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हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ने दो दिवसीय होम्योवल्र्ड विजन हरियाणा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में की शिरकत

– होम्योवल्र्ड विजन हरियाणा कार्यक्रम में भारत के ही नहीं दुनिया के कई देशों के चिकित्सकों ने लिया हिस्सा

– होम्योपैथी हर बीमारी को जड़ से खतम करने का नाम-ज्ञानचंद गुप्ता

– आज होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति ने देशों की भौगोलिक सीमाओं को तोड़ते हुए विश्व भर में सम्मानजनक स्थान बनाया-विधानसभा अध्यक्ष

-56 चिकित्सकों द्वारा होम्योपैथिक के अलग अलग विषयों पर अपने रिसर्च वर्क किए सांझा

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पंचकूला, 11 फरवरी- हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने सेक्टर 5 स्थित इन्द्रधनुष आॅडिटोरियम मे  इंडियन इंस्टीटयूट आॅफ होम्योपैथिक फिजिशियन द्वारा आयोजित दो दिवसीय होम्योवल्र्ड विजन हरियाणा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की व दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि होम्योपैथी हर बीमारी को जड़ से खतम करने का नाम है।
इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री गुप्ता ने कहा कि आज होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति ने देशों की भौगोलिक सीमाओं को तोड़ते हुए विश्व भर में सम्मानजनक स्थान बनाया है। विश्व के 85 से 90 देशों में यह पद्धति आम प्रचलन में आ चुकी है और एलोपैथी के बाद दूसरे स्थान पर हैै। भरत मे भी होम्योपैथिक चिकित्सा का बहुत प्रयोग हो रहा है। इसका कारण यह है कि यह चिकित्सा बहुत ज्यादा प्रभावी और साइड इफेक्ट से रहित है। सस्ती होने के कारण आम आदमी की पहुंच में भी रहती है। उन्होंने कहा कि इस सिद्धांत के अनुसार बीमारी के कारणों को एक विशेष पद्धति से शोधित करके बीमारी का उपचार किया जाता है। इस तकनीक से वही दवाएं दी जाती हैं जो शरीर में रोग से लड़ने की प्रणाली विकसित कर सके। उन्होंने कहा कि इस पेशे में आने वाले नए डाॅक्टरों की समस्या ओर उनके निदान पर भी विस्तार से चर्चा होगी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने योग, आयूर्वेद और होम्योपैथी के प्रचार-प्रसार पर विशेष बल दिया है। उन्होंने कहा कि जितना काम दूसरी सरकारों ने 70 सालों में भी नहीं किया उतना बीजेपी सरकार ने पिछले 9 साल में कर के दिखाया है। कोविड के दौर में होम्योपैथी का अहम योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी ने दुनिया को हिला कर रख दिया और सुपरपाॅवर कहे जाने वाले अमरीका जैसे देश की इस बीमारी ने जड़ें हिला दी। परंतु भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड महामारी पर सूझबूझ से अपने नेतृत्व से देश को बचा लिया। देश में कहीं भी दवाईयों व आॅक्सीमीटर और अन्य चीजों की कमी नहीं आने दी गई। उन्होंने देश के हर राज्य में जरूरत का हर सामान समय पर पहुंचा कर कोविड जैसी भयंकर बीमारी को अपना प्रकोप फैलाने नहीं दिया और दुनिया के विकासशील देशों ने प्रधानमंत्री की सूझबूझ का लोहा माना तथा भारत विश्व गुरू बनने की ओर अग्रसर हुआ। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि हरियाणा की मनोहर सरकार वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों के विकास के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हरियाणा में देश का पहला आयूष विश्वविद्यालय खोला गया। उन्होंने कहा कि होम्योपैथिक बीमारी को टैंपरेरी नहीं जड़ से खतम करती है। उन्होंने कहा कि ऐलोपैथी का भी 90 प्रतिशत इलाज होम्योपैथिक की पद्धतियों द्वारा ही किया जाता है।
उन्होंने कहा कि इंडियन इंस्टीटयूट आॅफ होम्योपैथिक फिजिशियन देश के सबसे पुराने पंजीकृत और मान्यता प्राप्त पेशेवर संगठनों में से एक है। यह संगठन पिछले 75 वर्षों से होम्योपैथी और योग्य होम्योपैथिक स्नातक के प्रचार और विकास के लिए प्रयास कर रहा है। यह संस्था होम्योपैथिक डाॅक्टरों, छात्रों और आम जनता के लाभ के लिए गुणवत्तापूर्ण और शिप्रद सेमिनार, कार्यशालाएं, सीएमई कार्यक्रम, वेबिनार, सीएसआर कार्यक्रम और स्वास्थ्य शिविर आयोजित करती है। उन्होंने संस्थान से आहवान किया कि कुछ इस प्रकार के निर्णय लिए जाएं जिससे इस पद्धति के द्वारा अधिक से अधिक लोगों की सेवा की जा सके।
कार्यक्रम में भारत ही नहीं दुनियाभर के देशों से आए हुए होम्योपैथिक व निजी प्रैक्टिस कर रहे डाॅक्टरों ने भाग लिया। इस अवसर पर श्री गुप्ता ने कार्यक्रम में आए हुए डाॅक्टरों को मोमेंटो देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर 56 चिकित्सकों द्वारा होम्योपैथिक के अलग अलग विषयों पर अपने रिसर्च वर्क सांझा किए गए।
इस मौके पर इंडियन इंस्टीटयूट आॅफ होम्योपैथिक, फिजिशियनके मानद अध्यक्ष पदमश्री डाॅ.वीके गुप्ता, राष्ट्रीय अध्यक्ष एमए राव, सचिव डाॅ. रविन्द्र कोचर, वाइस प्रेजिडेंट डाॅ. मोहंती, हरियाणा शाखा के अध्यक्ष विनोद सांगवान, हयियाणा होम्योपैथिक काउंसिल के चेयरमैन डाॅ. हरप्रकाश शर्मा, केन्द्र सरकार के आयुष विभाग में सलाहकार डाॅ. संगीता दुग्गल, महानिदेशक राष्ट्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान केन्द्र डाॅ. सुभाष कौशिक, डाॅ. जी श्रीनिवासन, डाॅ. वीएस चंदौक, डाॅ. एसवीएन बख्शी, आईआईएचपी हरियाणा के उप प्रधाना डाॅ. राजेश कुमार, पार्षद जय कौशिक, सुरेष वर्मा तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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