सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

कंटेनमेंट जोन में हिदायतों की गंभीरता से हो पालना : उपायुक्त प्रदीप कुमार

सिरसा, 30 अक्तूबर।


                उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि जिला में कोरोना संक्रमण के नए केस मिलने के बाद प्रभावित क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन व साथ लगते क्षेत्र को बफर जोन बनाया गया हैं। संबंधित एसडीएम कंटेनमेंट व बफर जोन के ओवरऑल इंचार्ज रहेंगे, जो सभी प्रबंधों व व्यवस्थाओं की देखरेख करेंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि कंटेनमेंट जोन में प्रशासन द्वारा जारी हिदायतों की गंभीरता से पालना सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा यह भी ध्यान रखा जाए कि कंटेनमेंट जोन में रह रहे लोगों को किसी प्रकार की परेशानी न हो व सुविधाएं सरलता से उपलब्ध हो।

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नए कंटेनमेंट व बफर जोन स्थापित, कंट्रोल रुम नम्बर जारी :


                उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि जिला में कोरोना केस मिलने पर नए कंटेनमेंट व बफर जोन बनाए गए हैं जिनमें सिरसा में एमसी कॉलोनी नजदीक कंबोज पीजी (01666-222626), नोहरिया गेट नजदीक जतिन बेकरी, ग्रेवाल बस्ती गली नंबर 5, कीर्ति नगर गली नंबर 4 व 9, अग्रसेन कॉलोनी एसबीआई वाली गली व गली नंबर 5, सुभाष कॉलोनी नजदीक सालासर मंदिर (01666-220525), रेलवे कॉलोनी नजदीक प्राईमरी रेलवे स्कूल (01666-231285), खाना कॉलोनी नजदीक आनंदपुर कुटिया (93557-96000), रानियां में वार्ड नंबर 11 जेज कॉलोनी (01698-250316), खंड बडागुढ़ा के गांव मत्तड़ नजदीक राजकीय हाई स्कूल (सरपंच 94788-79600/सचिव 93069-95611) व गांव लहंगेवाला (सरपंच 98782-02549/सचिव 93069-95611) में कंटेनमेंट जोन व बफर जोन बनाए गए हैं।

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कंटेनमेंट व बफर जोन के लिए हिदायतें जारी :


               उपायुक्त प्रदीप कुमार ने अधिकारियों को कोरोना वायरस के आस-पास के क्षेत्रों में इसके फैलाव को रोकने के लिए संदिग्धों की स्क्रीनिंग, संदिग्ध मामलों का परीक्षण, क्वारंनटाइन, सोशल डिस्टेंस आदि कार्यों के लिए कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इन क्षेत्रों में सैनिटाइजेशन, खाद्य सामग्री की सुचारु आपूर्ति, बिजली व पानी की सुचारु सप्लाई, कंटेनमेंट जोन में रहने वालो लोगों का डाटा आरोग्य सेतु एप पर अपलोड करने, पशुधन के लिए खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाने, स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने आदि कार्यों के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को हिदायतें जारी की गई है। इसके अलावा कंटेनमेंट जोन में सभी प्रकार की गतिविधियों व आवागमन पर रोक लगा दी गई है। केवल आपातकालीन सेवाओं के लिए ही बाहर जाया जा सकता है। 

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जिला की मंडियों में 99,637 मीट्रिक टन धान व 4246.9 मीट्रिक टन बाजरा की हुई खरीद : उपायुक्त प्रदीप कुमार

सिरसा 30, अक्तूबर।


                उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि वीरवार तक जिला की मंडियों व खरीद केंद्रों पर 99,637 मीट्रिक टन धान 4246.9 मीट्रिक टन बाजरा की खरीद की जा चुकी है।

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                उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि अबूबशहर मंडी में धान की 1968 मीट्रिक टन खरीद, डबवाली मंडी में 33,086 मीट्रिक टन, दड़बी मंडी में 3658 मीट्रिक टन, देसूजोधा मंडी में 1236 मीट्रिक टन, डिंग मंडी में 492 मीट्रिक टन, ऐलनाबाद मंडी में 2533 मीट्रिक टन, कालांवाली मंडी में 18446 मीट्रिक टन, लोहगढ़ मंडी में 2739 मीट्रिक टन, मौजगढ़ मंडी में 2372 मीट्रिक टन, रानियां मंडी में 4725 मीट्रिक टन, रोड़ी मंडी में 10,595 मीट्रिक टन, सिरसा मंडी में 13,753 मीट्रिक टन, सुरतिया में 3618 मीट्रिक टन तथा थिराज मे 416 मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है।

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                उन्होंने बताया कि जिला में बाजरा की खरीद भी खरीद केंद्रों पर सुचारु रुप से जारी है। नाथूसरी चौपटा खरीद केंद्र पर 1052 मीट्रिक टन, रानियां खरीद केंद्र में 313 मीट्रिक टन, रोड़ी खरीद केंद्र पर 114 मीट्रिक टन, गोरीवाला खरीद केंद्र पर 255 मीट्रिक टन, सिरसा खरीद केंद्र में 1775.9 मीट्रिक टन तथा ऐलनाबाद खरीद केंद्र में 737 मीट्रिक टन बाजरा की खरीद की है।

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डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी दुर्घटना के तहत दी जाती है एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता : उपायुक्त प्रदीप कुमार

सिरसा, 30 अक्तूबर।


                हरियाणा सरकार द्वारा राज्य के 18 वर्ष से 70 वर्ष के मध्य आयु के नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी दुर्घटना सहायता योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत दुर्घटना में मृत्यु या अपंगता होने पर एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने का प्रावधान है। यह योजना पूरी तरह से निशुल्क है तथा पात्र लाभार्थियों को योजना के तहत किसी भी प्रकार के प्रीमियम का भुगतान नहीं करना होगा। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत आने वाले केस इस योजना में कवर नहीं होंगे।

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                उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी दुर्घटना सहायता योजना के तहत दुर्घटना में मृत्यु और दुर्घटना के कारण विकलांगता होने पर एक लाख रुपये का बीमा कवर मिलता है। इस योजना के तहत कवरेज के दायरे में केवल वही हरियाणा निवासी और राज्य के मूल निवासी आएंगे जो कि नामांकन न होने या किसी अन्य कारण से प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत लाभ उठाने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत मृत्यु, रेल, सडक़ या हवाई दुर्घटनाओं, दंगों, हड़ताल और आतंकवाद जैसी दुर्घटनाओं के कारण स्थायी विकलांगता या विकलांगता, सांप के काटने, डूबने, विष, करंट लगने, ऊंचाई से गिरने, मकान या भवन के गिरने, अग्नि, विस्फोट, हत्या, जानवरों के हमले, भगदड़ और घुटन, पाला मारने, लू लगने, बिजली गिरने, जलने, भूख या भुखमरी (केवल मृत्यु) और प्रसव के दौरान मातृ मृत्यु जैसे मामले कवर होंगे।

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                उन्होंने बताया कि इस योजना में व्यावसायिक खतरों जैसे कि थ्रेशिंग मशीन या औद्योगिक मशीन या किसी अन्य अप्राकृतिक घटना के कारण मृत्यु या पूर्ण स्थायी विकलांगता या विकलांगता भी शामिल होंगी। योजना के तहत युद्ध और इससे संबंधित खतरे, परमाणु जोखिम और जानबुझ कर स्वयं को चोट पहुंचाने, आत्महत्या या आत्महत्या का प्रयास, मादक पेय या मादक पदार्थों के कारण, यात्री के रूप में हवाई यात्रा के अलावा हवाई गतिविधियों में लिप्त होने तथा आपराधिक इरादे से किसी भी कानून का उल्लंघन करने के मामले शामिल नहीं होंगे। इस योजना के तहत पीएमएसबीवाई के अंतर्गत स्वीकृत लाभ का 50 प्रतिशत लाभ मिलेगा। अर्थात दुर्घटना मृत्यु के लिए एक लाख रुपए और दुर्घटना के कारण दोनों आंखों की पूर्ण या रि-कवरेबल हानि या दोनों हाथों या पैरों की हानि या एक आँख की दृष्टि खोने या हाथ या पैर की हानि के मामले में एक लाख रुपए दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि विकलांगता के मामले में लाभ का भुगतान दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को किया जाएगा, जबकि मृत्यु के मामले में लाभ वरीयता के आधार पर जीवित पति या पत्नी (यदि पुनर्विवाह न किया हो), सभी अविवाहित बच्चों को बराबर हिस्सा, माता तथा पिता को दिया जाएगा।


                उन्होंने बताया कि मृत्यु के मामले में, इस योजना के तहत जमा करवाए जाने वाले दस्तावेजों में दावा फार्म, हरियाणा डोमिसाइल सर्टिफिकेट और सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी राज्य में निवास का प्रमाण पत्र, दुर्घटना पीडि़त का आयु प्रमाण, दुर्घटना पीडि़त और पात्र रिश्तेदार (मृत्यु के मामले में) का आधार कार्ड, एफआईआर या पुलिस रोजनामचा रिपोर्ट, पोस्ट-मॉर्टम रिपोर्ट और मृत्यु प्रमाण पत्र और यदि दावेदार जीवित पति या पत्नी है तो इस आशय का हलफनामा कि उसने पुनर्विवाह नहीं किया है, शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि इसी तरह, विकलांगता के मामले में, जमा किए गए दस्तावेजों में दावा फार्म, हरियाणा डॉमिसाइल प्रमाण पत्र और सक्षम प्राधिकारी द्वारा राज्य में निवास का प्रमाण पत्र, आयु का प्रमाण, आधार कार्ड और विकलांगता की प्रतिशतता तथा उसके प्रकार की पुष्टिï करते हुए सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी मेडिकल सर्टिफिकेट तथा मेडिको-लीगल रिपोर्ट शामिल होंगी। उन्होंने बताया कि मृत्यु की तिथि के छह महीने बाद तथा विकलांगता की तिथि से 12 महीनों बाद जमा करवाए गए किसी भी दावे पर विचार नहीं किया जाएगा।