प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रदेश में लंबे समय से हाशिए पर चल रही कांग्रेस को संजीवनी देने के लिए कवायद शुरू कर दी।

कांग्रेस के नवनियुक्त राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी  और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रदेश में लंबे समय से हाशिए पर चल रही कांग्रेस को संजीवनी देने के अपने रोडमैप को जमीन पर लाने की कवायद शुरू कर दी। हालांकि पहले ही दिन पार्टी की असली तस्वीर भी उनके सामने आ गईं जब खुलकर लोगों ने भाई-भतीजावाद और जेबी लोगों को पदाधिकारी बनाये जाने जैसी बातें खुल कर बताईं। देर रात तक मिलने का यह सिलसिला जारी रहा। सारी कवायद इसी पर थी कि क्या हो कि पार्टी फिर प्रदेश में अव्वल बने और नतीजे अच्छे आएं। 

रोड शो के बाद प्रियंका गांधी सोमवार की रात जयपुर चली गईं थीं। वहां आज पति राबर्ट वाड्रा की ईडी के सामने पेशी थी। जयपुर से करीब डेढ़ बजे वह वापस लौटीं तो सीधे प्रदेश कार्यालय पहुंच कर उन्होंने पूर्वी उत्तर प्रदेश की बैठकों का सिलसिला शुरू कर दिया। सबसे पहले उन्नाव की बैठक हुई। पूर्व सांसद अन्नू टण्डन भी इस बैठक में मौजूद थीं। इसके बाद मोहनलालगंज, लखनऊ और फिर सिलसिला बढ़ता चला गया। जयपुर से लौटने में देरी की वजह से भले ही प्रियंका गांधी लोकसभा सीटवार बैठक तय समय से देरी से शुरू कर पाई हो लेकिन उन्होंने आज के लिए तय सभी लोकसभा सीटों के लोगो के साथ विस्तृत बैठक की। उन्नाव, मोहनलाल गंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर,प्रतापगढ़,  फतेहपुर, बाराबंकी, कौशाम्भी और फूलपुर की बैठक की। अंतिम बैठक खत्म करके रात 12 बजे के बाद पार्टी दफ्तर से निकली। आज भी बैठकें होंगी।

पार्टी सूत्रों के अनुसार बैठक भले ही दोनों नेता अलग-अलग कर रहे थे लेकिन अन्दर पूछे जाने वाले सवाल एक से थे। संगठन की कमजोर हालत के कारण, लोकसभा क्षेत्र के समीकरण, टिकट किसको, मिलकर जीताना है। श्री सिन्धिया नीचे हॉल में बैठे हैं जबकि प्रियंका ऊपर मीटिंग कक्ष में। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर पूरे समय अपने कमरे में बैठे रहे। बड़े नेता जीतिन प्रसाद, प्रमोद तिवारी, संजय सिंह, आराधना मिश्रा मोना, रत्ना सिंह भी आए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुरुक्षेत्र में एक रैली को संबोधित किया

कुरुक्षेत्र: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरियाणा के कुरुक्षेत्र में एक रैली को संबोधित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्षी राजनैतिक दलों पर जमकर हमले किए। उन्होने कहा कि जो भ्रष्ट है उसको ही मोदी से कष्ट है। 

  • आज़ादी के लगभग 70 वर्षों में स्वच्छता का जो दायरा करीब 40% था, वो आज 98% तक पहुंच चुका है। साढ़े 4 वर्षों में 10 करोड़ से अधिक टॉयलेट्स बनाए जा चुके हैं। 600 जिलों के साढ़े 5 लाख गांवों ने खुद को खुले में शौच से मुक्त कर दिया है।
  •  हरियाणा से हमने जो भी बड़े लक्ष्य तय किए, वो हासिल किए। वन रैंक, वन पेंशन का वादा यहीं से किया था और जो पूरा किया। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की योजना यहीं से लॉन्च की थी और ये पूरे देश में जन आंदोलन के रूप में फैल गई। आयुष्मान भारत की पहली लाभार्थी भी हरियाणा की बिटिया है। 
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ से बच्चियों की जनसंख्या में सुधार आया है, उज्जवला योजना से बहनों को धुएं से मुक्ति मिली है। राष्ट्रीय पोषण अभियान और प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान से प्रसूता माताओं के जीवन पर आने वाला खतरा कम हुआ है। 
  • बेटियों पर बलात्कार जैसे अत्याचार करने वालों को फांसी तक की सज़ा का प्रावधान भी हमारी सरकार ने किया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो घर दिए जा रहे हैं, उसमें भी महिलाओं के नाम घर की रजिस्ट्री हो, इसे प्राथमिकता दी जा रही है।  
  • देश में पहली बार बेटियां फाइटर पायलट बनी हैं। महिलाओं को अपने नवजात शिशुओं के अच्छी तरह लालन-पालन के लिए पर्याप्त समय मिल सके, इसके लिए मैटरनिटी लीव को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह किया गया है। 
  • कोई भी मानव इतिहास की जड़ों से कटकर इतिहास बना नहीं सकता, इतिहास वही बना सकते हैं जो इतिहास की जड़ों से रस-कस लेकर फलते- फूलते हैं। 
  • मुद्रा योजना में 15 करोड़ ऋणों में से लगभग 75% ऋण महिला उद्यमियों को मिले हैं। ‘दीन दयाल अंत्योदय योजना’ के तहत लगभग 6 करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हुई हैं।
  • हरियाणा देश की उस परम्परा को सशक्त करने में जुटा है, जिसके मूल में नारी शक्ति हैं। यहां की धरती ने अनेकों ऐसी बेटियों को जन्म दिया है जिन्होंने आधुनिक भारत के निर्माण में योगदान दिया और अब न्यू इंडिया के सपनों को सशक्त कर रहीं हैं। 
  • अगर बेटियां सशक्त होंगी तो समाज सशक्त होगा। इसलिए पिछले साढ़े चार साल में जो कार्यक्रम बने हैं, उसमें महिला सशक्तिकरण को प्रमुखता दी गई है। 
  • कुरुक्षेत्र की इसी धरती पर श्रीकृष्ण के नेतृत्व में हजारों साल पहले भी स्वच्छता का अभियान शुरू हुआ था।

प्रियंका गांधी के रोड शो के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह देखा गया।

उत्तर प्रदेश: कांग्रेस की नवनिर्वाचित महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को लखनऊ में तकरीबन पांच घंटों तक रोड शो किया। उनके साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, पीएल पूनिया, आरपीएन सिंह, राजबब्बर जैसे दिग्गज नेता मौजूद थे।

प्रियंका गांधी के रोड शो के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह देखा गया। प्रियंका और राहुल गांधी का यह रोड शो तकरीबन 15 किलोमीटर था और शहर के कई अहम इलाकों से होकर गुजरा। रोड शो खत्म होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी दफ्तर में मीडिया को संबोधित भी किया। इस संबोधन में राहुल गांधी ने पीएम पर निशाना साधा। वहीं, यह भी बताया कि वे मायावती और अखिलेश यादव का पूरा आदर करते हैं लेकिन आगामी चुनाव में उनकी पार्टी पूरे दम के साथ चुनाव लड़ेगी। इसके अलावा राहुल गांधी ने राफेल के मुद्दे को भी उठाया। 

बीजेपी के दावे को शिवसेना ने तंज कसते हुए कहा

मुंबई:भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच जुबानी जंग लगातार जारी है। आगामी आम चुनावों में महाराष्ट्र की कुल 48 लोकसभा सीटें जीतने के बीजेपी के दावे का सोमवार को शिवसेना ने तंज कसते हुए कहा कि यह ‘दुरुह’ और ‘वास्तविकता से परे’ है। शिवसेना ने कहा कि राज्य में स्थिति गंभीर है और हैरानी जताई कि बीजेपी राज्य में इतनी सीटें जीतने के बारे में सोच भी कैसे सकती है जब पार्टी शासित राज्य में इतनी समस्याएं मुंह फैलाए खड़ी हैं और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ गठबंधन की बातचीत भी अधर में है।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस और प्रदेश बीजेपीअध्यक्ष रावसाहेब दानवे ने शनिवार को दावा किया था कि उनकी पार्टी राज्य में लोकसभा चुनावों में 2014 के लोकसभा चुनावों में मिली सीटों से एक सीट ज्यादा यानि 43 सीटें जीतेगी। उत्तर प्रदेश की 80 सीटों के बाद महाराष्ट्र देश का दूसरा सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाला राज्य है जहां लोकसभा की 48 सीटें हैं। 

अभी केंद्र और भाजपा के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में राजग की सहयोगी शिवसेना ने पिछले साल घोषणा की थी कि वह भविष्य में अकेले ही चुनाव लड़ेगी। बीजेपी ने हालांकि भरोसा जताया है कि उसका शिवसेना के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन हो जाएगा। 

शिवसेना ने सोमवार को पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में दावा किया कि फिलहाल कुछ मुद्दे राज्य को परेशान कर रहे हैं। इसमें दावा किया गया, ‘बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार ने अहमदनगर में किसानों की बेटियों के आंदोलन को कुचलने की कोशिश की। दूध उत्पादकों और प्याज उपजाने वालों को उपज का अच्छा मूल्य नहीं मिला।

प्रियंका और राहुल गांधी का रोड शो के दौरान समर्थकों में भारी भीड़

लखनऊ: लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का मास्टरस्ट्रोक माने जाने वाली प्रियंका गांधी वाड्रा ने आज लखनऊ में रोड शो किया। प्रियंका के साथ उनके भाई और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी रहे। कांग्रेस उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी, ऐसे में इस मेगा शो के जरिए पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने की तैयारी है।लखनऊ दौरे के दौरान वह हर रोज 13 घंटे तक काम करेंगी। लखनऊ आने के तुरंत बाद प्रियंका अपने भाई और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ मिलकर लोकसभा चुनावों में पार्टी की रणनीति बनाने का काम शुरू कर देंगी।

प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एयरपोर्ट से प्रदेश मुख्यालय तक रोड शो कर रहे हैं। एयरपोर्ट से प्रदेश कांग्रेस कार्यालय तक पूरे रास्ते में करीब तीन दर्जन जगहों पर उनका स्वागत हो रहा है। इसी दौरान उनका लालबाग चौराहे पर संबोधन भी होगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर ने रविवार को यहां दावा किया कि प्रियंका गांधी का स्वागत ऐतिहासिक होगा। 

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी चुनावी रथ पर सवार हो गए हैं और राहुल गांधी  दोनों का रोड शो शुरू हो गया है,15 किमी लंबा यह रोड शो 4 घंटे से ज्यादा समय तक चलेगा। इस रोड शो को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।प्रियंका गांधी के रोड शो के दौरान समर्थकों में भारी भीड़ देखने को मिल रही है। समर्थकों में खूब जोश और उत्साह नजर आ रहा है। 

प्रियंका गांधी का यूपी दौरा

प्रियंका गांधी वाड्रा आज सोमवार को चार दिन के दौरे पर पहली बार लखनऊ आ रही हैं। इस दौरान वह हर रोज 13 घंटे तक काम करेंगी। लखनऊ आने के तुरंत बाद प्रियंका अपने भाई और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ मिलकर लोकसभा चुनावों में पार्टी की रणनीति बनाने का काम शुरू कर देंगी।

प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एयरपोर्ट से प्रदेश मुख्यालय तक रोड शो करेंगे। एयरपोर्ट से प्रदेश कांग्रेस कार्यालय तक पूरे रास्ते में करीब तीन दर्जन जगहों पर उनका स्वागत होगा। इसी दौरान उनका लालबाग चौराहे पर संबोधन भी होगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर ने रविवार को यहां दावा किया कि प्रियंका गांधी का स्वागत ऐतिहासिक होगा। 

12 फरवरी को प्रियंका गांधी मोहनलालगंज और दोपहर बाद उन्नाव के पार्टी कार्यकतार्ओं से मिलेंगी। दोपहर के भोजन के बाद प्रियंका वाराणसी, गोरखपुर, कौशांबी, फूलपुर, इलाहाबाद, चंदौली, गाजीपुर, धौरहरा, फतेहपुर और लखनऊ के कार्यकतार्ओं के साथ बैठक करेंगी।

13 फरवरी को वह बाराबंकी, कैसरगंज, बहराइच, बांसगांव, देवरिया, डुमरियागंज, कुशीनगर, संत कबीरनगर, महाराजगंज, फैजाबाद, श्रावस्ती, गोण्डा और बस्ती के नेताओं और कार्यकतार्ओं से मिलेंगी।

14 फरवरी को प्रियंका की मुलाकात सीतापुर, सलेमपुर, घोसी, आजमगढ़, लालगंज, मछलीशहर, जौनपुर, रॉबट्र्सगंज, मीरजापुर, भदोही, अंबेडकर नगर, बलिया और मिश्रिख के कार्यकतार्ओं से होगी।

पुलिस के वाहन जलाए,हिंसक हुआ गुर्जर आंदोलन



राजस्थान: पांच फीसद आरक्षण की मांग को लेकर राजस्थान में गुर्जरों का आंदोलन तीसरे दिन रविवार को हिंसक हो गया। धौलपुर में महापंचायत के बाद गुर्जर प्रदर्शनकारियों ने एनएच-3 पर मचकुंड चौराहे पर जाम लगा दिया। जाम खुलवाने आए पुलिसकर्मियों पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव कर दिया। यही नहीं प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के तीन वाहनों को आग के हवाले करते हुए हवाई फायरिंग कर दी। आग के हवाले किए गए वाहनों में एक गाड़ी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की भी थी।

हिंसक प्रदर्शनकारियों की भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस ने पहले तो आंसू गैस के गोले छोड़े और फिर हवा में फायरिंग की। इस दौरान आधा दर्जन पुलिसकर्मी और कुछ आंदोलनकारी घायल हो गए। करीब डेढ़ घंटे तक हाइवे जाम रहा। हालांकि, पुलिस ने बाद में जाम खुलवाकर वाहनों की आवाजाही शुरू कराई। पुलिस ने क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी है। पुलिस अधीक्षक अजय सिंह का कहना है कि अब शांति बहाल हो गई है। वाहनों का आवागमन भी हो रहा है। वहीं, बूंदी जिले के नैनवा में गुर्जरों ने महापंचायत करने के बाद हाइवे पर जाम लगा दिया।

दौसा जिले के गुर्जरों ने रविवार को महापंचायत कर सोमवार को सुबह 11 बजे सिकंदरा चौराहे पर नेशनल हाइवे-21 जाम करने की घोषणा की है। महापंचायत के दौरान उग्र युवक रविवार से ही जाम लगाना चाहते थे, लेकिन समाज के वरिष्ठ लोगों ने बंसत पंचमी पर काफी संख्या में होने वाले शादी-विवाह को देखते हुए सोमवार से आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया। गुर्जरों ने मंगलवार से दौसा जिले के अरनिया में जयपुर-दिल्ली रेलवे ट्रैक जाम करने की चेतावनी दी है।

आंदोलन के चलते रविवार को 20 ट्रेनें प्रभावित हुई। इनमें से कुछ को रद किया गया तो कुछ का मार्ग बदला गया। वहीं गुर्जर बहुल इलाकों में अघोषित रूप से रोडवेज और निजी बसों का आवागमन बंद हो गया है। इस कारण लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। रेलवे सूत्रों के अनुसार, आंदोलन के कारण करीब 17 हजार लोगों ने अपना टिकट रद कराया है।

आरक्षण की मांग को लेकर पिछले तीन दिन से सवाई माधोपुर जिले के मलारना डूंगर में दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर महापड़ाव डाले बैठे गुर्जर अब ‘टॉक ऑन ट्रैक’ पर अड़ गए हैं। रेलवे ट्रैक पर कब्जा जमाए बैठे आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी ¨सह बैंसला और प्रवक्ता शैलेन्द्र ¨सह का कहना है कि अब बातचीत रेल ट्रैक पर ही होगी। गुर्जर समाज अपनी मांग पूरी होने के बाद ही यहां से वापस जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर सरकार की मंशा हो तो उन्हें तत्काल आरक्षण मिल सकता है। ट्रेन प्रभावित होने और धौलपुर की घटना पर अफसोस जताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार आंदोलन को हल्के में नहीं ले।

PM Modi : आंध्र, तमिलनाडु और कर्नाटक में रैलियां

मिशन 2019′ की तैयारी में जुटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के अलग-अलग इलाकों में ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं। नॉर्थ-ईस्ट के बाद पीएम की नजर अब दक्षिण भारत पर है और रविवार को वह आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक में रैलियां करने वाले हैं। इससे दक्षिण भारत का सियासी पारा गरमा गया है। इस बीच आंध्र प्रदेश के कई शहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली से पहले मोदी विरोधी पोस्टरों से पटे हुए हैं। 

वे डरे हुए हैं, उन्हें नींद नहीं आती है। परेशानी से जूझ रहे हैं। यहां के मुख्यमंत्री को तकलीफ है कि आपका यह चौकीदार… मेरी सरकार उनसे हिसाब मांगती है। पहले उन्हें दिल्ली के गलियारों में कभी भी हिसाब नहीं देना पड़ता था। अब मोदी पूछता है कि आंध्र के विकास के लिए, जो पैसा दिया गया, उसकी पाई-पाई का हिसाब दीजिए। यहीं उन्हें अखरता है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आंध्र प्रदेश के गुंटुर में एक रैली को संबोधित करेंगे। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अपने कार्यकर्ताओं को शनिवार को कॉल करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के दौरान गांधीवादी प्रदर्शन करने का आह्वान किया है। एक टेलिकॉन्फ्रेंस के जरिए नायडू ने अपने पार्टी नेताओं से बात करते हुए कहा, ‘यह काला दिन है। पीएम मोदी यह देखने आ रहे हैं कि उन्होंने आंध्र प्रदेश के साथ क्या अन्याय किया है। मोदी राज्यों और संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर कर रहे हैं। पीएमओ का राफेल में दखलअंदाजी करना देश का अपमान करना है। हम पीली और काली टीशर्ट और गुब्बारों के साथ शांतिपूर्वक गांधीवादी प्रदर्शन करेंगे।

आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने के समझौते से केंद्र सरकार के इनकार के बाद टीडीपी, बीजेपी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार से अलग हो गई। चंद्रबाबू ने मोदी द्वारा विपक्षी गठबंधन को महामिलावट कहने पर कड़ी आपत्ति जाहिर की। नायडू बीजेपी विरोधी मोर्चा बनाने की कवायद में जुटे हैं।

बीजेपी की तमिलनाडु यूनिट भी तिरुपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के लिए तैयार है। इस वर्ष अंतरिम बजट पेश किए जाने के बाद यह मोदी की राज्य की पहली यात्रा होगी। चर्चा है कि बीजेपी-एआईडीएमके के बीच संभावित गठबंधन पर भी मुहर लग सकती है। तमिलनाडु में ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष एसके खरवेंटन ने, ‘एक सरकारी समारोह में भाग लेने के बाद, मोदी एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करेंगे, जिसमें 150,000 लोगों के शामिल होने की संभावना है। वह सात लोकसभा क्षेत्रों- ऊटी, कोयंबटूर, पोलाची, इरोड, करूर, तिरुपुर और सालेम स्थित पार्टी के सदस्यों और अन्य लोगों को संबोधित करेंगे।’ 

आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर भाजपा और टीडीपी के बीच तनातनी बनी हुई है। इसी मांग को लेकर टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने अपनी पार्टी को एनडीए से अलग कर लिया था। इसके बाद से लगातार नायडू भाजपा पर हमला करते देखे गए। वहीं, सदन में भी टीडीपी सांसद लगातार अपनी इस मांग को जोर-शोर से उठा रहे हैं।

गुर्जर पटरियों से हटने को तैयार नहीं

जयपुर: पांच फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर राजस्थान में दो दिन से किए जा रहे गुर्जर आंदोलन की वजह से रेलवे ने शनिवार को 14 ट्रेनें रद्द कर दीं। चार के मार्ग बदले गए हैं। शुक्रवार को भी 25 ट्रेनों पर असर पड़ा था। सवाईमाधोपुर के मलारना स्टेशन और नीमोदा रेलवे स्टेशन के बीच गुर्जरों ने ट्रैक पर ही तंबू लगा लिया है और अलाव जलाकर बैठे हैं। इससे दिल्ली और मुंबई के बीच ट्रेनों का आवागमन बंद हो गया।कर्नल बैंसला के आह्वान के बाद भरतपुर, कोटा और सवाई माधोपुर के साथ कई अन्य स्थानों पर भी ट्रेनें रोकी गई हैं. आंदोलन के आह्वान के साथ ही गुर्जरों ने सवाई माधोपुर में अवध एक्सप्रेस और भरतपुर के बयाना में चंडीगढ़ कोच्चि ट्रेन रोक दी।

गुर्जर समाज के पंचों के बीच यह फैसला लेते हुए कर्नल बैंसला ने रेलवे ट्रैक की ओर कूच कर दिया था. बैंसला ने कहा है कि  यह आंदोलन शान्तिपूर्ण होगा लेकिन गुर्जर समाज तब तक पटरी पर बैठेगा जब तक आरक्षण की मांग पूरी नहीं होगी. उधर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुर्जर समाज से शांति बनाए रखने की अपील की है. साथी सरकार ने तीन मंत्रियों की एक कमेटी का गठन भी कर दिया है.

मंत्री विश्वेंद्र सिंह और वरिष्ठ आइएएस अधिकारी नीरज के. पवन वार्ता का न्योता लेकर शनिवार शाम धरनास्थल पहुंचे। विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि हम चाहते हैं कि गुर्जर समाज का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को जयपुर या ट्रैक के आसपास ही बातचीत के लिए आ जाए। इसके जवाब में बैंसला ने साफ कहा कि उनका कोई प्रतिनिधिमंडल कहीं नहीं जाएगा। जब केंद्र सरकार सात दिन में आर्थिक पिछड़ों को दस प्रतिशत आरक्षण दे सकती है तो हमें 14 साल से क्यों परेशान किया जा रहा है। सरकार से यहीं बात होगी। इसके बाद विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि इस मसले पर वह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात करेंगे। सरकार मामले में कानूनी राय भी ले रही है। हम अपना प्रस्ताव लेकर यहां आ जाएंगे।

इस बीच राजस्थान भाजपा ने कहा है कि सरकार मामले का जल्द हल निकाले, क्योंकि आंदोलन से जनता को परेशानी हो रही है। भाजपा सरकार में मंत्री रहे अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि हमारी सरकार ने गुर्जर आरक्षण के लिए काफी गंभीर प्रयास किए थे, लेकिन यह संभव नहीं हो पाया।

पश्चिम बंगाल में ममता के साथ नहीं करेगी गठबंधन : कांग्रेस

कोलकाता : लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल कांग्रेस तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी। पश्चिम बंगाल कांग्रेस नेतृत्व का यह सुझाव आलाकमान ने भी मान लिया है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव की रणनीति तैयार करने को लेकर शनिवार को दिल्ली में कांग्रेस की महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्रा, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान व राज्य के अन्य वरिष्ठ पार्टी नेता मौजूद थे।मगर ममता बनर्जी की इस रैली से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी का अलग रहना, अपने आप में कई सवाल खड़े कर रहे हैं. मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष का राष्ट्रीय स्तर पर महागठबंधन की कवायद हकीकत का जामा पहनेगा या फिर यह फसाना बनकर रह जाएगा यह तो खैर वक्त बताएगा, मगर कई राज्यों में जिस तरह से कांग्रेस से क्षेत्रीय पार्टियां दूरी बनाती दिख रही हैं, उससे यह अब एक बार फिर से चर्चा होने लगी है कि क्या सच में विपक्ष एकजुट है? ऐसे सवाल मन में इसलिए भी कौंध रहे हैं क्योंकि ममता के मंच पर करीब 20 राजनैतिक दलों के नेता मौजूद दिखे, जिनमें से कुछ का कांग्रेस के साथ गठबंधन है और कुछ ऐसे हैं जो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के बगैर लड़ने का ऐलान कर चुके हैं. कोलकाता में विपक्षी नेताओं के जमावड़े से यह स्पष्ट होता है कि भले ही उनके बीच गठबंधन न हो, मगर वह लोगों को यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि वह मोदी सरकार के खिलाफ एक हैं.

सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने सभी राज्यों के प्रतिनिधियों से अलग-अलग चर्चा की। इस कड़ी में मित्रा व मन्नान से भी उन्होंने चुनावी रणनीति के संदर्भ में चर्चा की।

दरअसल, शनिवार को ममता बनर्जी द्वारा आहुत ‘संयुक्त भारत रैली’ में करीब 20 से 22 दलों के 20 नेता एक मंच पर साथ आए. ये नेता एक मंच पर एक साथ तो जरूर आ गए, मगर इनमें से कई ऐसे हैं जो पहले ही लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से अलग जाने का फैसला ले चुके हैं. अगर एक मंच पर विपक्षी दलों के नेता एक साथ नजर आ भी जाते हैं तो अब सवाल उठता है कि क्या बीजेपी को हराने के लिए एक साथ चुनावी मैदान में भी उतरेंगे? इसका जवाब शायद ज्यादातर ना ही होगा. कयोंकि हाल ही में उत्तर प्रदेश में मायावती और अखिलेश यादव ने सपा-बसपा के गठबंधन का ऐलान कर इस बात की तस्दीक कर दी कि यूपी में कांग्रेस अकेली हो गई है. यानी यूपी में अब कांग्रेस को बीजेपी से तो लड़ना है ही, साथ ही उसे बसपा और सपा से भी लड़ना है. इस तरह से विपक्षी पार्टियों के पास विजन स्पष्ट है कि केंद्र की सत्ता से मोदी सरकार को हराना है, मगर कैसे हटाना है यह तरीका नहीं पता है. 

बैठक से बाहर निकलने के बाद पत्रकारों से बातचीत में मित्रा ने कहा-‘हमने अपनी बात आलाकमान के समक्ष रखी है। हमने राहुल गांधी से कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल हमारी पार्टी को नुकसान पहुंचाने की हर कोशिश कर रही है। ऐसे में यदि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस-तृणमूल गठबंधन होता है तो यह पार्टी के हित में नहीं होगा।