सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

आज से कोरोना वैक्सीन का तीसरा चरण आरंभ हो गया है।

पंचकूला, 1 मार्च- आज से कोरोना वैक्सीन का तीसरा चरण आरंभ हो गया है। इसी के तहत हरियाणा के सेवानिवृत  आईएएस अधिकारी समीर पाल सरो ने कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण करवाया। इस अवसर पर उनके साथ उनकी धर्मपत्नी नीलम सरो व उनकी भाभी हेम किरण भी मौजूद थी।

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टीकाकरण करवाने के पश्चात समीर पाल सरो आईएएस (सेवानिवृत) ने लोगों से अपील की है कि टीकाकरण करवाने के उपरांत कोविड के तीन दिशा-निर्देशों की पालना अवश्य करें जिसमें मास्क पहनना, सामाजिक दूरी का पालना व हाथों को बार-बार सैनीटाइज करना अति आवश्यक है।

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गौरतलब है कि आज से पूरे देश में 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग व 45 से 59 उम्र के विभिन्न बीमारियों जैसे कैंसर, बीपी, हृदय रोग या अन्य किसी बीमारी से ग्रस्त व्यक्तियों का भी टीकाकरण किया जा रहा है। 

सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

केन्द्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया पंचकूला स्थित अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए।

पंचकूला, 1 मार्च- केन्द्रीय जल शक्ति, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने कहा कि आज से कोरोना वैक्सीन लगवाने का तीसरा चरण शुरू हो गया है और विपक्ष द्वारा उठाए गए सभी सवालों का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एम्स दिल्ली में जाकर स्वयं कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाया है। साथ ही उन्होंने देश को वेक्सीनयुक्त और कोरोना मुक्त बनाने का आह्वान भी किया।

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श्री कटारिया आज यहां अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस अवसर पर उनके साथ उनकी धर्मपत्नी व भाजपा नेत्री श्रीमती बंतो कटारिया भी उपस्थित थी।
  उन्होंने कहा कि पिछले दो तीन महीने से विपक्ष के लोगों द्वारा प्रधानमंत्री श्री मोदी से वेक्सीन को लेकर बार बार प्रश्न किये जा रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री हर्षवर्द्धन द्वारा बताया गया था कि वेक्सीन लगाने के मापदंड तय किये गये है और जिस दिन उनकी और श्री मोदी की बारी आयेगी, तो पूरा देश देखेगा कि उन्होंने कोरोना का टीकाकरण करवाया है।


कोरोना संबंधी आंकडों पर प्रकाश डालते हुए श्री कटारिया ने कहा कि देश में आज तक कोविड-19 के कुल एक करोड़ 11 लाख 12 हजार 241 कंफ्मड मामले दर्ज किये गये है, जिसमें से कुल एक करोड़ 7 लाख 86 हजार 457 मामले रिक्वर हो चुके है और अब केवल एक लाख 68 हजार 627 कोविड मामले ही सक्रिय हैं। आज से शुरू हो रहे कोविड-19 वेक्सिनेशन के तीसरे चरण में 60 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों  को कोरोना का टीका लगाया जायेगा। इसके अतिरिक्त यह टीका 45 से 59 वर्ष के उन लोगों को लगाया जायेगा, जो बीपी, केंसर, ह्दय रोग या अन्य किसी रोग से ग्रसित है। उन्होंने कहा कि इस फेस की शुरूआत होने से हम, कोविड-19 के विरूद्ध लड़ाई के निर्णायक दौर में पंहुच गये है।


उन्होंने बताया कि कोविड-19 वैक्सिनेशन के लिए 10 हजार अस्पताल आयुषमान भारत प्रधानमंत्री जन औषधी योजना के तहत तथा 687 अन्य अस्पताल में कोविड वेक्सिनेशन सेंटर स्थापित किये गए हैं।  इसके अलावा राज्यों को राजकीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत एम्पेन्लड निजी अस्पतालों को भी कोविड वेक्सिनेशन सेंटरज के रूप में प्रयोग करने की अनुमति दी गई है।


श्री कटारिया ने बताया कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में वित वर्ष 2020-21 के 94 हजार 452 करोड़ रूपये के बजट को बढ़ाकर वित्तीय वर्ष 2021-22 में  2 लाख 23 हजार 846 करोड़ रूपये किया गया है। उन्होंने कहा कि आगामी छह वर्षों के लिये 64 हजार 180 करोड़ रूपए की एक नई केंद्रीय प्रायोजित प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ्य भारत योजना की शुरूआत की गई है। यह योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अतिरिक्त होगी। इस योजना के अंतर्गत सभी जिलों में एकीकृत जनस्वास्थ्य लैबस और 11 राज्यों में 3 हजार 382 खंड जनस्वास्थ्य इकाईया स्थापित की जायेगी। उन्होंने यह भी बताया कि इस बार के केंद्रीय बजट में कोविड-19 वेक्सीन के लिये 35 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता को जल संरक्षण के लिये भी प्रेरित किया है। कल उनके द्वारा ‘मन की बात‘ कार्यक्रम में उन्होंने जल संरक्षण के लिये ‘कैच द रेन वैन इट फाल्स, वेयर इट फाल्स‘ का संदेश दिया है। श्री कटारिया ने बताया कि केंद्रीय जल शक्ति विभाग की ओर से जल संरक्षण के लिये एक 100 दिन की मुहिम चलाई जायेगी। इस अभियान के तहत सभी स्कूलों में जल संरक्षण गतिविधियों की शुरूआत की जाएंगी।

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उन्होंने कहा कि अंबाला लोकसभा क्षेत्र में जल संरक्षण के लिये 100 करोड़ रुपये की परियोजना बनाई गई हैं। इसके अंतर्गत जल संग्रहित करने के लियेे छोटे-छोटे तालों का निर्माण किया जायेगा। इसके अलावा मोरनी के तालों का सुधार तथा कालका-पिंजौर की बावड़ियों का पुर्नोंद्धार किया जायेगा।


उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा किसानों के हित में तीन कृषि कानून पास करवाये गये है परंतु विपक्ष अपने राजनैतिक स्वार्थों के लिये किसानों को गुमराह कर रहा है।

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कार्यस्थल पर महिलाएं अपने साथ होने वाले उत्पीडऩ या शोषण को न करें नजरअंदाज : उपायुक्त प्रदीप कुमार

सिरसा, 01 मार्च।


                  उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि महिलाएं अपने साथ होने वाले किसी भी प्रकार के उत्पीडऩ या शोषण को नजरअंदाज करें बल्कि संबंधित का डटकर मुकाबला करते हुए शिकायत दर्ज करवाएं। उनका यह हौसला व हिम्मत न केवल समाज में सकारात्मक संदेश देगा बल्कि असामाजिक तत्वों को सबक भी मिलेगा। इसलिए उत्पीडऩ होने की स्थिति में कार्यस्थल पर गठित कमेटी के समक्ष संबंधित महिला को अपनी शिकायत प्रस्तुत करनी चाहिए।

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                  उपायुक्त सोमवार को स्थानीय लघु सचिवालय के बैठक कक्ष में कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीडऩ विषय पर आयोजित सेमिनार में बतौर मुख्यअतिथि संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग डा. दर्शना सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी संत कुमार, जिला बाल कल्याण अधिकारी पूनम नागपाल, प्रोबेशन अधिकारी डा. मोनिका चौधरी, एसए सरोज व दिव्या सहित सभी सीडीपीओ, आईसीसी और एलसीसी के सदस्य मौजूद थे। सीएमजीजीए सुकन्या जनार्दनन व डीएलएसए से एडवोकेट चंद्ररेखा ने सेमिनार में महिलाओं के साथ यौन उत्पीडऩ (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 के बारे में उपस्थितजनों को विस्तारपूर्वक जानकारी दी।


                  उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि महिलाओं को अपनी बात रखने का अधिकार है। इसलिए यदि कार्यस्थल पर उनके साथ किसी भी प्रकार की दुव्र्यवहार होता है तो उसके विरुद्ध आवाज उठाएं तथा कार्यालय में गठित इंटरनल कंपलेंड कमेटी (आईसीसी) या एलसीसी कमेटी के समक्ष रखें। उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ यौन उत्पीडऩ (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 के अधीन घरों में काम करने वाले छोटे महिला कामगारों से लेकर बड़े संस्थानों में कार्यरत महिला कर्मचारी आते हैं। उन्होंने कहा कि संस्थानों में किसी भी पद पर कार्यरत महिलाएं चाहें वे नियमित, अनुबंध, एडहॉक, डेली वेजिज, प्रोबेशन अथवा स्कूलों व महाविद्यालयों में अध्यन्नरत छात्राएं भी इस अधिनियम के अधीन शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी व निजी संस्थान जहां पर 10 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं वहां पर इंटरनल कंपलेड कमेटी गठित करना आवश्यक है। अगर कोई भी संस्थान इन हिदायतों की पालना नहीं करता है तो उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन विभागों में अभीतक आईसीसी कमेटियों का गठन नहीं किया गया है, वे जल्द से जल्द कमेटी गठित करें और इसकी सूचना पीओआईसीडीएस कार्यालय में दें। उन्होंने कहा कि जिस संस्थाओं में 10 से कम कर्मचारी कार्यरत हैं वे सीधे जिला स्तर पर गठित लोकल लेवल कंपलेन कमेटी (एलसीसी) में अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। इसके अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग समय-समय पर ब्लॉक व गांव स्तर पर जागरुक कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति बारीकी से जानकारी दे और किसी प्रकार के उत्पीडऩ या शोषण पर शिकायत संबंधी जानकारी दे।

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                 जिला कार्यक्रम अधिकारी डा. दर्शना सिंह ने कहा कि किसी भी महिला कर्मचारी जिसके साथ यौन उत्पीडऩ हुआ है, वे तीन माह के अंदर-अंदर अपनी शिकायत दर्ज कर सकती है, ऐसे मामलों में महिला कर्मचारी को तीन माह की एक्सटेंशन भी दी जा सकती है। आईसीसी कमेटी द्वारा शिकायत की जांच तीन माह की समयावधि में करके मामले का निपटान करवाना होता है। उन्होंने बताया कि आईसीसी कमेटी की जांच से अगर शिकायतकर्ता या आरोपी व्यक्ति संतुष्टï नहीं है तो वे 90 दिनों में माननीय न्यायालय अथवा ट्रिब्यूनल में अपील कर सकता है। उन्होंने कहा कि कार्यस्थल पर उत्पीडऩ कई प्रकार से हो सकता है जैसे महिला कर्मचारी से अभद्र व्यवहार जिससे महिला असहज महसूस करे।

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सरकारी स्कूल के दसवीं में 80 प्रतिशत से अधिक अंक वाले छात्र टेस्ट पास कर पा सकते हैं सुपर-100 में चयन : उपायुक्त प्रदीप कुमार

सिरसा, 01 मार्च।

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उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि बेहतरीन व उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिला लेने का हर विद्यार्थी सपना देखता है। अभिभावक भी चाहते हैं कि उनके बच्चे उच्च शिक्षा किसी बड़े व बेहतरीन संस्थान में करें। इन संस्थानों में दाखिले के लिए छात्र न केवल कठिन मेहनत करते हैं, बल्कि प्राईवेट स्कूलों के छात्र कोचिंग पर लाखों रुपये भी खर्च करते हैं। सरकारी स्कूलों के छात्रों के इस सपने को साकार करने सुपर-100 कार्यक्रम कारगर साबित हो रहा है। जिला के दो छात्र वर्ष 2018 में कार्यक्रम के तहत नि:शुल्क कोचिंग लेकर आईआईटी व एनआईटी में दाखिल पा चुके हैं। सुपर-100 कार्यक्रम के 2020-22 सत्र में सरकारी स्कूलों के 431 छात्रों का चयन हो चुका है, जिसमें सिरसा जिला के 31 छात्र भी शामिल हैं।


उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी स्कूल के छात्रों को आईआईटी व एमईईटी में दाखिले के लिए नि:शुल्क कोचिंग देने के लिए वर्ष 2018 में सुपर-100 कार्यक्रम की शुरूआत की थी। सुपर-100 कार्यक्रम के तहत पहले बैच में ही चयनित 100 छात्रों में से 25 छात्रों का दाखिला आईआईटी व एनआईटी में हुआ। इसमें जिला सिरसा के भी दो छात्र शामिल हैं। कार्यक्रम के तहत नि:शुल्क कोचिंग लेकर राजकीय उच्च विद्यालय मुन्नावाली के छात्र प्रवीण पुत्र सोपत राम का दाखिला आईआईटी दिल्ली व आरोही मॉडल स्कूल कालुआना के छात्र युवराज पुत्र राजाराम का दाखिला एनआईटी कुरुक्षेत्रा में हुआ है।


उपायुक्त ने बताया कि सुपर 100 कार्यक्रम सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए एक ऐसा मंच है जिसकी मदद से वे अपने भविष्य को निखार सकते हैं। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों की प्रतिभा को उजागर कर सही दिशा प्रदान करना है। सुपर 100 कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 2018 में की गई, छात्रों को कोचिंग देने के लिए जिला रेवाड़ी व पंचकूला में शिक्षण संस्थान खोले गए हैं। इसके अलावा सरकार द्वारा दो नए शिक्षण संस्थान करनाल व हिसार में खोलने का निर्णय भी लिया गया है। कार्यक्रम के तहत कक्षा दसवीं में 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले सरकारी स्कूलों के छात्रों का टेस्ट के माध्यम से चयन किया जाता है। इन छात्रों को आईआईटी/एनआईटी की कोचिंग नि:शुल्क के दी जाती है।


सुपर-100 से जिला के प्रवीण व युवराज पा चुके आईआईटी व एनआईटी में दाखिला :


सरकार द्वारा आईआईटी, जेईई, नीट आदि परीक्षाओं के लिए सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए नि:शुल्क कोचिंग के लिए सुपर-100 कार्यक्रम की शुरूआत की गई। पहले बैच में ही चयनित विद्यार्थियों में से 25 विद्यार्थियों का चयन आईआईटी व नीट के संस्थानों में हुआ। इन छात्रों में जिला के राजकीय उच्च विद्यालय मुन्नावाली के छात्र प्रवीण पुत्र सोपत राम का दाखिला आईआईटी दिल्ली व आरोही मॉडल स्कूल कालुआना के छात्र युवराज पुत्र राजाराम का दाखिला एनआईटी कुरुक्षेत्रा में हुआ है।
सुपर-100 कार्यक्रम की सराहना करते हुए प्रवीण ने बताया कि वे आईआईटी दिल्ली में दाखिला पाकर बहुत ही खुश हैं। उन्होंने बताया उसने 10वीं 93 प्रतिशत अंकों के साथ उतीर्ण की थी। स्कूल के अध्यापकों ने मुझे सरकार के सुपर-100 कार्यक्रम के बारे में बताया और मुझे इसमें परीक्षा देने के लिए प्रेरित किया। मैंने सुपर-100 में चयन के लिए टेस्ट दिया और मेरा चयन हो गया। मैंने रेवाड़ी में नि:शुल्क कोचिंग ली। कोचिंग के दौरान किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आई और सरकार की ओर से नि:शुल्क कोचिंग के साथ-साथ खाने-पीने व रहने की दूसरी सुविधाएं भी नि:शुल्क दी गई। उन्होंने बताया कि सरकार की सुपर-100 कार्यक्रम सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।


इसी प्रकार सुपर-100 के तहत एनआईटी कुरूक्षेत्रा में दाखिला पा चुके युवराज ने बताया कि सुपर-100 सरकार का एक बेहतर कार्यक्रम है। उन्होंने बताया कि सुपर-100 के बदौलत ही आज मेरा एनआईटी कुरूक्षेत्रा में दाखिला हो पाया है। मैट्रिक के परीक्षा परिणाम आने उपरांत हमारी स्कूल की पिं्रसिपल ने मुझे प्रोत्साहित करते हुए सुपर-100 कार्यक्रम के बारे में बताया और इसमें चयन की परीक्षा के जरूरी टिप्स भी दिए। उन्होंने बताया कि रेवाड़ी संस्थान में कोचिंग के दौरान बहुत ही बढिया अनुभव रहे, क्योंकि मैं अपने आपको सभी टॉपर्स के बीच में पाकर बहुत खुश था। इसके साथ-साथ वहां पर कोचिंग दे रहे शिक्षकों का पढाने का अंदाज व शिक्षा के अनुकूल माहौल ने लगातार मुझे आगे बढने के लिए प्रेरित किया।

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अध्यापकों द्वारा छात्रों को सुपर-100 बारे किया जा रहा है मोटिवेट :


जिला शिक्षा अधिकारी संत कुमार ने बताया कि सुपर-100 कार्यक्रम के लिए अध्यापक छात्रों को प्रोत्साहित करते हैं और इसके टेस्ट के लिए प्रेरित करते हैं। अध्यापकों द्वारा कक्षा दसवीं में 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले सरकारी स्कूलों के छात्रों को सुपर 100 टेस्ट देने के लिए मोटिवेट किया जाता है तथा उन्हें प्रक्रिया के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी जाती है। इसके अलावा अभिभावकों को भी इसके बारे में जानकारी दी जाती है। सुपर 100 के लिए चयनित हुए छात्रों के स्कूल मुखिया से इन छात्रों के जरुरी दस्तावेज पूरे करवा कर संबंधित कोचिंग सैंटर में भेजे जाते हैं।