हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने गोपाष्टमी के अवसर पर प्रदेश की सभी गौशालाओं को दिया तोहफा
-गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए की अनेक घोषणाएं- इनमें हरियाणा गौ सेवा आयोग का वार्षिक बजट 30 करोड़ रूपए से बढा कर किया 50 करोड- गोपाष्टी मनाने के लिए अगले वर्ष से हर गौशाला को 31-31 हजार दिये जायेंगे-मुख्यमंत्री
पंचकूला, 11 नवंबर- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने गोपाष्टमी के पावन अवसर पर प्रदेश की सभी गौशालाओं को आत्म निर्भर बनाने की दिशा में अनेक घोषणाएं कर गौ भक्तों को इस पर्व का तोहफा दिया है। इनमें हरियाणा गौ सेवा आयोग का वार्षिक बजट 30 करोड़ रूपए से बढा कर 50 करोड़ रूपए करने, गौशालाओं में 6 सीबीजी (कंप्रेस्ड बायोगैस), प्लांट स्थापित करने तथा गोपाष्टी मनाने के लिए अगले वर्ष से हर गौशाला को 31-31 हजार रूपए की राशि देना शामिल है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने अपने स्वैच्छिक कोष से कामधेनु गौशाला पिंजौर को 21 लाख रूपए की राशि देने की घोषणा भी की।
मुख्यमंत्री आज पिंजौर स्थित कामधेनु गौसेवा सदन में स्थित हरियाणा गौवंश अनुसंधान केन्द्र में आयोजित राज्य स्तरीय गोपाष्टमी पर्व एवं लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कामधेनु गौसेवा सदन का अवलोकन किया तथा इसमें खादी प्राकृतिक पेंट संयंत्र, गौतत्व फिनाइल, गामला प्रयोगशाला, डीएपी के स्थान पर जैविक खाद ( प्रोम) प्लांट का लोकार्पण भी किया। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से यह केन्द्र अन्य गौशालाओं के लिए मार्गदर्शन का कार्य करेगा और गौशालाओं को वाणिज्यिक गतिविधियों से जोड़ेगा। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार भी मिलेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज विश्व भर में डीएपी की कमी देखी जा रही है। कामधेनु गौसेवा सदन में स्थापित गौवंश अनुसंधान केन्द्र में गांय के गोबर से तैयार की जा रही जैविक खाद डीएपी के बेहतर विकल्प के रूप में प्रयोग में लाई जा सकती है। इसकी वैज्ञानिक जांच व प्रमाणीकरण के बाद इसे चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के रामधन कृषि फार्म, महाराणा प्रताप बागबानी विश्व विद्यालय करनाल तथा अन्य डेमोस्टेशन फार्मों पर इसका उपयोग किया जायेगा तथा किसानों को इसके प्रयोग के बारे में जागरूक किया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह प्राकृतिक खेती को भी बढावा देगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राचीन समय से ही गौवंश किसान की आर्थिक स्थिति का साधन रहा है। मशीनीकरण युग आने के बाद किसानों ने बैल से खेती करना छोड़ दिया और आज फिर से हमें प्राकृतिक खेती की ओर जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि देसी नस्ल के गौवंश के संरक्षण के लिए सरकार गंभीर है और वर्ष 2015 में हमने ‘ हरियाणा गोवंश संरक्षण एवं गौ-संवर्धन अधिनियम’ बनाया। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकारों द्वारा गोबर का धन के रूप में कैसे उपयोग हो इसके लिए स्वच्छ भारत अभियान के तहत योजनाएं बनाई गई हैं। पशुपालन विभाग व हरियाणा गौसेवा आयोग मिल कर योजनाओं को आगे बढा रहे हैं। गौ हत्या व गौ तस्करी को रोकने के लिए प्रदेश व जिला स्तर पर काओ टास्क फोर्स कमेटी का गठन किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोपाष्टमी की पर्व आज देश में ही नहीं बल्कि विश्व में जहां-तहां गौ भक्त रह रहे हैं वे इस पर्व को मना रहे हैं। ऐसा कहा जाता है कि आज ही के दिन भगवान श्री कृष्ण नंगे पैर गौचराने के लिए निकले थे। तभी से हम इस पर्व को मना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि गाय आदिकाल से ही हमारे देश में पूजनीय रही है। गौ सेवा, गोपालन और गौ रक्षा का किसी ना किसी रूप में हमारे धर्म ग्रंथों में उल्लेख मिलता है। वेदों में गाय की महिमा का व्यापक रूप से वर्णन मिलता है। हमारे यहां गाय को माता का दर्जा दिया गया है। गाय का दूध अमृत के समान माना जाता है। वैज्ञानिक शोधों से यह प्रमाणित हो चुका है कि गाय का दूध डायबिटीज व हृदय रोगों से बचाव व उपचार में अत्यंत लाभकारी है। छोटे बच्चे जिनको किन्ही कारण वश मां का दूध नहीं मिल पाता, चिकित्सक उनके पोषण के लिए गाय के दूध को पिलाने की सलाह देते हैं। गाय का दूध मां के दूध के समान गुणकारी माना गया है। इसका दूध तो अमृत है ही, गोमूत्र तथा गोबर को भी भारतीय चिकित्सा पद्धति के अनुसार बड़ा उपयोगी माना गया है। इन वैज्ञानिक तथ्यों को देखते हुए अब फिर से हमें देसी गोवंश के महत्व को समझना होगा और उनके संरक्षण एवं विकास के लिए पुख्ता और ठोस कदम उठाने होंगे ताकि हम अपनी अमूल्य निधि गौधन को सुरक्षित रख सकें। हमें देसी नस्ल की गायों के संरक्षण और संवर्धन के लिए कारगर कदम उठाने होंगे। इस दिशा में कदम उठाते हुए हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी ने देसी नस्ल की गायों के संरक्षण और संवर्धन के लिए देश में राष्ट्रीय गोकुल मिशन लागू किया है। इस मिशन के तहत देसी गायों की नस्लों के संरक्षण एवं विकास के लिए राजकीय पशुधन फॉर्म, हिसार में गोकुल ग्राम की स्थापना की जा रही है। देसी नस्ल की गाय जैसे के हरयाणा, साहिवाल, बेलाही, थारपारकर, गिर आदि की 20 पशुओं की डेयरी स्थापित करने पर लाभार्थियों को गाय की खरीद करने के हेतु लिए गए बैंक ऋण पर ब्याज अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि देसी गायों की नस्ल सुधार हेतु राज्य में 37 करोड रुपए की लागत से 4 गोवंश संवर्धन एवं अनुसंधान केंद्रों की स्थापना का कार्य अंतिम चरण में है। यह केंद्र क्योड़क, जिला कैथल, लकड़िया, जिला झज्जर, उचानी, जिला करनाल और महेंद्रगढ़ में स्थापित हो रहे हैं। इसके अलावा ‘‘हरियाणा गौ सेवा आयोग’’ के माध्यम से पंजीकृत गौशालाओं में अब तक 3,435 गौशालाओं को 60 करोड़ 17 लाख 27 हजार रूपए की राशि दी गई। इसके अतिरिक्त, पंजीकृत गौशालाओं के लिए बिजली दर 2 रूपए प्रति यूनिट निर्धारित की गई है। ‘मुख्यमंत्री गौशाला जगमग योजना’ के अंतर्गत प्रदेश में 330 गौशालाओं में सोलर ऊर्जा प्लांट स्थापित किए गए हैं तथा शेष गौशालाओं में भी सोलर ऊर्जा प्लांट लगाने की योजना है। गौचरांद की भूमि पर गौशाला अथवा नंदी शाला की स्थापना या चारे के लिए भूमि देने हेतु खुली बोली के माध्यम से न्यूनतम पट्टा राशि 1000 रूपए प्रति वर्ष प्रति एकड़ दर से दिए जाने की व्यवस्था की गई है।
इस अवसर पर हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि गौशालाओं में गोबर व गौमूत्र से निर्मित फिनाइल, प्राकृतिक पेंट, दीये, गमले व जैविक खाद एक रोजगार का साधन भी बना है। इससे गौशालाएं एक उद्यौग के रूप में उपभरेंगी और रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे। गौशालाओं में केवल दूध ही नहीं बल्कि इस तरह की वाणिज्यिक वस्तुओं के उत्पाद होने से इनकी बिक्री से गौशालाएं आत्मनिर्भर भी बनेंगी। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण व पशु पालन मंत्री श्री जेपी दलाल ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि केन्द्र में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी व राज्य में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल दोनो ही गौभक्त हैं और गौसेवा से जुड़े रहे हैं। उन्हांेने कहा कि कैसे गौवंश को बचाया जाये और इसका उपयोग दुग्ध के साथ-साथ इसके गोबर व गौमूत्र से अधिक से अधिक वस्तुएं तैयार की जायें। प्राकृतिक खेती की ओर हमें बढना होगा। यह किसान हित में भी होगी और राष्ट्र हित मे भी। उन्होंने कहा कि रबी सीजन के दौरान लगभग डेढ करोड़ डीएपी खाद के कट्टों की जरूरत होती है और ज्यादातर डीएपी आयात होती है। किसानो को केन्द्र सरकार की ओर से सब्सीडी के बाद यह 1200 रूपए प्रति बैग के हिसाब से उपलब्ध करवाई जाती है।
सांसद रतन लाल कटारिया ने भी लोगों को गोपाष्टमी की बर्धा एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि से कामधेनु गौशाला पिजौर को 11 लाख रूपए की राशि देने की घोषणा की। हरियाणा गौसेवा आयोग के अध्यक्ष श्री श्रवण कुमार गर्ग ने आयोग द्वारा चलाई जा रही गतिविधियों पर विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर पर पंचकूला के मेयर कुलभूषण गोयल, पशु पालन एवं डेयरी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अंकुर गुप्ता, बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष तथा पूर्व विधायक लतिका शर्मा, उपायुक्त पंचकूला श्री विनय प्रताप सिंह, पुलिस उपायुक्त मोहित हांडा, एसडीएम कालका ममता शर्मा, बीजेपीद के मीडिया कोओर्डिनेटर संजय आहूजा तथा काफी संख्या में गौभक्त भी उपस्थ्ति थे।