During the 5th Global Alumni meet on 21.12.2024, several Alumni from the Golden and silver batches as well as many others visited the Department of English and Cultural Studies.

*Canal water to be supplied to Kishangarh for the first time in history*

*Mayor inaugurates project*

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*Chandigarh, March 12:-* Aiming to deliver a reliable and sustainable water supply system in the city, contributing to the development and well-being of communities by ensuring access to clean and safe water resources, the MC Chandigarh has started the work of providing canal water supply to village Kishangarh.

City Mayor Sh. Kuldeep Kumar today started the project work formally for the supply of canal water to Village Kishangarh at an estimated to cost Rs. 3.90 crores in the presence of Ms. Anindita Mitra, IAS, Commissioner, MC, Chandigarh, Smt. Suman Sharma, area councilor and other prominent persons of the local area.

While addressing the gathering, the Mayor said that MC Chandigarh is committed to completing this project efficiently and within the designated timeline. The successful implementation of this initiative will not only address the water scarcity issues faced by the residents but also contribute to the overall development and well-being of Village Kishangarh.

He said that the comprehensive scope of the project includes the provision of sluice valves, non-return valves, pumping machinery, LT panel, cables, and the boring and installation of cast-in-situ RCC piles over Sukhna Choe. Additionally, the estimate includes the restoration of road cuts, paver cuts, concrete cuts, and road berm cuts to minimize disruption to the local infrastructure.

Ms. Anindita Mitra, IAS, Municipal Commissioner said on the occasion that the Municipal Corporation of Chandigarh is dedicated to providing essential services and infrastructure to enhance the quality of life for the residents of Chandigarh. With a focus on sustainable development, the corporation strives to meet the evolving needs of the city and its residents.

She said that village Kishangarh, with a population of approximately 20,000 including the extended population currently faces water scarcity issues, particularly during the summer season. The existing water supply infrastructure, consisting of three tubewells with boosters, is unable to meet the village’s daily water requirement, which is estimated to be around 6,60,000 gallons per day.

The Commissioner said that to address this challenge, it has become imperative to explore alternative water sources. Therefore, the MC Chandigarh undertaken the task of supplying canal water from Water Works Sector-26 to Tubewell Boosters Part-4 and Part-5 of Village Kishangarh. This project involves the installation and laying of an MS water supply pipeline, including various sizes such as 450mm diameter (2349m), 400mm diameter (1790m), 250mm diameter (326m), and 150mm diameter (404m).

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*राष्ट्रीय सेवा योजना के अंतर्गत रविदास मंदिर, पिंजौर में सात दिवसीय विशेष शिविर का शुभारम्भ*

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पंचकूला, 12 मार्च : राजकीय महाविद्यालय कालका की प्राचार्या श्रीमती प्रोमिला मलिक के कुशल नेतृत्व में राष्ट्रीय सेवा योजना के अंतर्गत सात दिवसीय विशेष शिविर का शुभारम्भ पूर्ण जोश व उत्साह के साथ रविदास मंदिर, पिंजौर में किया गया।

 शिविर का शुभारंभ माता मनसा देवी राजकीय संस्कृत महाविद्यालय की प्राचार्या श्रीमती रीटा गुप्ता ने सरस्वती वंदना और दीप प्रज्वलन कर किया।  

 राजकीय महाविद्यालय कालका की प्राचार्या श्रीमती प्रोमिला मालिक ने स्वयं सेवक/सेविकाओं को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना की समाज के निर्माण में महत्तवपूर्ण भूमिका है। श्रीमती रीटा गुप्ता ने विद्यार्थियों को महात्मा गाँधी की याद दिलाते हुए बताया की कैसे ’मैं नहीं, आप’ के अंतर्गत राष्ट्रीय सेवा योजना के उद्देश्य को निभाया जा सकता है और शिक्षित व जागरूक समाज का निर्माण किया जा सकता है। रष्ट्रीय सेवा योजना के वॉलिंटियर्स द्वारा गणेश वंदना, शिव स्तुत, राष्ट्रीय सेवा योजना गीत, स्वयम् रचित कविता वाचन व राष्ट्रीय स्वयंसेवा का इतिहास बताकर इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया। 

 कार्यक्रम में रविदास मंदिर के प्रधान श्री संदीप, नगर परिषद के पार्षद श्री रवि चौधरी, श्री मयंक लांबा व श्री पवन उपस्थित रहे। इन्होंने विद्यार्थियों से रूबरू होते हुए व मार्गदर्शन करते हुए कहा कि वे पिंजौर के आस-पास के इलाके में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करें, सफाई पर ध्यान दें व सुंदर समाज के निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभाए। 

   कालका महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रोग्राम ऑफिसर डॉ. सरिता द्वारा सात दिन के विशेष शिविर की रूपरेखा से अवगत करवाया गया व प्रोग्राम ऑफिसर प्रोफेसर सोनू ने सभी मेहमानों का अभिनंदन किया। कार्यक्रम में समन्वय बनाते हुए मंच का संचालन सहायक प्रोफेसर सविता द्वारा किया गया। ह्यूमन राइट्स पंचकूला के अध्यक्ष श्री नरेंद्र द्वारा रोड सेफ्टी व विद्यार्थियों को जागरुक करते हुए विभिन्न चिन्हों, दुर्घटनाओं को घटित होने से रोकने के उपायों, प्राथमिक चिकित्सा व उपचार आदि पर जोर देते हुए विद्यार्थियों को जागरूक किया। सड़क सुरक्षा पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन करवाया गया, जिसमें सभी विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया व अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। शिविर के प्रथम दिन के अंत में राष्ट्रीय सेवा योजना प्रोग्राम ऑफिसर डॉ. सरिता ने मुख्य अतिथि व सभी मेहमानों का आभार व्यक्त किया व राष्ट्रगान के साथ प्रथम दिन के कार्यक्रम का समापन किया गया।

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*भ्रूण स्थानांतरण प्रौद्योगिकी व इन विट्रो निषेचन की वर्तमान स्थिति, हालिया प्रगति और भविष्य के परिप्रेक्ष्य पर सेमीनार का आयोजन*

*गौसेवा आयोग का लक्ष्य गौमाता की उन्नति एवं नस्ल सुधार के लिए हर संभव प्रयास करना – श्रवण गर्ग*

*लुवास विश्वविद्यालय में भ्रूण प्रत्यारोपण की एक उत्तम व आधुनिक प्रयोगशाला की गई स्थापित – कुलपति डॉ. विनोद कुमार वर्मा*

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पंचकूला, 12 मार्च – लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय हिसार, हरियाणा गौसेवा आयोग, पशुपालन एवं डेयरी विभाग हरियाणा और हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड द्वारा संयुक्त रूप से भ्रूण स्थानांतरण प्रौद्योगिकी व इन विट्रो निषेचन की वर्तमान स्थिति, हालिया प्रगति और भविष्य का परिप्रेक्ष्य पर राष्ट्रीय कार्यशाला एवं विचार मंथन पर सेक्टर-1 पंचकूला के पीडब्लूडी रेस्ट हाउस के सभागार में सेमिनार का आयोजन किया गया। 

     लुवास कुलपति (प्रो.) डॉ. विनोद कुमार वर्मा ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हरियाणा गौसेवा आयोग के चेयरमैन श्री श्रवन गर्ग, हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड के चेयरमैन श्री धर्मबीर मिर्जापुर, गौसेवा आयोग के उप चेयरमैन श्री पूर्णमल यादव, व गोसेवा आयोग के सदस्यों सहित पशुपालकों, गोशाला संचालक का स्वागत करते हुए कहा कि लुवास विश्वविद्यालय द्वारा गउओं की नस्ल सुधार के लिए सार्थक कदम उठाये जा रहे हैं। इसके लिए लुवास विश्वविद्यालय में भ्रूण प्रत्यारोपण की एक उत्तम, पूरी तरह से इस कार्य को समर्पित आधुनिक प्रयोगशाला स्थापित की जा चुकी है। यहां पर अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं उपलब्ध है। 

     उन्होंने बताया कि इस प्रयोगशाला में लुवास के होनहार वैज्ञानिकों की एक टीम, हरियाणा प्रदेश के पशुओं में नस्ल सुधार के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। हरियाणा में पशुधन विशेषकर गऊओं की हरियाणा और साहीवाल नस्ल के अत्यंत उन्नत नस्ल के पशु उपलब्ध है, जिनका प्रयोग अन्य देसी गउओं के नस्ल सुधार में किया जा सकता है जोकि हमारे प्रदेश की आर्थिक उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं।

कुलपति ने समारोह में उपस्थित गौसेवा आयोग के सदस्यों, गौशाला संचालकों एवं किसान भाइयों के प्रयत्नों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इन लोगों की सुधारशील सोच एवं प्रयत्नों के कारण गउओं में नस्ल सुधार का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने आगे बताया कि लुवास विश्वविद्यालय किसानों की सेवा के लिए हमेशा तत्पर है तथा किसान कभी भी विश्वविद्यालय में आकर यहां चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों एवं सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।

      इस अवसर पर हरियाणा गौसेवा आयोग के चेयरमैन श्री श्रवण गर्ग ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि गौसेवा आयोग का लक्ष्य गौमाता की उन्नति एवं नस्ल सुधार के लिए हर संभव प्रयास करना है। इस कार्य हेतू आयोग द्वारा समय-समय पर वैज्ञानिक कार्यक्रम एवं गौशालों के लिए हर संभव मदद दी जाती हैै। उन्होंने बताया कि आज के समय में अच्छी नस्ल की गउओं को यह सोच कर सड़कों पर छोड़ दिया जाता है कि ये गऊ इस समय या तो दूध नहीं देगी या बहुत कम दूध दे रही हैै, परन्तु सड़क पर घूम रही ये गौमाता, नस्ल सुधार के कार्यक्रम में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है, जैसे की भ्रूण प्रत्यारोपण विधि से इन गउओ से अच्छी नस्ल के बछड़े/बछड़ियां पैदा किये जा सकते है। आज के समय में वैज्ञानिक सोच की जरूरत है। 

     उन्होंने कहा कि इस दिशा में लुवास विश्वविद्यालय द्वारा कुलपति डॉ. विनोद कुमार वर्मा के नेतृत्व में सराहनीय प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि गौसेवा आयोग द्वारा हरियाणा प्रदेश की गौशालाओं को वित्तीय सहायता दी जा रही है तथा उन्हें उम्मीद है कि आयोग एवं लुवास विश्वविद्यालय के सम्मिलित प्रयासों की बदोलत हरियाणा प्रदेश भारत देश का ऐसा पहला राज्य होगा जहाँ पर कोई भी गौमाता सड़कों पर नहीं घूम रही होगी, अपितु गौशालाओं एवं किसान भाइयों के घरो से नस्ल सुधार द्वारा एवं अन्य उपयोगी उत्पादों द्वारा महत्वपूर्ण आर्थिक योगदान देगी।

      इस अवसर पर भ्रूण प्रत्यारोपण विधि के विशेषज्ञ राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड गुजरात से डॉ. सिद्धार्थ ने भू्रण स्थानांतरण प्रौद्योगिकी पर जानकारी देते हुए बताया कि यदि इस तकनीक को पशुपालक के स्तर पर अपनाना है तो वह लागत प्रभावी होनी चाहिए, इसे लागू करने के लिए प्रशिक्षित जनशक्ति और उपभोग्य वस्तुएं आसानी से उपलब्ध होनी चाहिए। हालांकि इसमें कुछ चुनौतियां भी हैं, जिनमें से पहली है विशिष्ट पशुओं की पहचान करना और ऐसे पशुपालकों का होना, जिनके पास 15 से 20 पशु उपलब्ध हो, ताकि एक समय पर भ्रूण प्रत्यारोपण किया जा सके। 

     उन्होंने आगे बताया कि भारत सरकार कई योजनाओं के जरियें किसानों को अपनी आजीविका बढ़ाने की दिशा में इस तकनीक का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इस तकनीक का उपयोग करके पीढ़ी अंतराल को कम किया जा सकता है। वहीं डॉ. अजय पाल सिंह असवाल, कलसी, उत्तराखंड डेयरी विकास बोर्ड ने ईईटी-आईवीएफ तकनीक की सफलता के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय, राज्य डेयरी विकास बोर्ड, गौशालाओं और राज्य पशुपालन विभाग और अन्य हितधारकों के सहयोग से एक समग्र दृष्टिकोण मौजूद होना चाहिए। उन्होंने बताया कि एक छोटे तरल नाइट्रोजन सिलेंडर में हजारों भू्रण आयात किए जा सकते हैं और इसे सही प्राप्तकर्ता को हस्तांतरित किया जा सकता है। 

      डॉ. असवाल ने कहा कि जिन पशुओं में उत्पादन की कमी होती है, लेकिन वह प्रजनन में निपुण होते हैं, उन्हें इस तकनीक का उपयोग करके अच्छे उत्पादन के साथ कई जानवरों को पैदा करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि हरियाणा पशुपालन क्षेत्र की दृष्टि से एक समृद्ध विरासत वाला राज्य है और इस तकनीक का उपयोग करके राज्य पशुपालन का भविष्य बदल सकता है और इसकी कोई सीमा नहीं होगी। 

      डॉ. एसपी सिंह, सलाहकार, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ने प्रौद्योगिकी के पहलुओं के बारे में बताया। समारोह में आए हुए गौशाला संचालकों एवं किसानों ने लुवास विश्वविद्यालय व गौसेवा आयोग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्हें इस कार्यक्रम से अत्यंत ज्ञानवर्धक जानकारी प्राप्त हुई है जो कि आगे चल कर गउओं में नस्ल सुधार पर काफी सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने यह भी आग्रह किया की इस तरह के कार्यक्रम लगातार आयोजित करते रहने चाहिए।

अनुसंधान निदेशक डॉ. नरेश जिंदल ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए बताया कि इस सेमिनार में अलग-अलग सत्र का आयोजन किया गया जिसमें 150 के आसपास प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। डॉ. जिंदल ने मुख्य अतिथि अन्य गणमान्य अतिथि, गौशाला संचालकों, पशुपालकों एवं लुवास वैज्ञानिकों का आभार व्यक्त किया।

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*पोषण पखवाड़ा के अंतर्गत शिशु एवं छोटे बच्चों के आहार संबंधी अभ्यास की दी गई ट्रेनिंग*

*शिशु और छोटे बच्चे का आहार शिशु के अस्तित्व में सुधार और स्वस्थ विकास को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र – डाॅ. शिवानी*

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पंचकूला, 12 मार्च – पोषण पखवाड़ा के अंतर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग पंचकूला जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. सविता नेहरा की अध्यक्षता में उप सिविल सर्जन डॉ. शिवानी हुडा के द्वारा शिशु एवं छोटे बच्चों के आहार संबंधी अभ्यास की ट्रेनिंग व अनिमिया के बारे में जानकारी दी गई। डॉक्टर शिवानी ने महिला की गर्भवस्था से लेकर बच्चे के बड़ा होने तक किस प्रकार का आहार दिया जाना चाहिए, इस बारे में विस्तार से बताया गया। 

     उन्होंने बताया कि शिशु और छोटे बच्चे का आहार शिशु के अस्तित्व में सुधार और स्वस्थ विकास को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। जहां तक संभव हो, पूरक आहार मां का दूध पिलाने के बाद खिलाना चाहिए। सफाई को ध्यान में रखते हुए बच्चे को हाथ की अपेक्षा चम्मच से खिलना अधिक उपयुक्त है। उन्होंने बताया कि शुरुआत में पूरक आहार की थोड़ी मात्रा खिलानी चाहिए और धीरे धीरे इसकी मात्रा बढ़ानी चाहिए। जब बच्चा करीब 6 महीने का हो जाए तब बच्चे को 2 से 4 बार तक खिलना चाहिए।

डाॅ. शिवानी ने अनीमिया के कारण, लक्षण और उसे रोकने के उपायों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। उनके सुबह का पोषण से भरा नाश्ता, हरी, पत्ते दार सब्जियां, खट्टे, फल, जिनसे हमें विटामिन भी भरपूर मात्रा में मिलता है। ट्रेनिंग में डॉ. आरती द्वारा मोटे अनाज के बारे में विस्तार से सभी को अवगत कराया गया। मोटे अनाज में पाए जाने वाले तत्व जैसे जौ, बाजरा लौह-लवण से भरपूर होता है। इसलिए शरीर में यह खून की कमी को दूर करने में सहायता करता है।

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*City to get it’s first Zero Waste Modern Food Street, Sector 15*

*Commissioner commences work with Area Councillor,  officers and residents*

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*Chandigarh, March 12:-* In an effort to create a sustainable and environmentally friendly space for non-motorized traffic, promote healthy food options and reduce waste, Smart City initiated the project of Zero Waste Modern Food Street in sector 15, Chandigarh.

CEO, Chandigarh Smart City Ltd. Ms. Anindita Mitra, IAS, formally started the construction work of the Zero Waste Modern Food Street in Sector 15, Chandigarh in the presence of Anisha Shrivastav IAS, ACEO Smart City, Sh. Saurabh Joshi, area councilor and prominent persons of the local area.

While addressing the gathering, Ms Mitra said that the Zero Waste Modern Food Street in Sector 15 will serve as a model for sustainable urban development. It will not only provide a vibrant and appealing space for residents and visitors but also promote eco-friendly practices and healthy food choices.

She further highlighted that the Zero Waste Modern Food Street will enhance the overall aesthetics of Sector 15 and contributes to the well-being of the community. She urged residents and visitors to support this initiative and help maintain a zero-waste environment. She added that some of the highlights of the rejuvenated food street will be zero plastic, differently abled friendly and only for non motorized transport.

Ms Mitra added that the project, funded by the National Health Mission of the Government of India with a budget provisions of Rs. 117.35 Lacs includes various notable features such as reconstructed flooring, benches with sheds, display boards with specific signages, a dedicated cycle track, ornamental lights, landscaping work, enhanced security with CCTV cameras, aesthetically pleasing bollards, twin dustbins for efficient waste management, and a Water ATM for public convenience.

Area Councillor Sh Saurabh Joshi emphasized on the importance of collaboration and community engagement in the project’s success. He said that the Smart City works closely  with residents, local businesses, and government agencies to ensure that the Zero Waste Modern Food Street meets the needs and aspirations of the community.

ACEO Smart City Ms Shrivastav said that construction of the Zero Waste Modern Food Street will be completed within the next six months. Once finished, it will stand as a shining example of sustainable urban development, showcasing Chandigarh’s dedication to creating a greener future, she added.

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*Mayor launches “Mayor Aapke Dwar” programme to hear people’s grievances*

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*Chandigarh, March 12:-* Sh. Kuldeep Kumar, Mayor, Chandigarh today launched “ Mayor Aapke Dwar” programme to reach out to the local residents to hear MC Chandigarh related grievances.

The programme was launched at Indra Colony, Manimajra here today evening in the presence of Smt. Suman Sharma, area councilor, other councilors and senior officers of MC, Chandigarh. Representatives from various area level federations, resident welfare associations and local residents were present during the programme.

While addressing the local residents at the Community Centre, Indra Colony, the Mayor said that the MC Chandigarh would make proper arrangement to ensure that benefits of schemes and programmes to reach at the right beneficiaries including providing and upgradation of basic amenities to the citizens of City Beautiful.

He said that the MC Chandigarh would make necessary changes in order to make the services more beneficial for the people. He said that the MCC will organize such type of “Mayor Aapke Dwar” programmes to hear the people’s grievances and redress them at the local level and noted down the grievances, which requires time and budget to be processed.

He said that now people will not have to run after the offices for getting their work done but the officials will themselves reach to them and solve their complaints. He said that works which can not be solved on time for them a timeline should be fixed and the concerned person should be informed on the phone.

The Mayor said that information regarding the presence of the officials in the respective areas will be shared by different mediums of communications so that a maximum number of people can take its advantage. He said that apart from solving the complaints of the people, the officials will also apprise the citizens regarding various schemes and new developments of the MC Chandigarh and also tell them the ways as to how they can take its benefits.

Local residents raised their grievances during the programme including drinking water problem, door to door waste collection, pruning of trees, providing of paver blocks, maintenance of parks, recarpeting of internal roads and problem of haphazard parking of vehicles in the colony. The concerned officers noted down the complaints and assured the citizens for their early solution.

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