बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान : पीएनडीटी एक्ट के तहत 31 रैड की : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने बताया कि जिला में लिंगानुपात में सुधार के लिए प्रशासन द्वारा गंभीरता से कार्य किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बेटियों को बचाने व उन्हें शिक्षित करने के लिए लोगों को जागरुक करने के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य के बारे में भी घर-घर जाकर विस्तार से बताया जाता है। जिला सिरसा में लिंगानुपात एक हजार पर 942 है। जिला प्रशासन द्वारा इसमें और सुधार के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। जिन गांवों में लिंगानुपात में सुधार की आवश्यकता है उन्हें चिह्निïत कर योजनाबद्ध तरीके से जागरुकता के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढाओ अभियान के अबतक पीएनडीटी की लगभग 31 रैड की जा चुकी है। उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि कन्या भू्रण हत्या रोकने के लिए अधिक से अधिक रैड की जाए ताकि घटते लिंगानुपात में और सुधार हो। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण एवं बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत कई महत्वाकांक्षी योजनाएं क्रियांवित की गई है जिसके परिणाम स्वरुप प्रदेश में लगातार लिंगानुपात में सराहनीय सुधार हो रहा है।
उपायुक्त बिढ़ाण ने कहा कि बेटियों को बचाने व शिक्षित करने से ही एक सभ्य व सशक्त राष्टï्र का निर्माण संभव है। हमारी प्राचीन संस्कृति व सभ्यता में भी कन्या को पुजनिय माना गया है। समाज में भ्रूण हत्या, दजेज प्रथा जैसी कुप्रथाओं को मिटाने के लिए समाज के सभी वर्गों को आगे आना चाहिए। आज के दौर में बेटियां किसी भी मामले में बेटों से कम नहीं है। अगर उन्हें सही मार्गदर्शन व प्रोत्साहन मिले तो वे अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा कर देश व प्रदेश का नाम रोशन कर सकती है। उन्होंने कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति लिंग जांच करता है तो उसकी सूचना दूरभाष नंबर 94672-70070 पर दी जा सकती है। उन्होंने बताया कि नशा मुक्त भारत अभियान के तहत नशे की बिक्री करने वालों के संबंध में टोल फ्री नंबर 88140-11620, 11624, 11675 पर सूचना दी जा सकती है। महिला एवं बाल विकास विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर भ्रूणहत्या रोकने के लिए छापेमारी की जाती है और दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई भी अमल में लाई जाती है।
कुआंपूजन व बेटियों के नाम पौधारोपण कर किया जाता है लोगों को जागरुक :
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा समय-समय पर गांव स्तर पर जागरुकता अभियान, नुक्कड़ नाटक, शपथ, पौधारोपण, स्किट, गुड्डा-गुड्डी बोर्ड लगवाना, लड़कियों के जन्म दिवस को मनाना, कुआं पूजन करवाए जाते हैं। इसके अलावा सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में हर माह की 24 तारीख को बालिकाओं का जन्म दिवस भी मनाया जाता है तथा बालिकाओं के नाम पौधारोपण किया जाना और तुलसी पौधों का वितरण भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि लिंगानुपात में सुधार के लिए विभाग द्वारा जिन गांवों में लिंगानुपात कम है, उन गांवों में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। विभाग द्वारा आपकी लाडो है हरियाणा की शान, दादी-नानी पाठशाला, कैरियर काउंसलिंग इत्यादि, स्थानीय प्रोढ महिलाओं को एकत्रित करते हुए उनके मनोरंजन के साथ-साथ कन्या जन्म पर भेदभाव न करने संबंधी जागरुकता अभियान का आयोजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि जिला में लिंगानुपात में सुधार के लिए स्वास्थ्य विभाग व महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
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हर गांव में 11 सदस्यीय कमेटी करती है लोगों को जागरुक : पीओ डा. दर्शना सिंह
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग डा. दर्शना सिंह ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा समय-समय पर लिंग जांच में संलिप्त अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर की जा रही रेड में भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा का पूर्ण सहयोग दिया जा रहा है। इसके अलावा विभाग द्वारा आमजन को भ्रूण हत्या न करने तथा लड़का व लड़की में भेदभाव न करने के लिए भी जागरुक किया जाता है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान में भी बढ़चढ़ कर सहयोग किया जा रहा है। अभियान के तहत प्रत्येक गांव में 11 सदस्यीय कमेटियों का गठन किया गया है। कमेटी के सदस्य घर-घर जाकर लोगों को नशा न करने व इससे परिवार पर पडऩे वाले दूष्प्रभावों के बारे में बताया जा रहा है। इसके अतिरिक्त नशा की बिक्री करने वालों के संबंध में सूचना देने के लिए आमजन को टोल फ्री नंबरों के बारे में भी जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि पोषण माह के तहत जिला के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में व्यापक जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं और लोगों, विशेषकर गरीब परिवारों की गर्भवती तथा स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को अच्छे भोजन के फायदे बताए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा गर्भवति महिलाओं का पंजीकरण भी किया जाता है।