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माता मनसा देवी श्राईन बोर्ड ने माता मनसा देवी मंदिर पंचकूला, काली माता मंदिर कालका को व्यवस्थित ढंग एवं बेहतर प्रबंधन करते हुए 9 जून से श्रद्वालुओं के दर्शनार्थ खोल दिया गया है।

पंचकूला 7 जून- माता मनसा देवी श्राईन बोर्ड ने माता मनसा देवी मंदिर पंचकूला, काली माता मंदिर कालका को व्यवस्थित ढंग एवं बेहतर प्रबंधन करते हुए 9 जून से श्रद्वालुओं के दर्शनार्थ खोल दिया गया है। इसके लिए श्रद्वालुओं को आॅनलाईन एडवांस में बुकिंग करनी होगी।

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उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि 15 मिनट के एक स्लाॅट में केवल 90 व्यक्तियों के दर्शन करने की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए श्रद्वालुओं को श्राईन बोर्ड की वैबसाईट डब्लु डब्लु डब्लु एमएएनएसएडीईवीआई डाॅट ओआरजीडाॅटइन (मनसादेवीडाॅटओरजीडाटइन) पर साधारण आवेदन में वैद्य आईडी के साथ अपलोड करना होगा। उसके बाद श्रद्वालु के मोबाईल नम्बर पर संदेश आएगा। इस संदेश को मंदिर में प्रवेश करते समय दिखाना होगा। दर्शनों के लिए श्रद्वालुओं को स्वंय या अपने परिवार या समूह में 5 मिनट का समय दिया जाएग तथा मंदिर प्रातः 6 से सांय 8.15 बजे तक दर्शनार्थ खुला रहेगा।
उपायुक्त ने बताया कि श्रद्वालुओं को केवल ई दर्शन टोकन के माध्यम से ही मंदिर में दर्शनों किए जा सकेंगें। सभी श्रद्वालुओं को सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशोअनुसार आवश्यक सेवा कोविड नियमों का पालन करना होगा तथा मंदिर परिसर में किसी भी दरवाजे, दान पात्र, हैण्डल आदि को छूने की अनुमति नहीं होगी। श्रद्वालुओं के लिए भण्डारा, प्रसाद, धर्मशाला व मुण्डन घाट को खोलने की अनुमति नहीं दी गई है।


उपायुक्त ने बताया कि श्रद्वालुओं को शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मास्क पहनना अनिवार्य है। इसके अलावा मंदिर परिसर में आते ही श्रद्वालुओं को हाथ व पैर धोना व सेनीटाईजेशन करने के साथ ही थर्मल स्केैनिंग भी की जाएगी। मंदिर परिसर में 65 साल से अधिक आयु के बुजुर्ग, 10 साल से कम आयु के बच्चे व गर्भवती महिलाओं को मंदिर परिसर में न आने की सलाह दी जाती है। श्राईन बोर्ड द्वारा श्रद्वालुओं की सुरक्षा एवं सिक्योरिटी के लिए आवश्यक प्रबंध किए गए है।

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सोशल मीडिया का प्रयोग कर पतंजलि योग समिति ने शुरू किया योग प्रोटोकॉल का अभ्यास |

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पंचकूला:

News 7 world:

अंतराष्ट्रीय योग दिवस के मध्यनजर, आज पतंजलि योग समिति एवं भारत स्वाभिमान के सौजन्य से ऑनलाइन योग प्रोटोकॉल का अभ्यास आरम्भ किया गया | इस कार्यक्रम का शुभ आरम्भ भारत स्वाभिमान के राज्य प्रभारी श्री नविन चंद्र एवं पंचकूला मंडल के प्रभारी श्री प्रेम आहूजा के उद्बोधन से हुआ | इस कार्यक्रम की जानकारी प्रदान करते हुए तेजपाल सिंघल मीडिया राज्य प्रभारी ने कहाँ कि पतंजलि पंचुकला की टीम ने योग प्रोटोकॉल का क्रम अनुसार अभ्यास करवाया | इस कार्यक्रम को भारत स्वाभिमान चंडीगढ़ के फेसबुक पेज पर सीधा प्रसारण किया गया और समाज की तैरफ से, इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई| इस अभ्यास क्रम का सीधा प्रसारण भारत स्वाभिमान चंडीगढ़ के फेसबुक पेज पर प्रतिदिन प्रात: 07:00 से 08:00 तक किया जायेगा|  इस कार्यक्रम का मुख्य उदेश्य यह है कि इस कोरोना काल में व्यक्ति अपने घर पर योग अभ्यास करें और इसके लाभ प्राप्त कर सकें|  उपरोक्त कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्री सूरत वालिया, बहन उर्मिला राठी, श्री सत्यपाल सिंह, पूनम सिन्हा एवं उमेश मित्तल ने आसनों का प्रदर्शन किया तथा सुमन लेखी, सत्यवीर सिंह, हुकम चंद बंसल, मुकेश अग्रवाल, अश्वनी शर्मा ,जनार्दन मौर्य, उमेश नारंग आदि का सहयोग प्राप्त हुआ| 

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IGNOU extends Re-evaluation date till 15th June, 2020

IGNOU extends Admission up to 28th February, 2020

Indira Gandhi National Open University (IGNOU) has extended the last date for online submission of application for re-evaluation of answer scripts pertaining to TEE December 2019 till 15th June, 2020 only for those courses/students whose results have been declared after 20th February 2020. The Revised Notification for the extension of last date for online submission of application for re-evaluation of answer scripts pertaining to TEE December 2019 is available on IGNOU website. This Notification supersedes the earlier Notification issued on 26th May 2020 in this regard.  A circular was issued for the cancellation of the earlier notification.  

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Dr. Anil Kumar Dimri, Regional Director, IGNOU Regional Centre Chandigarh informed that owing to the extension of lockdown on account of Corona Virus (COVID-19 many such learners who could not apply earlier can now apply for re-evaluation. The revised Notification is applicable only to those courses/students whose results have been declared after 20th February 2020. For all the latest updates about IGNOU the learners are advised to keep in touch with the websites of the University www.ignou.ac.in and Regional Centre Chandigarh http://rcchandigarh.ignou.ac.in . The learners may also like the facebook page of RC Chandigarh for important information about the University. For any query or guidance the learners may email to RC Chandigarh at the email ID [email protected]

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माननीय न्यायमूर्ति श्री एन0वी0 रमना जी ने कोविड-19 की महामारी के कारण देश के सामने आने वाले कई मुद्दों और चुनौतियों पर प्रकाश डाला।

पंचकूला 5 जूून- माननीय न्यायमूर्ति श्री एन0वी0 रमना, न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने  राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों के अध्यक्षों, उच्च न्यायालय कानूनी सेवा समितियों के अध्यक्षों, सभी राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों के सदस्य सचिवों एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के अध्यक्षांे तथा सचिवों की उपस्थिति में एक वेबिनार के माध्यम से एक‘Handbook of Formats: Ensuring Effective Legal Services’ को जारी किया।   

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यह पुस्तिका Commonwealth Human Rights Initiative (CHRI के सहयोग से तैयार की गयी है। यह पुस्तिका विभिन्न प्रारूपों को एकीकृत करने की दिशा मंे पहला महत्वपूर्ण कदम है। यह पुस्तिका मानव संसाधनों के प्रबन्धन के लिए एक प्रभावी उपकरण है और भविष्य में सभी को न्याय दिलवाने के लिए एक छोटा परन्तु महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।   

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अपने प्रमुख संबोधन में, माननीय न्यायमूर्ति श्री एन0वी0 रमना जी ने कोविड-19 की महामारी के कारण देश के सामने आने वाले कई मुद्दों और चुनौतियों पर प्रकाश डाला। लाॅकडाउन के कारण, हजारों लोग अपनी जान और आजीविका खो चुके हैं, बड़े पैमाने पर पलायन भी हुआ है। उन्होंने इस प्रचलित महामारी के दौरान कानूनी विधिक सेवा प्राधिकरणांे द्वारा नवीनतम तकनीक को अपनाते हुए किए गए कार्यों/गतिविधियों की सराहना की।  

  माननीय न्यायमूर्ति श्री एन0वी0 रमना जी ने यह भी कहा कि लाॅकडाउन के दौरान, यह संज्ञान में आया है कि परिवार के भीतर ही हिंसा के मामले बढ़ रहे हैं। इस स्थिति में, हर जिले में महिला पैनल वकीलों की टेली-सेवाओं के माध्यम से, पीड़ितांे को कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए लगातार प्रयास किए गए।   

भारत के माननीय उच्चतम न्यायालय के दिनांक-23 मार्च 2020 के निर्देशांे के अनुपालन में, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों ने पूर्ण सक्रियता के साथ भ्पही च्वूमतमक ब्वउउपजजममे को कैदियों की रिहाई के लिए आवश्यक औपचारिकताओं को समझने और उन्हंे पूरा करने के लिए सक्रिय रूप से सहायता की है। इस महामारी के दौरान कुल 58,797 विचाराधीन कैदियों को एवं 20,972 दोषियों को विधिक सेवा संस्थानों की सहायता से रिहा कर दिया गया है और रिमाण्ड स्टेज पर 9,558 व्यक्तियों को कानूनी प्रतिनिधित्व प्रदान किया गया है। 1,559 घरेलू हिंसा के मामलों में महिलाओं को, 16,391 अपराधियांे को, 1,882 मजदूरांे को एवं 310 किरायेदारों को कानूनी सलाह एवं सहायता प्रदान की गई है।  

कानूनी सेवा प्राधिकरणों नें विभिन्न राज्यों में सैकड़ों वेबिनार आयोजित किए हैं तथा अधिकांश जरूरतमंद लोगों तक पहुॅचने के लिए सोशल मीडिया, सामुदायिक रेडियों स्टेशनों, स्थानीय केबिल टेलीविजन चैनलों और अन्य डिजिटल प्लेटफार्मों जैसे प्रभावी उपकरणों का भी उपयोग कर रहे हैं।   

हरियाणा राज्य में दिनांक-24मार्च 2020 के बाद से कुल 5,752 विचाराधीन कैदी और 3,041 अपराधी रिहा किए गए हैं।

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पर्यावरण दिवस पर पॊधे लगाते हुए रेडक्रास सचिव सविता अग्रवाल व अन्य कार्यकर्ता।

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पर्यावरण दिवस पर पॊधे लगाते हुए रेडक्रास सचिव सविता अग्रवाल व अन्य कार्यकर्ता।

पंचकूला 5 जून  ज़िला रैडक्रोस पंचकूला द्वारा  पर्यावरण दिवस  पर रेडक्रास सचिव सविता अग्रवाल  स्वयंसेवक जी एस पासवान  ने पौधारोपण कर किया और लोगो को भी  बरसात के मौसम में पोेधे  पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया । ये सभी पौधे जी एस पासवान व राजेश दलाल द्वारा भेंट किए गए । रेडक्रॉस सचिव सविता अग्रवाल ने कहा कि हमे अपने पर्यावरण का पूरा ध्यान रखना चाहिए ताकि हम शुद्ध हवा में सांस ले सके । यदि पर्यावरण दूषित होगा तो लोग अनेक बीमारियों से ग्रस्त हो जाएंगे और भावी पीढी का जीवन भी अंधकारमय होगा। इसलिए  वातावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिए हर व्यक्ति को एक पेड़ विशेषकर अपने जन्म दिवस पर अवश्य  लगाना चाहिए। इसके अलावा। जीवन में याद को बनाए रखने के लिए शादी की साल गृह पर भी हमें पोधरोपन अवश्य करना चाहिए। इनसे  धरती पर हरियाली होगी और बरसात भी ज्यादा होगी।  इस अवसर पर रमेश चौधरी ज़िला प्रशिक्षण अधिकारी  राजेश दलाल , नीलम कौशिक व चन्दरपाल स्वयंसेवक व अन्य स्टाफ भी उपस्थित था ।

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नोहरिया बाजार में कोरोना पोजिटीव मिलने पर कंटेनमेंट जोन घोषित

सिरसा, 5 जून।

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उपायुक्त रमेश चंद्र बिढान ने बताया कि सिरसा के नोहरिया बाजार निवासी के कोरोना संक्रमित होने का मामला सामने आया है। कोरोना वायरस के फैलाव व इसकी रोकथाम के दृष्टिगत नोहरिया बाजार के घंटा र चौक से गली कांडा वाली तक जाने वाली सड़क नोहरिया बाजार, कटारिया फल की दुकान (बाईं ओर) से शुरू होने वाली सड़क के दोनों ओर दुकानें और सुभाष वर्मा (दाईं ओर) की दुकान, दुर्गा कन्फेक्शनरी (बाईं ओर) और रातुसरिया डिपार्टमेंटल स्टोर (दाईं ओर) की ओर क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है, जबकि आसपास के गली परखा वाली (बाईं ओर); गली कांडा वाली (दाईं ओर); गली धाना कतली वाली (दाईं ओर); गली बावड़ी वाली (दाईं ओर) सहित घण्टा घर चौक क्षेत्र को बफर जोन घोषित किया गया है। एसडीएम सिरसा कंटेनमेंट व बफर जोन के ऑल ऑवर इंचार्ज रहेंगे, जो सभी प्रबंधों व व्यवस्थाओं की देखरेख करेंगे। एसएस जैन सीनियर सैकेंडरी स्कूल में कंट्रोल रुम स्थापित, दूरभाष नम्बर 01666-220815 उपायुक्त ने बताया कि कंटेनमेंट जोन और बफर जोन में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पीजीटी सुजीत सिंह (98127-56877) व पीजीटी सूरज भान (94163-51206) को ड्यूटी मजिस्ट्रेट के रूप में नियुक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि एसएस जैन सीनियर सैकेंडरी स्कूल में कंट्रोल रुम स्थापित किया गया है

जिसका दूरभाष नम्बर 01666-220815 है। कंट्रोल रुम के राजकीय नेशनी पीजी महाविद्यालय सिरसा के प्रिंसिपल (94160-90015, 70152-51152) होंगे। कंट्रोल रुम में डीपीओ डा. दर्शना सिंह व नागरिक अस्पताल से डा. निधि सहायक के तौर पर कार्य करेंगे। डीआईओ एनआईसी कंट्रोल रूम में फोन कॉल प्राप्त करने तथा रिकॉर्ड मैनटेन के लिए चार डाटा इंट्री ऑपरेटर की ड्यूटी लगाना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने सिविल सर्जन को निर्देश दिए कि कंट्रोल रूम में कोरोना वायरस के बचाव के सभी आवश्यक व्यक्तिगत उपकरण व दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। सिविल सर्जन यह सुनिश्चित करेंगे कि इस क्षेत्र में 24 घंटे सभी आवश्यक स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं उपलब्ध रहें। कंटेनमेंट व बफर जोन में आवागमन पर पूर्णत: प्रतिबंध उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ान ने सचिव नगर परिषद सिरसा को निर्देश दिए हैं कि वे कंटेनमेंट जोन और बफर जोन के पूरे क्षेत्रों को पूरी तरह से सैनिटाइज करवाना सुनिश्चित करें। कर्मचारियों को व्यक्तिगत रूप से व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण जैसे चेहरे के मुखौटे, दस्ताने, टोपी, सैनिटाइजर, जूते उपलब्लध करवाने के साथ सोशल डिस्टेंस की अनुपालन करवाना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि आवश्यक सेवाओं को छोड़ कर कंटेनमेंट जोन क्षेत्र में आने व बाहर जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा।

यदि कोई ऐसा करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसके लिए पुलिस विभाग द्वारा पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती करते हुए पर्याप्त संख्या में नाकों आदि की स्थापना करेगा। इसके साथ-साथ बफर जोन की आवश्यक बैरिकेडिंग की लाएगी, इसकी जिम्मेवारी कार्यकारी अभियंता पीडब्ल्यूडी की रहेगी। कंटेनमेंट जोन में लोगों को घर द्वार पर ही पहुंचाई जाएगी सब्जी व राशन उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ान ने बताया कि जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक सिरसा यह सुनिश्चित करें कि कंटेनमेंट जोन में खाद्य पदार्थों राशन, दूध, ग्रोसरी, दवाइयां व सब्जियों की आपूर्ति सुचारु रहे। इसके अलावा यह भी सुनिश्चित करें कि कंटेनमेंट जोन में लोगों को घर द्वार पर ही सब्जियों, राशन/किराने की वस्तुओं, दूध आदि पहुंचे। उन्होंने निर्देश कि डिलिवरी के समय ध्यान रखा जाए कि डिलिवरी ब्वाय पूरी तरह से सुरक्षा उपकरण पहनें हो और वह किसी भी घर के अंदर नहीं जाएगा और न ही किसी भी व्यक्ति के संपर्क में आएगा। उप निदेशक पशुपालन विभाग कंटेनमेंट जोन में पशुओं के लिए हरे / सूखे चारे व पशुओं के लिए दवाईयों की व्यवस्था करेंगे। उन्होंने कहा कि कंटेनमेंट जोन में बिजली की आपूर्ति सुचारू रूप से रहेगी, इसके लिए बिजली विभाग की जिम्मेवारी रहेगी। इसी प्रकार स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति एसई पब्लिक हेल्थ द्वारा नियमित रूप से सुनिश्चित की जाए और कंटेनेमेंट जोन में एंबूलेंस व पेरा मैडिकल स्टाफ की तैनाती रहे। उन्होंने ड्यूटी पर तैनात सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देश दिए कि वे अपनी ड्यूटी का निर्वहन कुशलतापूर्वक व जिम्मेवारी के साथ करेंगे। यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी कोताही बरतता पाया जाता है, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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सांसद सुनीता दुग्गल के प्रयास लाए रंग, विदेश में फंसे ऐलनाबाद के भगत सिंह दयाल व रतिया की सुमन लौटे अपने घर

सिरसा, 5 जून  

सकुशल घर वापसी होने पर भगत ङ्क्षसह व सुमन ने सांसद का किया धन्यवाद, परिजनों ने भी सांसद का जताया आभार

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कोरोना वैश्विक महामारी के कहर से पूरा विश्व संकट से जूझ रहा है। लॉकडाउन के चलते विदेशों में देश के विभिन्न जिला के नागरिक फंसे हुए हैं। इन्हीं में ऐलनाबाद के भगत सिंह दयाल व रतिया की सुमन भी थी, जोकि विदेश में अलग-अलग जगहों पर लॉकडाउन के चलते फंसे होने के कारण अपने घर नहीं लौट पा रहे थे। जब दोनों परिवार वालों ने इस बारे सांसद सुनीता दुग्गल को अवगत करवाया तो सांसद ने आश्वासन दिया कि वे इन्हें जल्द विदेश से घर वापस लाएंगी। सांसद ने दोनों के घर वापसी के लिए विदेश मंत्रालय में पत्र लिखने के साथ-साथ विदेश मंत्री जयशंकर से बात भी की। इस तरह से सांसद के प्रयास रंग लाए और दोनों भगत सिंह दयाल व सुमन अपने घर वापस सकुशल लौट आए। दोनों के घर लौटने पर परिवार वालों ने तय दिल से आभार व्यक्त किया। सांसद के इस काम की पूरे लोकसभा क्षेत्र में तारिफ हो रही है।

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सिरसा जिला के ऐलनाबाद का भगत सिंह दयाल यूएई में काम करते हैं और वे वहीं रहते हैं। अचानक भगत सिंह दयाल के पिता की तबीयत खराब हो गई। ऐसे में भगत सिंह दयाल को यूएई से ऐलनाबाद अपने घर आना था। लेकिन लॉकडाउन के चलते उनके वापिस आने में कठिनाई आ रही थी। सभी कौशिशों के बावजूद भी वह अपने घर नहीं लौट पा रहा था। ऐसे में जब भगत सिंह दयाल के परिवार वालों ने इस बारे सांसद सुनीता दुग्गल को अवगत करवाया तो सांसद ने उन्होंने आश्वासन दिया कि वे भगत सिंह दयाल को घर वापिस लाएंगी। सांसद ने भगत सिंह दयाल के पासपोर्ट आदि सभी जानकारियों के साथ विदेश मंत्रालय में पत्र लिखा और विदेश मंत्री जयशंकर से फोन पर कई बार बात की। सांसद के प्रयासों का ही परिणाम रहा कि ऐलनाबाद के भगत सिंह दयाल यूएई से सकुशल अपने घर लौट आए। भगत सिंह दयाल व उनके परिवार वाले सांसद का दिल से धन्यवाद किया।


इसी प्रकार रतिया से सन 2017 से सुमन रानी पुत्री सुखचरन अरोडा टिब्बा कलोनी निवासी यूक्रेन में पढाई कर रही रही है कोरोना महामारी के चलते यूक्रेन में 31 दिसम्बर तक लॉक डाउन है जिसको लेकर भारत के सभी छात्र भारत वतन वापसी कर रहे थे लेकिन दो बार एम्बेसी में अप्लाई करने पर भी एयर इंडिया फ्लाइट सूची में सुमन का नाम न होने से सुमन की टेंशन बढ गई। जिस पर परिवार ने सांसद सुनीता दुग्गल से सम्पर्क किया और पुरे मामले अवगत करवाया । सांसद दुग्गल ने मामले की जानकारी लेकर विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा व विदेश मंत्री से बात की और बेटी सुमन से यूक्रेन में  बात कर आश्वासन दिया की घबराने की जरूरत नही है जल्द समाधान होगा । वही 3 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट थी उसमें भी सुमन का नाम नही था । जिस पर देर शाम सांसद दुग्गल ने यूक्रेन में फिर सुमन से बात की और उसके बाद फिर विदेश मंत्री से बात की जिसके बाद एम्बेसी से मेल आई और ऐन मोके पर एयर इंडिया की टिकट बुक हो पाई। जिसके बाद सुमन बुधवार रात वापिस लोटी। सांसद सुनीता दुग्गल के कडे प्रयास से सुमन अरोडा  बुधवार रात्रि को अपने वतन लौटी। सांसद के प्रयासो पर सुमन अरोडा व उसके पिता सुखचरन अरोडा ने सांसद सुनीता दुग्गल का तहदिल से धन्यवाद किया है। सांसद सुनीता दुग्गल के इस कार्य की पूरे लोकसभा क्षेत्र में तारिफ हो रही है। सभी के मुंह से यही निकल रहा है कि सांसद हो तो सुनीता दुग्गल जैसा। 

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हरियाणा सरकार ने 30 जून, 2020 तक कंटेनमेंट जोन में लॉकडाउन बढाने का निर्णय लिया हैं।

चण्डीगढ, 31 मई-

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हरियाणा सरकार ने 30 जून, 2020 तक कंटेनमेंट जोन में लॉकडाउन बढाने का निर्णय लिया हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम, जिला मैजिस्ट्रेट और संबंधित विभाग के दिशानिर्देशों के अनुसार चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंधित क्षेत्रों को खोलने का भी निर्णय लिया है।


यह निर्णय आज यहां हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आयोजित राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में लिया गया है। बैठक में उप-मुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चैटाला और गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज भी उपस्थित थे।


बैठक में राज्य के संबंधित जिलों के उपायुक्त अपने अधिकार क्षेत्र में सीआरपीसी की धारा-144 के अंतर्गत व्यक्तिगत आवाजाही पर रात्रि 9 बजे से सुबह 5 बजे तक आवश्यक गतिविधियों को छोडक़र प्रतिबंध लगा सकते हैं। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि अंतर्राज्यीय व अंतर्जिला में लोगों व माल की आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। इसके अलावा, राज्य में प्रात: 9 बजे से सायं 7 बजे तक दुकानें खुली रहेंगी और संबंधित जिला के उपायुक्त अपने अधिकार क्षेत्र में भीड़भाड़ वाली मार्किट में आंकलन के आधार पर उपयुक्त प्रतिबंध लगा सकते हैं।

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बैठक में निर्णय लिया गया है कि खेल गतिविधियां प्रात: 5 बजे से शुरू की जा सकती है जबकि इसके लिए पहले 7 बजे शुरू करने के निर्देश थे। इसके अलावा, खेल गतिविधियों से संबंधित पहले जारी किए गए दिशानिर्देश लागू रहेंगें। बैठक में बताया गया कि कोविड-19 प्रबंधन के लिए जारी राष्ट्रीय निर्देशों के तहत सार्वजनिक स्थानों, कार्यस्थलों पर और परिवहन के दौरान चेहरे पर फेस कवर होना आवश्यक है। इसके अलावा, सार्वजनिक स्थानों पर (दो गज की दूरी) कम से कम 6 फीट की दूरी व्यक्तिगत तौर पर बनाए रखनी होगी। दुकानदारों को अपने उपभोक्ताओं के लिए शारीरिक दूरी को बनाए रखना सुनिश्चित करना होगा और उनकी दुकान पर एक समय पर 5 व्यक्तियों से अधिक नहीं होने चाहिए।

इसके अतिरिक्त व्यापक स्तर पर लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध रहेगा। विवाह से संबंधित सभा के दौरान 50 से अधिक व्यक्तियों को एकत्रित नहीं किया जा सकता है और अंतिम संस्कार के दौरान 20 से अधिक व्यक्ति इकटठा नहीं हो सकते हैं।


हरियाणा सरकार ने निर्णय लिया है कि अगले आदेशों तक राज्य सरकार के ‘ए’ और ‘बी’ स्तर के अधिकारियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति रहेगी और ‘सी’ व ‘डी’ स्तर के कर्मचारियों की 75 प्रतिशत उपस्थिति होगी। बैठक में बताया गया है कि आपदा प्रबंधन कानून के तहत जुर्माना प्रावधान लागू होगा।


अंतर्राज्जीय व अंतरजिला बसों की आवाजाही की समय-सारिणी समय-समय पर परिवहन विभाग द्वारा जारी की जाएगी। इसके अलावा, टैक्सी व कैब वर्तमान मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार चलती रहेगी।


बैठक में यह भी बताया गया कि आगामी 8 जून, 2020 से लोगों के लिए धार्मिक स्थानों पर पूजा गतिविधियां शुरू करने, होटल, रेस्तरां तथा अन्य सत्कार सेवाएं तथा शॉपिंग मॉल को खोलने संबंधित निर्णय केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) आने के पश्चात लिया जाएगा।


इस मौके पर मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आंनद अरोड़ा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव श्री वी उमाशंकर, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विजयवर्धन, चिकित्सा शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आलोक निगम, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजीव अरोड़ा, मत्स्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री वीएस कुण्डू, उद्योग विभाग के प्रधान सचिव श्री ए के सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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डॉ पुरी का प्रेरक व्यख्यान आप को अपनी खुशी का स्तर बढ़ाने ,जोश पैदा करने और एक सर्वश्रेष्ठ इंसान बनने में अभूतपूर्व सहायता करेगा।

News 7 World :

Sirsa:

डॉ पुरी का प्रेरक व्यख्यान आप को अपनी खुशी का स्तर बढ़ाने ,जोश पैदा करने और एक सर्वश्रेष्ठ इंसान बनने में अभूतपूर्व सहायता करेगा।

प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक डॉ रविंद्र पुरी इस वीडियो के माध्यम से एक शानदार वैज्ञानिक जादुई मंत्र प्रस्तुत कर रहे हैं जो आपकी जिंदगी में सालों या महीनों में नहीं बल्कि एक दो दिनों में ही जादुई परिवर्तन कर आप को एक बेहतरीन और शानदार व्यक्ति बनाने की शुरुआत कर देगा।

For Detailed News-

डॉ पुरी का प्रेरक व्यख्यान आप को अपनी खुशी का स्तर बढ़ाने ,जोश पैदा करने और एक सर्वश्रेष्ठ इंसान बनने में अभूतपूर्व सहायता करेगा।आप से आग्रह है कि आप अपने अनुभवों को उनके साथ अवश्य शेयर करें। आप न केवल विडियो को शेयर करें और उनके चेनल को सब्सक्राइब करें जहाँ आप को लगातार ऐसे जानकारियां मिलती रहेंगीं जो आप को खुश, सफल और सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति बना देगी।डॉ पुरी स्वंय आप के सवालों का जवाब भी देते रहेंगे।

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लॉकडाउन को दो सप्ताह से अधिक समय तक लॉकडाउन के लिए मई से आगे बढ़ाया जा सके:

गृह मंत्रालय ने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत आदेश जारी किया है ताकि लॉकडाउन को दो सप्ताह से अधिक समय तक लॉकडाउन के लिए मई से आगे बढ़ाया जा सके:

4 मई, 2020 तक दो अलग-अलग लोगों के लिए प्रत्येक वर्ष के लिए लॉकडाउन का विस्तार।


 एक व्यापक समीक्षा के बाद, और लॉकडाउन उपायों के मद्देनजर देश में COVID-19 स्थिति में महत्वपूर्ण लाभ के लिए, गृह मंत्रालय (MHA), भारत सरकार (भारत सरकार) ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत एक आदेश जारी किया,  2005, आज, 4 मई, 2020 से आगे दो सप्ताह की लॉकडाउन को आगे बढ़ाने के लिए। देश के जिलों की रिड प्रोफाइलिंग के आधार पर, इस अवधि में विभिन्न गतिविधियों को विनियमित करने के लिए MHA ने नए दिशा-निर्देश भी जारी किए (हॉटस्पॉट)  ), ग्रीन और ऑरेंज जोन।  दिशा निर्देशों ने ग्रीन और ऑरेंज ज़ोन में पड़ने वाले जिलों में काफी आराम दिया है।


 2. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW), भारत सरकार द्वारा जारी 30 अप्रैल, 2020 के पत्र में रेड, ग्रीन और ऑरेंज ज़ोन के रूप में जिलों की पहचान के मानदंड का विस्तार से वर्णन किया गया है।  ग्रीन जोन अब तक शून्य पुष्टि मामलों वाले जिले होंगे;  या, पिछले 21 दिनों में कोई पुष्ट मामला नहीं।  रेड जोन के रूप में जिलों का वर्गीकरण सक्रिय मामलों की कुल संख्या, पुष्टि किए गए मामलों की दर को दोगुना करने, जिलों से परीक्षण और निगरानी फीडबैक की सीमा को ध्यान में रखेगा।  वे जिले, जिन्हें न तो लाल और ही हरे रंग के रूप में परिभाषित किया गया है, को ऑरेंज ज़ोन के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा।  लाल, हरे और नारंगी क्षेत्रों में जिलों के वर्गीकरण को MoHFW द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UTs) के साथ साप्ताहिक आधार पर या पहले आवश्यकतानुसार साझा किया जाएगा।  जबकि राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में रेड और ऑरेंज ज़ोन के रूप में अतिरिक्त जिले शामिल हो सकते हैं, वे MoHFW द्वारा शामिल किए गए जिले के वर्गीकरण को रेड या ऑरेंज ज़ोन की सूची में शामिल नहीं कर सकते हैं।


 3. देश के कई जिले अपनी सीमाओं के भीतर एक या एक से अधिक नगर निगम (MC) हैं।  यह देखा गया है कि MCs के भीतर जनसंख्या घनत्व अधिक होने के कारण, और लोगों के अधिक अंतर-मिश्रण के कारण, MC (s) की सीमा के भीतर COVID-19 की घटना जिले के बाकी हिस्सों की तुलना में अधिक है।  नए दिशानिर्देशों में, इसलिए, यह प्रदान किया गया है कि ऐसे जिलों को दो क्षेत्रों में वर्गीकृत किया जाएगा, अर्थात, एमसी (एस) की सीमा के तहत क्षेत्र के लिए एक क्षेत्र;  और, एमसी (एस) की सीमा के बाहर गिरने वाले क्षेत्र के लिए एक और।  यदि एमसी (एस) की सीमा के बाहर के क्षेत्र में पिछले 21 दिनों से कोई मामला नहीं है, तो इसे जिले के समग्र वर्गीकरण से लाल या नारंगी के रूप में एक चरण के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।  इसलिए, इस क्षेत्र को ऑरेंज के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा, यदि जिला समग्र रूप से लाल है;  या ग्रीन के रूप में, यदि जिला समग्र रूप से नारंगी है।  यह वर्गीकरण जिले के उस क्षेत्र में अधिक आर्थिक और अन्य गतिविधियों को सक्षम करेगा, जो COVID-19 की घटनाओं से अपेक्षाकृत कम प्रभावित होता है, जबकि यह भी सुनिश्चित करता है कि सावधानी बरती जाए ताकि ये क्षेत्र COVID-19 मामलों से मुक्त रहें  ।  यह वितरण केवल नगर निगम (नों) वाले जिलों के संबंध में किया गया है।


 4. देश के सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में, COVID-19 के दृष्टिकोण से, और रेड और ऑरेंज जोन के भीतर गिरने से, कंटेनर जोन के रूप में नामित हैं।  ये ऐसे क्षेत्र हैं जहां संक्रमण फैलने का महत्वपूर्ण जोखिम है।  संबंधित क्षेत्रों को संबंधित जिला प्रशासनों द्वारा परिभाषित किया जाएगा, कुल सक्रिय मामलों की संख्या, उनके भौगोलिक प्रसार को ध्यान में रखते हुए, और प्रवर्तन के दृष्टिकोण से अच्छी तरह से सीमांकन करने की आवश्यकता है।  स्थानीय प्राधिकरण कंटेनर जोन के निवासियों के बीच आरोग्य सेतु ऐप का 100% कवरेज सुनिश्चित करेगा।  कन्टेनमेंट ज़ोन में संपर्क प्रोटोकॉल, घर से घर की निगरानी, अपने जोखिम मूल्यांकन और नैदानिक प्रबंधन के आधार पर व्यक्तियों के संस्थागत संगरोध के साथ निगरानी प्रोटोकॉल तेज होंगे।  सख्त परिधि नियंत्रण को सुनिश्चित करने की आवश्यकता होगी, ताकि चिकित्सा आपात स्थिति को छोड़कर और आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति बनाए रखने के लिए इन ज़ोन के भीतर और बाहर लोगों की आवाजाही न हो।  कंटेनर जोन के भीतर किसी अन्य गतिविधि की अनुमति नहीं है।


 5. नए दिशानिर्देशों के तहत, ज़ोन के बावजूद पूरे देश में सीमित संख्या में गतिविधियाँ प्रतिबंधित रहेंगी।  इनमें हवाई, रेल, मेट्रो और सड़क मार्ग द्वारा अंतर-राज्यीय आवागमन शामिल हैं;  स्कूलों, कॉलेजों, और अन्य शैक्षिक और प्रशिक्षण / कोचिंग संस्थानों का संचालन;  होटल और रेस्तरां सहित आतिथ्य सेवाएं;  बड़े सार्वजनिक समारोहों के स्थान, जैसे कि सिनेमा हॉल, मॉल, व्यायामशाला, खेल परिसर आदि;  सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक और अन्य प्रकार की सभाएँ;  और, धार्मिक स्थलों / सार्वजनिक स्थानों के लिए पूजा स्थल।  हालांकि, हवाई, रेल और सड़क मार्ग से व्यक्तियों को आवाजाही के लिए चुनिंदा उद्देश्यों के लिए अनुमति दी जाती है, और एमएचए द्वारा अनुमत उद्देश्यों के लिए।


 6. नए दिशानिर्देश लोगों की भलाई और सुरक्षा के लिए कुछ उपाय भी बताते हैं।  इसलिए, सभी गैर-आवश्यक गतिविधियों के लिए व्यक्तियों की आवाजाही शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे के बीच सख्ती से प्रतिबंधित रहेगी।  स्थानीय प्राधिकरण इस उद्देश्य के लिए सीआरपीसी की धारा 144 के तहत कानून के उपयुक्त प्रावधानों जैसे निषेधात्मक आदेश [कर्फ्यू] के तहत आदेश जारी करेंगे और इसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।  सभी क्षेत्रों में, 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति, सह-रुग्णता वाले व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे आवश्यक आवश्यकताओं को पूरा करने और स्वास्थ्य उद्देश्यों के लिए छोड़कर घर पर रहेंगे।  आउट-रोगी विभागों (ओपीडी) और मेडिकल क्लीनिकों को सामाजिक सुरक्षा मानदंडों और अन्य सुरक्षा सावधानियों के साथ, रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में संचालित करने की अनुमति दी जाएगी;  हालाँकि, इन्हें कंटेनर ज़ोन के भीतर अनुमति नहीं दी जाएगी।

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 7. रेड ज़ोन में, कंटेनर ज़ोन के बाहर, पूरे देश में निषिद्ध लोगों के अलावा कुछ गतिविधियाँ प्रतिबंधित हैं।  ये हैं: साइकिल रिक्शा और ऑटो रिक्शा;  टैक्सी और टैक्सी एग्रीगेटर्स की दौड़;  इंट्रा-डिस्ट्रिक्ट और इंटर-डिस्ट्रिक्ट पिसिंग ऑफ बसें;  और, नाई की दुकानें, स्पा और सैलून।


 8. रेड जोन में प्रतिबंध के साथ कुछ अन्य गतिविधियों की अनुमति दी गई है।  चौपहिया वाहनों में अधिकतम 2 व्यक्तियों (ड्राइवर के अलावा) के साथ व्यक्तियों और वाहनों की आवाजाही की अनुमति है, और दोपहिया वाहनों के मामले में कोई भी पिलर सवार नहीं है।  शहरी क्षेत्रों में औद्योगिक प्रतिष्ठान, विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड), निर्यात उन्मुख इकाइयां (ईओयू), औद्योगिक संपदा और पहुंच नियंत्रण के साथ औद्योगिक टाउनशिप की अनुमति दी गई है।  अनुमत अन्य औद्योगिक गतिविधियों में दवाओं, फार्मास्यूटिकल्स, चिकित्सा उपकरणों, उनके कच्चे माल और मध्यवर्ती सहित आवश्यक वस्तुओं की विनिर्माण इकाइयाँ हैं;  उत्पादन इकाइयाँ, जिन्हें निरंतर प्रक्रिया, और उनकी आपूर्ति श्रृंखला की आवश्यकता होती है;  आईटी हार्डवेयर का निर्माण;  चौंका देने वाला बदलाव और सामाजिक भेद के साथ जूट उद्योग;  और, पैकेजिंग सामग्री की निर्माण इकाइयाँ।  शहरी क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियाँ इन-सीटू निर्माण तक सीमित हैं (जहाँ श्रमिक साइट पर उपलब्ध हैं और किसी भी श्रमिक को बाहर से लाने की आवश्यकता नहीं है) और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं का निर्माण।  शहरी क्षेत्रों में दुकानें, गैर-जरूरी सामानों के लिए, मॉल, बाजार और बाजार परिसरों में अनुमति नहीं है।  हालांकि, सभी स्टैंडअलोन (एकल) दुकानें, पड़ोस (कॉलोनी) की दुकानों और आवासीय परिसरों में दुकानों को आवश्यक और गैर-आवश्यक के किसी भी भेद के बिना, शहरी क्षेत्रों में खुले रहने की अनुमति है।  रेड ज़ोन में ई-कॉमर्स गतिविधियों को केवल आवश्यक वस्तुओं के संबंध में अनुमति दी जाती है।  निजी कार्यालय आवश्यकता के अनुसार 33% की शक्ति के साथ काम कर सकते हैं, घर से काम करने वाले शेष व्यक्तियों के साथ।  सभी सरकारी कार्यालय उप सचिव के स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ और पूरी शक्ति से ऊपर कार्य करेंगे, और शेष कर्मचारी आवश्यकता के अनुसार 33% तक भाग लेंगे।  हालांकि, रक्षा और सुरक्षा सेवाएं, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, पुलिस, जेल, होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा, अग्नि और आपातकालीन सेवाएं, आपदा प्रबंधन और संबंधित सेवाएं, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC), सीमा शुल्क, भारतीय खाद्य निगम (FCI)  राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी), नेहरू युवा केंद्र (एनवाईके) और नगरपालिका सेवाएं बिना किसी प्रतिबंध के कार्य करेंगी;  सार्वजनिक सेवाओं की डिलीवरी सुनिश्चित की जाएगी और इस तरह के उद्देश्य के लिए आवश्यक कर्मचारी तैनात किए जाएंगे।

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 9. रेड जोन में बड़ी संख्या में अन्य गतिविधियों की अनुमति है।  मनरेगा कार्यों, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों और ईंट-भट्टों सहित ग्रामीण क्षेत्रों में सभी औद्योगिक और निर्माण गतिविधियों की अनुमति है;  इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में, सामानों की प्रकृति के भेद के बिना, शॉपिंग मॉल को छोड़कर सभी दुकानों की अनुमति है।  कृषि आपूर्ति श्रृंखला में सभी कृषि गतिविधियों, जैसे, बुवाई, कटाई, खरीद और विपणन संचालन की अनुमति है।  अंतर्देशीय और समुद्री मत्स्य पालन सहित पशुपालन गतिविधियों को पूरी तरह से अनुमति है।  सभी वृक्षारोपण गतिविधियों की अनुमति है, जिसमें उनके प्रसंस्करण और विपणन शामिल हैं।  सभी स्वास्थ्य सेवाओं (आयुष सहित) को चिकित्सा कर्मियों और मरीजों को एयर एंबुलेंस के माध्यम से परिवहन सहित कार्यात्मक बने रहना है।  वित्तीय क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा खुला रहता है, जिसमें बैंक, गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियां (एनबीएफसी), बीमा और पूंजी बाजार की गतिविधियां, और सहकारी समितियां शामिल हैं।  बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों, निराश्रितों, महिलाओं और विधवाओं आदि के लिए घरों का संचालन;  और आंगनवाड़ियों के संचालन की भी अनुमति दी गई है।  सार्वजनिक उपयोगिताओं, जैसे, बिजली, पानी, स्वच्छता, अपशिष्ट प्रबंधन, दूरसंचार और इंटरनेट में उपयोगिताओं खुले रहेंगे, और कूरियर और डाक सेवाओं को संचालित करने की अनुमति दी जाएगी।


 10. रेड जोन में अधिकांश व्यावसायिक और निजी प्रतिष्ठानों को अनुमति दी गई है।  इनमें प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, आईटी और आईटी सक्षम सेवाएं, डेटा और कॉल सेंटर, कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउसिंग सेवाएं, निजी सुरक्षा और सुविधा प्रबंधन सेवाएं, और स्व-नियोजित व्यक्तियों द्वारा प्रदान की गई सेवाएं, जैसे कि नाइयों आदि को छोड़कर, जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है।  दवाओं, फार्मास्यूटिकल्स, चिकित्सा उपकरणों, उनके कच्चे माल और मध्यवर्ती सहित आवश्यक वस्तुओं की विनिर्माण इकाइयाँ;  उत्पादन इकाइयाँ, जिन्हें निरंतर प्रक्रिया, और उनकी आपूर्ति श्रृंखला की आवश्यकता होती है;  चौंका देने वाली पारियों और सामाजिक दूरी के साथ जूट उद्योग;  और आईटी हार्डवेयर के विनिर्माण और पैकेजिंग सामग्री की विनिर्माण इकाइयों को अनुमति दी जाएगी।


 11. ऑरेंज ज़ोन में, रेड ज़ोन में अनुमत गतिविधियों के अलावा, टैक्सी और कैब एग्रीगेटर्स को केवल 1 ड्राइवर और 1 यात्री के साथ अनुमति दी जाएगी।  व्यक्तियों और वाहनों के अंतर-जिला आंदोलन को केवल अनुमत गतिविधियों के लिए अनुमति दी जाएगी।  फोर व्हीलर वाहनों में अधिकतम दो यात्री होंगे, इसके अलावा ड्राइवर और पिलर की सवारी दोपहिया वाहनों पर होगी।


 12. ग्रीन जोन में, पूरे क्षेत्र में सीमित गतिविधियों को छोड़कर सभी गतिविधियों की अनुमति है, चाहे जो भी क्षेत्र हो।  हालाँकि बसें 50% तक बैठने की क्षमता के साथ काम कर सकती हैं और बस डिपो 50% क्षमता तक चल सकती हैं।


 13. सभी माल यातायात की अनुमति दी जानी है।  कोई भी राज्य / केंद्र शासित प्रदेश पड़ोसी देशों के साथ संधियों के तहत सीमा पार व्यापार के लिए माल की आवाजाही को नहीं रोकेगा।  इस तरह के आंदोलन के लिए किसी भी प्रकार के अलग पास की आवश्यकता नहीं है, जो लॉकडाउन अवधि के दौरान देश भर में वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।


 14. अन्य सभी गतिविधियों को उन गतिविधियों की अनुमति होगी, जो विशेष रूप से निषिद्ध नहीं हैं, या जिन्हें इन दिशानिर्देशों के तहत विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिबंधों के साथ अनुमति दी गई है।  हालाँकि, स्थिति के उनके आकलन के आधार पर, राज्यों / संघ शासित प्रदेशों, और COVID-19 के प्रसार को रोककर रखने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ, अनुमत गतिविधियों में से केवल चुनिंदा गतिविधियों को ही अनुमति दे सकते हैं, जैसे कि आवश्यक प्रतिबंधों के साथ।


 15. 3 मई, 2020 तक लॉकडाउन उपायों पर दिशा-निर्देशों के तहत काम करने के लिए अनुमति दी गई गतिविधियों के लिए अधिकारियों से अलग / ताजा अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। एमएचए द्वारा जारी मानक संचालन प्रोटोकॉल (एसओपी) ऐसे जारी रहेगा जैसे पारगमन व्यवस्था के लिए  भारत में विदेशी नागरिक;  संगरोध व्यक्तियों की रिहाई;  राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों के भीतर फंसे श्रम की आवाजाही;  भारतीय नाविकों के साइन-ऑन और साइन-ऑफ, सड़क और रेल द्वारा फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, छात्रों और अन्य व्यक्तियों के आंदोलन।


 16. राज्य / केंद्रशासित प्रदेश सरकारों को लॉकडाउन दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करने के लिए बाध्य किया जाता है और वे किसी भी तरीके से आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत जारी इन दिशानिर्देशों को पतला नहीं करेंगे।

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