*Mayor unveils spectacular laser show of National Flag in Sector 17 – a patriotic tribute under “Har Ghar Tiranga”*

सैनिक बोर्ड भवन पहुंची विजय मशाल

सिरसा, 23 जनवरी।

सिरसा पहुंचने पर स्वर्णिम विजय मशाल का हुआ जोरदार स्वागत, 1971 की लड़ाई के शहीद जाबांजों को किया नमन


भारत-पाक युद्ध के शहीदों के परिजनों को किया गया सम्मानित


भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए जांबाजों को नमन स्वरूप प्रधाननमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 16 दिसंबर 2020 को दिल्ली से शुरू की गई विजय दिवस मशाल शनिवार को सैनिक बोर्ड भवन पहुंची। हिसार से सेना अधिकारी व जवान विजय दिवस मशाल को लेकर एयर फोर्स स्टेशन पहुंचे, यहां से विजय मशाल को शहर से गुजारते हुए सैनिक बोर्ड भवन परिसर में लाया गया। यहां पर 1971 की लड़ाई में शहीद हुए सैनिकों व देश पर कुर्बान हुए अन्य अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम में अमर शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया गया।


सैनिक बोर्ड भवन परिसर में आयोजित कार्यक्रम में वर्ष 1971 की भारत-पाक लड़ाई में शहीद हुए बलिदानियों के परिजन भी शामिल हुए। उन्होनें भी सेनाधिकारियों के साथ शहीदों को नमन किया। सेनाधिकारियों ने शहीद परिवारों के लोगों से बात कर उनका हौंसला बढ़ाया और अपनी ओर से शहीदों को श्रद्धांजलि दी। सेना के अधिकारियों व उपायुक्त प्रदीप कुमार ने संयुक्त रूप से शहीदों के परिजनों एवं उनकी वीरांगनाओं को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस दौरान अतिरिक्त उपायुक्त उत्तम सिंह, जिला सैनिक भवन कल्याण अधिकारी कर्नल दीप डागर, एसडीएम जयवीर यादव भी मौजूद रहे।


उल्लखेनीय है कि पूरे भारतवर्ष में स्वर्णिम विजय वर्ष जो कि सन 1971 में भारतीय सेना की पाकिस्तान पर जीत के 50वीं वर्षगांठ के रूप में मनाया जा रहा है। अदम्य साहस का परिचय देकर अपना बलिदान देने वाले अमर जवानों की याद में व उनको नमन स्वरूप प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 16 दिसंबर 2020 को नई दिल्ली में भारतीय सेना को विजय मशाल सौंपी थी। यह मशाल हिसार मिलट्री स्टेशन कार्यालय 33 डिवीजन द्वारा शनिवार को सिरसा लाई गई। शहर से गुजरने के दौरान नागरिकोंं ने विजय मशाल को शैल्यूट कर अमर शहीदों को नमन किया। सेना की गाडिय़ों में सवार सेना अधिकारी मशाल के साथ सैनिक बोर्ड भवन पर पहुंचे और मशाल को शहीद स्मारक पर स्थापित किया। सबसे पहले सेनाधिकारियों ने अमर शहीदों को नमन किया।


16 दिसंबर 1971 को भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान सेना पर एक तारकीय और ऐतिहासिक जीत हासिल की जिसके कारण बांग्लादेश के नए राष्ट्र का निर्माण हुआ और द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद पारंपरिक युद्ध में सबसे बड़ा सैन्य आत्मसमर्पण हुआ । 16 दिसंबर 2020 से राष्ट्र 1971 युद्ध की जीत के 50 साल मना रहा है, जिसका उद्देश्य 1971 युद्ध के नायकों को पहचानना और याद करना है । भारतीय सशस्त्र बलों की इस जीत को प्रदर्शित करने के लिए वर्ष 2021 को स्वर्णिम विजय वर्ष के रूप में मनाने की योजना बनाई गई है जिसमें राष्ट्रव्यापी वर्षभर का जश्न मनाया जा रहा है। इन आयोजनों के माध्यम से 1971 युद्ध के भारतीय सशस्त्र बलों के वीर सैनिकों द्वारा किए गए शौर्य, बहादुरी और बलिदानों को पहचानने और सम्मानित करने और पूरे देश में इस अवसर को मनाने के लिए एक प्रयास किया जा रहा है। इन समारोहों के भाग के रूप में देश के चारों कोनों में विजय की ज्वाला ली जा रही हैं। इन विजय की ज्वाला को माननीय प्रधानमंत्री ने 16 दिसंबरए 2020 को नई दिल्ली में सशस्त्र बलों को सौंप दिया था ।


विजय ज्वाला 15 जनवरी को हिसार मिलिट्री स्टेशन पहुंची थीं, जहां डॉट डिवीजन द्वारा इसका भव्य स्वागत किया गया ।  अगले 10 दिनों तक ज्वाला हरियाणा के विभिन्न जिलों में जाकर अधिक से अधिक आबादी खासकर पूर्व सैनिकों को एक झलक पकड़कर इस ऐतिहासिक जीत का हिस्सा बनाया जा रहा है।  हर भारतीय इन शहीदों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान और उनके परिवारों द्वारा संघर्ष का ऋणी है । यह उनके श्रेय के लिए है कि ऐतिहासिक जीत संभव था।