*श्रीमती अरूणा आसफ अली राजकीय महाविद्यालय कालका में राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन*
*वूमेन वर्क लाइफ बैलेंस, इश्यूज एंड चैलेंजिस विषय पर आयोजित किया गया सेमिनार*
पंचकूला नवंबर 26: श्रीमती अरूणा आसफ अली राजकीय महाविद्यालय कालका में प्राचार्य श्रीमती कामना की अध्यक्षता तथा डॉक्टर रागिनी कन्वीनर महिला प्रकोष्ठ के दिशा निर्देशन में राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया।
इस सेमिनार का विषय वूमेन वर्क लाइफ बैलेंस, इश्यूज एंड चैलेंजिस रहा जिसमें पूरे भारत से अलग-अलग संस्थानों से सहायक प्रोफेसर, रिसर्च स्कॉलर व विद्यार्थियों ने अपने अपने विचार रिसर्च पेपर्स के द्वारा प्रस्तुत किए।प्राचार्य श्रीमती कामना ने सेमिनार के आरंभ में अलग-अलग महाविद्यालय से आए हुए डेलिगेट्स का स्वागत किया तथा इस विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि यह विषय वर्तमान परिदृश्य में बहुत प्रासंगिक है क्योंकि अधिकांश महिलाएं अपनी घरेलू जिम्मेदारियों के साथ-साथ काम कर रही हैं। इन दोनों जिम्मेदारियों को निभाते हुए उसे बहुत तनाव और सामाजिक दबावों से गुजरना पड़ता है। इसलिए विभिन्न विकल्पों और बिंदुओं पर चर्चा करने की आवश्यकता है जो जीवन में संतुलन बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।
सेमिनार की मुख्य वक्ता डॉ. जयंती दत्ता, डिप्टी डायरेक्टर, एचआरडीसी, पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ थीं। डॉ. जयंती दत्ता ने कई सामाजिक दबावों की ओर इशारा किया, जिनका महिलाओं को बतौर प्रेरक सामना करना पड़ता है। उन्होंने कई बिंदुओं का सुझाव दिया, जिन्हें एक व्यक्ति को उनमें आत्मसात करने का प्रयास करना चाहिए जैसे योग्यता, आंतरिक मूल मूल्य आदि। सेमिनार में दो तकनीकी सत्र हुए जिसमें विभिन्न कॉलेजों के प्रतिनिधियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डॉ नवनीत कौर एसोसिएट प्रोफेसर, भूगोल विभाग, पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ व डॉ सुनीता अरोड़ा एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ बी. आर. अंबेडकर राजकीय महाविद्यालय, जगदीशपुरा, कैथल ने की। समापन भाषण श्री आर.के. अरोड़ा, कार्यवाहक प्राचार्य, राजकीय महाविद्यालय, चीका, कैथल ने दिया। उन्होंने श्रोताओं को महिलाओं के कार्य जीवन संतुलन को बनाए रखने के लिए पुरुषों की आवश्यकताओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि जब महिलाएं कमाने की अतिरिक्त जिम्मेदारी ले रही हैं तो पुरुषों को भी लेनी चाहिए। संगोष्ठी की आयोजन टीम में श्री जसपाल, डॉ. रविंदर कुमार, डॉ. रागिनी, सुश्री अंजना, डॉ. सुमन, श्री सुरेश, डॉ. इंदु, डॉ. कविता, सुश्री सविता, सुश्री नवनीत नैन्सी और सुश्री शबनम रही। कॉलेज के परिषद सदस्यों और संकाय सदस्यों ने पूरे उत्साह के साथ सेमिनार में भाग लिया और विभिन्न क्षेत्रों में अपने विचारों और शोध पत्रों के माध्यम से योगदान दिया।