पीएम मोदी: देश लूटने वालों को डरना ही होगा




नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोकसभा में विपक्ष पर जमकर हमले किए। उन्होंने अपने भाषण में रोजगार से लेकर राफेल डील तक तमाम मुद्दों पर विपक्ष के हमलों का जवाब दिया। भ्रष्टाचार पर अपनी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने दो टूक कहा कि देश को लूटने वालों को मोदी डराकर रखेगा, उन्हें डरना ही होगा। नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के बजट अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए कहा पूरे सदन को धन्यवाद दिया। आगामी चुनावों में सभी दलों को शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि चुनौतियों को चुनौती देने वाले ही आगे बढ़ते हैं। उन्होंने विपक्ष पर वार करते हुए कहा कि महामिलावट वाली सरकार दिल्ली नहीं पहुंच पाएगी

मोदी ने यह साफ कर दिया है कि जांच न सिर्फ चलती रहेगी बल्कि चुनाव में भी भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा रहेगा। अवसर तो था राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का, लेकिन लगभग पौने दो घंटे के जवाब में प्रधानमंत्री ने एक तरह से चुनावी शंखनाद ही कर दिया।

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर बोला हमला- कहा, जिन्होंने देश को लूटा है उन्हें डरना ही होगा। जनता ने मुझे इसी काम के लिए यहां बैठाया है।

सदन में दिन भर चली चर्चा में खासतौर से कांग्रेस की ओर से बार-बार यह याद दिलाया गया कि सरकार विपक्ष को डरा रही है। जाहिर तौर पर इशारा राबर्ट वाड्रा के खिलाफ चल रही जांच की ओर भी था। ऐसे में प्रधानमंत्री ने भाषण की शुरूआत भी भ्रष्टाचार से ही और अंत भी। उन्होंने कहा- ‘जो देश लूट रहे है, गरीबों का पैसा लूट रहे हैं उन्हें डरना ही होगा, कोई नहीं बचेगा। हमारी सरकार की पहचान ही है भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और पारदर्शिता।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन मे एक भी रक्षा सौदा बिचौलियों के बिना नहीं हुआ। और अब जब राजदार पकड़े जा रहे हैं तो उनके चेहरे मुरझाए हुए हैं क्योंकि पकड़े जाने का डर सता रहा है। और इस बौखलाहट में सरकार पर आरोप लगाए जा रहे हैं, लेकिन इसमें कोई सुस्ती नहीं आएगी। 

मोदी ने कहा कि लोगों ने उस काम को देखा है जिसकों पूर्ण बहुमत वाली सरकार कर सकती है। उन्होने हमारा काम देखा है। वे उन लोगों की महामिलावट सरकार नहीं चाहते जो हाल ही में कोलकाता में इकठ्ठा हुए हैं।  उन्होने कहा कि मिलावटी सरकार के कारनामे तो देख चुके हैं, मगर अब तो महामिलावट की तैयारी की जा रही है।

हमारी सरकार देश के लोगों के अच्छे स्वास्थ्य और भलाई के लिए काम कर रही है। हार्ट स्टेंट, घुटने की सर्जरी और दवाओं की कीमतें लगातार कम हो रही हैं, जिससे गरीब से गरीब व्यक्ति की मदद हो रही है। 

जो कहते हैं कि ये अमीरों की सरकार है, तो मैं कहता हूं कि देश के गरीब ही मेरे अमीर हैं। गरीब ही मेरा इमान है, वही मेरी जिंदगी हैं, उन्ही के लिए जीता हूं, उन्हीं के लिए यहां आया हूं।

यूपी बजट 2019: चुनाव से पहले योगी सरकार का सबसे बड़ा बजट

लखनऊ – योगी सरकार ने आज अपना तीसरा बजट विधानमंडल में पेश कर दिया। साल 2019-20 के इस बजट पर बुधवार को वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने हस्ताक्षर किया। प्रदेश सरकार ने इस बार 4 लाख 79 हज़ार 701 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है।

यह बजट पिछले साल की तुलना में 12 फीसदी अधिक है। इससे पहले कैबिनेट बैठक में बजट पर प्रस्ताव पास हो गया है। यूपी के सदन में पहली बार 11 बजे बजट पेश किया गया। आज प्रश्नकाल को समाप्त किया गया है। 

बजट में पर्यटन विभाग के लिए उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ में अवस्थापना सुविधाओं के लिए 125 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित किए हैं। अयोध्या में प्रमुख पर्यटन स्थलों के समेकित विकास के लिए 101 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। गढ़मुक्तेश्वर के पर्यटक स्थलों की समेकित विकास के लिए 27 करोड़ की व्यवस्थ की गई है। 

पर्यटन नीति 2018 के क्रियान्वयन के लिए 70 करोड़ रुपए और प्रो-पुआर टूरिस्ट के लिए 50 करोड़ की व्यवस्था की गई है। वाराणसी में लहर तारा तालाब कबीर स्थल एवं गुरु रविदास की जन्म स्थली सीर गोवर्धनपुर का सुदृढ़ीकरण किया जाना प्रस्तावित किया गया है। प्रयागराज में ऋषि भरद्वाज आश्रम का विकास किया जाना और लखनऊ में बिजली पासी किले का विकास किया जाना प्रस्तावित।

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में सबसे पहले कुम्भ का जिक्र किया। अवस्थापना के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस को शामिल किया गया, पूर्वांचल एक्सप्रेस के लिए 1194 करोड़, बुंदेलखंड एक्प्रेस के लिए 1000 करोड़, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे लिए 1000 करोड़, डिफेंस कॉरिडोर के लिए 500 करोड़, आगरा लखनऊ एक्प्रेस वे 6 लेन के लिए 100 करोड़, स्मार्ट सिटी योजना के तहत 758 करोड़ की व्यवस्था की गई है। जबकि स्वच्छ ग्रामीण मिशन के तहत 58 हजार 770 ग्राम पंचायत को शौच मुक्त कर दिया है।

बजट में संस्कृति विभाग का भी ध्यान रखा गया है। मथुरा वृंदावन के मध्य ऑडिटोरियम के निर्माण के लिए 8 करोड़ 38 लाख रुपये की व्यवस्था की गई है। सार्वजनिक रामलीला स्थलों में चारदीवारी निर्माण के लिए 50 करोड़ की व्यवस्था की गई है जबकि वृंदावन शोध संस्थान के सुदृढ़ीकरण के लिए एक करोड़ दिए गए हैं।

कांग्रेस के स्टार प्रचारक बने भूपेश बघेल

छत्तीसगढ़ : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कांग्रेस स्टार प्रचारक के रूप में इस्तेमाल करने जा रही है। हाल ही में तीन राज्यों में दौरे के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भूपेश बघेल को अपने साथ ले गए और वहां से इसका आगाज कर दिया है। वहां उन्होंने छत्तीसगढ़ में सरकार बनने के एक माह में किए गए कार्यों की मिसाल पूरे देश में प्रस्तुत कर कांग्रेस के वादा निभाने को लेकर, कई तरह के दावे चुनाव के मद्देनजर प्रस्तुत किए हैं।

2 और 3 फरवरी को उत्तरप्रदेश के बाराबांकी और बिहार के पटना में जिस तरह से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है, उसे देखते हुए राहुल गांधी श्री बघेल को लोकसभा चुनाव के स्टार प्रचारक में शामिल करने जा रहे हैं। दोनों सभाओं में बघेल के आक्रामक शैली के भाषण को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष उन्हें बुधवार को ओडिशा हाेने वाली आमसभा में लेकर गए।

उन्होंने गांधी परिवार के बारे में जो कहा, वह एक प्रकार से ओडिशा के लोगों के लिए बड़ी बात है। वहां उन्होंने अपनी शैली में बिहार के पटना में हुई आमसभा में भी राहुल गांधी होने का मतलब वहां की जनता को बखूबी समझाया। बताते हैं कि बघेल के भाषण के बाद बिहार के स्थानीय कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह भी दिखा।

उनके इस अंदाज को भुनाने की कोशिश में कांग्रेस हिन्दी भाषी प्रदेशों में भूपेश बघेल को आजमाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उनकी आक्रामक रणनीति को देखते हुए राहुल गांधी ने उन्हें स्टार प्रचारक के रूप में प्रोजेक्ट कर रहे हैं।

यह भी कहा जा रहा है कि राजस्थान में अशोक गहलोत और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के काफी वरिष्ठ होने के बावजूद राहुल ने भूपेश पर दांव खेला है, उससे यही लग रहा है कि छत्तीसगढ़ के साथ इससे लगे सीमावर्ती सात राज्यों में उनकी भूमिका बहुत अहम रहेगी।

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में बंपर जीत के बाद कांग्रेस सरकार ने अपना कामकाज शुरू कर दिया है। तीनों राज्यों के चुनाव में दो तिहाई से अधिक बहुमत छत्तीसगढ़ में ही मिला। राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी छत्तीसगढ़ सरकार बनने के बाद यहां ध्यान दे रहे हैं।

कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में सबसे पहले एआईसीसी के द्वारा प्रदेश के महासचिवों की एक आवश्यक बैठक 7 फरवरी को नई दिल्ली में बुलाई गई है।


असंगठित क्षेत्र के कामगारों का जल्द बनेगा पेंशन कार्ड

नई दिल्ली: वित्त मंत्री पीयूष गोयल के बजट में असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए पेंशन के ऐलान के बाद से वित्त मंत्रालय और श्रम मंत्रालय के अधिकारियों ने मिलकर योजना की रूपरेखा तैयार करनी शुरू कर दी है।

सूत्रों के जरिए मिली शुरुआती जानकारी के मुताबिक, सरकार इन कामगारों के लिए एक पेंशन रजिस्ट्रेशन नंबर वाला कार्ड जारी कर सकती है। इसके जरिये न सिर्फ उनके पेंशन का रजिस्ट्रेशन हो जाएगा, बल्कि दूसरी उस कैटेगरी की दूसरी सुविधाएं जैसे स्वाथ्य बीमा जैसी चीजें भी मिल जाया करेंगी।


मामले से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पेंशन योजना का फायदा लेने वाले व्यक्ति के पास एक बैंक अकाउंट होना जरूरी होगा। साथ ही उस बैंक अकाउंट का पिछले 3 महीने का स्टेटमेंट भी देना होगा। पेंशन के लिए रजिस्ट्रेशन कराने का जिम्मा लाइफ इंश्योरेंश कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के कंधों पर डालने की योजना है। हालांकि देशभर में एक साथ इस योजना लागू करने के दौरान शुरुआती दिनों में सभी बैंक शाखाओं और पोस्ट पेमेंट बैंक के काउंटर्स की भी मदद ली जा सकती है।

योजना का फायदा कोई अपात्र व्यक्ति न उठा ले इसके लिए भी सरकार बाकायदा व्यवस्था बना रही है। कामगार के जरिये सेल्फ डिक्लेरेशन में दी गई जानकारी गलत पाए जाने पर उसका अकाउंट तुरंत रद्द कर दिया जाएगा। ऐसा करने वालों के खिलाफधोखाधड़ी की धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

अकाउंट में दोहरीकरण से रोकने और सुरक्षा के लिहाज से मजबूत बनाने के मकसद से उस अकाउंट को आधार से भी जोड़ा जाएगा। इसी अकाउंट में व्यक्ति अपना योगदान देगा और उसी अनुपात में सरकार का भी योगदान रहेगा। स्कीम के अनुसार 18 वर्ष के कामगार को 55 रुपये महीने और 29 साल के व्यक्ति को 100 रुपये महीने की राशि जमा करनी होगी। इतनी ही राशि उसके खाते में सरकार की तरफ से आएगी। व्यक्ति के 60 साल के होने के बाद 3000 रुपये मासिक पेशन मिलेगी। बाकी उम्र के लोगों के लिए उसी अनुपात में रकम घट या बढ़ सकती है।

हालांकि अभी इस योजना में अभी मंथन का दौर पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। सरकार अभी इस बारे में किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है कि यदि व्यक्ति कुछ महीने अपना योगदान देने की स्थिति में नहीं रहता है तो उसकी पेंशन का क्या होगा और अकाउंट किन हालातों में चालू रखा जा सकेगा। रेहड़ी-पटरी वाले, रिक्शा चालक, घर बनाने वाले मजदूर, कूड़ा बिनने वाले, कृषि कामगार, बीड़ी बनाने वाले, हथकरघा कामगार, चमड़ा कामगार जैसे अनेक कामों में लगे हुए लोगों को इसका फायदा दिया जाएगा।

मानेसर जमीन अधिग्रहण घोटाला, बिल्डरों को बेची थी जमीन

मनेसार भूमि घोटाला मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोहरा बुधवार को पंचकुला में सीबीआई स्पेशल कोर्ट के सामने पेश हुए। सुनवाई में आज आरोपी अतुल बंसल के कोर्ट में न पहुंचने के चलते आज भी नहीं हुई कोई कार्यवाही। कोर्ट ने अब मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख 20 फरवरी दी है। सनद रहे की इससे पहले मई में सीबीआई कोर्ट ने भूपिंदर सिंह हुड्डा को राहत देते हुए करोड़ों रूपये के मनेसार ज़मीन घोटाले में उन्हे जमानत दी थी।

मानेसर जमीन अधिग्रहण घोटाला मामलें में पंचकूला की सीबीआई कोर्ट के स्पेशल जज कपिल राठी की कोर्ट में सुनवाई चल रही है। जिसमे हुडडा के अलावा एमएल तायल, छतर सिंह, एसएस ढिल्लों, पूर्व डीटीपी जसवंत सहित कई बिल्डरों के खिलाफ चार्ज शीट में नाम आया है। मानेसर जमीन अधिग्रहण घोटाला को लेकर सीबीआई ने हुड्डा सहित 34 के खिलाफ 17 सितंबर 2015 को मामला दर्ज किया था। इस मामले में ईडी ने भी हुड्डा के खिलाफ सितंबर 2016 में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था।

एबीडबल्यू बिल्डर्स के अतुल बंसल की अनुपस्थिति ने कोर्ट की कार्यवाही को स्थगित करवाया। सनद रहे अतुल बंसल मनेसार ज़मीन घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक हैं। आरोपी अतुल बंसल पिछली पेशी में भी अदालत में पेश नहीं हुए थे, जिस कारण उनके नॉन बेलेबल वारंट निकले गए थे। आज फिर अतुल बंसल के खिलाफ नॉन बेलेबले अरैस्ट वारंट जारी किए गए हैं, 

दरअसल, हरियाणा के गुरुगरम जिले के मनेसार में ज़मीन घोटाले के मामले में सीबीआई ने इस वर्ष फरवरी में हुड्डा,वरिष्ठ नौकरशाहों व अन्य के विरुद्ध मामला दर्ज़ किया था। चार्जशीट में वरिष्ठ नौकरशाह छत्तर सिंह,, एस एस ढिल्लों और गुरुगरम की रियल इस्टेट कंपनी एबीडबल्यू बिल्द्र्स के प्रोमोटर अतुल बसन को शामिल किया गया था। तीनों अधिकारी हुड्डा के मुख्यमंत्री रहते हुए प्रभावशाली प्रमुख सचिव थे। सीबीआई ने सितंबर 2015 में इस संबंध में मामला दर्ज़ किया था। आरोप था की निजी बिलदारों ने हरियाणा सरकार के साथ मिलीभगत कर गुरुगरम जिले के मनेसार, नौरंगपुर, लखनौला गांवों में किसानों और ज़मीन के मालिकों से 400 एकड़ ज़मीन बहुत कम दामों में खरीदी।

     उस समय बेची गयी ज़मीन की कीमत 1600 करोड़ रुपये थी, लेकिन बिल्डरों ने इसे मात्र 100 करोड़ रुपए में खरीद लिया। यह ज़मीनें अगस्त 2004 से अगस्त 2007 के बीच खरीदी गईं। मुख्यमंत्री हुड्डा के नेतृत्व वाली सरकार मार्च 2005 से अक्तूबर 2014 तक हरियाणा में सत्ता में थी। सीबीआई का आरोप है की एबीडबल्यू बिल्द्र्स ने कांग्रेस के कार्यकाल में ज़मीन खरीदने का षड्यंत्र रचा।  

अमित शाह से सपा, बसपा, कांग्रेस : राम मंदिर पर अपना रुख साफ करें

अलीगढ़/ भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस से राम मंदिर के मुद्दे पर अपना रुख साफ करने को कहा। शाह ने यहां एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा चाहती है कि भगवान राम का भव्य मंदिर उसी स्थान पर बनाया जाए जहां उनका जन्म हुआ हो। उन्होंने कहा, “भाजपा का रुख स्पष्ट है कि अयोध्या में राम मंदिर उसी स्थान पर बनेगा। सपा, बसपा और कांग्रेस को अपना रुख साफ करना चाहिए कि वे राम मंदिर का निर्माण चाहते हैं या नहीं।”

केंद्र ने मंगलवार को अयोध्या में राम जन्मभूमि न्यास में विवादित हिस्से के आसपास “अतिरिक्त” भूमि को बहाल करने की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

सरकार ने एक याचिका में 67 एकड़ जमीन को वापस लेने के निर्देश दिए, जो उसने करीब ढाई दशक पहले हासिल की थी, जिससे वह 0.313 एकड़ विवादित भूमि से अछूती रह गई थी।

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पिछले आठ साल से शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित है। लंबे समय से, मामले में पक्ष और विभिन्न दक्षिणपंथी संगठन मामले में जल्द या दिन-प्रतिदिन की सुनवाई के लिए पूछ रहे हैं।

2017 में, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल, जो सुन्नी वक्फ बोर्ड का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, ने लोकसभा चुनाव पूरा होने तक राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में सुनवाई स्थगित करने की याचिका दायर की थी।

सर्वोच्च न्यायालय : ‘क्यों राजीव कुमार को CBI के सामने नहीं आना चाहिए?’

CBI की कार्रवाई को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. ममता का धर्मतल्ला के मेट्रो चैनल पर चल रहा धरना तीसरे दिन भी जारी है. उधर इस मामले में सीबीआई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने साफ-साफ कहा है कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को सीबीआई के समक्ष पेश होना होगा. कोर्ट ने कहा है कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार तटस्थ स्थान (न्यूट्रल प्लेस) शिलॉन्ग में सीबीआई के समक्ष पेश होंगे.

मामले की सुनवाई करते हुए सीजेआई गोगोई ने साफ कहा कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर को सीबीआई के समक्ष पेश होना होगा लेकिन सीबीआई उन्हें गिरफ्तार नहीं करेगी. साथ ही सीजेआई ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी से कोर्ट के अवमानना मामले में जवाब भी मांगा है. इसके साथ ही सीजेआई ने कहा है कि पुलिस कमिश्नर और राज्य के चीफ सेक्रेटरी भी अवमानना मामले में कोर्ट को जवाब दें.

सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई की तरफ से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल जिरह कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इस मामले में जिस तरह की पेमेंट दी गई है वह संदेहास्पद है. उनका कहना है कि पेमेंट चेक से हुई हैं. सीबीआई ने इस मामले सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त दस्तावेज सौंपे हैं. सीबीआई ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में वह और दस्तावेज जमा करना चाहते हैं लेकिन वे सीलबंद लिफाफे में इसे सौंपेंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम ममता बनर्जी सरकार की बातें सुनेंगे. कोर्ट ने आगे कहा कि कोलकाता पुलिस कमिश्न को सीबीआई के सामने पेश होना चाहिए, ताकि जांच एजेंसी पूछताछ कर सके. चीफ जस्टिस ने पूछा, क्यों राजीव कुमार को CBI के सामने नहीं आना चाहिए? सुप्रीम ने कहा, हमारे प्रस्तावित ऑर्डर में पश्चिम बंगाल की सरकार को क्या आपत्ति है?

ममता बनर्जी सरकार की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी पैरवी कर रहे थे. सिंघवी ने कहा कि राजीव कुमार के खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं हुआ. अभी तक तीन समन जारी किए गए थे. सीबीआई की तरफ से कोई फॉर्मल ऑर्डर नहीं आया था.

योगी आदित्यनाथ डब्ल्यूबी के पुरुलिया में रैली को संबोधित करने के लिए झारखंड से सड़क मार्ग से यात्रा करेंगे

Lucknow/ Having been denied permission to land his chopper in West Bengal, Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath will on Tuesday touch down in Jharkhand’s Bokaro and then travel to West Bengal’s Purulia district by road to address a public rally.

The chief minister will leave for Purulia after the adjournment of the Vidhan Sabha session today. He is slated to address the rally at around 3:30 pm.

Yogi was scheduled to address two rallies in West Bengal on February 3, one in North Dinajpur district’s Raiganj and the other in South Dinajpur district’s Balurghat. However, the TMC government led by Mamata Banerjee declined permission for Yogi’s chopper to land for both rallies without any prior notice.
Later in the day, Yogi addressed the rally in Raiganj via telephone and accused Banerjee of carrying out“shameful” activities.

The BJP has condemned Banerjee over the obstacles faced by the party in conducting rallies and other events in the state, while also criticising her government for the ongoing tussle between the CBI and the state police.

She allows Rohingyas and foreign infiltrators to stay in the state, people who promote democratic values, be it our chief minister, our national president, they cannot go. She is being supported by people who are also under the CBI’s radar. It is shameful and condemnable. They are making a mockery of the Constitution. If you want to see a situation of emergency anywhere, you can see it in West Bengal,” Raza said.

Uttar Pradesh Health Minister Sidharth Nath Singh said, “Mamata ji has created an unconstitutional and undemocratic atmosphere in West Bengal. The CBI vs Mamata situation in the state clearly shows that democracy is in peril there. When Narendra Modi ji was the Gujarat chief minister, he fully cooperated with agencies when he was under probe. He was also in your position and he showed that you have to cooperate with the law and not fight it”.

Banerjee launched her dharna in Kolkata on Sunday night amidst an unprecedented face-off with the Centre over CBI versus state police issue.
She launched her ‘Save the Constitution’ sit-in at around 9 pm after the CBI attempted to arrest Kolkata Police Commissioner Rajeev Kumar in connection with the Saradha chit fund case, which was foiled by the state police.


CBI vs Mamata: राजनाथ सिंह ने राज्यपाल से बातचीत

कोलकाता में पश्चिम बंगाल पुलिस और सीबीआइ के बीच चल रहे विवाद की गूंज सियासी गलियारों तक पहुंचती हुई दिखाई दी। अब इस मुद्दे को लेकर संसद में भी हंगामा हो रहा है। इधर कांग्रेस ने भी राज्‍यसभा के अपने सभी सदस्‍यों को व्हिप जारी कर दिया। इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और असम प्रभारी हरीश रावत ने रविवार को साफ कर दिया था कि पार्टी नागरिकता (संशोधन) विधेयक-2016 का राज्‍यसभा में विरोध करेगी।

टीएमसी और विपक्षी सांसदों के हंगामे की वजह से लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित किया गया।
ममता सरकार पर हमला बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि पश्चिम बंगाल में कल हालात इतने खराब हो गए कि सीबीआइ की सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ को भेजना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने सारदा चिट फंड मामले में जांच के आदेश दिए थे। पुलिस कमिश्नर को कई बार तलब किया गया लेकिन वह हाजिर नहीं हुए। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को तलब किया है और उनसे स्थिति को सुलझाने के लिए तत्काल कार्रवाई करने को कहा है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि पश्चिम बंगाल में आरोपी को राजनीतिक संरक्षण दिया जा रहा है। सीबीआई अपना काम कर रही थी लेकिन उसको अपना काम करने से रोका गया। चिटफंड घोटाले में कई नेता भी शामिल हैं जिस वजह से वहां की सरकार जांच को बाधित करने का प्रयास कर रही है। मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं कि इस हरकत से पश्चिम बंगाल में संवैधानिक संस्थाओं को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। मैं सभी राज्य सरकारों से अपील करता हूं कि एजेंसियों को उनका काम अच्छी तरह से करने दें। मुझे भरोसा है कि पश्चिम बंगाल की सरकार भी इस ओर ध्यान देगी और एजेंसी को उसका काम करने देगी।

‘आंध्र भारत का हिस्सा नहीं है? सीएम नायडू ने बजट पर ‘विश्वासघात’ की बात कही

 Andhra Pradesh Chief Minister N Chandrababu Naidu on Friday accused the BJP-led central government of “betraying” his state by failing to fulfil the assurances made during its bifurcation and said the Interim Budget had nothing on offer for the state.

He slammed the central government saying, “The Narendra Modi-led BJP government has betrayed Andhra Pradesh all these years”.

Citing the Interim Budget, he said that the central government has nothing in its bag for the state even in its last budget before the Lok Sabha polls.

The ruling Telugu Desam Party observed Friday as Black Day as a mark of protest against the BJP-led central dispensation, alleging that the Centre had “betrayed” the state in all the five budgets.

“Nothing is assured to the state even in this last budget,” said Chandrababu Naidu.

He also took on BJP legislators in the state and said they were ineligible to be public representatives.

The Andhra Pradesh Assembly took up the subject of AP Reorganization Act and the promises and implementation for discussion.

While BJP MLA Vishnu Kumar Raju was trying to defend his party, Naidu intervened and slammed him. When BJP MLA Manikyala Rao stood up to counter, Chandrababu Naidu continued his angry speech.

“TDP did not compromise on anything. I faced much humility but kept on calling Modi Sir. But he did not pay heed to our requirements. He only gave dust and water for Amaravati. Now BJP is campaigning that they only brought Kia motors to AP. It is utter nonsense,” said Naidu.

He termed the NDA government led by Prime Minister Narendra Modi as “worse than the British rule”.

“Why should we pay taxes to the central government? What is the right of Centre on the state’s income? They are doing threatening politics. Is Andhra Pradesh not part of the nation? BJP doesn’t have much bigger leaders in the South. There was only one, Venkaiah Naidu. Now you have sidelined him. How can BJP woo the people in South India,” he said.

Chandrababu Naidu continued his speech on the Reorganization Act assurances and special category status. He mentioned the Polavaram project, Kadapa steel plant, Visakhapatnam railway zone and other issues on which the central government is allegedly not cooperating.