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हरियाणा साहित्य अकादमी तथा हरियाणा उर्दू अकादमी द्वारा अकादमी परिसर में नेता जी सुभाष चन्द्र बोस जयंती एवं गणतन्त्र दिवस के उपलक्ष्य में कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का किया आयोजन

– सूचना, जन संपर्क एवं भाषा विभाग हरियाणा के प्रधान सचिव श्री अनुराग अग्रवाल ने मुख्य अतिथि के रूप में की शिरकत

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पंचकूला, 23 जनवरी- हरियाणा साहित्य अकादमी तथा हरियाणा उर्दू अकादमी द्वारा अकादमी परिसर सेक्टर 14 में नेता जी सुभाष चन्द्र बोस जयंती एवं गणतन्त्र दिवस के उपलक्ष्य में कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सूचना, जन संपर्क एवं भाषा विभाग, हरियाणा के प्रधान सचिव श्री अनुराग अग्रवाल ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की जबकि राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री समीर पाल सरो विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे।
इस मौके पर श्री अनुराग अग्रवाल ने कहा कि आज हरियाणा साहित्य अकादमी व हरियाणा उर्दू अकादमी ने गणतंत्र दिवस और नेता जी सुभाष चन्द्र बोस जयंती के अवसर पर दो अनूठी शुरुआत की है और मुझे गर्व है कि देश में किसी भी अकादमी या अकादमियों ने ऐसी पहलकदमी की है। प्रदेश के साहित्यकारों की कृतियों व अकादमी प्रकाशनों का मानद रूप में लोकसमर्पण एक अद्भुत शुरूआत है। इसके साथ ही अकादमी ने अपने वरिष्ठ सेवानिवृत्त अधिकारियों सर्वश्री संतलाल अरोड़ा, डाॅ. पी.आर. कालिया, रोशन सिंह चैहान, माम चंद छोकर एवं सूरज प्रकाश मदान को सम्मानित करके अपने दायित्व का ऐतिहासिक ढंग से निर्वहन किया है।
प्रख्यात इतिहासकार डाॅ. एम.एम. जुनेजा, हिसार ने नेता जी सुभाष चन्द्र बोस के विलक्षण व्यक्तित्व पर अपने विचार प्रकट किए।
समारोह के मुख्य अतिथि श्री अनुराग अग्रवाल ने इस अवसर पर हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में प्रकाशित हरियाणा के हिन्दी साहित्यकार/75 पुस्तक का लोकार्पण भी किया। इस पुस्तक में महाकवि संत सूरदास, गरीब दास, निश्चल दास, बाबूबाल मुकुन्द गुप्त, पं. लखमीचंद सहित हरियाणा की समृद्ध हिंदी साहित्य परम्परा के अन्तर्गत समकालीन रचनाशीलता को समाहित करते हुए कुल 75 शिखर रचनाकारों के योगदान को रेखाकिंत किया गया है। इस पुस्तक का सम्पादन हरियाणा साहित्य के विशेषज्ञ मूर्धन्य विद्वान प्रो. लालचंद गुप्त मंगल द्वारा किया गया।
इस अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का आगाज करते हुए:
सुशील हसरत नरेलवी ने कहा: शहादत पर शहीदों की हमें है नाज यारो/बदौलत उनके है सर पर हमारे ताज यारो। सुरेन्द्र बंसल ने कहा: कर सकेंगे ना जमाने में वफा की तारीफ/तेरी खातिर तेरी खूबी से मुकर जायेंगे। डाॅ. रमाकांत शर्मा, भिवानी ने गीत प्रस्तुत किया:  वतन की हस्ती रहे सलामत, स्वयं की हस्ती मिटा गए हैं, नमन उन्हें है वतन की खातिर की जान अपनी लुटा गए हैं, वो देशवालों जलाये रखना मशाल वो जो थमा गए हैं। विजय अख्तर ने कहा: जिंदा रहना है तो हालात से लड़ना सीखो, वरना हाथ में आ जाओगे निवालों की तरह। सिकन्दर हयात ने कहा: ये दुआ है मेरी हर बशर के लिए, कोई तरसे नहीं हम सफ़र के लिए। नवीन नीर का अन्दाजे ब्यान था: लगी है भीड़ दरख्तों की फिर भी साया नहीं, मैं तेरे शइर में ये सोच के आ पाया नहीं। सुल्तान अंजुम का कहना था: जेब में कुछ न था ग़ज़ल के सिवा, ज़िदंगी हम से मिल के पछताई। डाॅ. विजेन्द्र ग़ाफिल ने कहा: बादल का मैं इक छोटा सा टुकड़ा हूँ तो क्या है/इन चान्द सितारों को निकले नहीं देता, मैं वक्त की शतरंज का हूँ ऐसा पियादा, राजा को जो शह दूं सम्भालने नहीं देता।
इसके अतिरिक्त काव्य गोष्ठी में श्री नरेन्द्र अत्री, डाॅ. मनोज भारत, महक भारती, नफस अम्बालवी ने भी काव्य पाठ किया।
इस अवसर पर हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष, डाॅ. वीरेन्द्र चैहान ने नेता जी सुभाष चन्द्र बोस द्वारा स्वतन्त्रता संग्राम में किए गए विलक्षण योगदान को रेखाकिंत किया।
हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष श्री गुरविन्द्र सिंह धमीजा ने स्वाधीनता संग्राम में नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की साहसिक भूमिका का उल्लेख किया।
कार्यक्रम के अन्त में अकादमी निदेशक, डाॅ. चन्द्र त्रिखा ने समारोह में पधारे सभी अतिथियों एवं लेखकों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि अकादमी द्वारा गत् वर्ष आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में अकादमी द्वारा आरम्भ की गई एकल काव्य पाठ शृंखला के अन्तर्गत अब तक 52 वरिष्ठ रचनाकारों की काव्य प्रस्तुतियाँ अकादमी के यू-ट्यूब चैनल पर प्रसारित की जा चुकी हैं। इस शृंखला की लोकप्रियता को देखते हुए इसे 75 एकल काव्य पाठ के पश्चात भी नियमित रूप से जारी रखा जाएगा।

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