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एच एस वी पी के सहयोग से आयोजित विमर्श मंे हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण की अध्यक्ष श्रीमती केशनी आंनद अरोड़ा ने मुख्य अतिथि के रूप में की शिरकत

जल संवाद-जल पत्रकारिता विषय पर बोले जल पुरूष राजेन्द्र सिंह

भारतीय परंपरा में नीर, नारी और नदी को नारायण माना जाता था-राजेन्द्र सिंह

जल के डीस्चार्ज और रिचार्ज में बनाना होगा संतुलन-राजेन्द्र सिंह

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पंचकूला, 7 दिसंबर- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की परिकल्पना और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक श्री अजीत बालाजी जोशी की पहल पर आज जिम खाना क्लब सैक्टर-6 के सेमीनार हॉल में ‘‘जल संवाद-जल पत्रकारिता’’ विषय पर विमर्श का आयोजन किया गया।


कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण की अध्यक्षा श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा ने कहा कि निश्चित ही इस तरह के विचार विमर्श से नयी-नयी बाते सामने आती है जिन्हें हम बेहतर तरीके से जमीनी स्तर पर लागू कर सकते हैं। उन्होेंने कहा कि इस कार्यशाला का जो भी सार है वह उसे जल संरक्षण में लागू करने के लिए हर संभव कदम उठायेंगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा जल संसाधन प्राधिरण ने प्रदेश में जल संरक्षण की दिशा में अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। खण्ड स्तर पर एक्शन प्लाॅन बनाने वाला हरियाणा देश का पहला प्रदेश है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण मे सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए शीघ्र ही पंचायत स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण ने प्रदेश में जल के समूचित उपयोग और उसे व्यर्थ होने से रोकने के लिए जन जागरण अभियान चलाया है और इसे आने वाले समय में और तेज किया जाएगा।


कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एचएसवीपी के मुख्य प्रशासक श्री अजीत बालाजी जोशी ने कहा कि तकनीक का इस्तेमाल सामाजिक कार्यो में कैसे किया जाय यह इस कार्यशाला में सीखने और समझने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि एच एस वी पी ने स्वयं तकनीक का इस्तेमाल करते हुए 2 करोड़ लीटर भूजल बचाया है। पानी के साथ-साथ बिजली की बचत भी हुई है। पंचकूला जैसे शहर में यह प्रयोग बेहद सफल हुआ है और आने वाले समय में एच एस वी पी द्वारा इसे पूरे हरियाणा में लागू किया जाएगा। उन्होंने अध्यक्ष, हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा से आग्रह किया कि इस तरह का मॉडल कृषि और उद्योगों में भी उपयोग में लाया जाना चाहिए।
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार प्रफुल्ल केलकर ने कहा जल संरक्षण के लिए पंचायतांे के साथ मिलकर सामुदायिक जागरूकता के लिए काम करना होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए जन-जन को जागरूक करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत करते हुए प्रसिद्ध पर्यावरणविद् एवं मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित जल पुरूष श्री राजेन्द्र सिंह ने जल संरक्षण पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय परंपरा में नीर, नारी और नदी को नारायण माना जाता था, जल पंचभूतों में से एक था। परन्तु आज हम अपनी परंपरा को भूलते जा रहे हैं जिससे कारण भूजल स्तर गिरता जा रहा है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण तभी संभव हो सकेगा जब डीस्चार्ज एवं रिचार्ज में संतुलन बनेगा। उन्होंने कहा पूरी दुनिया की सभी सभ्यताओं का विकास नदियांे के किनारे ही हुआ है उन्होंने कहा कि भारत ही ऐसा देश है जहां के लोगों में ज्ञान और विज्ञान दोनों की समझ है, जरूरत है उसे सही दिशा में उपयोग करने की।
उन्होंने कहा कि अब लोगों को जल साक्षरता की जरूरत है और यह काम सरकार और प्रशासन के साथ-साथ सामूहिक भागीदारी के साथ ही संभव हो सकता है। इसके लिए उन्होंने सुझाव दिया कि स्कूल, विश्वविद्यालय और गांव स्तर पर  छोटी-छोटी सभाओं के माध्यम से लोगों में जागरूकता लाई जा सकती है।
अपने स्वागतीय भाषण में एच एस वी पी के प्रशासक श्री धर्मवीर सिह ने कहा कि पानी पंचभूतों में से एक है, इसलिए हमें पानी के संरक्षण के लिए इस तरह के विमर्श का आयोजन करते रहना चाहिए।
इस अवसर पर गांधी पीस फॉउन्डेशन ने ‘‘नदी धीरे बहो’’ कविता की संगीतात्मक प्रस्तुति के माध्यम से अपने विचार प्रकट किये।
इस अवसर पर मुख्य अभियंता हरिदत्त शर्मा एवं संजीव चोपड़ा की महत्वपूर्ण भूमिका रही। विमर्श में एच एस वी पी के इंजीनियर सहित सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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हरियाणा परिवार पहचान पत्र प्राधिकरण द्वारा जिला में विशेष शिविरों का किया जाएगा आयोजन-अतिरिक्त उपायुक्त

-परिवार पहचान पत्र का डाटा अपडेट करने के साथ-साथ दस्तावेज करवाए जा सकेंगे अपलोड

-अतिरिक्त उपायुक्त ने अधिक से अधिक परिवारों को इन शिविरों में पहुंचने की करी अपील

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पंचकूला, 7 दिसंबर- पारिवारिक सूचना डाटा कोष (एफआईडीआर) के शु़िद्धकरण की दिशा में पहल करते हुए हरियाणा परिवार पहचान पत्र प्राधिकरण द्वारा जिला में 10, 11, 16, 17 तथा 18 दिसंबर को विशेष शिविरों का आयोजन किया जाएगा, जिनमें परिवार पहचान पत्र का डाटा (आय को छोड़ कर) अपडेट किया जाएगा।


इस संबंध में जानकारी देते हुए अतिरिक्त उपायुक्त श्रीमती मनीता मलिक ने बताया कि यह शिविर जिला के प्रत्येक गांव में और शहर के प्रत्येक वार्ड में आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि ऐसे परिवार जिनके परिवार पहचान पत्र बनाते समय कोई दस्तावेज़ अपलोड न हुआ हो अथवा कोई गलत जानकारी भरी गई हो वे अपने नजदीकी शिविरों में जाकर दस्तावेज अपलोड करवा सकते हैं और त्रुटियों को ठीक करवा सकते हैं। जिन लोगों का परिवार पहचान पत्र नहीं बना है वे भी शिविर में आकर अपना परिवार पहचान पत्र बनवा सकते हैं।


उन्होंने बताया कि यह शिविर स्थानीय समिति वार आयोजित किए जाएंगे जिनमें सालाना 1.80 लाख से कम आय वाले परिवारों के 55 या इससे अधिक आयु के व्यक्तियों के जन्म प्रमाण पत्र संबंधित दस्तावेज, डाटा में शुद्धिकरण (आय को छोड़ कर), पारिवारिक सूचना डाटा कोष (एफआईडीआर) में परिवारों का पंजीकरण, दिव्यांग प्रमाण पत्र को अपलोड करना इत्यादि कार्य किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि हरियाणा परिवार पहचान पत्र प्राधिकरण द्वारा ऐसे सभी परिवारों को वाॅयस और टैक्स्ट  मैसेज भी भेजे जाएंगे ताकि वे अपने नजदीकी शिविर में पहुंच कर अपने परिवार से संबंधित डाटा को अपडेट करवा सकें।


उन्होंने बताया कि इन शिविरों में प्रत्येक स्थानीय समिति के विभिन्न अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहेंगे। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इन शिविरों में अधिक से अधिक संख्या में पहुंच कर परिवार पहचान पत्र में अपनी जानकारी अपडेट करवाएं।

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दिसंबर तक मिलता रहेगा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ : उपायुक्त

सिरसा, 06 दिसम्बर।

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उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत निशुल्क राशन  दिसम्बर माह तक मिलता रहेगा। जिला सिरसा में ऐ0ऐ0वाई0 (गुलाबी कार्ड 19616), बी0पी0एल0 (पीला कार्ड 148274) व ओ0पी0एच0 (खाकी कार्ड 46044) कुल 213934 राशन कार्डधारको को लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गुलाबी कार्ड, पीले कार्ड व खाकी कार्डधारको को 5 किलोग्राम प्रति सदस्य निशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाऐगा। राशन कार्ड पर मिलने वाले तय कोटे के अतिरिक्त यह 5 किलोग्राम प्रति सदस्य अनाज फ्री दिया जाऐगा।


उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त राज्य सरकार के द्वारा ऐ0ऐ0वाई0 (गुलाबी कार्ड), बी0पी0एल0 (पीला कार्ड) व ओ0पी0एच0 (खाकी कार्ड) कार्डधारको को निर्धारित मात्रा व दर के हिसाब से गुलाबी, पीले व खाकी रंग के कार्ड धारकों को राशन उपलब्ध करवाया जा रहा है
उन्होंने बताया कि यदि किसी लाभार्थी को राशन वितरण एंव डिपूधारक के व्यवहार के सम्बन्ध में कोई शिकायत है तो शिकायतकर्ता अपने नजदीकी सहायक / निरीक्षक खाद्य एंव पूर्ति कार्यालय, जिला खाद्य एंव पूर्ति नियन्त्रक के कार्यालय के दूरभाष न0 01666-248422 के अतिरिक्त जिला वितरण निरीक्षक दीपक सोनी मोबाईल न0 90509-90510 पर (प्रात: 9:00 बजे से सायं 5:00 बजे तक) पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है।

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Professor Shiv Ram Kashyap Oration Awards Function

Chandigarh December 6, 2022

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The Department of Botany, Panjab University, Chandigarh organized the 7th -9th Shiv Ram Kashyap Oration Award Lectures on December 6, 2022. The award is founded on the name of  Rai Bahadur, Prof. Shiv Ram Kashyap, who was the First Professor of Botany at the Honours School of Botany, Panjab University. The Chairperson ,Department of Botany, Prof. Promila Pathak delivered the welcome address and Honourable, DUI ,Panjab University, Prof. Renu Vig inaugurated the event as the Chief Guest and appreciated the Department’s efforts in conducting such programs meticulously, she also congratulated the students and mentioned that they were lucky to be a part of such a prestigious institute,. The awardees for the 7th, 8th and 9th Shiv Ram Kashyap Oration Award were conferred on; Dr. S.C. Verma, Professor  Emeritus, Dr.A.N. Purohit, Former Vice Chancellor, H.N.B. Garhwal University, Srinagar, Uttarakhand ,and Prof. P.K. Khosla, Honourable Chancellor, Shoolini University of Biotechnology and Management Sciences. Further, a lecture on the topic, Changing Climate, Climatism and CO2 was delivered by Prof. A.N. Purohit. The lecture laid emphasis on how the various factors in the environment that maintain the homeostasis have dynamically changed over a long time period and how directly or inversely these affect one another. The valuable insights on the topic set the tone for the entire function. Another lecture on the topic Himalayan Biodiversity: An Overview was presented by Prof. P.K. Khosla who in his presentation very well illustrated the amalgamation of sustainability with plant science with context to Himalayan Life; he accentuated the significance of forests as one of the key prerequisites for a secure future. The program concluded with the vote of thanks proposed by Prof. Richa Puri..

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अच्छे भविष्य का  निर्माण के लिये बच्चों को अच्छे व बुरे स्पर्श की देनी होगी जानकारी

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पंचकूला, 6 दिसंबर- महिला एवं बाल विकास विभाग पंचकूला द्वारा जिला कार्यक्रम अधिकारी बलजीत कौर की देखरेख में चलाए जा रहे जागरूकता अभियान के तहत जिला बाल सरंक्षण इकाई मे कार्यरत कानून एवं परीक्षा अधिकारी निधि मलिक ने आज गवर्नमेंट प्राइमरी मॉडल स्कूल सेक्टर 20 आशियाना के बच्चों को जागरूक किया।


आज के समय में महिला अपराध के साथ-साथ बाल अपराध की घटनाएं भी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। बच्चों के शोषण से जुड़ने वाले बहुत मामले सामने आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में बदलते समय के साथ अब यह जरूरी हो गया है कि बच्चे भी अपनी सुरक्षा को लेकर अलर्ट रहे। बच्चों को इसके प्रति जागरूक होना पड़ेगा क्योकि  इसका सबसे पहला कारण होता है कि बच्चे को यह मालूम ही नहीं होता कि उन्हें किस तरह से छुआ जा रहा है। इसलिए परिवार के सदस्यों व टीचर्स के लिए यह जरूरी है कि वह बच्चों को यह सिखाया जाये कि गुड टच और बैड टच में क्या अंतर है ताकि वह खुद जागरूक रहें और समय पर अपने माता-पिता को इस संबंध में सूचित कर सकें।


जागरूकता शिविर के दौरान स्कूल के बच्चों को बाल यौन शोषण क्या है व बाल यौन शोषण का बच्चों पर प्रभाव, बच्चों को शिक्षा संबंधी, सुरक्षित स्पर्श व असुरक्षित स्पर्श की जानकारी दी गई । असुरक्षित स्पर्श से कैसे बचाव  किया जा सकता है, यह भी बच्चो को बताया गया। बच्चों को बताया गया कि वह किसी भी असुरक्षित स्थान पर अकेले ना जाए व  किसी अनजान व्यक्ति से बातचीत ना करें। यदि कोई छोटी व बड़ी उम्र का व्यक्ति उन्हें अकेले में बुलाता है या बाद में किसी अलग जगह पर आने को कहता है तो वह वहां ना जाए। बच्चों को बताया गया कि कोई भी ऐसी  गलत हरकत होने पर शोर मचाये, जोर से चिल्लाए। वह इसकी शिकायत अपने घर परिवार के  सदस्य व स्कूल में पढ़ाने वाले अपने टीचर को भी कर सकते हैं। यदि बच्चा परिवार व टीचर को बताने में असमर्थ हो तो वह चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर 1098 या 112 पर फोन करके भी अपनी बात साँझा कर सकता है। यह राष्ट्रीय फोन सेवा मुफ्त है । बच्चों को बाल यौन शोषण पर आधारित एनिमेटेड  फिल्म कोमल देखने के लिए कहा गया। 10 मिनट की इस कोमल फिल्म के माध्यम से बच्चों को ‘नो टच एरियाज’ के बारे में बताया गया है कि यह शरीर केवल आपका है और अगर कोई बिना बताए या आपकी सहमति के बिना उसे छूता है तो आप उसका विरोध करें।


अध्यापको को भी कहा गया कि वह बच्चों कि पहचान करे कि कही कोई बच्चा यौन शोषण के शिकार तो नहीं हो रहा है । यदि बच्चा स्कूल आने का इच्छुक ना हो या किसी से बात करना पसंद ना करें और सबसे अलग रहने लगे तो उन्हें बच्चें पर ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि ऐसा बच्चा कहीं ना कहीं मानसिक तौर पर परेशान होता है व उसे कोई परेशानी होती है तो एक अध्यापिका ही बच्चे के साथ दोस्त की तरह व्यवहार करके बच्चे की परेशानी को साझा कर सकती है।


इसके साथ ही बच्चों को बाल अधिकार व बच्चों मे बढ़ रहे लैंगिक अपराधों से सुरक्षा व बच्चों को सही पोषण व स्वच्छता की जानकारी दी गई । बच्चों को दैनिक जीवन में खेल को बढ़ावा देने व मोबाइल फोन से दूर रहने के लिए कहा गया। बच्चे खेल को बढ़ावा देंगे तो उनका शारीरिक व मानसिक दोनों रूप में विकास होगा। बच्चों के अनैतिक व्यवहार के दुरुपयोग के बारे में भी जानकारी दी गई। जागरूकता शिविर के दौरान स्कूल इंचार्ज पिंकी मैम व अन्य अध्यापिका मोजूद रहे।

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मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत नवंबर माह में 30 आवेदनों के लिए 9 लाख 94 हजार रूपए की राशि की गई वितरित -उपायुक्त महावीर कौशिक

– अब तक 207 लाभार्थियों को 88 लाख 58 हजार रूपए की राशि की गई वितरित-उपायुक्त

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पंचकूला, 6 दिसंबर- मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत जिला पंचकूला में वित्त वर्ष 2022-23 में नवंबर माह में 30 आवेदन प्राप्त हुए, जिसके लिए 9 लाख 94 हजार रूपए की राशि वितरित की गई।  

इस संबंध में जानकारी देते हुए उपायुक्त श्री महावीर कौशिक ने बताया कि जिला कल्याण विभाग के माध्यम से चलाई जा रही इस योजना के तहत नवंबर महीने में प्राप्त हुए कुल आवेदनों में अनुसूचित जाति बीपीएल के लिए 3 आवेदन प्राप्त हुए, जिनके लिए 1 लाख 98 हजार रुपए की राशि वितरित की गई। इसी प्रकार अनुसूचित जाति की विधवा बीपीएल के लिए प्राप्त हुए आवेदन के लिए 46 हजार रुपए की राशि प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि पिछड़े वर्ग बीपीएल  के लिए   3आवेदन प्राप्त हुए जिनके लिए 49 हजार रूपए की राशि प्रदान की गई। अनुसूचित जाति नोन बीपीएल के लिए 14 आवेदन प्राप्त हुए, जिनके लिए 3 लाख 95 हजार रुपए की राशि वितरित की गई। इसी प्रकार अनुसूचित जाति की विधवा नोन-बीपीएल श्रेणी के लिए एक आवेदन प्राप्त हुआ जिसके लिए 46 हजार रूपए की राशि प्रदान की गई।

उन्होंने बताया कि नवंबर माह में पिछड़े वर्ग नोन-बीपीएल श्रेणी में 4 आवेदन प्राप्त हुए, जिनके लिए 1 लाख 12 हजार रुपए की राशि प्रदान की गई। इसी प्रकार पिछड़े वर्ग की विधवा नोन बीपीएल श्रेणी में प्राप्त हुए 2 आवेदनों के लिए 92 हजार तथा सामान्य वर्ग नॉन बीपीएल श्रेणी में प्राप्त 2 आवेदनों पर 56 हजार रुपए की राशि प्रदान की गई।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत चालू वित्त वर्ष में अब तक कुल 207 लाभार्थियों को 88 लाख 58 हजार रूपए की राशि वितरित की जा चुकी है ।

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युवा वर्ग ही देश के भविष्य का करते हैं निर्माण-विधानसभा अध्यक्ष

युवा गुणवान है तो राष्ट्र की उन्नती को कोई नहीं रोक सकता

– श्री गुप्ता ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रामगढ़ में आयोजित जिला स्तरीय युवा संसद कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में की शिरकत

– विधानसभा के शीतकालीन सत्र के उपरांत अगले माह विधानसभा में बाल संसद का किया जाएगा आयोजन-ज्ञानचंद गुप्ता

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पंचकूला, 6 दिसंबर- हरियाणा विधाानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि युवा वर्ग ही देश के भविष्य का निर्माण करते हैं और यदि युवा गुणवान है तो उस राष्ट्र की उन्नती को कोई नहीं रोक सकता। भारतीय युवा शक्ति ने अपनी बुद्धि, कौशल और क्षमता के आधार पर दुनिया भर में अपना लोहा मनवाया है।


श्री गुप्ता आज राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रामगढ़ में आयोजित जिला स्तरीय युवा संसद कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर नगर निगम के महापौर श्री कुलभूषण गोयल भी उपस्थित थे।
युवा संसद में स्कूली बच्चों द्वारा सदन की कार्यवाही को बखूबी ढंग से निभाया गया। प्रश्न काल और शून्य काल में बच्चों ने सांसदों के रूप में अनेक महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया और उन पर तर्क-वितर्क किया। इस कार्यक्रम का आयोजन डाईट पंचकूला और जिला शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।


विधानसभा अध्यक्ष ने डाईट और जिला शिक्षा विभाग की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि युवा संसद जैसे कार्यक्रमों के आयोजन से न केवल विद्यार्थियों को उनकी प्रतिभा को निखारने का अवसर प्राप्त होता है बल्कि वे हमारी लोकतंत्रीय प्रणाली को गहराई से समझ पाते हैं। श्री गुप्ता ने कहा कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र के उपरांत अगले माह विधानसभा में बाल संसद का आयोजन किया जाएगा जिसमें प्रदेश के हर जिले से चुन कर आए प्रतिनिधि बच्चों की प्रतियोगिताएं करवाई जाएंगी। इस अवसर पर उन्हें विधायकों के साथ बातचीत करने का अवसर भी प्राप्त होगा और वे राजनीती के सकारात्मक पहलुओं के बारे में जान सकेंगे।
श्री गुप्ता ने कहा कि भारत युवाओं का देश है और यहां के युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नही है। देश की जनसंख्या में 15 से 29 आयु वर्ग के युवाओं की संख्या 27.5 प्रतिशत तथा 13 से 35 आयु वर्ग के युवाओं की संख्या 41.3 प्रतिशत है। अपने ज्ञान और कार्यक्षमता के आधार पर भारत के डाॅक्टर और इंजिनीयरों की विदेश में भारी मांग है। इंटरनेट के इस युग में भारतीय युवा शक्ति  विश्व के तकनीक संपन्न देशों से स्पर्धा कर रही है और प्रतिस्पर्धी देशों के मुकाबले में देश तेजी से आगे बढ रहा है। इसके परिणाम स्वरूप भारत आर्थिक क्षेत्र में भी तरक्की कर रहा है और इस उपलब्धि का केन्द्र बिन्दु हमारी युवा शक्ति ही है। उन्होंने कहा कि प्रसिद्ध युवा उपन्यासकार चेतन भगत ने कहा है कि युवा पुराने मानदण्डों और बनी बनाई लीक के हिसाब से काम नहीं करना चाहते। उनमें परंपराओं को तोड़ने और अपनी राह खुद बनाने की हिम्मत है।


श्री गुप्ता ने कहा कि आज के युवा लकीर के फकीर नहीं हैं। उनका मन, सोच और मस्तिष्क ज्यादा खुले और स्वतंत्र हैं। नई पीढी टैक्नोलाॅजी के युग में बड़ी हुई है। वह कम्प्यूटर और इंटरनेट के द्वारा पूरी दुनिया के साथ एकाकार हो रही है। उन्होंने युवा संसद में भाग लेने वाले बच्चों से आहवान किया कि वे आधुनिक तकनीकों से भलि-भांति परिचित रहें।


इस अवसर पर उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे बच्चों को अच्छे संस्कार दें। शिक्षकों को गुरू का दर्जा दिया गया है। बच्चे सबसे पहले घर से संस्कार लेते हैं और स्कूलों में शिक्षक उन संस्कारों को आगे बढाते हैं। उन्होंने कहा कि युवा संसद में बच्चों ने जिस निपुणता के साथ सांसदों के रूप में विभिन्न मुद्दों को उठाया है वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि इन सब युवाओं में से ही कल विधायक और सांसद बन सकते हैं।


इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी सतपाल कौशिक, डीईईओ संध्या छिकारा, प्रिंसीपल डाईट महासिंह सिंधू, डीपीसी कुलभूषण शर्मा, पिं्रंसीपल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रामगढ संजू शर्मा, पिं्रंसीपल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कोट रितु खोसला, मनोनीत पार्षद सतबीर चैधरी, बरवाला मण्डल अध्यक्ष गौतम राणा, रविंदर गोयल, जयपाल गुप्ता सहित स्कूल के शिक्षक व विद्यार्थी भी उपस्थित थे।

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व्यक्तिगत श्रेणी के कृषि यंत्रों का भौतिक सत्यापन 06 व 07 दिसंबर को

सिरसा, 05 दिसंबर।

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कृषि विभाग द्वारा 06 व 07 दिसंबर 2022 को व्यक्तिगत श्रेणी के कृषि यंत्रों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा। वर्ष 2022-23 में सीआरएम स्कीम के तहत कृषि यंत्रों के भौतिक सत्यापन के लिए विभाग द्वारा कार्यक्रम तय कर दिया गया है।


उप निदेशक कृषि डा. बाबूलाल ने बताया कि 06 दिसंबर को अनाज मंडी औढां में ब्लॉक डबवाली, औढां व ब्लॉक बडागुढा, 07 दिसंबर को दशहरा ग्राउंड नजदीक देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा में ब्लॉक नाथूसरी चौपटा व ब्लॉक सिरसा के किसानों के कृषि यंत्रों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा। कृषि यंत्रों के भौतिक सत्यापन के लिए किसान अपने साथ टै्रक्टर वैद्य ओरिजनल आरसी लाना जरूरी है। इसके अलावा कृषि यंत्र के मैन फ्रेम पर पेंट से किसान का नाम, स्कीम का नाम, गांव का नाम लिखा होना चाहिए, सही तरीके से मशीन सीरियल नंबर की लेजर कटिंग की होनी चाहिए।

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वर्ष 2023-24 का राज्य बजट हर वर्ग के कल्याणार्थ होगा – मुख्यमंत्री

जरूरतमंदों को स्वास्थ्य सुरक्षा देने के लिए चिरायु हरियाणा योजना की शुरू

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पंचकूला 5 दिसंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्ष 2023-24 का राज्य का बजट हर वर्ग के कल्याणार्थ होगा। बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, पर्यावरण इत्यादि क्षेत्रों पर मुख्य रूप से फोकस होगा। सभी हितधारको से परामर्श कर अच्छा और संतुलित बजट लेकर आएंगे।

मुख्यमंत्री आज पंचकूला में हरियाणा विधानसभा द्वारा अयोजित राज्य वित्त प्रबंधन एवं बजट पर विमर्श कार्यक्रम के उपरांत पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।

पत्रकारों द्वारा विपक्ष द्वारा कर्ज को लेकर उठाए जाने वाले प्रश्नों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा की आर्थिक स्थिती अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर है तथा प्रदेश का सरकार राज्य सकल घरेलू उत्पाद के अनुरूप तय सीमा में ही ऋण ले रही है। वर्तमाण में ऋण की सीमा 3.52 प्रतिशत है, जिसे 3 प्रतिशत तक लाने का प्रयास किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार जन कल्याण के लिए अनेक कार्य कर रही है। अधिक से अधिक विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। सरकार की आय में भी हर वर्ष वृद्धि हो रही है और उतना ही सरकार जनता के कल्याण के लिए खर्च भी कर रही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि राज्य में वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना के तहत वृद्धजनों को 2500 रुपये प्रति माह की दर से लाभ दिया जा रहा है, जो देशभर में सर्वाधिक है।

जरूरतमंदों को स्वास्थ्य सुरक्षा देने के लिए चिरायु हरियाणा योजना की शुरू

मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत केंद्र सरकार की 1 लाख 20 हजार रुपये वार्षिक आय की सीमा के अनुरूप ही अन्य राज्यों ने अपने प्रदेश में लाभार्थियों को इसका लाभ दिया है। जबकि हरियाणा सरकार ने जनकल्याण के लिए एक कदम और आगे बढ़ते हुए इस योजना का दायरा बढ़ा कर वार्षिक आय सीमा को 1 लाख 80 हजार रुपये किया है, जिससे अब प्रदेश के अन्य पात्र लाभार्थी भी इस योजना के दायरे में आ गए हैं। इस योजना का नाम हमने चिरायु हरियाणा रखा है और इस योजना के तहत 500 करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त वित्तीय भार प्रदेश सरकार वहन करेगी।

एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार भी हितधारकों से बजट पूर्व परामर्श बैठकें की जाएंगी। आज का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम पहला चरण है, जिसमें विशेषज्ञों द्वारा विधायकों को बजट से संबंधित सभी बारीकियों से अवगत कराया जायेगा।

इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञान चंद गुप्ता और संसदीय कार्य मंत्री श्री कंवर पाल भी मौजूद रहे।

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मुख्यमंत्री ने राज्य के वित्त प्रबंधन एवं बजट पर विमर्श थीम पर आयोजित कार्यक्रम में की शिरकत

विधायकों के लिए बजट की बारीकियों को सीखने का एक बेहतरीन मौका- मनोहर लाल

बजट तैयार करने से पहले सदस्यों द्वारा मांग आए तो उन्हें बजट में समाहित करने की करेंगे कोशिश- मुख्यमंत्री

कोविड – 19 महामारी के बावजूद हरियाणा ने तय सीमा में ही लिया ऋण- मुख्यमंत्री

पिछले सालों में हमने कई प्रयोग किए, बजट से पहले हितधारकों के साथ चर्चा की पहल शुरू की

प्रति व्यक्ति आय में बड़े राज्यों में  नंबर वन हरियाणा- मनोहर लाल

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पंचकूला 5 दिसंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने विधायकों से अनुरोध किया कि वर्ष 2023- 24 के बजट पेश करने में 3 माह का समय है, इस अवधि के दौरान विधायक अपने -अपने क्षेत्रों में होने वाले कार्यों की सूची सरकार से सांझा करें ताकि उनके सुझावों व उनकी मांगों को बजट में सम्मिलित किया जा सके।

मुख्यमंत्री आज पंचकूला में हरियाणा विधानसभा द्वारा अयोजित राज्य वित्त प्रबंधन एवं बजट पर विमर्श कार्यक्रम के दौरान विधायकों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञान चंद गुप्ता, उपाध्यक्ष श्री रणबीर गंगवा, संसदीय कार्य मंत्री श्री कंवर पाल सहित अन्य मंत्रीगण और विधायक मौजूद रहे।

श्री मनोहर लाल ने कहा कि आज के इस कार्यक्रम में विधायकों को बजट से संबंधित बारीकियों को समझने का बेहतरीन अवसर प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि गत 8 वर्षों से उन्हें बजट से संबंधित सभी प्रकार की गतिविधियों को समझने का मौका मिला। हालांकि, पिछले 3 वर्षों से वित्त मंत्री के तौर पर बजट पेश करने से लेकर कई प्रकार के अनछुए पहलूओं को जानने का मौका मिला। इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों से विधायकों को भी बजट की विस्तृत जानकारी समझने का अवसर मिलेगा। इससे राज्य का बजट अच्छी तरह से तैयार करने में मदद मिलेगी और अन्य राज्यों के लिए भी अनुकरणीय बजट बनेगा।

बजट तैयार करने से पहले सदस्यों द्वारा मांग आए तो उन्हें बजट में समाहित करने की करेंगे कोशिश

मुख्यमंत्री ने कहा कि आय और खर्च को ध्यान में रखकर बजट बनाया जाता है। विधानसभा में बजट पेश होने के बाद उसमें बदलाव करना संभव नहीं होता है। प्राय: – प्राय: यह देखा जाता है कि जब बजट पेश किया जाता है, उस समय विधायक अपने -अपने क्षेत्रों में विकास कार्यों की मांग रखते हैं, लेकिन उस समय उन मांगों को बजट में शामिल नहीं किया जा सकता। इस बार के बजट में अभी 3 महीने का समय है, इसलिए इन 3 माह के दौरान सभी विधायक अपने -अपने क्षेत्रों में करवाए जाने वाले विकास कार्योँ की सूची वित्त विभाग या संबंधित मंत्री या सीधे मुझे भी भेज सकते हैं, ताकि इन मांगों को समाहित करने का पूरा प्रयास करेंगे।

हितधारकों के साथ बजट पूर्व परामर्श बैठकें करने की पहल की गई शुरू

श्री मनोहर लाल ने कहा राज्य सरकार ने बजट को कल्याणकारी बनाने के लिए विभिन्न स्टेकहोल्डर्स से प्री – बजट परामर्श बैठकें शुरू की। वर्ष 2020-21 का पहला बजट प्रस्तुत करने से पहले किसानों, व्यापारियों, सेवा क्षेत्र के लोगों सांसदों, विधायकों आदि से बजट पूर्व चर्चा की गई थी और उनके सुझावों को बजट में शामिल करने का पूरा प्रयास किया था। इस साल के बजट से पूर्व भी हमने जन – प्रतिनिधियों आदि के साथ 8 बैठकें कर 477 हितधारकों से चर्चा की। ये बैठकें सभी विभागों के अधिकारियों, स्थानीय निकायों, पंचायती राज संस्थाओं, उद्योग व वाणिज्य, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, सर्विस सेक्टर और रियल स्टेट के प्रतिनिधियों के साथ की गईं। इतना ही नहीं, इस बार हमने बजट पर विचार – विमर्श के लिए विधायकों की 8 समितियां भी बनाईं। इनमें कुल 74 विधायक शामिल किए गए। इन समितियों को विभिन्न विभाग विचार – विमर्श के लिए दिए गए। इन्होंने बजट पर सुझाव भी दिए। व्यावहारिक सुझावों पर हमने अमल किया और संतुलित बजट तैयार किया।

हरियाणा की आर्थिक स्थिति अन्य कई राज्यों से बेहतर

श्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा की आर्थिक स्थिति अन्य कई राज्यों से बेहतर है। हमारा वित्त प्रबंधन अच्छा है, जिससे हम प्रदेश का बजट घाटा नियंत्रित करने के सफल हुए हैं। प्रति व्यक्ति आय के मामले में भी बड़े राज्यों में हम नंबर वन हैं।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा राज्यों की उधार सीमा निर्धारित की जाती है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित उधार सीमा जी.एस.डी.पी. का 25 प्रतिशत से अधिक राज्य उधार नहीं ले सकते। कोविड- 19 महामारी  के कारण राज्य सरकार की प्राप्तियों में कमी आई और आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़ा। हमने कोविड -19 महामारी के बावजूद भी इस सीमा में ही ऋण लिया है।

उन्होंने कहा कि कोविड- 19 महामारी के कारण केन्द्र सरकार ने राज्यों को जी.एस.डी.पी का 5 प्रतिशत तक ऋण लेने की सुविधा दी थी। लेकिन हरियाणा का ऋणभार जी.एस.डी.पी की 3 से 3.5 प्रतिशत सीमा के भीतर रहा है। जबकि दूसरे राज्यों ने पूरा 5 प्रतिशत ऋण लिया। सरकार का लक्ष्य इस सीमा को 3 प्रतिशत तक ही रखने का है।

ई – विधानसभा पहल के तहत पेपरलेस बजट किया गया पेश

मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा की कार्रवाई को सुचारू ढंग से चलाने के लिए हमने कई तरह के प्रयोग किए। विधानसभा को पेपरलैस करने व विधायकों को आई.टी. ओरिएंटिड बनाने के लिए इस बार हर विधायक को बजट की प्रति एक टेबलेट में डालकर दी गई। इससे बजट के लंबे – चौड़े दस्तावेज में उन्हें कुछ सर्च करने में आसानी हो गई। साथ ही उनके समय की बचत भी हुई ।  

उन्होंने कहा कि विधायकों के सुझावों को बजट में शामिल करने की पूरी कोशिश की जाती है और यह प्रशिक्षण सत्र हम सबके लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा ।

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