ऑक्सिजन लेवल चेक करने के लिए न फंस जाएं फेक ऑक्सिमीटर ऐप के जाल में, खाता हो सकता है खाली :- डी.सी.पी. पंचकूला
कोरोनावायरस की जांच का दावा करने वाले फेक Oximeter App से बचें
पुलिस प्रवक्ता नें जानकारी देते हुए बताया कि आज डी.सी.पी. पंचकूला श्री मोहित हांडा (IPS) नें फेक Oximeter App के बारें में जानकारी देते हुए बताया कि देश में कोरोना सकंट जारी है परन्तु इसी के साथ कई ऑनलाइन फ्रॉड इस का फायदा उठा रहें है तथा आपको बता दें कि आजकल Oximeter की बढ़ती डिमांड को देखते हुए काफी ऐसे ऐप्स तैयार किए गये है जो आनलाईन ऐप के जरिए आपका ऑक्सीजन लेवल चेक करने का दावा करते हैं Oximeter मरीज के ऑक्सीजन स्तर को चेक करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. कोरोना से पीड़ित मरीज जिनका ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा है वे ओक्समीटर के साथ ही ओक्समीटर ऐप्स का भी सहारा ले रहे हैं । लेकिन, साइबर अपराधी इसका फायदा उठा रहे हैं । ओक्समीटर ऐप को साइबर अपराधियों ने भी निशाना बनाया है रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ ऐप्स सही रीडिंग भी नहीं देते हैं, जिसकी वजह से लोक घबरा जाते हैं इस लिए इस प्रकार के ऐपस सें अपना ऑक्सीजन लेवल चैक ना करें । Oximeter सें ही अपना ऑक्सीजन लेवल चैक करें ।
-फेक ऑक्समीटर ऐप (Fake Oximeter App) :- इंटरनेट पर Fake Oximeter App के कई लिंक उपलब्ध हैं. इसका उद्देश्य किसी व्यक्ति के फोन लाइट, कैमरा और फिंगरप्रिंट स्कैन के माध्यम से ऑक्सीजन के स्तर की जांच करने का दावा करते हैं वे यूजर्स के फोन में बैंक डिटेल्स, कॉन्टैक्ट, फोटो और दूसरी फाइलों तक पहुंच के लिए भी पूछ रहे है. हालांकि, फेक ऑक्समीटर ऐप से संबंधित हैकर्स यूजर्स के फिंगरप्रिंट डेटा के जरिए डिवाइस से बैंक डिटेल्स, गुगल पे,फोन पें, पे टीम जैसी एप की जानकर सें आपका बैंक अकाउंट खाली कर सकते हैं । और यह ऐप न केवल गलत रीडिंग दे सकता है, बल्कि आपके मोबाइल से डेटा भी चोरी कर सकता है. यह ऐप साइबर अपराधियों के लिए एक नया हथियार बन गया है. इसलिए, पंचकूला पुलिस नागरिकों को इससे दूर रहने का निर्देश दे रही है । मेडिकल एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि चिकित्सकीय रूप से सिद्ध ऑक्समीटर से ही अपने ऑक्सीजन लेवल नापना जरूरी है ।