उपायुक्त की आमजन से अपील, समाधान शिविर में आकर अपनी समस्याओं का करवाएं निवारण

कोरोना संबंधी जानकारी व शिकायतों के समाधान के लिए टोल फ्री नम्बर 1950 हुआ कारगर साबित

सिरसा, 26 मई।

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-टोल फ्री नम्बर पर अब तक 615 ने उठाया स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ : उपायुक्त प्रदीप कुमार


उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि कोरोना महामारी में आमजन को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी उनकी शिकायत के समाधान के लिए प्रशासन द्वारा टोल फ्री नंबर 1950 व मोबाइल नंबर 98123-00947 जारी किए गए हैं। टोल फ्री नम्बर सुविधा आमजन को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने में कारगर साबित हुई है। टोल फ्री नम्बर 1950 पर अब तक 615 लोग कोरोनो से संबंधित स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा चुके हैं।


उन्होंने बताया कि उक्त टोल फ्री नम्बर पर संपर्क करके ऑक्सीजन सिलेंडर, एंबुलैंस, होम आईसोलेशन किट, वैक्सीनेशन सैंटर, टैस्टिंग सैंटर, बैड की उपलब्धता आदि की जानकारी लेने के साथ-साथ इस संबंध में शिकायत भी भेज सकते हैं। इसके अलावा डाक्टरों से कोरोना संबंधी स्वास्थ्य परामर्श भी ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि अब तक टोल फ्री नम्बर पर स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित 615 कॉल प्राप्त हुई। इन सभी का समाधान करवाया गया। इसके अलावा स्टेट कंट्रोल रूम के टोल फ्री नंबर 1075 पर भी 14 शिकायतें प्राप्त हुई थी, इनका भी तुरंत प्रभाव से समाधान किया गया। उन्होंने बताया कि लाकडाउन की परिस्थितियों के मद्देनजर जिला प्रशासन की ओर से स्थापित कंट्रोल रूम व हैल्पलाइन नंबर लोगों को तुरंत मदद पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

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कोविड कंट्रोल कक्ष से मिलेगी बैड, ऑक्सीजन व दवाइयों की जानकरी :


उपायुक्त ने बताया कि बैड, ऑक्सीजन, दवाइयां व कोविड-19 से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त करने के लिए कोविड कंट्रोल कक्ष के दूरभाष नंबर 01666-248882, 248140 मोबाइल नंबर 98123-00947 या टोल फ्री नंबर 1950 पर संपर्क कर सकते हैं। अगर किसी व्यक्ति को अपने कोविड-19 के टेस्ट की रिपोर्ट फोन पर पता करनी है तो वह 90530-13967 पर संपर्क कर सकते है। एंबुलेंस की सेवा के लिए 108 पर संपर्क कर सकते हैं। इन नंबरों पर 24 घंटे सेवा उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि आमजन को टोल फ्री नम्बर पर 24 घंटे सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं, इसके लिए तीन शिफ्टों में कर्मचारी अपनी निष्ठापूर्वक ड्यूटी निभा रहे हैं। प्रात: 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक, दोपहर 2 बजे से रात्रि 10 बजे तक तथा रात्रि 10 बजे से प्रात 6 बजे तक कर्मचारी अपने ड्यूटी दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि टोल फ्री एवं मोबाइल नंबर पर कॉल आती है, उसकी समस्या के समाधान के लिए संबंधित को फोन किया जाता है और मरीज को वह सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। 

उपायुक्त की आमजन से अपील, समाधान शिविर में आकर अपनी समस्याओं का करवाएं निवारण

क्षेत्रीय भाषा में कोरोना से बचाव उपायों के प्रचार से ग्रामीणों में बढी जागरूकता

सिरसा, 26 मई।

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-मंदिरों, गुरुद्वारों, मस्जिदों सहित धार्मिक स्थलों से भी करवाई जा रही बचाव उपायों की मुनादी
-सूचना एवं जनसंपर्क विभाग का प्रचार वाहन जिला के पूरे शहरी व ग्रामीण क्षेत्र को कर चुका कवर


शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र में भी आमजन को कोरोना को लेकर जागरूक किया जा रहा है। सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डा. अमित अग्रवाल के निर्देश पर ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को क्षेत्रीय भाषा में ही कोरोना से बचाव उपायों को लेकर जागरूक किया जा रहा है। गांवों में कोरोना को लेकर क्षेत्रीय भाषा में किए गए प्रचार का लोगों में गहरा प्रभाव पड़ा है और लोग बचाव उपायों को लेकर जागरूक हुए हैं।  


उपायुक्त प्रदीप कुमार के मार्गदर्शन में विभाग के प्रचार वाहन लोगों को कोविड-19 हिदायतों व बचाव उपायों की पालना के लिए निरंतर जागरूक कर रहे हैं। विभाग का प्रचार वाहन अब तक जिला के सभी शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों को कवर कर चुका है। अभी प्रचार लगातार जारी है। बुधवार को भी शहरी क्षेत्र के साथ-साथ गांव बेगू, रंगड़ी, मोडिया, बकरियांवाली, चौपटा, दड़बा, चाढीवाल, नेजिया आदि गांवों में लोगों को कोरोना को लेकर बरती जाने वाली सावधानियों के लिए जागरूक किया गया। जहां प्रचार वाहन लोगों को संक्रमण से बचने के लिए जरूरी उपायों के लिए जागरूक कर रहा है, वहीं महामारी अलर्ट-सुरक्षित हरियाणा के तहत नियमों का पालन करने आदि के बारे में भी जानकारी के साथ-साथ इनकी पालना के लिए प्रेरित कर रहा है।

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जागरूकता से लगेगा महामारी पर अंकुश : उपायुक्त प्रदीप कुमार


उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि लोगों की जागरूकता व सजगता से ही कोरोना संक्रमण पर पूर्ण अंकुश लगेगा। इसी उद्ेश्य से शहर-शहर व गांव-गांव जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रचार वाहन लोगों को संक्रमण से बचने के लिए अपनाए जाने वाले उपायों को लेकर जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि बुखार, सूखी खांसी, थकान, सांस लेने में कठिनाई, बलगम के साथ खांसी, मासपेशियों में दर्द जैसे लक्षण दिखाई दें तो नजदीकी अस्पताल में जाकर अपनी जांच करवाएं और चिकित्सक के परामर्श अनुसार उपचार लें। इसके साथ ही जहां तक संभव हो घर पर ही रहें और अतिआवश्यक होने पर ही बाहर जाएं। उन्होंने कहा कि नागरिक कोरोना से बचाव के लिए मास्क, सोशल डिस्टेसिंग व व्यक्तिगत स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें।

उपायुक्त की आमजन से अपील, समाधान शिविर में आकर अपनी समस्याओं का करवाएं निवारण

सब्जी मंडी में अनावश्यक भीड़ को रोकने के लिए दुकानदारों व रेहड़ी चालकों को किए पास जारी

सिरसा, 26 मई।

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-मार्केट कमेटी ने लाल व हरे रंग के 780 पास किए जारी, सप्ताह में तीन-तीन दिन कर सकेंगे खरीददारी
-लाल रंग के पास वाले सोमवार, बुधवार, शुक्रवार तथा हरे रंग वाले मंगलवार, वीरवार व शनिवार को कर सकेंगे सब्जियों व फलों की खरीददारी
-दुकानदार व रेहड़ी चालक अपनी बारी पर ही करें मंडी में सब्जी व फलों की खरीददारी : उपायुक्त


उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि लॉकडाऊन के दौरान संक्रमण के फैलाव को रोकने के मद्देनजर सब्जी मंडी में अनावश्यक भीड़ को रोकने के लिए दुकानदारों व रेहड़ी चालकों को पास जारी किए गए हैं। इसके लिए दो तरह के पास जारी किए गए हैं। दुकानदार व रेहड़ी चालक अपनी बारी पर ही सब्जी मंडी में सब्जियों व फलों की खरीददारी कर सकेंगे।


उन्होंने बताया कि सब्जी मंडी में एक साथ दुकानदारों व रेहड़ी चालकों के खरीदादारी से भीड़ बढ़ जाती है और इससे संक्रमण फैलाव की अधिक संभावना रहती है। इसी के दृष्टिगत मार्केट कमेटी ने लाल व हरे रंग के 780 पास जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि तीन दिन लाल रंग पास वाले व तीन दिन हरे रंग पास वालों को ही सब्जी मंडी में खरीददारी की अनुमति होगी और सुबह चार बजे से लेकर सात बजे तक खरीददारी की जा सकेगी।


उन्होंने बताया कि लाल रंग के पास वाले सब्जी व फल विक्रेता सोमवार, बुधवार तथा शुक्रवार को सब्जी मंडी में खरीददारी करेंगे। इसी प्रकार हरे रंग के पास धारक मंगलवार, वीरवार व शनिवार को खरीददारी कर सकते है। रविवार को मंडी बंद रहेगी। उपायुक्त ने बताया कि खरीदारी के दौरान दुकानदार व रेहड़ी चालक कोविड-19 के नियमों की पालना के साथ- साथ सामाजिक दूरी का विशेष ध्यान रखना होगा। इसके साथ-साथ सब्जी मंडी में सफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाए। संबंधित विभाग के अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि सब्जी मंडी में कोई भी दुकानदार बिना मास्क के न हो। इसके अलावा दुकानदार सेनेटाइजर जरूर रखें और समय-समय पर अपने हाथो को सैनेटाईज करें। उन्होंने कहा कि नागरिक कोरोना संक्रमण को हल्के में न लें और किसी प्रकार की लापरवाही न बरतें। नागरिक अनावश्यक रूप से घर से न निकलें और सावधानी व संयम बरतें।

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दुकानदार दुकान खोलने व बंद करने के निर्धारित नियमों का करें पालन :


उपायुक्त ने कहा कि दुकानदार संक्रमण के फैलाव अंकुश के लिए प्रशासन का सहयोग करें। संक्रमण से बचाव नियमों की स्वयं पालना करते हुए दूसरों को भी प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि दुकानों के खोलने व बंद करने का समय निर्धारित किया गया है ताकि आर्थिक गतिविधियां भी जारी रहें और आमजन को भी परेशानी न हो। दुकानदार निर्धारित समय अनुसार ही दुकानों को खोले व बंद करें। इसके साथ ही दुकान पर संक्रमण बचाव नियमों की पालना करें। दुकान पर सोशल डिस्टेसिंग से ही सामान की बिक्री करें। अनावश्यक भीड़ न होने दें। मास्क स्वयं लगाएं और ग्राहकों को भी मास्क लगाने के लिए कहें। छोटी- छोटी सावधानियां व बचाव उपाय अपनाकर हम अपने जिला में कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोक सकते है। सभी नागरिक जागरूकता व सजगता का परिचय देते हुए जिला को कोरोना मुक्त बनाने में अपना सहयोग दें।

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कोविड के दौरान सावधानी बरतें नागरिक: नीतू सोनी

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वार्ड 19 में चलाया गया सैनिटाइजेशन अभियान-

सिरसा, 26 मई। वार्ड नंबर 19 की नगर पार्षद नीतू सोनी ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझते हुए सावधानी रखे और लापरवाही से बचकर रहे। नीतू सोनी बुधवार को अपने वार्ड में सैनिटाइजेशन करवा रही थीं। उन्होंने वार्डवासियों से आग्रह किया कि अभी कोरोना का संकट टला नहीं है इसलिए सब लोग एहतियात से काम लें और मास्क व दो गज की दूरी के नियम का पालन करें। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से देश में लाखों लोगों की जानें चली गई हैं। लाखों लोगों को संक्रमण झेलना पड़ रहा है। ऐसे में बचाव इसी में है कि सावधानी से रहें। मास्क का उपयोग करें और बहुत जरूरी होने पर ही अपने घरों से बाहर निकलें। पार्षद प्रतिनिधि अमित सोनी ने बताया कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए पूरे वार्ड में सैनिटाइजेशन करवाया गया है। वार्ड में नगरपरिषद के कर्मचारियों के सहयोग से सफाई व्यवस्था पूरी रखी जा रही है। रानियां बाजार, नोहरिया बाजार, सूरतगढिय़ा बाजार सहित पूरे वार्ड में सफाई और सैनेटाइजेशन करवाया जा रहा है। पार्षद प्रतिनिधि ने वार्डवासियों से आग्रह किया कि सभी सुरक्षित रहने के लिए अपने घरों में ही रहें क्योंकि कोरोना महामारी अभी चरम पर है। 

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प्रेरणा : कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं को मातृत्व सुख देकर निभाया अपना दायित्व

सिरसा, 25 मई।

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 मई माह में अबतक 19 कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी करवा चुकी है डा. अर्चना अग्रवाल व उनकी टीम


कोरोना महामारी और फैलते संक्रमण के इस दौर में जब अपने भी दो गज की दूरी बना कर चल रहे हैं ऐसे समय में नागरिक अस्पताल सिरसा में एसएमओ एवं आईएमए की जिला प्रधान डा. अर्चना अग्रवाल अपनी टीम सहित कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं का हौसला बढ़ाते हुए न केवल सुरक्षित डिलीवरी करवा रही है बल्कि उनके परिजनों को इस संकट के समय में नवजात की देखभाल के लिए प्रेरित भी कर रही है। डा. अर्चना अग्रवाल द्वारा मई माह में अबतक लगभग 19 कोरोना संक्रमित महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी करवाई जा चुकी है जिसमें जच्चा-बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं। डा. अर्चना अग्रवाल ने बेझिझक-बेखौफ अपना चिकित्सकीय दायित्व निभाते हुए सात महिलाओं की डिलीवरी करवाई है। संकट के समय में समर्पित सिपाही बनी इस महिला चिकित्सक को मातृत्व सुख पाने वाली महिलाएं भी सलाम कर रही हैं। इस महामारी में जिन संक्रमित महिलाओं को संतान सुख मिला वे भी चिकित्सक का आभार जताती हैं।


डा. अर्चना अग्रवाल कहती है कि उन्हें कभी संक्रमित महिलाओं की डिलीवरी करवाने में झिझक नहीं हुई, न ही भय हुआ। संक्रमण का खतरा सभी को रहता है लेकिन पूरी सावधानी बरतते हुए उन्होंने अपने दायित्व को बखूबी निभाया। उन्होंने कहा कि जिन महिलाओं की डिलीवरी हुई हैं वे स्वस्थ हैं। जच्चा-बच्चा स्वस्थ होने से जो आत्मिक संतुष्टिï व खुशी मिलती है, वो अनमोल है। ऐसे दौर में हम सबको एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए। सिरसा के नागरिक अस्पताल में प्रत्येक महीने लगभग 450 डिलीवरी होती है। कोविड-19 को देखते हुए नागरिक अस्पताल के एक हॉल में लेबर रुम स्थापित किया गया है, बचाव प्रबंधों के मद्देनजर इस लेबर रुम का प्रवेश व बाहर जाने का रास्ता अलग रखा गया है ताकि किसी प्रकार के संक्रमण का अंदेशा न रहे।

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गांव माखोसरानी की सोनिया व ऐलनाबाद की प्रियंका ने सांझा किए अपने अनुभव :


गांव माखोसरानी की सोनिया ने बताया कि डिलीवरी से पहले उन्हें कोरोना हो गया था, जिससे पूरे परिवार के सदस्य बेहद चिंतित व घबराए हुए थे। वे स्वयं भी अपने आने वाले बच्चे को लेकर डरी हुई थी। ऐसे में नागरिक अस्पताल सिरसा की चिकित्सक डा. अर्चना अग्रवाल व उनकी टीम ने उन्हें हौसला दिया और डिलीवरी होने तक पूरा सहयोग किया। वे नागरिक अस्पताल सिरसा के चिकित्सकों की आभारी है।


ऐलनाबाद की प्रियंका ने बताया कि डिलीवरी से पहले जब उन्हें पता चला कि वे कोरोना संक्रमित हैं तो उन्हें होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर बहुत भय होने लगा, ऐसे में नागरिक अस्पताल सिरसा की प्रसुति वार्ड की टीम ने मुझे बहुत सहयोग दिया। उन्होंने कहा कि अब मैं और मेरा बच्चा पूरी तरह से ठीक है और किसी भी प्रकार की समस्या नहीं है। उन्होंने कहा कि इस संकट की घड़ी में मुझे मातृत्व सुख देने वाले चिकित्सक भगवान से कम नहीं है, मैं जीवन भर उनकी ऋणी रहुंगी।


सोनिया व प्रियंका ने गर्भवती महिलाओं से आह्वïान किया कि कोरोना संक्रमित होने पर भी घबराए नहीं बल्कि संयम रखते हुए चिकित्सक पर भरोसा रखें और पूरी सावधानी व बचाव उपाय अपनाएं। इसके अलावा चिकित्सक के परामर्श अनुसार अपनी डाइट व दवाओं का ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि अगर हम सरकार की हिदायतों व संक्रमण से बचाव उपायों की पूरी ईमानदारी व निष्ठïा से पालना करेंगे तो संक्रमण से बच सकते हैं। अगर हम स्वयं के साथ-साथ दूसरों का भी ख्याल रखेंगे तो कोरोना संक्रमण से पूरी तरह मुक्ति संभव है।

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टीबी रोग उन्मूलन को लेकर वर्चुअल माध्यम से वर्कशॉप आयोजित

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पंचकूला, 25 मई। स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक डा. वीना सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2025 तक टीबी यानी ट्यूबरक्लोसिस जैसी खतरनाक बीमारी को खत्म करने का संकल्प लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा टीबी हारेगा-देश जीतेगा का नारा दिया गया है। इसी संकल्प को पूरा करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा गंभीरता व योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है।


स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक वर्चुवल बैठक के माध्यम से टीबी रोग उन्मूलन को लेकर विभिन्न विभागों के अधिकारियों की वर्कशॉप को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि टीबी रोग के बारे में नागरिकों को दी जा रही निशुल्क स्वास्थ्य सुविधाओं का ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार करें और कोरोना की तर्ज पर प्रभावित क्षेत्रों को चिन्ह्ति करें।


उन्होंनेे वर्चुवल बैठक से जुडने पर सभी को शुभकामनाएं दी और कहा कि हम सबको मिलकर टीबी के खिलाफ एक जन आंदोलन के रूप में कार्य करना होगा तभी 2025 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के टीबी रोग मुक्त भारत के सपने को साकार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि टीबी रोग को जड़मूल से खत्म करने के लिए सामूहिक संकल्प के साथ धरातल स्तर पर काम करना होगा। इसके साथ-साथ स्लम एरिया, ईंट भट्टे, मजदूर कॉलोनियों व जिला जेल पर फोक्स किया जाए ताकि कोई भी टीबी रोग पीडित उपचार से वंचित न रहे। प्रदेश में टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए सभी एकजुट होकर साथ आएंगे और सभी का सहयोग मिलेगा, तभी हमारा यह नारा टीबी हारेगा देश जीतेगा सफल होगा।

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डॉ. वीना सिंह ने कहा कि प्रदेश से टीबी उन्मूलन के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जाएगा। प्रदेश में टीबी रोग को लेकर सरकार पूरी तरह से गंभीर है तथा महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। इसके चलते सरकार ने यह निर्णय लिया है कि जो भी व्यक्ति अपने आसपास टीबी ग्रस्त मरीज की सूचना सरकारी अस्पताल में देगा तो उसे पांच सौ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, ताकि प्रत्येक मरीज को जल्द से जल्द चिह्नित करके उसे समुचित उपचार प्रदान किया जा सके।


उन्होंने आह्वड्ढान किया कि टीबी मुक्त भारत के मिशन की सफलता के लिए समाज का हर वर्ग आगे आकर अपना सहयोग व योगदान दें और ग्रामीण स्तर पर प्रचार-प्रसार के माध्यम से नागरिकों को टीबी उन्मूलन के बारे में जागरूक करें। इसके साथ-साथ आमजन को सरकार द्वारा टीबी रोगियों को दी जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में भी अवगत करवाया जाए ताकि कोई भी टीबी रोगी उपचार या सुविधाओं से वंचित न रहे।

इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि टीबी के मरीजों के लिए पोषण आहार योजना के माध्यम से उपचार के दौरान पीडि़तों की 500 रुपये प्रतिमाह आर्थिक मदद दी जाती है। विभाग यह राशि मरीज के बैंक अकाउंट में जमा करता है। मरीज को विभाग तक ले जाने पर गांव में आशा वर्कर, आरएमपी डॉक्टर, निजी अस्पताल व अन्य कोई भी व्यक्ति अगर टीबी मरीज को लेकर स्वास्थ्य विभाग के पास लेकर आता है और टेस्ट करने पर मरीज टीबी से पीडि़त पाया जाता हैं तो उसे भी प्रोत्साहन राशि के रूप में 500 रुपये दिए जाते हैं। टीबी मरीज का 6 माह का कोर्स होता है। सभी सरकारी जांच केंद्रों पर रोगियों की जांच निशुल्क की जाती है। जांच केंद्रों पर रोगी के बलगम के सैंपल की जांच करवाई जाती हैं और जांच में यदि टीबी पाई जाती है तो अगले दो दिनों मे उसका इलाज शुरू कर दिया जाता है।

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ट्राईसिटी का पहला कोविड केयर संेटर पंचकूला वासियों के लिए बड़ा ही कारगर साबित होगा।

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पंचकूला 25 मई- हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि कोविड के दौरान आने वाली समस्याओं के निपटान एवं मानसिक तौर पर सशक्त व मजबूत बनाने की दिशा में ट्राईसिटी का पहला कोविड केयर संेटर पंचकूला वासियों के लिए बड़ा ही कारगर साबित होगा।


श्री गुप्ता सैक्टर 9 की आयुष डिस्पेंसरी में पोस्ट कोविड केयर सेंटर का उदघाटन करने के बाद बातचीत कर रहे थे। उन्हांेने कहा कि कोविड में आयुष विभाग का भी बड़ा योगदान रहा है। इसके लिए विभाग के अधिकारी बधाई के पात्र हैं। आयुष विभाग ने -उमंग है यहां जीवन है वहां-नामक पोस्ट केयर सेंटर की शुरूआत करके विशेषकर कोविड के बाद आने वाली समस्याओं के निदान करने की दिशा में नायाब तोहफा दिया है। इसमें कोविड से प्रभावित व्यक्तियों का ओपीडी के माध्यम से ईलाज किया जाएगा और उनका मानसिक मनौबल बढाने का कार्य किया जाएगा।


श्री गुप्ता ने कहा कि कोविड- 19 रोग से ठीक हो जाने के बाद उन्हें कई प्रकार की मानसिक परेशानियों से जुझना पड़ता है। ईलाज के बाद उन्हें हैल्थ, केयर व डाक्टर की एडवाईस की जरूरत होती है उसका लाभ मिलेगा। इसमें सीनियर सिटिजन को भी चिकित्सकों की सेवाएं मिलेंगी। वे इस मामले में स्वयं भी प्रभावित हुए हैं। सैंटर से परामर्श लेकर कोविड रोगी हर प्रकार की समस्याओं से निदान पा सकेगें। यह एक अच्छी शुरूआत है, जिला के नागरिक इसका ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं।

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इस सेंटर में फिजियोथैरेपी, मेडिसन, मेडिटेशन जैसी अन्य कई प्रकार की भी सुविधाएं भी प्रदान की जाएगी तथा योगा सेशन भी लगाए जाएगें।


इस अवसर पर उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा, महापौर कुलभूषण गोयल, सिविल सर्जन डा. जसजीत कौर, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डा. दलीप मिश्रा, मोतीलाल जिन्दल, रोशन लाल जिन्दल सहित कई गणमान्य नागरिक एवं चिकित्सक मौजूद रहे। इसके बाद उन्होंने अपने जन्म दिन पर सिविल अस्पताल परिसर में लोगों को भोजन वितरित किया।

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ब्लैक फंगस को न करें नजरअंदाज, लक्षण दिखने पर तुरंत लें उपचार – सिविल सर्जन डा. जसजीत कौर

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पंचकूला 25 मई। सिविल सर्जन डा. जसजीत कौर ने बताया कि म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस एक फंगल इंफेक्शन है, जो आमतौर पर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से ग्रसित लोगों की पर्यावरणीय रोगाणुओं से लडने की क्षमता को कम कर देता है। यह नाक या मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। दूसरे चरण में यह आंख को प्रभावित करता है और फिर यह दिमाग पर हमला करता है। इलाज के लिए चार से छह सप्ताह तक दवाइयां लेनी पड़ती हैं और गंभीर मामलों में तीन महीने तक इलाज चलता है।


उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस वातावरण में मौजूद है, खासकर मिट्टी में इसकी मौजूदगी ज्यादा होती है। स्वस्थ और मजबूत इम्यूनिटी वाले लोगों पर यह अटैक नहीं कर पाता है, लेकिन गंभीर बीमारी, डायबीटीज के मरीज, कैंसर के उपचाराधीन मरीज और ट्रांसप्लांट करवाने वाले व्यक्तियों को ब्लैक फंगस से संक्रमित होने का खतरा रहता है। स्टेरॉयड के अधिक इस्तेमाल से इम्यूनिटी कमजोर होने या अधिक समय तक आईसीयू में रहने वाले मरीज भी फंगल इंफेक्शन के लिए संवेदनशील होते हैं। ब्लैक फंगस अर्थात म्यूकोरमाइकोसिस सेे ग्रस्त लोगों के आंख या नाक के पास लाल निशान देख सकते हैं या दर्द हो सकता है। इसके अलावा बुखार, सिरदर्द, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, खून की उल्टी और मानसिक संतुलन में बदलाव जैसे लक्षण हो सकते हैं।


सिविल सर्जन डा. जसजीत कौर ने बताया कि सांस लेने में परेशानी, सिरदर्द होना, चेहरे के एक हिस्से में दर्द महसूस होना या सूजन आना, चेहरा सुन्न पडना, चेहरे का रंग बदलना, पलकों पर सूजन तथा दांत हिलना, अगर किसी व्यक्ति को ये लक्षण दिखे तो उसे तुरंत चिकित्सक से ब्लैक फंगस की जांच करवानी चाहिए और परामर्श अनुसार अपना उपचार लेना चाहिए। अगर ब्लैक फंगस ने आपके फेफड़े पर आक्रमण कर दिया है तो आपको बुखार, सांस लेने में दिक्कत, खांसी, खांसी मेें खून आना, सीने में दर्द व धुंधला दिखाई पडना शुरू हो जाता है।

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उन्हांेने बताया कि हाइपरग्लाइकेमिया को नियंत्रण में रखें। डायबिटीज से ग्रस्त लोग यदि कोविड संक्रमित होते हैं तो वह डिस्चार्ज होने के बाद ब्लड ग्लूकोज स्तर पर नजर रखें। स्टेरॉयड का इस्तेमाल सावधानीपूर्वक किया जाए। ऑक्सीजन थेरेपी के दौरान साफ और स्टेराइल वाटर का इस्तेमाल किया जाए। एंटीबायोटिक और एंटीफंगल दवाओं का इस्तेमाल विवेकपूर्ण तरीके से किया जाए। लोगों को सलाह दी गई है कि लक्षणों को नजरअंदाज न करें। नाक बंद होने के सभी मामलों को बैक्टीरियल संक्रमण के संकेत न समझें, विशेषकर कोरोना मरीजों में। जांच कराने से न हिचकें और इसके इलाज में देरी न करें।


सिविल सर्जन ने नागरिकों से आह्वड्ढान किया कि ब्लैक फंगस को लेकर किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें। घबराएं नहीं बल्कि बचाव नियमों का पालन करते हुए सावधानी बरतें और ब्लैक फंगस से संबंधित लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक से मिलकर उपचार लें।

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मेडिकल प्रैक्टिशनर स्टेरॉयड दवा का न करें प्रयोग, मेडिकल स्टोर संचालक स्टेरॉयड दवा की न करे बिक्री : उपायुक्त प्रदीप कुमार

सिरसा, 25 मई।

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उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि ब्लैक फंगस को रोकने के लिए जिला के चिकित्सकों से चर्चा की गई और यह पाया गया कि ब्लैक फंगस का एक मुख्य कारण स्टेरॉयड का अत्यधिक उपयोग है, इसलिए ब्लैक फंगस पर नियंत्रण के लिए स्टेरॉयड दवा के प्रयोग पर अंकुश लगाना बेहद जरूरी है। कोई भी मेडिकल स्टोर संचालक स्टेरॉयड दवा की बिक्री न करें। इसके अलावा मेडिकल प्रैक्टिशनर भी रोगियों को स्टेरॉयड दवा न दें। बहुत जरूरी होने पर ही केवल एमडी चिकित्सक, फिजिशियन की सलाह में ही स्टेरॉयड दवा का प्रयोग किया जाए। ब्लैक फंगस को लेकर हर तरह की स्थिति की निगरानी के लिए जिला टास्क फोर्स कमेटी का भी गठन किया गया है।


उपायुक्त मंगलवार को स्थानीय सीडीएलयू के ऑडिटोरियम में मेडिकल प्रैक्टिशनर की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में उपायुक्त ने ब्लैक फंगस की स्थिति व नियंत्रण प्रबंधों की समीक्षा की और जरूरी दिशा निर्देश भी दिए। बैठक में पूर्व चेयरमैन जगदीश चोपड़ा, एसडीएम जयवीर यादव, सिविल सर्जन डा. मनीष बंसल, जिला ड्रग्स कंट्रोलर एनके गोयल, उप सिविल सर्जन बुधराम सहित अन्य चिकित्सक मौजूद थे।


उपायुक्त ने कहा कि गांवों में मेडिकल प्रैक्टिशनर का ग्रामीणों से सीधा जुड़ाव होता है, इसलिए अगर किसी व्यक्ति में कोरोना या ब्लैक फंगस के लक्षण दिखाई देते हैं तो उससे सकारात्मक संवाद कर उपचार के लिए प्रेरित करें। इस महामारी काल में अपने दायित्व को धर्म मानकर मानव सेवा करें और अपने गांव के रक्षक की भूमिका निभाएं। सामूहिक प्रयास, दृढ संकल्प व आपसी सहयोग से ही हम इस महामारी पर काबू पा सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी पर रोक लगाने में मेडिकल प्रैक्टिशनर का बहुत सहयोग रहा है, इसलिए ब्लैक फंगस पर भी रोक लगाने में अपना योगदान दें।


पूर्व चेयरमैन जगदीश चोपड़ा ने कहा कि कोरोना संक्रमण व ब्लैक फंगस जैसी चुनौती का सामना करने के लिए हर नागरिक को ईमानदारी से अपना दायित्व निभाना होगा। प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। इस महामारी के काल में प्रशासन के साथ-साथ मेडिकल प्रैक्टिशनर को भी त्याग व तपस्या की भावना से कार्य करना होगा, क्योंकि जीवन मूल्यवान है, इसलिए भूलवश या अज्ञानता के कारण किसी के जीवन की हानि नहीं होनी चाहिए। कोरोना से ठीक हुए व्यक्ति को स्टेरॉयड न दें और दूसरों को भी स्टेरॉयड का प्रयोग न करने के लिए प्रेरित करें।

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ब्लैक फंगस से घबराए नहीं, सावधानी बरतें नागरिक :


उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि नागरिक ब्लैक फंगस से घबराएं नहीं बल्कि सजग रहते हुए सावधानियों को अपनाएं। विशेषकर कोरोना से ठीक होने के बाद व शुगर के रोगी ब्लड ग्लुकोज का विशेष ध्यान रखें। इसके अलावा पूरी सावधानी व बचाव उपायों का पालन करें। उन्होंने कहा कि धूल भरे निर्माण स्थलों पर जाते समय मास्क का प्रयोग करें। मिट्टïी, काई या खाद इत्यादि का कार्य करते समय जूते, लंबी पतलून, लंबी बाजू की शर्ट व दस्ताने जरूर पहनें। इसके साथ-साथ व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें और प्रतिदिन स्नान करें।


सरकार की हिदायतों की पालना में सहयोग करें नागरिक :

उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि नागरिक कोरोना संक्रमण व ब्लैक फंगस की गंभीरता को समझें और किसी प्रकार की लापरवाही न करें। लॉकडाउन के दौरान प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन द्वारा जनहित में अहम फैसले लिए जा रहे हैं। बाजार में अनावश्यक भीड़ न हो, इसलिए आमजन दुकानें खोलने के लिए निर्धारित किए गए समय अनुसार ही खरीदारी करें। अनावश्यक घर से न निकलें और घर से निकलते समय मास्क का प्रयोग करें तथा सामाजिक दूरी का विशेष ध्यान रखें। हिदायतों की पालना व बचाव उपायों को अपना कर ही हम कोरोना संक्रमण पर काबू पा सकते हैं।

उपायुक्त की आमजन से अपील, समाधान शिविर में आकर अपनी समस्याओं का करवाएं निवारण

डोर टू डोर सर्वे : दो लाख 87 हजार व्यक्तियों की जा चुकी है स्क्रीनिंग : उपायुक्त प्रदीप कुमार

सिरसा, 25 मई।

For Detailed News-

– अबतक 63 हजार 295 परिवारों को किया जा चुका है कवर, जरूरतमंदों मेडिकल किट भी की जा रही है वितरित
– सिर दर्द, बुखार, सूखी खांसी, बदन दर्द समस्याओं बारे ले रही जानकारी तथा ऑक्सीजन लेवल भी कर रही है चेक


उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग द्वारा हरियाणा ग्रामीण स्वास्थ्य जांच योजना के तहत जिला के गांवों में कोरोना संक्रमित रोगियों की पहचान करने के लिए डोर टू डोर सर्वे का कार्य किया जा रहा है। विशेष रुप से अधिक संक्रमण वाले चिह्निïत किए गए 73 गांवों में फील्ड टीमों ने गांवों में जाकर डोर टू डोर सर्वे कर रही है और उनकी स्वास्थ्य संबंधी डाटा एकत्रित किया जा रहा है। फील्ड टीमों ने अबतक 63 हजार 295 परिवारों के दो लाख 87 हजार 950 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग कर चुकी हैं। इनमें अबतक 365 व्यक्ति संक्रमित मिले हैं तथा इन सभी संक्रमितों का होम आइसोलेशन के माध्यम से उपचार भी किया जा रहा है। इसके अलावा सभी कोरोना संक्रमितों को मेडिकल किट भी वितरित की जा रही है।


उपायुक्त ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा ग्राम स्तर पर सर्वे कार्य के लिए दो टीमें फील्ड टीम व हेडक्वार्टर टीमें बनाई गई है, फील्ड टीम घर-घर जाकर सर्वे का काम कर रही है। अगर कोई व्यक्ति कोरोना संदिग्ध पाया जाता है तो उसे नजदीकी हेडक्वार्टर टीम के पास स्वास्थ्य जांच व उपचार के लिए भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि गांव स्तर पर गठित इन फील्ड टीमों ने चयनित गांवों में घर-घर जाकर परिवार के सभी सदस्यों के बारे में स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्राप्त कर रही है और उनका ऑक्सीजन लेवल भी चेक किया जा रहा है। सर्वे टीम ग्रामीणों को कोविड नियमों के बारे में जागरूक कर रही है और परिवार में किसी को कोरोना के लक्षण जैसे सिर दर्द, बुखार, सूखी खांसी, बदन दर्द समस्याओं बारे जानकारी ले रही है। सर्वे के दौरान ग्रामीणों को ऑक्सीजन लेवल भी चेक किया जा रहा है। इसके साथ-साथ अगर किसी व्यक्ति में कोविड के लक्षण पाए जाते हैं तो उन्हें दवाइयों की किट भी दी जा रही है।

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उन्होंने आमजन से कहा है कि इस कार्य में ग्रामीण फील्ड टीमों का पूर्ण सहयोग दें और स्वास्थ्य संबंधी सही जानकारी बताएं ताकि कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि संक्रमण संबंधी लक्षण दिखाई देने पर तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करके अपना सैंपल दें और टेस्ट करवाएं। रिपोर्ट आने तक अपने घर में ही परिवार के बाकी सदस्यों से अलग रहें। इसके साथ-साथ मास्क का सही तरीके से इस्तेमाल करें और सामाजिक दूरी बना कर रखें।