राजकीय महाविद्यालय कालका में गीता अभिप्रेरित सप्ताह के अंतर्गत भाषण प्रतियोगिता का किया आयोजन
पंचकूला, 3 दिसंबर- राजकीय महाविद्यालय कालका की प्राचार्या कामना के कुशल नेतृत्व में गीता अभिप्रेरित सप्ताह के अंतर्गत भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
वरिष्ठ प्रोफेसर सुशील कुमार ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता हिंदुओं के पवित्र ग्रंथों में से एक है। महाभारत के अनुसार कुरुक्षेत्र युद्ध में भगवान श्री कृष्ण ने गीता का संदेश अर्जुन को सुनाया था ।भगवत गीता में एकेश्वरवाद, कर्म योग, ज्ञान योग, भक्ति योग की बहुत सुंदर ढंग से चर्चा हुई है प्रोफेसर प्रदीप कुमार वैदिक रिसर्चर ने कहा कि गीता मूर्तिमान वेद रूप है और उदारता में तो वह वेद से भी अधिक है।
इस अवसर पर विद्यार्थियों ने श्रीमद्भागवत गीता एक संपूर्ण साहित्य और भारतीय संस्कृति विरासत विषय पर भाषण दिए। भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान बी.ए. प्रथम वर्ष की साक्षी और मनु ने प्राप्त किया। द्वितीय स्थान पर बी.ए.तृतीय वर्ष की चारू प्रभा, पूजा ,बी.ए. द्वितीय वर्ष के हरेंद्र कुमार रहे। तृतीय स्थान पर बी.ए तृतीय वर्ष की मानसी, चांदनी और बी. ए. प्रथम वर्ष की मनीषा रही।
प्रस्तुत प्रतियोगिता सेलिब्रेशन आँफ डेस कमेटी की प्रोफेसर नीना शर्मा ,हिंदी विभाग अध्यक्षा प्रोफेसर डॉक्टर बिंदु और अंग्रेजी विभाग की डॉक्टर गीतांजली के मार्गदर्शन और दिशा निर्देशन में संपन्न हुआ ।
प्रोफेसर नीना शर्मा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि गीता उपदेश कुरुक्षेत्र के रणभूमि में सुनाया गया था और उस दिन एकादशी का दिन था। हमारे हिंदू समाज में इसीलिए एकादशी के दिन को बहुत पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है।
प्रोफेसर डॉक्टर बिंदु ने कहा की गीता संपूर्ण विश्व का अमूल्य ग्रंथ है। श्रीमद्भगवद्गीता में ज्ञान योग कर्म योग और भक्ति योग का वर्णन किया गया है । इसमें भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को कुरुक्षेत्र युद्ध में दिया गया दिव्य उपदेश है। यह गीता वेदांत दर्शन का सार है।
डॉक्टर गीतांजलि ने कहा श्रीमद्भगवद्गीता योगेश्वर श्रीकृष्ण की वाणी है। इसके प्रत्येक श्लोक में ज्ञान रूपी प्रकाश है जिसके प्रस्फुटित होते ही अज्ञान का अंधकार नष्ट हो जाता है।