हरियाणा राज्य महिला आयोग ने 3 दिन तक आयोग के पंचकूला स्थित मुख्यालय में 70 से अधिक मामलों की सुनवाई कर शिकायतों का किया निपटान-प्रीति भारद्वाज दलाल
– सुनवाई के दौरान अनेक मामलों में दोनों पक्षों की आपसी सहमति से शिकायतों का निपटान करवाया गया-श्रीमती दलाल
– हर जिले में प्रीमैरिटल काउंसलिंग सेंटर का प्रावधान और सुविधा होनी चाहिए-श्रीमती दलाल
पंचकूला, 16 सितंबर- हरियाणा राज्य महिला आयोग द्वारा इस सप्ताह 70 से भी अधिक शिकायतों व प्रकरणों पर सुनवाई की गयी। कोविड-19 के कारण प्रदेश में हुए लॉकडाउन के बाद यह पहला ऐसा मौका था, जब इतने बड़े स्तर पर लगातार मुख्यालय में 3 दिन तक महिला विरुद्ध अपराध संबंधी दर्जनों मामलों का सफलतापूर्वक निपटान हुआ।
यह बात आज हरियाणा राज्य महिला आयोग की कार्यकारी अध्यक्ष श्रीमती प्रीति भारद्वाज दलाल ने अपने कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने बताया कि इन शिकायतों में विशेष रुप से हरियाणा राज्य के 4 जिला पानीपत, सोनीपत, कैथल, कुरुक्षेत्र से आई विभिन्न शिकायतों पर विस्तारपूर्वक सुनवाई कर, विभिन्न प्रकरणों का निपटान किया गया। लॉकडाउन के बाद से अब तक पहली बार इतनी अधिक शिकायतों का कम समय में निपटान किया जाना आयोग के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने बताया कि आयोग के समक्ष आई शिकायतों और मामलों में ज्यादातर मामले गृह कलेश, विवाह में हिंसा, बलात्कार, प्रेम विवाह संबंधी उत्पीड़न, धर्मांतरण संबंधी, यौन उत्पीड़न, कार्यस्थल पर उत्पीड़न, लिव इन रिलेशनशिप संबंधित, नन्हे बच्चों की चाइल्ड कस्टडी से संबंधित, अप्रवासी भारतीय महिला विरुद्ध अपराध, (वायलेंस अगेंस्ट नॉनरेजिडेंट इंडियन) से संबंधित थे।
श्रीमती प्रीति भारद्वाज दलाल ने बताया कि सुनवाई के दौरान अनेक मामलों में दोनों पक्षों की आपसी सहमति से शिकायतों का निपटान करवाया गया। इसके साथ-साथ आयोग के समक्ष शिकायतकर्ता और दूसरे पक्ष (वादी, प्रतिवादी, तीसरा पक्ष आदि), संबंधित थाना प्रभारी, इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर व सम्बंधित पुलिस अधिकारिओं ने ज्यादातर मामलों में उपस्थिति दर्ज कराई और विशेष प्रकार का उत्साह, इस जनसुनवाई में दिखाई दिया। आयोग द्वारा हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के वरिष्ठ वकीलों की सेवाएं भी ली गई, जिसमें एडवोकेट प्रमिला भारद्वाज, एडवोकेट सोनिया गौर, एडवोकेट हरी क्रिशन शर्मा व् एडवोकेट अमन जैन ने अपने विधिक/कानूनी, निपुणता के साथ मामलों के निपटान में आयोग का सहयोग किया।
उन्होंने बताया कि इन प्रकरणों को सुनकर आयोग का ऐसा मानना है कि ज्यादातर मामलों में अगर महिला पुलिस थानों व अन्य पुलिस अधिकारियों द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए यदि समय लगाकर आत्मीयता/हमदर्दी के साथ काउंसलिंग, मेडिएशन, आर्बिट्रेशन करते हुए प्रार्थियों को हौसला दिया जाये, तो बहुत से मामलों में अनेक घरों को टूटने से बचाया जा सकता है।
श्रीमती प्रीति भारद्वाज दलाल ने बताया कि लिव इन रिलेशन की बढ़ती संख्या और अरेंज्ड मैरिज में अर्ली मेरीटल डिर्सोडर की समस्याओं को देखते हुए, आयोग का मानना है कि हर जिले में प्रीमैरिटल काउंसलिंग सेंटर (यानी शादी विवाह से पूर्व काउंसलिंग) का प्रावधान और सुविधा मुहैया करवाया जाना चाहिए, जिससे भावी जीवन साथी अपने आने वाले वैवाहिक जीवन को अर्थपूर्ण ढ़ंग से सामंजस्य बैठाते हुए व्यतीत करें ताकि एक दूसरे के अंदर विश्वास पैदा हो और दोनों अपने वैवाहिक रिश्ते की डोर को कस के पकड़ कर बिना डगमगाए चला सके।
आयोग की अध्यक्षा ने बताया कि ऐसे भावी जोड़ों की सहायता करने के लिए आयोग भी प्रतिबद्ध है और आयोग जल्द ही हरियाणा सरकार को इससे संबंधित सिफारिशें भेजेगा और साथ ही साथ जो उपलब्द प्रक्रिया है – जैसे कि वन स्टॉप सेंटर, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की सहायता से तथा आयोग के अपने काउंसलिंग प्रक्रिया द्वारा इस सुविधा के लिए विशेष अभियान के रूप में चलाने की योजना जनसुनवाई से उभरी है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2021-22 में आयोग के सम्मुख 16 सितंबर 2021 तक 1180 शिकायतें प्राप्त हुई है जिसमे से 70 प्रतिशत मामलों को दफ्तर दाखिल किया जा चूका है। आयोग, भारत सरकार व हरियाणा सरकार के जन आन्दोलन ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ के नारे को और सशक्त करते हुए अपनी प्रक्रिया में बेटी बसाओ के नारे पर विशेष रूप से कार्यरत व प्रतिबद्ध है।