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1 सितंबर, 2021 से जिले में मनाया जायेगा ‘‘चैथा राष्ट्रीय पोषण माह’’-उपायुक्त विनय प्रताप सिंह

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-पोषण माह के दौरान 0-6 साल के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के पोषण स्तर में सुधार लाने के लिए विभिन्न गतिविधियां संचालित की जाएंगी- उपायुक्त
– राष्ट्रीय पोषण माह 2021 के लिए, चार बुनियादी विषय-प्रत्येक सप्ताह के लिए एक, की पहचान की गई है-उपायुक्त

पंचकूला, 31 अगस्त- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 2022 तक कुपोषण मुक्त भारत बनाने के सपने को साकार करने के लिए हरियाणा महिला एवं बाल विकास विभाग, पंचकूला द्वारा 1 सितंबर से 30 सितंबर, 2021 से चैथा ‘‘राष्ट्रीय पोषण माह’’ मनाया जाएगा। पोषण माह के दौरान 0-6 साल के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के पोषण स्तर में समयबद्ध तरीके से सुधार लाने के लिए हितधारकों के साथ मिलकर जिला में विभिन्न गतिविधियां चलाई जायेंगी ताकि जन्म के समय कम वजन वाले बच्चों, अल्प पोषण और एनीमिया की व्यापकता के मामलों में कमी लाकर विशिष्ट लक्ष्यों की प्राप्ति की जा सके।  


        उपायुक्त श्री विनय प्रताप सिंह ने आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि चैथे ‘‘राष्ट्रीय पोषण माह’’ मनाने के लिए सितंबर 2021 माह का चयन किया गया है, ताकि इन आयोजनों की गति को बनाए रखा जा सके और इसका लाभ उठाया जा सके।


        उन्होंने कहा कि इस वर्ष, ‘‘राष्ट्रीय पोषण माह’’ 2021 के लिए, चार बुनियादी विषयों (प्रत्येक सप्ताह के लिए एक) की पहचान की गई है। इस प्रकार, जिले में पोषण वाटिका को बढ़ावा देने, पोषण के लिए योग, पोषण किट के वितरण और गंभीर तीव्र कुपोषण (एसएएम) बच्चों की पहचान पर केंद्रित साप्ताहिक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पोषण माह को जन आंदोलन बनाने के लिए महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, ग्रामीण विकास, शिक्षा, विकास और पंचायत और खेल विभाग जैसे विभिन्न विभागों की समावेशी भागीदारी से जिले में कई गतिविधियां संचालित की जाएंगी।

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प्रथम सप्ताह
उपायुक्त ने कहा कि प्रथम सप्ताह के दौरान सभी हितधारकों द्वारा आंगनबाडी, स्कूल परिसर, ग्राम पंचायत और अन्य स्थानों पर उपलब्ध स्थान में पौधारोपण अभियान ‘‘पोषण वाटिका’’ के रूप में चलाया जाएगा। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं के लिए पोषक आहार के बारे में स्लोगन लेखन प्रतियोगिता और आंगनबाडी केंद्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ पोषण वाटिका प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी।
दूसरा सप्ताह
उन्होंने कहा कि दूसरे सप्ताह के दौरान, गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान बेहतर पोषण के लिए आयुष प्रथाओं के बारे में जागरूकता अभियान आयोजित किए जाएंगे। साथ ही, गर्भावस्था, स्कूली बच्चों और किशोरियों जैसे विशिष्ट समूहों पर लक्षित योग सत्र (कोविड दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए) आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं के लिए पौष्टिक भोजन पर आधारित व्यंजन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा।
तीसरा सप्ताह
श्री विनय प्रताप सिंह ने कहा कि तीसरे सप्ताह के दौरान आंगनवाड़ी लाभार्थियों को आईईसी सामग्री के साथ क्षेत्रीय पौष्टिक खाद्य पदार्थों से युक्त पोषण किट वितरित किए जाएंगे। इसके अलावा, क्षेत्रीय/स्थानीय भोजन, बाजरा, सब्जियों और पारंपरिक व्यंजनों के बारे में जानने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
चैथा सप्ताह
उन्होंने कहा कि चैथे सप्ताह के दौरान एसएएम बच्चों की ब्लॉकवार पहचान और उनके रेफरल के लिए अभियान चलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि एसएएम के बच्चों को पौष्टिक भोजन भी वितरित किया जाएगा। इसके अलावा एसएएम बच्चों की शीघ्र पहचान के लिए समुदाय आधारित केंद्रित जागरूकता अभियान चलाया  जाएगा।