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नीरव मोदी को लगा झटका, जमानत याचिका खारिज

नीरव मोदी को लेकर लंदन के वेस्टमिंस्टर कोर्ट में चल रही सुनवाई में भारतीय अधिकारियों का पक्ष रख रहे टोबी कैडमैन ने कोर्ट में कहा कि नीरव मोदी भारतीय एजेंसियों के साथ सहयोग नहीं कर रहा है।

उसे थोड़ी सी भी ढील देने पर डर है कि कहीं वह फिर से हाथ से न निकल जाए।

नीरव से ये भी खतरा है कि वह अपने खिलाफ खड़े गवाहों को डरा धमकाकर प्रभावित कर सकता है, साथ ही सुबूतो के साथ छेड़छाड़ भी कर सकता है।

लंदन पुलिस ने 14 मार्च को नीरव मोदी को गिरफ्तार किया था। अगले दिन पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया जहां नीरव को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।

पंजाब नेशनल बैंक से 13 हजार करोड़ का लोन लेकर फरार नीरव मोदी को भारत सरकार जल्द से जल्द वापस लाने की कोशिश में लगी हुई है।

ईडी ने मुंबई और सूरत में स्थित नीरव मोदी की चल और अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अपने कब्जे में ले लिया।

जिसमें 8 कारें, संयंत्र और मशीनरी, आभूषण, पेटिंग और अचल संपत्तियां शामिल हैं और जिनका बाजार मूल्य 147.22 करोड़ रुपये है।

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टेरर फंडिंग मामले में जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के खिलाफ सरकार बड़ा एक्शन,हुर्रियत नेताओं की संपत्ति होगी जब्त

टेरर फंडिंग मामले में सरकार का बड़ा एक्शन, हुर्रियत नेताओं की संपत्ति होगी जब्त

टेरर फंडिंग मामले में जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के खिलाफ बड़ा एक्शन होने वाला है।

सरकार अब इन नेताओं की संपत्ति को जब्त करने जा रही है। 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकवादी ग्रुपों को फंडिंग मामले में शामिल 11 नेता सरकार के निशाने पर हैं। अब सरकार ने हुर्रियत नेताओं की प्रॉपर्टी जब्त की जाएगी।

सरकार इन हुर्रियत नेताओं की प्रॉपर्टी की जांच कर रही है। इन नेताओं पर फंडिंग के जरिए करोड़ों की प्रॉपर्टी बनाने का आरोप है।

इन नेताओं पर आतंक की फंडिंग के जरिए करोड़ों की प्रॉपर्टी बनाने का आरोप है। इनमें हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी के दामाद का नाम भी शामिल है.

जिसका केस दिल्ली की कोर्ट में भी चल रहा है।

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बीती 19 मार्च को प्रवर्तक निदेशालय ने टेरर फंडिंग मामले में जम्मू कश्मीर में सईद सलाऊद्दीन की 13 संपत्ति जब्त की। यह एक पाकिस्तान आतकंवादी है

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जेट एयरवेज : नरेश गोयल ने छोड़ा चेयरमैन का पद,जेट एयरवेज वर्तमान में भारी नकदी संकट से जूझ रही है

जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल और उनकी पत्नी ने कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है।

जेट एयरवेज वर्तमान में भारी नकदी संकट से जूझ रही है।

यह फैसला आज एयरलाइन बोर्ड की बैठक में लिया गया है। स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक जेट एयरवेज ने जानकारी दी है कि नरेश गोयल, अनीता गोयल और एतिहाद एयरवेज पीजेएससी के एक नॉमिनी ने बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है।

फाइलिंग में यह भी कहा गया है कि नरेश गोयल अब कंपनी के चेयरमैन भी नहीं रहेंगे।

जेट एयरवेज ने अप्रैल अंत तक अपनी 14 अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को भी रद्द कर दिया है, जबकि उसके 80 से अधिक विमान परिचालन से बाहर जा चुके हैं।

इनमें से कंपनी को पट्टे के किराये का भुगतान न करने के कारण अपने 54 विमानों को परिचालन से बाहर रखना पड़ा है।

अब गोयल की हिस्सेदारी घटकर 25.5 फीसद हो जाएगी जो वर्तमान में 51 फीसद है।

वहीं एतिहाद एयरवेज की भी हिस्सेदारी कम होकर 12 फीसद हो जाएगी।

जेट एयरवेज में अबू धाबी की विमानन कंपनी एतिहाद की मौजूदा 24 फीसद हिस्सेदारी है।

इससे बैंकों के लिए कंपनी में अपनी हिस्सेदारी को 50.5 फीसद करने का रास्ता साफ हो जाएगा।

एक बिलियन डॉलर से अधिक के कर्ज में डूबी जेट पर पर बैंकों, सप्लायर्स की देनदारी और पायलट और पट्टे का भुगतान बकाया है।

इनमें से अधिकांश ने कंपनी के साथ लीज को समाप्त करना भी शुरू कर दिया है।

एसबीआई की अगुवाई में सरकारी बैंकों का समूह कंपनी को दीवालिया प्रक्रिया में भेजे बिना इसे संकट से निकालने की दिशा में काम कर रहा है।

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किसानों का अपमान करने वाले कभी देशभक्त नहीं हो सकते – राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसानों को बकाया नहीं देने को लेकर रविवार को उत्तर प्रदेश सरकार और भाजपा पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा किसानों का अपमान करने वाला देशभक्त नहीं हो सकता।

राहुल गांधी ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, “आपकी (भाजपा की) असफलता आपकी है, उसकी सज़ा आप किसानों को क्यूँ दे रहे हो? हमारे किसान हमें जीवन देते हैं।

उनपर किया गया अत्याचार देश पर किया गया अत्याचार है। भारत के किसानों का असम्मान करने वाला कभी देशभक्त नहीं हो सकता।”

राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट के साथ एक मीडिया रिपोर्ट को टैग किया जिसमें दावा किया गया है कि उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों का बकाया 10 हजार करोड़ को पार कर गया है।

इसमें से आधा बकाया उन सीटों से है जहां पहले चरण में मतदान होने जा रहा हैं।

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लोकसभा चुनाव 2019 में सुरक्षित सीट की तालाश में राहुल

अमेठी लोकसभा चुनाव क्षेत्र 1967 से कांग्रेस की सीट रही है संजय गांधी की मृत्यु के पश्चात राजीव गांधी यहाँ से निर्वाचित हुए तभी से यह कांग्रेस की पारंपरिक सीट से बदल कर पारिवारिक सीट हो गयी।

2004 के बाद से कोई भी राहुल गांधी को चुनौती नहीं दे पाया था, लेकिन 2014 के चुनावों में भाजपा की दिग्गज नेता, टीवी अभिनेत्री से नेत्री बनी समृति ईरानी के आने से महौल बदला और राहुल को एक चुनौती का सामना करना पड़ा।

आम आदमी पार्टी द्वारा कुमार विश्वास को मैदान में उतारने से चुनावी समीकरण राहुल गांधी की ओर बैठ गए अन्यथा विश्वास द्वारा काटेगए वोट भी स्मृति के पक्ष में जाते और राहुल की जीत का अंतर कुछ 100 ही में सिमट जाता।

अब माहौल पूरी तरह से बदल चुका है राहुल गांधी ने अमेठी से सांसद होते हुए भी अकर्मण्यता का परिचय दिया और अमेठी के बारे में यह कहा जाता है कि राजीव गांधी ने 1981 में जिस झोंपड़ी से चुनाव प्रचार किया था 2019 के क्ंग्रेस चुनाव प्रचार भी उसी झोंपड़ी से किए जाएँगे (यह सिर्फ 1967 से आज तक कांग्रेस सांसदों के रहते अमेठी के हालात बयान करती प्रतीकात्मक बात है) भाजपा का मानना है कि 2004 से आज तक राहुल ने उतने वादे अमेठी से नहीं किए जीतने काम स्मृति ईरानी ने हारने के बाद भी अमेठी में करवा दिये।

लोगों के मन में स्मृति इरानि को लेकर था कि हारने के बाद स्मृति पुन: अमेठी नहीं आएंगीन, परंतु स्मृति ने न केवल वहाँ अपना दफ्तर बनाया अपितु वह बारंबार अमेठी आती रहीं और स्थानीय लोगों की समस्याओं का निदान करतीं रहीं।

2010 में जिला घोषित होने के बाद से 2017 तक यहाँ डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर का दफ्तर भी नहीं था। अमेठी ने गांधी परिवार को चुनाव दर चुनाव जितया परंतु अमेठी को गांधी परिवार से सिर्फ राजनैतिक अकर्मण्यता के सिवा कुछ भी हासिल नहीं हुआ।

आज जब 2019 के चुनाव सामने हैं, स्मृति के किये काम दिखने लगे हैं ऐसे में लोगों को स्मृति से काफी उम्मीदें हैं। चुनावी समीकरण अब स्मृति की ओर झुके हुए हैं।

बसपा सुप्रीमो ने हालांकि अमेठी सीट पर उम्मीदवार न उतारने की बात कही थी पर अब वह राहुल गांधी से नाराज़ चल रहीं हैं, विश्वास भी इस बार मैदान में नहीं हैं, चुनावी दंगल कर्मठ स्मृति तथा राहुल के बीच हैं जिसमे राहुल की जीत मुश्किल होती जान पड़ती है इसी लिए अब कांग्रेस पार्टी की राज्य इकाइयां उन्हे अपने राज्यों की सुरक्षित सीटों से चुनाव लड़ने की प्रार्थना कर रहीं हैं।

भीतर ही भीतर स्मृति से डरे हुए रहल अप्रत्यक्ष रूप से यही चाहते हैं परन्तु परोक्ष रूप से इस पर टिप्पणी करने से बच रहे हैं।

पत्तनमतिट्टा/कोट्टायम (केरल) : प्रदेश कांग्रेस ने वयनाड लोकसभा सीट के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी (एआईसीसी) अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम प्रस्तावित किया है. यह सीट राज्य में पार्टी का गढ़ मानी जाती है. वरिष्ठ नेताओं ने शनिवार को बताया कि राहुल गांधी ने इस अनुरोध पर फिलहाल प्रतक्रिया नहीं दी है.

एआईसीसी महासचिव ओमन चांडी ने पत्तनमतिट्टा जिले में संवाददाताओं से कहा कि केरल प्रदेश कांग्रेस कमिटी ने गांधी से वयनाड से लड़ने का आग्रह किया है लेकिन उन्होंने प्रस्ताव पर टिप्पणी नहीं की है.

उन्होंने कहा कि पार्टी नेता मांग कर रहे हैं कि गांधी को किसी दक्षिण भारतीय लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहिए और “हमने गांधी से वयनाड सीट से लड़ने का आग्रह किया है.” चांडी ने कहा, “उन्होंने अब तक इस अनुरोध पर टिप्पणी नहीं की है. लेकिन हमें उम्मीद है कि कुछ सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलेगी.”

पार्टी केरल की 20 लोकसभा सीटों में से 16 पर चुनाव लड़ रही है और उसने 14 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है लेकिन वयनाड एवं वडाकरा से अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं. वहीं राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्नीथला ने कोट्टायम में कहा कि उन्होंने गांधी से वयनाड सीट से लड़ने का आग्रह किया था जब वह हाल ही में पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआत करने केरल आए थे.

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जेट एयरवेज के सभी विमान नहीं उड़ रहे , यात्रियों को हो रहा भारी नुकसान

जेट एयरवेज ने अप्रैल के अंत तक 13 और अंतरराष्ट्रीय रूटों पर विमान सेवा स्थगित कर दी है।

एयरलाइंस सूत्रों के अनुसार इसके अलावा सात अन्य विदेशी रूट पर उड़ानों की संख्या घटा दी है।

एयरलाइन रोजाना बड़ी संख्या में फ्लाइट कैंसल कर रहा है। वहीं टिकट कैंसल कराने पर यात्रियों को भारी कैंसलेशन फीस देनी पड़ रही है।

जेट एयरवेज की प्रति महीने सीटों की संख्या के अनुमानित आंकड़े से पता चलता है कि फरवरी महीने में घरेलू उड़ानों की कुल सीटें 13 लाख घटकर 1 करोड़ 34 लाख रह गईं हैं।

जबकि ये संख्या जनवरी महीने में 1 करोड़ 47 लाख थी। इसका कारण जेट एयरवेज के कई विमानों का उड़ान नहीं भरना है। 

सरकार ने जेट को किसी भी जुर्माने के बिना कितनी भी संख्या में उड़ान कैंसल करने की अनुमति दी हुई है।

लेकिन अगर कोई यात्री टिकट कैंसल कराता है तो उसे इकॉनमी क्लास के टिकट के लिए कैंसलेशन फीस 4,600 रुपये तक देनी पड़ सकती है।

जेट ने बीते महीने ही अपनी कैंसलेशन फीस बढ़ा दी थी।

हालात इतने खराब हो चुके हैं कि अधिकतर यात्रियों को आखिरी 72 घंटे पहले तक ये नहीं बताया जाता कि उनकी फ्लाइट चालू रहेगी या कैंसल होगी।

कानूनी रूप से अगर एक बार जेट टिकट कैंसल कर देता है तो उसे टिकट का किराया वापस देना होगा। 

वहीं जो लोग बीते महीने कम कीमत में टिकट बुक करा चुके हैं, उन्हें भी दूसरी एयरलाइन से भारी कीमत में टिकट बुक करानी पड़ रही है।

अगर यात्री समय रहते कहीं और अपनी टिकट बुक करा रहे हैं ताकि बाद में महंगी कीमत में टिकट ना लेनी पड़े, तो उन्हें भी टिकट कैंसल कराने में भारी कैंसलेशन फीस देनी पड़ रही है।

ये कैंसलेशन फीस लगभग पूरी टिकट के ही बराबर है।

इस मामले पर एयर पैसेंजर असोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सुधाकर रेड्डी का कहना है कि जेट को वॉल्यूंटरी की कैंसलेशन फीस नहीं लेनी चाहिए।

क्योंकि उसके पास कोई फ्लाइट शेड्यूल डिसिप्लिन नहीं है।

यात्रियों को कोई परेशानी ना हो इसके लिए डीजीसीए और सिविल एविएशन कुछ नहीं कर रहे हैं।

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भाजपा का ‘विजय संकल्प सभा’ चुनाव अभियान आज से शुरू

लोकसभा चुनाव 2019:

चुनाव के तैयारियों के बीच भाजपा रविवार से  ‘विजय संकल्प सभा’ के जरिये अपने चुनाव अभियान की शुरुआत करने जा रही है। भाजपा पूरे देश में 24 और 26 मार्च के बीच अभियान करेगी।  

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक,

केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2019 के लिए भाजपा पूरे देश में 24 और 26 मार्च को ‘विजय संकल्प सभा’ का शंखनाद करेगी।

इस दौरान भाजपा 5 साल के कामकाज और चुनाव अभियान का पूरा प्रचार करेगी। 

इस अभियान में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सहित पार्टी के कई नेता शामिल होंगे। इतना ही नहीं लोकसभा उम्मीदवारों के बीच जाकर विजय संकल्प सभा को संबोधित भी करेंगे। 

राजनाथ सिंह 24 मार्च को लखनऊ और 26 मार्च को दिल्ली में विजय संकल्प सभा को संबोधित संबोधित करेंगे।

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देश के अगले नेवी चीफ होंगे वाइस एडमिरल करमबीर सिंह, सुनील लांबा की लेंगे जगह

भारतीय नौसेना के लिए सरकार ने अगले नौसेना प्रमुख की घोषणा कर दी है। वाइस एडमिरल करमबीर सिंह अगले नौसेना प्रमुख होंगे।

वाइस एडमिरल करमबीर सिंह भारतीय नौसेना के 26वें नौसेना प्रमुख होंगे। वर्तमान नौसेना प्रमुख सुनील लांबा 31 मई 2019 को रिटायर हो जाएंगे।  

वाइस एडमिरल करमबीर सिंह भारतीय नौसेना के पूर्वी कमान के वर्तमान फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ हैं, जिसका पद इन्होंने 31 अक्टूबर 2017 को ग्रहण किया था।

हरीश बिष्ट के सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने यह पद ग्रहण किया। करमबीर सिंह को जुलाई 1980 में भारतीय नौसेना में नियुक्त किया गया था वह 1982 में हेलिकॉप्टर पायलट बने।

उन्हें एचएएल चेतक और कामोव का -25 हेलीकॉप्टरों को उड़ाने का व्यापक अनुभव है।

एडमिरल सुनील लांबा ने 31 मई 2016 को नौसेना प्रमुख का पदभार ग्रहण किया था।

उन्होंने एडमिरल रॉबिन धवन से चार्ज लिया था जो 26 फरवरी 2014 से 31 मई 2016 तक नौसेना प्रमुख रहे।

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भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को दी गई एक दिन पहले फांसी – 23 March – शहीद दिवस

भारत की आजादी के लिए आज ही के दिन हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर झूलने वाले महान स्वंतत्रता सेनानियों शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। 

भगत सिंह और उनके साथी राजगुरु और सुखदेव को फांसी दिया जाना भारत के इतिहास में दर्ज सबसे बड़ी एवं महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है

23 मार्च 1931 को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी।

23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में भी जाना जाता है।

भगत सिंह और उनके साथी राजगुरु और सुखदेव को फांसी दिया जाना भारत के इतिहास में दर्ज सबसे बड़ी एवं महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है

असेंबली में बम फेंकने के बाद भगत सिंह  वंहा से भागे नहीं लेकिन ब्रिटिश सरकार की चालबाजी का शिकार हो गये और गलत आरोप लगाकर उन्हें फांसी की सजा सुना दी गयी ।

भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव को 24 मार्च 1931 को फांसी दी जानी थी, लेकिन एक दिन पहले 23 मार्च को दी उन्हें फांसी दे दी गई थी क्योंकि तीनों वीर सपूतों को फांसी देने का एलान पहले ही किया जा चुका था।

23 मार्च की आधी रात को अंग्रेज हुकूमत ने भारत के तीन सपूतों- भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फंसी पर लटका दिया था। देश की आजादी के लिए खुद को देश पर कुर्बान करने वाले इन महान क्रांतिकारियों को याद करने के लिए ही शहीद दिवस मनाया जाता है।

यह खबर आग की तरह पूरे देश भर में फैल गई थी। लोग ब्रिटिश सरकार पर भड़के हुए थे और वे तीनों वीर सपूतों को देखना चाहते थे।

तीनों को फांसी को लेकर जिस तरह से लोग प्रदर्शन और विरोध कर रहे थे उससे अंग्रेज सरकार डर गई थी। माहौल को बिगड़ता देखकर ही फांसी का दिन और समय बदला दिया गया और एक दिन पहले ही फांसी दे दी।

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जम्मू कश्मीर के बांदीपोरा और शोपियां जिलों में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ों में छह आतंकवादी मारे गए

जम्मू कश्मीर: जम्मू कश्मीर के बांदीपोरा और शोपियां जिलों में शुक्रवार को सुरक्षा बलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ों में छह आतंकवादी मारे गए।

इनमें दो पाकिस्तानी नागरिक शामिल हैं जिन्होंने 12 वर्ष के एक लड़के को बंधक बनाकर उसकी हत्या कर दी थी। बृहस्पतिवार को शुरू हुई मुठभेड़ों में मरने वाले आतंकवादियों की संख्या आठ हो गई है।

अधिकारियों ने बताया कि लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादी बांदीपोरा जिले के हाजिन इलाके में रातभर चली मुठभेड़ में मारे गए।

उन्होंने बताया कि आतंकवादियों के खिलाफ अभियान बृहस्पतिवार को आरंभ हुआ था लेकिन सुरक्षा बलों को सावधानी से काम लेना था क्योंकि आतंकवादियों ने दो आम नागरिकों को बंधक बना लिया था।

अधिकारियों ने बताया कि एक आम नागरिक को बृहस्पतिवार शाम को बचा लिया गया लेकिन एक अन्य बंधक की अभियान के दौरान मौत हो गई। वह 12 वर्ष का लड़का था।

एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा, ‘‘लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादी हाजिन मुठभेड़ में मारे गए। दोनों आतंकवादियों की पहचान अली और हुबैब के रूप में की गई है। वे पाकिस्तानी नागरिक थे।”

प्रवक्ता ने बताया कि एक बंधक अब्दुल हमीद को बृहस्पतिवार शाम को बचा लिया गया लेकिन दूसरे बंधक आतिफ अहमद को ‘‘बचाया नहीं जा सका और आतंकवादियों ने निर्ममता से उसकी हत्या कर दी’।

इस बीच, शोपियां जिले में सुरक्षा बलों के साथ एक अन्य मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के दो स्थानीय आतंकवादी मारे गए।

एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि दक्षिण कश्मीर में शोपियां के इमाम साहिब इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया और तलाश अभियान शुरू कर दिया।

उन्होंने बताया कि आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं जिसके बाद बलों ने जवाबी कार्रवाई की और मुठभेड़ शुरू हो गई।

उन्होंने कहा कि वह दोनों आतंकवादी आम लोगों और पुलिसकर्मियों के खिलाफ अत्याचार के कई मामलों में शामिल थे। इनमें हाल ही में शोपियां में एक महिला एसपीओ की हत्या का मामला भी शामिल है।

इस बीच, एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उत्तर कश्मीर में बारामूला जिले के सोपोर में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच एक और मुठभेड़ शुरू हो गई, जिसमें दो आतंकवादी मारे गए।

उन्होंने कहा कि उस इलाके में तलाशी अभियान जारी है। उन्होंने बताया कि सोपोर के वारपोरा इलाके में जारी मुठभेड़ में किसी के हताहत होने की सूचना फिलहाल नहीं मिली है।

इससे पहले बारामूला जिले के कलंतरा में बृहस्पतिवार को हुई मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकवादी मारे गए थे।

इस दौरान एक अधिकारी समेत तीन सैन्यकर्मी घायल हो गए थे।