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एनजीटी के आदेशों पर तेजी, ठोस कचरा प्रबंधन पर मंथन

सिरसा, 11 फरवरी।

एनजीटी के आदेशों पर तेजी, ठोस कचरा प्रबंधन पर मंथन


                    उपायुक्त रमेश चंद्र बिढान ने कहा कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के निर्देशानुसार ठोस अपशिष्टï प्रबंधन की उचित व्यवस्था करना बेहद जरुरी है। आवासीय, औद्योगिक या अन्य संस्थानों से काफी मात्रा में कचरा उत्पन्न होता है, इसलिए अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि उसमें ठोस कचरा निपटान और सीवेज ट्रीटमेंट की सुचारु व्यवस्था हो। एनजीटी के नियमों के अनुरूप कचरा निपटान सुनिश्चित करना अधिकारियों का दायित्व है।


                    उपायुक्त बुधवार को अपने कार्यालय कक्ष में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के नियमानुसार जिला में ठोस कचरा प्रबंधन के संबंध में आयोजित समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में एसडीएम सिरसा जयवीर यादव, एसडीएम कालांवाली निर्मल नागर, एसडीएम डबवाली डा. विनेश, ईओ एमसी अमन ढांडा सहित सभी सचिव मार्केट कमेटी व अन्य अधिकारी मौजूद थे।


                    उपायुक्त ने पॉलिथीन बैन को कड़ाई से पालन करने का अधिकारियों को निर्देश दिए, ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए लोगों में जागरूक करना जरूरी है। प्रचार-प्रसार के माध्यम से पॉलिथीन बैन अभियान को हर हाल में सफल बनाया जाए। उन्होंने सभी कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद / पालिका को निर्देश दिये कि दुकानदारों को पॉलिथीन न रखने बारे जागरुक करें। साथ ही दुकानदार अपने दुकान के आगे फ्लेक्स या पोस्टर लगा कर लोगों को पॉलिथीन का प्रयोग न करने बारे भी आमजन को प्रेरित करने के लिए कहें और आमजन को कपड़े के बने थैले का उपयोग करने के लिए कहें। उन्होंने नगर परिषद के अधिकारियों को निर्देश दिए कि टीम गठित करके दुकानों पर छापामारी करें और जो दूकानदार पॉलिथीन बेचता पाया जाए उनके तुरंत चालान करें।


                    उन्होंने कहा कि सब्जी मंडी व अनाजमंडी के कूड़े के लिए अलग-अलग डस्टबिन रखवाए। शहर में कहीं भी कूड़ा दिखाई नहीं देना चाहिए। इसके अलावा कॉलोनियों में भी छोटे-छोटे डस्टबिन रखवाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में नियमित तौर पर मौनेटरिंग करें तभी कूड़े की समस्या का निदान हो सकेगा। उन्होंने सिविल सर्जन से अस्पतालों के कूड़े के निदान के बारे में की जा रही कार्रवाई की जानकारी ली। यह भी सुनिश्चित करें कि हस्पतालों में अलग-अलग प्रकार के कूड़े के लिए अलग-अलग डस्टबीन हो। उपायुक्त ने कहा कि खुले में कूड़ा कर्कट जलाने वाले व्यक्तियों के तुरंत चालान करें। उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि डोर टू डोर कूड़ा उठवाएं।

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दोपहर 11 बजे बज उठे सायरन, लघु सचिवालय में मची अफरा-तफरी

सिरसा, 11 फरवरी।

आग से बचाव को लेकर उपायुक्त के नेतृत्व में लघु सचिवालय में मॉक ड्रिल आयोजित

दोपहर 11 बजे बज उठे सायरन, लघु सचिवालय में मची अफरा-तफरी


                आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा मंगलवार को लघु सचिवालय में फायर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस दौरान आग लगने के बाद उससे निपटने के लिए बचाव, आग पर नियंत्रण करने के तरीके, आग में झुलसे लोगों को प्राथमिक उपचार दिलाने आदि का अभ्यास किया गया। हालांकि मॉक ड्रिल के दौरान आग लगने की घटना के हालात उत्पन किए जाने के बाद लघु सचिवालय परिसर में हड़कंप मच गया। विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी और आमजन नीचे पार्क में एकत्र हो गए। मॉक ड्रिल का पता चलने पर लोगों ने राहत की सांस ली।

दोपहर 11 बजे बज उठे सायरन, लघु सचिवालय में मची अफरा-तफरी


                    प्रात: 11 बजे जैसे ही लघु सचिवालय के सायरन ने आग लगने की चेतावनी जारी की, सभी कार्यालयों में अफरा-तफरी मच गई। प्रत्येक मंजिल पर कर्मचारियों ने विभागों में जाकर बताया कि लघु सचिवालय में आग लग गई है और जल्द से जल्द नीचे उतरें। इसके साथ ही सभी लोग जल्दी नीचे उतरे। आपदा प्रबंधन विभाग व जिला रेडक्रॉस के स्वयंसेवकों ने अभ्यास के लिए प्रतीक रूप में घायलों को उठाकर भवन से बाहर निकाला और राहत शिविर तक पहुंचाया। यहां उपायुक्त रमेश चंद्र बिढान अन्य उच्चाधिकारियों के साथ स्वयं मौजूद थे जो पूरे घटनाक्रम पर नजर रख रहे थे।


                    उपायुक्त रमेश चंद्र बिढान ने बताया कि दोपहर 11 बजे सचिवालय में मॉक ड्रिल के लिए आग लगने के हालात उत्पन्न किए गए। 11.02 बजे आग की घटना को आपदा घोषित किया गया बजे अग्निशमन तथा इमरजेंसी सेवाओं को सूचित किया गया। इसके बाद 11.03 बजे लघु सचिवालय की बिजली सप्लाई को काटा गया तथा इसके तुरंत बाद राहत और बचाव के कार्य आरंभ कर दिए गए। आग लघु सचिवालय के प्रथम तल पर लगी थी, जिसमें कुल 20 लोग घायल होने की सूचना आपदा प्रबंधन के अधिकारियों द्वारा दी गई। इनमें से 9 घायलों को प्राथमिक उपचार देकर छुट्टी दे दी गई, जबकि 11 मरीजों को हस्पताल में रैफर किया गया।


उन्होंने बताया कि आग की सूचना पर फायर ब्रिगेड 5 मिनट में सचिवालय पहुंची। एंबुलेंस 15 मिनट में आई। राहत और बचाव कार्यों के बाद आपदा की घोषणा को वापस लिया गया और संबंधित विभागों ने जान-माल और अन्य नुकसान के बारे में उपायुक्त को ब्रीफिंग दी। उपायुक्त ने कहा कि हमारा मकसद है कि ऐसी घटना होने पर सभी इमरजेंसी सेवाएं समय पर पहुंचें। दमकल विभाग के अधिकारियों ने मॉक ड्रिल के माध्यम से आग लगाकर उसको काबू करके दिखाया और घायल व्यक्तियों को लघु सचिवालय से बाहर निकाला। एंबुलेंस तुरंत घायल व्यक्तियों को अस्पताल तक लेकर गई। उपायुक्त ने कहा कि आपदा कहीं पर भी हो सकती है। ऐसी स्थिति में हमें अपने विवेक से काम लेना चाहिए और एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए।


                    उपायुक्त ने आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों से लघु सचिवालय में मौजूद अग्रिशमन यंत्रों के मौजूदा हालात की जानकारी ली है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे सभी अग्रिशमन यंत्रों को तुरंत प्रभाव से बदला जाए जो एक्सपायर हो गए हैं अथवा कार्य करने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि सभी एक्सपायर्ड उपकरणों को एक सप्ताह में बदला जाए।

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