*एसीएस डा. सुमिता मिश्रा ने पंचकूला जिला प्रशासन द्वारा भारी बारिश के बाद किए गए राहत कार्यों को लेकर की समीक्षा बैठक*
*अधिकारियों को दिए आवश्यक निर्देश*
*चुनौतीपूर्ण समय में मानव जीवन को बचाना हो प्राथमिकता*
पंचकुला, 11 जुलाई – चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने आज एनएचएआई, लोक निर्माण विभाग और एचएसवीपी के अधिकारियों को पंचकुला में भारी जल प्रवाह के कारण सभी प्रभावित सड़क मार्गों और पुलों का सर्वेक्षण कर कल सायं तक इसकी सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये ताकि चल रहे यातायात से कोई अप्रिय घटना घटित न हो।
डॉ. मिश्रा, जो पंचकुला जिले के प्रभारी भी हैं, पंचकुला जिले में भारी बारिश के कारण बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान के बाद जिला प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं की समीक्षा करने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस अवसर पर उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी और डीसीपी सुमेर प्रताप सिंह भी मौजूद थे।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में मानव जीवन को बचाना जिला प्रशासन की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को विशेष रूप से सड़कों और पुलों का रिस्क और सेफटी मूल्यांकन करने के भी निर्देश दिये ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
*वैकल्पिक मार्ग को मजबूत बनाए एनएचएआई*
पिंजौर और नालागढ़ के बीच कनेक्टिविटी मुद्दे की समीक्षा करते हुए एसीएस ने एनएचएआई के अधिकारियों को यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वैकल्पिक मार्गों को मजबूत करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा रेस्क्यू कर सेफ स्थानों पर स्थानांतरित किए गए परिवारों को भोजन के पैकेट और अन्य राहत सामग्री का वितरण सुनिश्चित करने को भी कहा।
उन्होंने विशेष रूप से अमरावती एन्क्लेव, डीएलएफ वैली और ट्राइडेंट हिल्स के कनेक्टिविटी मुद्दे की समीक्षा की और इन डेवलपर्स के प्रतिनिधियों को जल्द से जल्द क्षतिग्रस्त पुल को जल्द से जल्द मरम्मत करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने डीटीपी को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि डेवलपर्स द्वारा इन क्षेत्रों के मे जाने के लिए वैकल्पिक मार्गों को भी मजबूत किया जाए। उन्होंने पुलिस उपायुक्त को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि अमरावती के क्षतिग्रस्त पुल से भारी यातायात के वाहन न गुजरे।
*जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क – उपायुक्त*
उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने एसीएस को अवगत कराया कि जिला प्रशासन लगातार हिमाचल प्रदेश प्रशासन के संपर्क में हैं। जल प्रवाह की दृष्टि से शिमला और सिरमौर क्षेत्र घग्गर नदी का जलग्रहण क्षेत्र हैं। चुनौती के इस समय में हमने करीब 800 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफट किया है। यदि पहाड़ी क्षेत्र की ओर से जलस्तर नहीं बढ़ता है तो जिला प्रशासन अगले तीन-चार दिनों में प्रभावित परिवारों को पूरी सुरक्षा के साथ उनके मूल निवास पर शिफ्ट किया जाएगा। भारी जल प्रवाह के शिकार हुए व्यक्तियों और पशुओं के मुआवजे के साथ-साथ जल भराव, भूस्खलन और भारी बारिश के कारण हुई क्षति के संबंध में उपायुक्त ने एसीएस को आश्वासन दिया कि इन सभी पर जल्द ही सरकार की नीति के अनुसार कार्रवाई कर सहायता सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने यह भी बताया कि मोरनी-त्रिलोकपुर सड़क की एक प्रमुख कनेक्टिविटी बहाल कर दी गई है और शेष क्षेत्रों को बहाल करने के प्रयास प्रशासन की टीम द्वारा लगातार जारी हैं।
*एसीएस ने क्षतिग्रस्त स्थानों का भी किया दौरा*
इससे पहले, एसीएस ने मनसा देवी मार्ग पर सड़क में आई दरार का आकलन किया और एचएसवीपी के अधिकारियों को मौक पर ही इसे जल्द से जल्द ठीक करने के निर्देश दिए। डा. मिश्रा क्षतिग्रस्त हुए अमरावती एन्क्लेव के पुल और जल स्तर की जांच करने के लिए कौशाल्या बांध का भी दौरा किया। उन्होंने प्रशासन को चुनौतीपूर्ण समय में समर्पित भाव से काम करने और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
बैठक में एडीसी पंचकुला, वर्षा खंगवाल, एसडीएम पंचकुला ममता शर्मा, सिटी मजिस्ट्रेट राजेश पुनिया और जिला प्रशासन, एनएचएआई और निजी डेवलपर्स के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।