*Prime land freed from encroachments in Manimajra by MC Chandigarh*

सरस्वती बोर्ड व केंद्रीय भूमिजल विभाग भुजल के ऊपर करेंगे मिलकर कार्य

*जल स्तर देखने के लिए 20 स्थानों पर लगाए जाएँगे फिजीयो मीटर *

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पंचकूला, 14 अक्तूबर- सरस्वती बोर्ड के उपाध्यक्ष धूमन सिंह किरमच ने दोनो विभागों की बैठक के बाद कहा की सरस्वती बोर्ड का गठन वर्ष 2015 में हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा प्रमुखतः सरस्वती धरोहरों/विरासतो के जीर्णोद्धार एवं संरक्षण के लिए किया गया है।

सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड कार्यकाल में केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड व हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के अधिकारियों के साथ आज यहाँ एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें दोनो विभागों ने सरस्वती नदी के जीर्णोद्धार के लिये काम करने रुपरेखा तैयार की। इस बैठक में अधिकारियों द्वारा 20 स्थानों का चयन किया जहाँ पर जल स्तर देखने के लिए फिजीयो मीटर लगाने का निर्णय लिए गया है। जिन क्षेत्रों का जलस्तर सरस्वती नदी के कारण बढ़ा है, उनमें यमुनानगर, कुरुक्षेत्र एवं कैथल शामिल है।  साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि सरस्वती नदी के किनारे जितने भी ट्यूबवैल चाहे वो प्राईवेट ,पंचायत या ओएनजीसी व बोर्ड द्वारा लगाए हुए हो सभी की जलस्तर की जाँच भी फिजीयो मीटर द्वारा समय-समय पर की जाएगी।
 इस अवसर पर डिप्टी चेयरमैन श्री धूमन सिंह किरमच ने कहा कि केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड सरस्वती नदी जीर्णोद्धार के लिये निरन्तर कार्य कर रहा है।

बैठक में केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड के अधिकारीगण वैज्ञानिक श्री डी. तिवारी, निदेशक सविता सिंह, उप निदेशक विद्यानंद नेगी, ज्ञानेन्द्र रॉय व सरस्वती बोर्ड के अधिकारी श्री जी.एस. गौतम, सलाहकार श्री वी.के. जैन, अनुसंधान अधिकारी डा० दीपा भी उपस्थित थे।

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