पर्यावरण की स्वच्छता के लिए पौधारोपण के साथ-साथ कपड़े व जूट के थैलों का उपयोग जरूरी : अनीश यादव
नव नियुक्त उपायुक्त अनीश यादव ने कहा कि पर्यावरण की स्वच्छता के लिए पौधारोपण के साथ-साथ पॉलिथीन की बजाए कपड़े व जूट के थैलों का उपयोग जरूरी है। इसके लिए हम सभी को अपनी सोच में बदलाव लाना होगा और स्वच्छ पर्यावरण की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्राचीन पद्घति को फिर से अपनाना होगा।
उपायुक्त शनिवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर स्थानीय मुलतानी धर्मशाला में पर्यावरण प्रेरणा संस्था द्वारा आयोजित ‘थैली छोड़ो-थैला पकड़ोÓ अभियान के शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्यअतिथि के रुप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में संस्था द्वारा चलाए गए थैली छोड़ो-थैला पकड़ों अभियान की सराहना की और कहा कि इस अभियान का उद्देश्य तभी सार्थक होगा जब हर नागरिक दिल से पॉलिथीन को छोड़कर कपड़े व जूट के थैले को अपनाएंगे। इस अवसर पर उपायुक्त ने उपस्थित जनों को पॉलिथीन का उपयोग न करने तथा पर्यावरण शुद्ध बनाने में अपना योगदान देने की शपथ भी दिलाई। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के राष्टï्रीय अध्यक्ष रमेश गोयल ने की। इस अवसर पर शाखाध्यक्ष नरेंद्र सिंह, सचिव संदीप खुराना, शाखा उपाध्यक्ष मोहित सोनी, मुलतानी धर्मशाला के सचिव भूपेश महता, दूरभाष पूर्व अधिकारी अशोक गुप्ता, पौधरोपण को समर्पित चिक्की मेहता सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। इससे पहले उपायुक्त ने लघुसचिवालय परिसर स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस पार्क में विश्व पर्यावरण दिवस पर पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए जिलावासियों से अधिक से अधिक पौधे लगाने का आह्वान किया। इस दौरान जिला वन अधिकारी रामकुमार जांगड़ा सहित विभाग के संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
इस मौके पर उपायुक्त ने कहा कि पर्यावरण के संतुलन के लिए अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाएं, ताकि हम आने वाली पीढी को एक स्वच्छ पर्यावरण दे सकें। उन्होंने कहा कि पौधारोपण के साथ-साथ उनके रक्षक बनें और पौधों का पालना पोषण परिवार के सदस्यों की तरह करें। उन्होंने कहा कि पेड़ पर्यावरण से हानिकारक गैसों को अवशोषित करते है, जिससे वायु शुद्ध और ताजी बनती है। जितने हरे-भरे पेड़ होंगे उतना अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन होगा। उन्होंने कहा कि हम अपनी दिनचर्या में छोटे-छोटे बदलाव करके पर्यावरण संरक्षण में बड़ा योगदान दे सकते हैं। उपायुक्त ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के कारण वातावरण में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है, जोकि हम सभी के लिए चिंता का विषय है। पर्यावरण संरक्षण में हम सभी को सामूहिक योगदान देना होगा।
मानसून सीजन में जिला में पौधारोपण की सभी तैयारियां पूरी :
उपायुक्त ने कहा कि वन विभाग द्वारा जिला में पौधारोपण की सभी तैयारियां पूर्ण की जा चुकी हैं। जिला में मानसून सीजन में 18 लाख पौधे लगाकर हरियाली को बढाया जाएगा। पौधारोपण अभियान में पंचायतों, स्कूलों(खुलने पर) सहित विभिन्न विभागों के अलावा विभिन्न सामाजिक संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाएगा। वन विभाग द्वारा जिला में नर्सरियां बनाई गई है। आमजन इन नर्सरियों से कम दाम पर पौधे प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को भी पेड़ों का महत्व समझाएं, उनसे एक-एक पौधा अवश्य लगवाएं ताकि वे पेड़ों का महत्व समझें। इसके अलावा जिन घरों में स्थान की कमी है वहां पर गमलों में पौधे लगाए जा सकते हैं।
पॉलिथीन की थैली की बजाय कपड़े व जूट के बने थैलों का करें प्रयोग :
उपायुक्त ने कहा कि लगातार पेड़ों का दोहन पर्यावरण के लिए बहुत खतरनाक है। पर्यावरण संतुलन के लिए अधिक से अधिक पौधे रोपित करना बहुत ही आवश्यक है। पर्यावरण प्रदूषण के लिए पॉलिथीन मुख्य कारण है। पॉलिथीन अगलनशील होने के कारण यह भूमि के जलस्तर में अवरोध पैदा करता है। बारिश के पानी को जमीन में नहीं जाने देता, जिसके कारण भूमि का जल स्तर दिन प्रतिदिन नीचे जा रहा है। इसके अलावा पॉलिथीन को जलाने से निकलने वाला धुंआ वायु प्रदूषण फैलाता है। उन्होंने कहा कि नागरिक बाजार से सामान लाने के लिए पॉलिथीन के थैली बजाय कपड़े या जूट के बने थैले का प्रयोग करें। कपड़े या जूट के बने थैले बहुत मजबूत होते हैं तथा लंबे समय तक उपयोग में लाए जा सकते हैं। उपायुक्त ने जिलावासियों से अपील की कि पॉलिथीन की बजाए कपड़े या जूट के थैले का उपयोग करें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें।
पर्यावरण को शुद्ध बनाने में सहयोग करें नागरिक :
संस्था के संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश गोयल ने कहा कि संस्था का उद्देश्य है कि पर्यावरण को शुद्ध बनाने में अधिक से अधिक कार्य करें जिससे समाज के लोग व विद्यार्थी पर्यावरण व जल संरक्षण की प्रेरणा ले सकें। उन्होंने शहर का नाम राष्ट्रीय स्तर तक बढ़ाने के लिए नागरिकों से अधिक से अधिक सहयोग करने की अपील की। उन्होंने बताया कि इस प्राजेक्ट से जहां अनेक महिला पुरूषों को रोजगार मिलेगा वहीं यहां पर मिलने वाले प्रशिक्षण के द्वारा अनेक लोगों द्वारा स्वरोजगार यूनिट स्थापित किए जा सकेंगे। जिससे उनकी आर्थिक सम्पन्नता के साथ साथ क्षेत्र के पर्यावरण को बहुत लाभ मिलेगा। संस्था द्वारा नाम मात्र 5 रुपये में कपड़े का थैला उपलब्ध करवाया जाएगा जिसे आमजन प्लास्टिक थैली के स्थान पर सामान लाने के लिए प्रयोग कर सकते हैं।