शिवसेना : प्रियंका ने अपने पत्ते सही तरीके से खेले तो वे रानी बनकर उभरेंगी

मुंबई-शिवसेना ने शुक्रवार को कहा कि अगर प्रियंका गांधी ने अपने पत्ते सही तरीके से खेले तो वे रानी बनकर उभरेंगी और उन्हें पार्टी में शामिल करके राहुल गांधी ने दिखा दिया कि आगामी आम चुनाव में जीत हासिल करने के लिये वह कुछ भी करने को तैयार हैं।

पार्टी के मुखपत्र सामना में एक लेख में यह बातें कही गई हैं। भाजपा की गठबंधन साझीदार शिवसेना ने यह भी कहा कि सत्ताधारी दल के नेताओं (भाजपा नेताओं) के इस बयान का कोई मतलब नहीं है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नाकाम होने के चलते प्रियंका को पार्टी में शामिल किया गया है।

पार्टी ने कहा कि कांग्रेस प्रमुख ने राफ़ेल लड़ाकू विमान खरीद के मुद्दे पर सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी थीं। शिवसेना के अनुसार राहुल गांधी के मोदी सरकार पर राफ़ेल सौदे में लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को नजरअंदाज भी कर दें तब भी हाल ही में तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत का श्रेय उन्हें नहीं दिया जाना संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है।

लेख में कहा गया है, उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के गठबंधन में कांग्रेस को जगह नहीं दी गई। हालांकि राहुल गांधी ने बहुत ही धैर्य के साथ खुद को शांत रखा। लेख में कहा गया कि गांधी ने उत्तर प्रदेश में सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान करके और सपा-बसपा को हरसंभव मदद देने तथा उसी समय प्रियंका को मुख्यधारा की राजनीति में लाने का फैसला करके अपने पत्ते सही तरीके से खेले।

लेख के अनुसार इससे कांग्रेस को मदद मिलेगी। यहां तक कि प्रधानमंत्री को प्रियंका के राजनीति में आने पर बोलना पड़ा। लोगों ने परिवार को स्वीकार कर लिया है तो कुछ लोगों के पेट में दर्द क्यों हो रहा है?
लेख में कहा गया है कि भाजापा नेहरू-इंदिरा परिवार को लेकर इसलिए शत्रुता की भावना रखती है क्योंकि वह उसे जबरदस्त प्रतिस्पर्धी के तौर पर देखती है।

बीजेपी, कांग्रेस की ओर से मजबूत चुनौती मिलने को लेकर डरी हुई है। शिवसेना ने कहा कि प्रियंका की शक्ल सूरत और बातचीत के तरीके में उनकी दादी इंदिरा गांधी की झलक दिखती है। लिहाजा कांग्रेस को निश्चित ही आम चुनावों के दौरान हिदी पट्टी के राज्यों में इसका फायदा होगा।

हिमाचल प्रदेश के स्थापना दिवस के मौके पर को बधाई दी : कोविंद

नयी दिल्ली :राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने हिमाचल प्रदेश के स्थापना दिवस के मौके पर राज्य के लोगों को शुक्रवार को बधाई दी।

कोविंद ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘राज्य स्थापना दिवस पर हिमाचल प्रदेश के सभी निवासियों को बधाई। इस सुंदर राज्य में रहने वाले सभी लोगों के उज्ज्वल और समृद्ध भविष्य के लिए मेरी शुभकामनाएं। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने 25 जनवरी 1971 को हिमाचल प्रदेश केंद्र शासित प्रदेश से पूर्ण राज्य का दर्जा दिया था और इस तरह यह देश का 18वां राज्य बना था।

चंडीगढ़-जयपुर एक्सप्रेस के समय में रेलवे ने तब्दील करने के आदेश जारी

अंबाला कैंट : ट्रेन नंबर 19717-18 जयपुर-चंडीगढ़-जयपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस के समय में रेलवे ने तब्दील करने के आदेश जारी कर दिए हैं। यात्रियों की मांग पर रेलवे ने यह निर्णय लिया है। आगामी 24 अप्रैल से ट्रेन अपने नए समय अनुसार चलेगी। पहले ट्रेन दोपहर को चंडीगढ़ से चलती थी, जो अब शाम को चंडीगढ़ से चलेगी। इसी तरह वापसी में ट्रेन शाम को जयपुर से चलती थी जो अब रात को चलेगी। इस समय ट्रेन का जो समय है वह यात्रियों के अनुकूल नहीं था जिस वजह से रेलवे द्वारा अब यह निर्णय लिया गया है।

24 अप्रैल से ट्रेन शाम 6:50 पर चंडीगढ़ से, 7:45 पर अंबाला, 8:45 पर कुरुक्षेत्र, 9:38 पर कैथल, 10:37 पर नरवाना, 10:53 पर उचाना, 11:15 पर जींद, मध्य रात्रि 12:20 पर रोहतक, 1.02 पर झज्जर, 2:10 पर रेवाड़ी, 2:47 पर खैरथल, 3:10 पर अलवर, 3:40 पर राजगढ़, 4:05 पर बंदीकुई, 4:30 पर दौसा, 6:20 पर गांधी नगर से चलेगी जबकि सुबह 6:40 पर ट्रेन जयपुर रेलवे स्टेशन पहुंचेगी। 
इसी तरह वापसी में ट्रेन नंबर 1917 जयपुर से शाम 7:30 पर चलेगी, गांधीनगर से 7:43 पर, 8:23 पर दौसा, 8:47 बंदीकुई, 9:06 पर राजगढ़, 9:58 पर अलवर, 22:17 पर खैरथल, 11:35 पर रेवाड़ी, मध्य रात्रि 12:12 पर झज्जर, 1:15 पर रोहतक, 2:10 पर जींद, 2:27 पर उचाना, 2:47 पर नरवाना, 3:37 पर कैथल, सुबह 5:05 पर कुरुक्षेत्र, 6:15 पर अंबाला कैंट स्टेशन पर चलेगी और सुबह 7:10 पर चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पहुंचेगी। 24 अप्रैल तक ट्रेन अभी अपने पुराने समय पर ही चलेगी। यात्रियों द्वारा बार-बार ट्रेन का समय बदलने की मांग की जा रही थी और इसी पर कार्रवाई करते हुए अब ट्रेन का समय परिवर्तित किया गया है जिससे यात्रियों को आने वाले दिनों में लाभ मिलेगा। 
-हरि मोहन, सीनियर डीसीएम, अंबाला रेल मंडल

धारीवाल- पुरानी पेंशन योजना शुरू करने का विचार नहीं

जयपुर –  राजस्थान के संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने आज विधानसभा में कहा कि प्रदेश में नवीन पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना शुरू करने का विचार नहीं है। 

धारीवाल सदन में प्रश्नकाल के दौरान विधायकों के इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का वित्त मंत्री की ओर से जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कार्मिकों के लिए नवीन पेंशन योजना केन्द्र सरकार की योजना के अनुसार लागू की गई है। देश के 28 राज्यों ने इसे मंजूर किया है। नवीन पेंशन योजना एक जनवरी, 2004 से लागू की गई थी। उन्होंने कहा कि लगभग चार लाख कार्मिक इसमें अंशदान दे रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि नवीन पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना पुन: शुरू करने का विचार नहीं है, क्योंकि केन्द्र सरकार की अधिसूचना 22 जनवरी, 2003 के द्वारा केन्द्रीय सरकार के सभी कार्मिकों पर एक जनवरी 2004 से नवीन पेंशन योजना लागू की गयी थी। इसी के कारण प्रदेश को भी नवीन पेंशन योजना को लागू करना पड़ा। अब केन्द्र सरकार द्वारा योजना में कोई परिवर्तन किया जाएगा, तब प्रदेश में भी उस पर विचार किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से केन्द्र को इस संबंध में कोई पत्र नहीं भेजा गया है। 

धारीवाल ने बताया कि नवीन पेंशन योजना के तहत मूल वेतन एवं महंगाई भत्ते की राशि का दस प्रतिशत अंशदान कार्मिक का होता है और दस प्रतिशत अंशदान राज्य सरकार देती है। इससे एक वर्ष में लगभग 1800 करोड़ रुपए का भार राज्य सरकार पर होता है जो हर वर्ष दस प्रतिशत बढ़ता है। इसी तरह पुरानी पेंशन योजना से राज्य सरकार पर 17989 करोड़ रुपए का भार आता है जो हर वर्ष दस प्रतिशत बढ़ता है।