*Prime land freed from encroachments in Manimajra by MC Chandigarh*

हरियाणा के 22 जिलों और 34 उप-मंडलों में चौथी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन

न्यायिक मामलों के लिए 165 बेंचों का किया गठन

4,25,000 मामले को आपसी सहमति से निपटाने के लिए लोक अदालत पीठों में भेजा

अदालतों में 3,50,000 लंबित मामलों का निपटारा किया गया

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पंचकूला 14 दिसंबर – राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान एवं कार्यकारी अध्यक्ष भूषण रामकृष्ण गवई, न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मुख्य संरक्षक श्री शील नागु, मुख्य न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के समग्र नेतृत्व और अपने कार्यकारी अध्यक्ष अरुण पल्ली न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मार्गदर्शन और सम्मिलित प्रयासों के तहत चौथी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन हरियाणा के सभी 22 जिलों और 34 उप-मंडलों में जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों में किया गया।

इस लोक अदालत में वाद पूर्व प्रकरण और लंबित दोनों न्यायिक मामलों के लिए 165 बेंचों का गठन किया गया। इनमें व्यवहारिक, वैवाहिक, मोटर दुर्घटना दावे, बैंक उगाही, चेक बाउंस, वाहन चालान, समझौता योग्य आपराधिक मामलों आदि सहित विभिन्न श्रेणियों के मामलों की श्रृंखला, जिनमें वैकल्पिक विवाद समाधान केंद्रों में कार्यरत स्थायी लोक अदालतों (सार्वजनिक उपयोगिता सेवाओं) के 4,25,000 मामले को आपसी सहमति से निपटाने के लिए लोक अदालत पीठों को भेजा गया।

राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित करने का उद्देश्य वादकारियों को अपने विवादों को बिना किसी देरी के सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने के लिए एक मंच प्रदान करना है, जबकि लोक अदालत का फैसला अंतिम होता है और लोक अदालत में समझौता होने पर न्याय शुल्क वापस करने का प्रावधान है।

जिला एवं सत्र न्यायाधीश-एवं-सदस्य सचिव, सूर्य प्रताप सिंह, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने बताया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में पूर्व-लोक अदालत बैठकें आयोजित थीं, इनमें लगभग 3,50,000 मामलों, वाद पूर्व और अदालत में लंबित दोनों प्रकार के मामलों का निपटारा किया गया।

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