अब तक मंडियों में 99356 मीट्रिक टन धान में से 94815 मीट्रिक टन धान का हुआ उठान

सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का समापन।

दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से मेला ग्राउंड, शालीमार माल के पास, सेक्टर 5 पंचकूला में 15 से 21 सितम्बर तक सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का आयोजन किया गया। अंतिम दिवस यजमान के रूप विधिवत पूजन बॉयोटेक फार्मा प्राइवेट लिमिटेड के एमडी एम एल बंसल सपरिवार, तसमेड के एमडी हरजिंदर सिंह सपरिवार, मैक्स हॉस्पिटल मोहाली से चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर दीपक भसीन सपरिवार एवं गुप्ता बैंकर्स से ऋषि जीवन सपरिवार द्वारा किया गया। अंतिम दिवस कथा का शुभारंभ बलबीर सिंह सिद्दू स्वास्थ मंत्री, पंजाब सरकार, जितेंद्र शर्मा, आई .एफ.एस., चीफ प्रिंसिपल कंसर्वटर ऑफ फॉरेस्ट पंजाब, जीवन जिंदल एमडी रिवेरडेल अपार्टमेंट्स, विजय गर्ग डायरेक्टर रिवेरडेल अपार्टमेंट्स, डॉक्टर अत्रि सीनियर सर्जन सरकारी हॉस्पिटल सेक्टर 32 चंडीगढ़ एवं प्रवीण गोयल एमडी सौरव केमिकल्स ने प्रभु की पावन ज्योति को प्रज्वलित कर के किया। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का सप्तम दिवस में विदुषी सुश्री कालिंदी भारती जी ने रूकमणी विवाह के प्रसंग का उल्लेख किया। इस प्रसंग में उन्होनें रूकमणी रूपी जीवात्मा का अपने प्रभु प्रियतम के प्रति विरह दर्शाया। साथ ही, यह भी प्रकट किया गया कि कैसे इस आत्मा की पुकार पर वह परम आत्मा प्रभु उसे समस्त बंधनों से स्वतंत्र कर अपने कभी न टूटने वाले प्रणय-सूत्रें मे बांध लेते हैं। कथा का समापन करते हुए विदुषी जी ने कहा कि राजा परीक्षित, भय व असुरक्षा से ग्रस्त हैं, जिसके समक्ष हर क्षण मौत मुँह बाए खड़ी थी। फिर भी परीक्षित की मुक्ति केवल हरि चर्चा या कृष्ण लीलाओं को श्रवण करने मात्र से नहीं हुई थी, अपितु पूर्ण गुरु श्री शुकदेव जी महाराज के द्वारा प्रभु के तत्व रूप को अपने अंदर जान लेने पर हुई थी। भगवान कृष्ण ने अर्जुन का मोह व मोहजनित संशय नष्ट करने हेतु भी उसे यही कहा था- ‘दिव्यं ददामि ते चक्षु पश्यमेयोगमैश्वरम अर्थात् मैं तुझे दिव्य चक्षु प्रदान करता हूँ। दिव्य चक्षु से परमात्मा के शाश्वत स्वरूप का दर्शन करते ही उसकी समस्त दुर्बलताएँ ऐसे विलीन हो गईं।


अंत में, साध्वी जी ने बताया कि आज दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान में सर्व श्री आशुतोष महाराज जी द्वारा ब्रह्मज्ञान प्राप्त कर असंख्य लोगों ने परीक्षित की ही तरह मुक्ति के मार्ग को पाया है। इस प्रकार संस्थान आज विश्व शांति, बंधुत्व व एकता की स्थापना की ओर बढ़ रहा है। संस्थान व आयोजकों की ओर से भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ सप्ताह के आयोजन व उसमें भारी संख्या में समिलित होने के लिए क्षेत्रवासियों का धन्यवाद करते हुए भागवताचार्या महामनस्विनी साध्वी कालिंदी भारती जी ने कहा कि क्षेत्र निवासियों का यह सहयोग चिरस्मरणीय रहेगा। संस्थान सभी को ब्रह्मज्ञान प्राप्ति हेतु आमंत्रित करता है व भविष्य में ऐसे ही सहयोग की अभिलाषा करता है।


इस कथा की मार्मिकता व रोचकता से प्रभावित होकर अपार जनसमूह के साथ-साथ शहर के विशिष्ट नागरिक भी इन कथा प्रसंगों को श्रवण करने के लिए पधारे। श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ में भाव विभोर करने वाले मधुर संगीत से ओत-प्रोत भजन संकीर्तन को श्रवण कर भक्त श्रद्धालु मंत्र मुग्ध होकर झूमने को मजबूर हो गए। कथा को विराम प्रभु की पावन आरती द्वारा दिया गया। प्रभु की पावन आरती में महिला संकीर्तन मण्डल सेक्टर 2 पंचकूला के सभी सदस्य, महिला संकीर्तन मण्डल सेक्टर 4 पंचकूला के सभी सदस्य, सनातन धर्म मन्दिर सभा सेक्टर 10 पंचकूला के सभी सदस्य, महिला संकीर्तन मंडलखाटू श्याम कमेटी जीरकपुर के सभी सदस्य, सनातन धर्म मन्दिर सभा सेक्टर 38 वेस्ट चंडीगढ़ के सभी सदस्य सेक्टर 10 पंचकूला के सभी सदस्य, रेसिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ससेक्टर 9 के सभी सदस्य, श्री शिव मंदिर कमेटी सेक्टर 21 पंचकूला के सभी सदस्य एव महिला संकीर्तन मण्डल सेक्टर 8 पंचकूला के सभी सदस्य, महिला संकीर्तन मण्डल रघुनाथ मन्दिर ससेक्टर 15 पंचकूला के सभी सदस्य, राधा माधव मन्दिर सेक्टर 4 के सभी सदस्य, प्रेम मन्दिर सेक्टर 4 पंचकूला के सभी सदस्य विशेष रूप से समिलित हुए।

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