासिंग कार्पोरेशन द्वारा 1100 मीट्रिक टन व हैफेड द्वारा 3450 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई। उन्होंने बताया कि रायपुररानी स्थित अनाज मंडी में हरियाणा वेयरहाउसिंग काॅर्पोरेशन द्वारा 1200 मीट्रिक टन तथा हैफेड द्वारा 890 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है।

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पंचकूला जिला में बरवाला, रायपुररानी व पंचकूला में स्थापित तीन अनाज मंडियों में सरकारी खरीद एजंसियों नामतः हैफेड तथा हरियाणा वेयरहासिंग कार्पोरेशन द्वारा फसलों की खरीद की जा रही है।

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हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञान चंद गुप्ता ने सिविल अस्पताल सेक्टर-6, पंचकूला के परिसर में मलेरिया कार्यालय भवन एवं एमसीएच प्रखंड का किया भूमि पूजन

– स्वास्थ्य कर्मियों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये प्रशस्ति पत्र देकर किया सम्मानित


– सेक्टर-6 अस्पताल में मलेरिया भवन व मदर एंड चाईल्ड केयर अस्पताल के शुरू होने से पंचकूला के साथ साथ चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश व पंजाब से भी लोग यहां स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे-गुप्ता

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पंचकूला, 5 अक्तूबर- पंचकूला में स्वास्थ्य सेवाओं में एक और नया अध्याय जोड़ते हुये आज हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने  सिविल अस्पताल सेक्टर-6, पंचकूला के परिसर में मलेरिया कार्यालय एवं मदर एंड चाईल्ड केयर अस्पताल (एमसीएच) प्रखंड का भूमि पूजन किया। साथ ही उन्होंने हेल्थ केयर वर्कर्स और पेरामेडिकल स्टाफ को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिये प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।


भूमि पूजन के अवसर पर श्री गुप्ता के साथ नगर निगम महापौर कुलभूषण गोयल, स्वस्थ्य विभाग की महानिदेशक डॉ. वीना सिंह, अतिरिक्त महानिदेशक डाॅ वीके बंसल, निदेशक वंदना गुप्ता, सिविल सर्जन डाॅ मुक्ता कुमार, पीएमओ डाॅ सुवीर सक्सेना भी उपस्थित थे।


इस अवसर पर उपस्थित डाॅक्टर्स, हेल्थ केयर वर्कर्स और पेरामेडिकल स्टाफ को संबोधित करते हुये श्री गुप्ता ने कहा कि आज पंचकूला के लिये एक महत्वपूर्ण दिन है जब स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक साथ दो नये आयाम स्थापित हुये हैं। उन्होंने कहा कि सेक्टर-6 अस्पताल में मलेरिया भवन व मदर एंड चाईल्ड केयर अस्पताल के शुरू होने से पंचकूला के साथ साथ चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश व पंजाब से भी लोग यहां स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल में मलेरिया कार्यालय की बहुत आवश्यकता थी। लगभग पिछले 20 सालों से यहां मलेरिया के कार्यालय के लिये कोई स्थाई भवन नहीं था। कार्यालय का कार्य अलग अलग स्थानों सेक्टर-6, 10 व सेक्टर-11 से चलाया जा रहा था परंतु अब सेक्टर-6 सिविल अस्पताल में पांच मंजिलीय मलेरिया कार्यालय भवन के बनने के बाद मलेरिया कर्मी व अन्य संबंधित कर्मचारी एक ही छत के नीचे बेहतर तालमेल के साथ कार्य कर सकेंगे। यहां मलेरिया का पता लगाने व उसके इलाज के लिये सभी आवश्यक सुविधायें उपलब्ध होंगी।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सिविल अस्पताल में मदर एंड चाईल्ड केयर अस्पताल (एमसीएच) पंचकूला के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि 200 बैड की क्षमता वाला यह 11 मंजिलीय अस्पताल लगभग 100 करोड की लागत से बनाया जायेगा। उन्होनंे कहा कि इस अस्पताल में ओपीडी क्षेत्र, स्टेप डाउन के साथ लेबर रूम, एएनसी वार्ड, स्टेप डाउन के साथ ओटी कॉम्प्लेक्स, प्रसूति और बाल चिकित्सा आईसीयू, एसएनसीयू, पीएनसी वार्ड,  निजी वार्ड, बाल चिकित्सा वार्ड, यूएसजी कक्ष, लैब सुविधा, प्रतिरक्षण कक्ष, संकाय कक्ष, शैक्षणिक विंग, कौशल प्रयोगशाला, संगोष्ठी कक्ष, पुस्तकालय, स्टोर, सिविल सर्जन कार्यालय के लिए प्रशासनिक ब्लॉक और प्रधान चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय के लिए, उपयोगिता भवन में उपलब्ध कराने के लिए 04 मंजिल की सुविधा होगी।
श्री गुप्ता ने कहा कि वर्तमान में सेक्टर-6 सिविल अस्पताल में 300 बैड की सुविधा है और इस 200 बैड के मदर एंड चाईल्ड केयर अस्पताल के शुरू होने से यह क्षमता बढ़कर 500 हो जायेगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा में शायद ही कोई ऐसा सरकारी अस्पताल है जहां 500 बैड की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि 2014 में जब श्री मनोहर लाल हरियाणा के मुख्यमंत्री बने उस समय इस अस्पताल की क्षमता केवल 100 बैड की थी परंतु मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल व स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज के प्रयासों के फलस्वरूप इस अस्पताल की क्षमता 300 बैड की हुई और अब यह बढ़कर 500 होने जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल में एमआरआई, सीटी स्केन, डायलेसिस व कैथ लैब की सुविधायें भी वर्तमान सरकार के कार्यकाल में ही उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने कहा कि डेंगू के मरीजों को प्लैटलेटस की आवश्यकता होती हैं और उन्हें खुशी है कि खून से प्लैटलेटस को अलग करने की सुविधा भी इस अस्पताल में शुरू हो चुकी हैं।


उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल सेक्टर-6 में प्रतिदिन लगभग 4300 के करीब लोग ओपीडी में आ रहे है। यह संख्या जीएमसीएच सेक्टर-32 चंडीगढ़ में आने वाले लोगो ंसे कहीं अधिक हैं। इसके अलावा शाम की ओपीडी में भी लगभग 100 लोग, जिसमें वरिष्ठ नागरिक भी शामिल है, विभिन्न रोगों के इलाज के लिये यहां आते हैं।

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इस अवसर पर श्री गुप्ता ने कोविड के दौरान डाॅक्टर्स, स्वास्थ्य कर्मचारी व अन्य पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा दी गई सेवाओं की सराहना की। श्री गुप्ता ने कहा कि जिस तरह से उन्होंने अपनी जान की परवाह किये बिना कोविड मरीजों का इलाज व देखभाल की, उससे अनेक कीमती जानो को बचाया जा सका। उन्होंने कहा कि अभी कोरोना पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे सरकार द्वारा जारी एसओपी व दिशा निर्देशों का पालन करें ताकि इस भयंकर बीमारी से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि कोविड के समय में हमें सावधानियां बरततें हुये ही अपने जीवन में आगे बढ़ना हैं। उन्होनंे यह भी अपील की कि डेंगू के बारे में भी लोगों को अधिक से अधिक जागरूक किया जाये ताकि इससे फैलने से रोका जा सके।


इस अवसर पर बीजेपी जिला अध्यक्ष श्री अजय शर्मा, जिला महामंत्री वीरेंद्र राणा, पार्षद सुरेश वर्मा, जय कोशिक व सेक्टर-6 अस्पताल के डाॅक्टर और कर्मचारी उपस्थित थे।

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राज्य की सभी सहकारी चीनी मिलों को अक्तूबर के अंतिम सप्ताह से लेकर नवंबर के दूसरे सप्ताह के दौरान चालू कर दिया जाएगा- सहकारिता मंत्री

गन्ना किसानों को किसी भी प्रकार की नहीं होनी चाहिए दिक्कत, सुनिश्चित करें अधिकारी- डॉ बनवारी लाल

एथोनॉल के उत्पादन के लिए बाजरे व आलू में पाए जाने वाले गलूकोज का करें अध्ययन- सहकारिता मंत्री

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पंचकूला, 5 अक्तूबर – हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि आने वाले गन्ना पिराई सीजन के तहत राज्य की सभी सहकारी चीनी मिलों को अक्तूबर के अंतिम सप्ताह से लेकर नवंबर के दूसरे सप्ताह के दौरान चालू कर दिया जाएगा ताकि गन्ना किसानों को किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पडें। इसके अलावा, उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि एथोनॉल के उत्पादन के लिए बाजरे व आलू में पाए जाने वाले गलूकोज के बारे में अध्ययन किया जाए ताकि बाजरे व आलू से भी एथोनॉल के उत्पादन की संभावनाएं तलाषी जा सकें।  


डॉ. बनवारी लाल आज पंचकूला में हरियाणा राज्य सहकारी चीनी मिल प्रसंघ लि. के अधिकारियों तथा सभी सहकारी चीनी मिलों के प्रबंध निदेषकों की एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस बैठक में शाहाबाद के विधायक व शुगरफेड के चेयरमैन श्री राम करण काला तथा सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल भी मौजूद रहे।


बैठक में बताया गया कि पलवल की सहकारी चीनी मिल को आगामी 26 अक्तूबर, पानीपत-करनाल-शाहाबाद की सहकारी चीनी मिलों को आगामी 9 नवंबर, रोहतक की सहकारी चीनी मिल को 10 नवंबर, सोनीपत-जींद-महम-गोहाना की सहकारी चीनी मिलों को 11 नवंबर और कैथल सहकारी चीनी मिल तथा असंध की चीनी मिल को आगामी 12 नवंबर को गन्ना पिराई के लिए चालू कर दिया जाएगा।

बैठक में या मुख्यालय द्वारा दिए निर्देशों/आदेशों की हो अक्षरक्षः अनुपालना- डॉ बनवारी लाल

सहकारिता मंत्री ने चीनी मिलों के प्रबंध निदेषकों को निर्देश देते हुए कहा कि बैठक के दौरान या मुख्यालय द्वारा जो भी निर्देश/आदेश दिए जाते हैं उनकी अक्षरक्षः अनुपालना समय पर होनी चाहिए तथा इसकी रिपोर्ट निर्धारित समय अवधि के दौरान संबंधित उच्च अधिकारी को उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि आज जो सहकारी चीनी मिलों को आगामी सीजन के लिए षुरू करने की टाईमलाइन चीनी मिलों के अधिकारियों द्वारा दी गई है वह उसी समय के अनुसार शुरू हो जानी चाहिए। इसके अलावा, संबंधित चीनी मिलों के संबंधित अधिकारियों को समय रहते अपनी चीनी मिल की मरम्मत व रख-रखाव का कार्य पूरा कर लेना चाहिए ताकि आने वाले समय में किसानों को किसी भी दिक्कत का सामना न करना पडें।

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जनवरी, 2022 के प्रथम सप्ताह के दौरान पानीपत की सहकारी चीनी का नया संयंत्र होगा चालू

बैठक के दौरान सहकारिता मंत्री को अवगत कराया गया कि आने वाले जनवरी, 2022 के प्रथम सप्ताह के दौरान पानीपत की सहकारी चीनी के नए संयंत्र को भी चालू कर दिया जाएगा। इस पर, सहकारिता मंत्री ने संबंधित अधिकारी को निर्देष दिए कि वे पहली जनवरी, 2022 तक नए संयंत्र को चालू करने के संबंध में सभी कार्यों को पूरा कर लें और इस नए संयंत्र को चालू करने में विषेश रूचि रखें। बैठक में बताया गया कि पानीपत की सहकारी चीनी मिल में को-जनरेषन के लिए 132 केवी लाईन के मामले को एचवीपीएनएल तथा एचईआरसी के साथ समन्वय किया जा रहा हैं। इसी प्रकार, करनाल की सहकारी चीनी मिल में 132 केवीए लाईन के संबंध में भी जानकारी सहकारिता मंत्री व उच्च अधिकारियों को उपलब्ध करवाई गई।

आगामी 31 अक्तूबर तक शाहाबाद में 60 केएलपीडी के एथोनॉल परियोजना को किया जाएगा  शुरू  – सहकारिता मंत्री

बैठक के दौरान सहकारिता मंत्री को अवगत कराया गया कि एथोनॉल के उत्पादन में गलूकोज का महत्व होता है, इस पर सहकारिता ने संबंधित अधिकारियों को निर्देष देते हुए कहा कि एथोनॉल के उत्पादन के लिए बाजरे व आलू में पाए जाने वाले गलूकोज के बारे में अध्ययन किया जाए कि बाजरे व आलू में पाए जाने वाले गलूकोज से एथोनॉल का उत्पादन संभव हैं या नहीं। वहीं, अधिकरियों ने सहकारिता मंत्री को बताया कि आगामी 31 अक्तूबर तक षाहाबाद में 60 केएलपीडी के एथोनॉल परियोजना को षुरू कर दिया जाएगा। इसी प्रकार, पलवल, सोनीपत, कैथल, जींद, गोहाना, महम, पानीपत, रोहतक व असंध की चीनी मिलों की क्षमता प्रगति इत्यादि की समीक्षा की गई।

निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए टाइमलाईन फिक्स करें अधिकारी- संजीव कौषल

बैठक के दौरान सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री संजीव कौषल ने संबंधित अधिकारियों को निर्देष देते हुए कहा कि निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए टाइमलाईन फिक्स करें और यदि कोई भी थर्ड पार्टी समय पर कार्य करके नहीं दे रही है तो उस पार्टी को बदलकर दूसरी पार्टी से काम करवाएं ताकि समय की बचत हो सकें और परियोजना को समय पर षुरू किया जा सकें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देष देते हुए कहा कि लक्ष्य आधारित कार्य को आगे बढाते हुए समय अवधि को निर्धारित करें। उन्होंने कहा कि परियोजना के मूल्यांकन के साथ-साथ चार्ट बनाकर सामानंतर गतिविधियों को भी अंजाम दें। श्री कौषल ने कहा कि परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए पारदर्षी तरीके से चलना आवश्यक है इसलिए यदि परियोजना में देरी हो रही है तो उन सभी बिंदूओं पर भी कार्य करेें ताकि परियोजना में हो रही देरी को कम करते हुए उसे समय पर पूरा किया जा सकें तथा साथ ही संबंधित की जिम्मेदारी भी फिक्स करें।

सहकारी चीनी मिलों के प्रबंध निदेशकों के कार्यकलापों के लिए तैयार हो एसओपी- कौशल

बैठक के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव ने षुगरफेड के प्रबंध निदेशक को निर्देश देते हुए कहा कि सहकारी चीनी मिलों के प्रबंध निदेशकों के कार्यकलापों के लिए एक मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) तैयार की जाए और इन एसओपी को प्रबंध निदेषकों के कार्यालय में बोर्ड पर लगवाया जाए। इसके अलावा, सीजन आने पर एक कार्यषाला भी आयोजित की जाए ताकि चीनी मिलों के प्रबंध निदेषक अपने काम के प्रति सतर्क रहें।
बैठक में हैफेड के प्रबंध निदेशक श्री ए. श्रीनिवास, हरियाणा राज्य सहकारी चीनी मिल प्रसंघ लि. के प्रबंध निदेशक श्री जितेन्द्र कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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3 अक्तूबर तक पंचकूला जिला की 3 अनाज मंडियों में 3410 मीट्रिक टन धान की की जा चुकी है खरीद-उपायुक्त विनय प्रताप सिंह

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पंचकूला, 4 अक्तूबर- खरीफ सीजन 2021-22 में कल 3 अक्तूबर तक पंचकूला जिला की 3 अनाज मंडियों में सरकारी खरीद एजंसियों द्वारा कुल 3410 मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है।
इस संबंध मे जानकारी देते हुए उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने बताया कि पंचकूला जिला में बरवाला, रायपुररानी व पंचकूला में स्थापित तीन अनाज मंडियों में सरकारी खरीद एजंसियों नामतः हैफेड तथा हरियाणा वेयरहासिंग कार्पोरेशन द्वारा फसलों की खरीद की जा रही है।

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उन्होंने बताया कि कल 3 अक्तूबर तक पंचकूला स्थित अनाज मंडी में हैफेड द्वारा 100 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई जबकि बरवाला अनाज मंडी में हरियाणा वेयरहासिंग कार्पोरेशन  द्वारा 1100 मीट्रिक टन व हैफेड द्वारा 1320 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई। उन्होंने बताया कि रायपुररानी स्थित अनाज मंडी में हैफेड द्वारा 890 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है।

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प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को वित्तीय सहायता का प्रावधान-दिलबाग सिंह

– तालाबों और सूक्ष्म जलक्षेत्रों में मछली संस्कृति को बनाये रखने के लिये मछली किसानों को तकनीकी सहायता भी प्रदान की जाती है-दिलबाग सिंह

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पंचकूला,  4 अक्तूबर- केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को मछली पालन के व्यवसाय के लिये वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
इस संबंध में जानकारी देते हुये जिला मत्स्य अधिकारी श्री दिलबाग सिंह ने मछली पालकों से अपील की गई है कि वे आगे आ कर सरकार द्वारा दी जा रही इन सुविधाओं का अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करें। उन्होंने बताया कि अधिसूचित जल की नीलामी पर वित्तीय सहायता राशि 4 लाख रुपये की अधिकतम सीमा के साथ वास्तविक नीलामी की राशि का 25 प्रतिशत अनुदान वित्तीय सहायता के रूप में दिया जाता है। उन्होंने बताया कि तालाब की लीज राशि पर सहायता, इनपुट्स पर सब्सिडी, मछली किसानों को प्रशिक्षण वजीफा, मछली पकड़ने के जाल की खरीद पर सब्सिडी, मछली मंडी में थोक एवं खुदरा मछली दुकान के किराये पर अनुदान सहायता के साथ साथ रंगीन मछली की लघु एवं मध्यम वर्गीय बैकयार्ड हैचरी युनिट की स्थापना के साथ साथ अनुदान के रूप में सहायता की जाती है।


उन्होंने बताया कि किसानों की मदद के लिये योजना और तालाबों के अनुमानों की तैयारी और गुणवत्ता वाले बीज और फीड की आपूर्ति की जाती है। उन्होंने बताया कि इसी तरह मछली के विकास और रोगों की जांच में भी सहायता दी जाती है। मछली फसल काटने की मशीन और मछली परिवहन और विपणन में सहायता दी जाती है।

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श्री दिलबाग ने बताया कि राज्य सरकार मत्स्य पालन क्षेत्र में विभिन्न गतिविधियों को शुरू करने के लिये मछली किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इस वित्तीय सहायता में सघन मत्स्य विकास कार्यक्रम की योजना के अंर्तगत नये तालाबों की खुदाईध्मछली संस्कृति इकाई के निर्माण के लिये ऋण सहायता, सामुदायिक भूमि का नवीनीकरण करके अतिरिक्त जल क्षेत्र का निर्माण करना शामिल है। उन्होंने बताया कि मौजूदा तालाबों और सूक्ष्म जलक्षेत्रों में मछली संस्कृति को बनाये रखने के लिये मछली किसानों को तकनीकी सहायता प्रदान करना है। इसके लिये शैलो, डीप ट्यूब्वैल और जलवाहक के लिये वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है।