हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ने सेक्टर-17 के सामुदायिक केंद्र में लाला लाजपतराय की प्रतिमा का किया अनावरण
-श्री गुप्ता ने लाइब्रेरी के लिये 2 लाख रुपये की राशि देने की करी घोषणा
-देश की आजादी के लिये शहादत देने वाले ’शेर-ए-पंजाब’ लाला लाजपतराय को श्री गुप्ता ने किया नमन
-लाला लाजपतराय लाल, बाल और पाल के नाम से थे प्रसिद्ध-गुप्ता
पंचकूला, 17 नवंबर- हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने लाला लाजपतराय जी के शहीदी दिवस के अवसर पर आज पंचकूला के सेक्टर-17 स्थित लाला लाजपत राय सामुदायिक केंद्र में लाला लाजपत राय की प्रतिमा का विधिवत रूप से हवन यज्ञ कर अनावरण किया। इस अवसर पर श्री गुप्ता ने सामुदायिक केंद्र की लाइब्रेरी के लिये 2 लाख रुपये की राशि देने की घोषणा की।
इस अवसर पर नगर निगम महापौर श्री कुलभूषण गोयल व नगर निगम आयुक्त विरेंद्र लाठर भी उपस्थित थे।
अपने संबोधन में श्री गुप्ता ने कहा कि देश की आजादी के लिये शहादत देने वाले ’शेर-ए-पंजाब’ लाला लाजपतराय को वे नमन करते है। लाला लाजपत राय जी त्याग, तपस्या की एक आदर्श मूर्त रहे है। लाला लाजपतराय जी का जन्म पंजाब के मोगा जिले में 28 जनवरी 1865 को हुआ था। उनकी शहादत की बदौलत आज भारत के लोग आजादी की खुली हवा में सांस ले रहे है। लाला लाज पतराय को लाल बाल और पाल के नाम से जाना जाता है। बाल गंगाधर तिलक, विपिन चंद्रपाल और लाला जी की तिगड़ी ने युवाओं में अपने विचारों और देशभक्ति से देश के प्रति लड़ने की प्रेरणा जागृत की। उन्होंने कहा कि भारत की स्वाधीनता के लिये 14 से 18 वर्ष के हज़ारों वीर क्रांतिकारियों ने भरी जवानी में अपने प्राणों की आहुति दें दी। उन्होंने स्वामी दयानंद सरस्वती के साथ मिलकर आर्य समाज को देश में लोकप्रिय बना दिया।
उन्होंने कहा कि 30 अक्तूबर 1928 को लाला लाजपत राय जी ने देश के लोगों के साथ साइमन कमीशन के विरूद्ध एक विशाल प्रदर्शन किया, इस प्रदर्शन के दौरान लाला जी अंग्रेजों द्वारा की गई लाठीचार्ज से घायल हो गये। उन्होनंे घायल अवस्था में कहा कि मेरे शरीर पर पड़ी एक एक लाठी ब्रिटिश सरकार के ताबूत में कील का काम करेगी। 17 नंवबर 1928 को इन्हीं चोटो की वजह से लाला जी शहीद हो गये। लाला जी की मृत्यु से सारा देश अंग्रेजों के विरूद्ध उठ खड़ा हुआ। वीर क्रंातिकारी चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, राजगुरू व सुखदेव सहित अन्य क्रांतिकारियों ने लाला जी की लाठीचार्ज से हुई शहादत का बदला लेने का निर्णय लिया।
श्री गुप्ता ने कहा कि 17 दिसंबर 1928 को लाला जी की मौत के ठीक एक महीने बाद वीर क्रांतिकारियों ने ब्रिटिश पुलिस के अफसर सांडर्स को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया और लाला जी की मौत का बदला ले लिया। शहीद लाला जी के बलिदान के 20 वर्ष के भीतर ही ब्रिटिश समा्राज्य का सूर्यास्त हो गया।
इस अवसर पर प्रसिद्ध प्रो. एवं साहित्यकार एमएम जुनेजा, सेक्टर-17 की रेजीडेंस वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान डीपी सोनी, डीपी सिंगल, वरिष्ठ बीजेपी नेता वीके नैय्यर, बीजेपी के जिला करनाल प्रभारी दीपक शर्मा, शिवालिक बोर्ड के चेयरमैन ओमप्रकाश देवीनगर, युवा प्रदेश महामंत्री योगेंद्र शर्मा, बीजेपी नेत्री अनु कुमारी, बुद्धिजीवि प्रकोष्ठ के संयोजक चमनलाल कौशिक, पार्षद रितु गोयल, नरेंद्र लुबाना, हरेंद्र मलिक, सुमित सिंघला, राकेश वाल्मिकी, भगत सिंह मंच के प्रधान जगदीश भगत सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।