सांसद सुनीता दुग्गल ने अधिकारियों से जिला में सफेद मक्खी से हुए फसल खराबे की ली जानकारी
सिरसा लोकसभा क्षेत्र की सांसद सुनीता दुग्गल ने वीरवार को दूरभाष पर प्रशासन अधिकारियों से जिला में फसल खराबा संबधी रिपोर्ट तथा कोविड-19 के संक्रमण बचाव के लिए किए गए प्रबंधों की विस्तार से जानकारी प्राप्त की। सिरसा कृषि प्रधान जिला है और यहां अधिकतर लोग कृषि पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि किसानों की नरमा, कपास की फसल पर सफेद मक्खी का भी प्रकोप हुआ है तथा अधिक बरसात के कारण नरमा, कपास सहित अन्य खरीफ फसलों पर नुकसान होने की स्थिति में राजस्व विभाग के अधिकारियों से बातचीत की और खराबे के किए गए आंकलन बारे विस्तृत जानकारी ली।
सांसद सुनीता दुग्गल ने किसानों से भी आग्रह किया है कि वे सरकार व प्रशासन द्वारा किए जा रहे कार्यों के लिए सहयोग करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में जारी गाइडलाइन के तहत किसान की जलभराव, औलावृष्टि व आसमानी बिजली गिरने से खराब हुई फसल की रिपोर्ट (प्रारूप-1) कृषि विभाग में 72 घंटे के अंदर-अंदर जमा करवानी जरूरी हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से भी कहा कि वे कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए सभी पुख्ता प्रबंध करें। कोरोना महामारी से बचाव के नागरिकों को जागरूक करें। सांसद ने जिलावासियों से अपील करते हुए कहा कि वे कोरोना महामारी से बचाव के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन, सरकार व प्रशासन द्वारा समय-समय पर जारी हिदायतों का भी पालन अवश्य करें। नागरिक कोविड-19 की सैंपलिंग अवश्य करवाएं। स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन द्वारा गठित की गई टीमों का सभी सहयोग करे। स्वच्छता पर भी अवश्य विशेष ध्यान दें।
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जिला में 2 लाख 10 हजार हैक्टेयर रकबे में कपास की बुआई की गई थी, 69 हजार 934 हैक्टेयर में हुआ नुकसान : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने बताया कि जिला के विभिन्न क्षेत्रों में कपास की फसल में सफेद मक्खी व पैरा वील्ट का प्रकोप पाया गया। उन्होंने स्वयं, कृषि विशेषज्ञों, राजस्व विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की टीम द्वारा खेतों में जाकर फसल को हुए नुकसान की जानकारी ली गई और मौके पर किसानों से बातचीत भी की। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक की रिपोर्ट के अनुसार सिरसा जिला में कुल 2 लाख 10 हजार हैक्टेयर रकबे में कपास की बुआई की गई है जिसमें सफेद मक्खी व पैरावील्ट से अबतक लगभग 69 हजार 934 हैक्टेयर में नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग द्वारा किसानों को गांव-गांव जाकर कपास की फसल को सफेद मक्खी से बचाने के लिए कृषि विशेषज्ञों की सिफारिशों के अनुसार छिड़काव करने बारे जागरुक किया जा रहा है।