*Prime land freed from encroachments in Manimajra by MC Chandigarh*

हरियाणा के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के परिसरों को ड्रग-फ्री बनाने के लिए आज हरियाणा राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद द्वारा आर्ट ऑफ लिविंग के सहयोग से एक दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया।

पंचकूला,22 जनवरी- हरियाणा के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के परिसरों को ड्रग-फ्री बनाने के लिए आज हरियाणा राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद द्वारा आर्ट ऑफ लिविंग के सहयोग से एक दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन के दौरान ड्रग्स, शराब और अन्य मादक द्रव्यों के सेवन पर रोक लगाने के लिए उच्चतर शिक्षा की भूमिका के महत्व पर चर्चा की गई।


इस अवसर पर सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए हरियाणा राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो.बी.के. कुठियाला ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के परिसरों को नशा मुक्त बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हमें ड्रग्स के खिलाफ छात्रों में जागरूकता पैदा करने और बड़े पैमाने पर किसी व्यक्ति और समाज पर ड्रग्स एवं नशीले पदार्थ के कारण होने वाले बुरे प्रभावों को दूर करने की दिशा में स्थायी प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने उल्लेख किया कि राज्य के युवाओं को कैरियर उन्मुख और बेहतर नागरिक बनाया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि हरियाणा में उच्चतर शिक्षा परिषद प्रदेश के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में ड्रग की समस्या को दूर करने की योजना पर काम कर रही है। यह योजना विश्वविद्यालयों के कुलपति, कॉलेजों के प्राचार्यों और शिक्षकों एवं छात्रों सहित सभी हितधारकों के परामर्श से विकसित की जा रही है।


आर्ट ऑफ लिविंग कार्यक्रम के निदेशक श्री राजेश जगसिया ने समाज में ड्रग्स के खिलाफ आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा दिए गए योगदान पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने एलईएपी- लीड, एक्सेल और प्रगति कार्यक्रम भी पेश किया, जिसे राज्य के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में लागू किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि ध्यान और सुदर्शन क्रिया एक व्यक्ति को मानसिक रूप से मजबूत बनाने में बहुत सहायक होती है। इससे विद्यार्थियों को मानसिक और शारीरिक रूप से इतना शक्तिशाली बनया सकता है कि वे ड्रग्स का शिकार न हों।


उन्होंने बताया कि आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के हॉस्टल वार्डनों के लिए विशेष पाठ्यक्रम भी डिजाइन किया जा सकता है, जिसमें उन्हें विद्यार्थियों की मनोवैज्ञानिक जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रशिक्षित किया जा सकता है और हॉस्टल में ड्रग्स के खिलाफ जागरूकता पैदा करने के लिए भी प्रशिक्षित किया जा सकता है। सम्मेलन में यह भी सुझाव दिया गया कि विद्यार्थियों को उन कानूनों के बारे में जागरूक किया जा सकता है जिनके तहत ड्रग लेने या उनके पास पाए जाने पर कानूनी और पुलिस कार्रवाई की जा सकती है।


सम्मेलन में गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय, हिसार के कुलपति प्रो. टंकेश्वर, महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्याल, कैथल के कुलपति डॉ.श्रेयांस द्विवेदी, बी.आर. अंबेडकर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी सोनीपत के कुलपति प्रो. विनय कपूर मेहरा और हरियाणा के राजकीय व राजकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों तथा उच्चतर व तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रतिनिधि शामिल थे। सम्मेलन में विचार-विमर्श के बाद एक कार्य योजना भी तैयार की गई जिसकी सिफारिशों व रणनीति को हरियाणा राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद द्वारा हरियाणा सरकार को सौंपा जाएगा।

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