*Chandigarh Shines in Swachh Survekshan 2024–25; Enters the Super Swachh League Cities*

सौर ऊर्जा का उपयोग प्रकृति रक्षा के लिए आवश्यक- डा. अशौक चैहान

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पंचकूला- 16 दिसम्बर, ऊर्जा संरक्षण दिवस  के अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री एस एन रॉय की प्रेरणा से प्रबंध निदेशक एचवीपीएनएल श्री टी. एल. सत्यप्रकाश के मार्ग दर्शन में बिजली वितरण कम्पनी हरियाणा के प्रबंध निदेशक श्री पी. सी. मीणा के सानिध्य में बृहस्पतिवार को हरियाणा के सभी महाविद्यालयों के वर्चुअल हिस्सेदारी से वेबिनार का आयोजन किया गया।


ऊर्जा संरक्षण में नागरिक दायित्व विषय पर मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए डा. अशोक चैहान प्रोफेसर अर्थशास्त्र विभाग कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय ने कहा  कि पुरी दुनिया की सारी लडाईयां खत्म हो जाएगी यदि सौर ऊर्जा का समाज उत्पादन करने लगे। प्रत्येक नागरिक के घर की छत अगर सौर ऊर्जा का उत्पादन करने लगे तो पूरी दुनिया एक हो सकती है। उन्होने परामर्श देते हुए कहा कि पृथ्वी सम्मेलन जैसे मंच पर यदि पूरी दुनिया के राष्ट्राध्यक्ष सहमति बना कर अंतर्राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कर उसके साथ ग्रीड बनाए और दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने तक ऊर्जा पहुंचाने का मार्ग बना दे ंतो यह दुनिया रहने लायक बची रहेगी।

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उन्होने कहा कि भारत सरकार ने ग्राम पंचायत और स्थानीय निकाय को सवैधानिक ताकत दे दी है कि वो पर्यावरण संरक्षण के स्वतंत्र निर्णय ले सके। उन्होने कहा कि हर शहर की स्वच्छता के लिए प्रत्येक शहर में कचरा प्रबंधन की इकाई होनी चाहिए। प्लास्टिक कचरे को सड़क निर्माण के लिए तकनीक विकसित करनी होगी।  ऐसा करने से गरीबी, बेरोजगारी खत्म होगी तो ही युद्ध और आंतकवाद जैसी चुनौतियों से भी निजात मिल सकेगा।


इस अवसर पर करनाल से डीएवी कॉलेज के प्राचार्य डा. आर पी सैनी ने कहा कार्बन उत्सर्जन समकालीन समय की सबसे बड़ी चुनौती है। पानीपत से एस डी पी जी कॉलेज के प्राचार्य डा. अनुपम अरोडा ने कहा कि सौर ऊर्जा के निर्माण से ऊर्जा की कीमत भी घटेगी और पर्यावरण का संरक्षण भी होगा। यमुनानगर से डा. सुषमा आर्य प्रबंधक डी ए वी कॉलेज ने कहा कि यदि हम सौर ऊर्जा के उपयोग पर निर्भर होते है तो दुनिया की सारी लडाईयां खत्म हो जाएगी। संचालन करते हुए संस्कृतिकर्मी श्री राजीव रंजन ने कहा कि आज जलवायु परिवर्तन की वजह से जंगलो में आग लग रही है, धरती गर्म  हो रही है, कार्बन का उत्सर्जन बढ़ रहा है मानो ऐसा लगता है कि जैसे धरती फिर से कहीं आग का गोला न बन जाए। इस वेबिनार में पूरे राज्य से सैंकडों शिक्षको,  विद्यार्थियों ने सक्रिय हिस्सेदारी निभाई। उच्च शिक्षा विभाग के महानिदेशक कार्यालय के जीवंत हिस्सेदारी से यह आयोजन सम्पन्न हुआ। अगामी 24 दिसम्बर  को पुनः 11 बजे  से 1 बजे  तक “म्हारी नदिया”ं विषय पर संवाद का आयोजन किया जाएगा।