संत शिरोमणी रविदास एक महान् संत थेः श्री गुप्ता
-रविदास ने हमेशा जाति-पाति और भेदभाव से उपर उठ कर कार्य करने का संदेश दिया
-रविदास सभा को 5 लाख रूपए की राशि देने की की घोषणा
-5 मार्च को विधानसभा प्रांगण मे मुख्यमंत्री करेंगे संविधान निर्माता डाॅ0 बी.आर. अम्बेडकर की प्रतिमा का अनावरण
पंचकूला, 27 फरवरी- हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि संत शिरोमणी रविदास एक महान् संत थे जिन्होंने अपने कार्यों द्वारा न केवल देश बल्कि पूरे विश्व को जाति-पाति और भेदभाव से उपर उठ कर कार्य करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि संत रविदास ने जो संदेश 644 वर्ष पूर्व दिया था वह आज भी उतना ही सार्थक है, जितना उस समय था।
श्री गुप्ता आज पंचकूला के सेक्टर 15 स्थित रविदास भवन में संत शिरोमणी रविदास जी के 644वें जन्म दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चण्डीगढ से वीडियो काॅफ्रेंस के माध्यम से सभी को गुरू रविदास जयंती की बधाई दी और अपना संदेश दिया।
इस मौके पर श्री गुप्ता ने गुरू रविदास सभा को अपने स्वैच्छिक कोष से 5 लाख रूपए की राशि देने की घोषणा भी की। गुरू रविदास सभा पंचकूला के अध्यक्ष राज कपूर अहलावत ने संत शिरोमणी रविदास जी के 644वें जन्म दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करने पर श्री गुप्ता का धन्यवाद किया और उन्हें शाॅल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
श्री गुप्ता ने कहा कि आज भी हमारे देश को एकता और भाईचारे की आवश्यकता है और इसी सोच पर काम करते हुए हम प्रदेश और देश को तरक्की की राह पर आगे ले जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि संत रविदास ने कहा था कि कर्म और कर्तव्य सबसे श्रेष्ठ है। उन्होंने कहा था कि ‘मन चंगा तो कटोती में गंगा‘। संत रविदास हमेशा जाति-पाति के खिलाफ रहे। उनका मानना था कि जो जाति-पाति मनुष्यों में बंटवारा करती है वह समाज का कल्याण कभी नहीं कर सकती। उन्होंने लोगों से संत श्री रविदास द्वारा 644 वर्ष पूर्व दिखाए गए मार्ग पर चलने का आहवान किया और कहा कि ऐसा करके वह प्रदेश और देश के विकास में अहम भागीदारी निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि संत रविदास ने अपने कार्यों से न केवल देश बल्कि विदेशों में भी सामाजिक सदभावना का संदेश दिया। हमें उनके संदेशों को लेकर आगे बढना है और देश को आगे लेकर जाना है।
उन्होंने कहा कि संत रविदास के जीवन पर उनके गुरू रामानंद जी का भी प्रभाव देखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि मुगल बादशाह बाबर भी रविदास जी के चरणों में नतमस्तक था क्योंकि वे मानवता के विकास के पक्षधर थे। उन्होंने कहा कि हमें उनके संदेशों का अनुसरण करते हुए कर्म के सिद्धांत पर चलने की प्रेरणा लेनी चाहिए। गुरू रविदास जी ने हमें दूसरों की सेवा का मार्ग दिखाया।
उन्होंने कहा कि आज के दिन संविधान निर्माता डाॅ0 बी. आर. अम्बेडकर को याद करना भी अनिवार्य है क्योंकि उन्होंने देश को एकता व अखण्डता का संदेश दिया। हमें उनके पदचिन्हों पर चलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आगामी 5 मार्च को हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है। उसी दिन हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल विधानसभा के प्रांगण में डाॅ. बी. आर. अम्बेडकर की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। उन्होंने कहा कि यह प्रतिमा देश के संविधान के रूप में दिये गए महत्वपूर्ण योगदान का एक प्रतीक है और श्री अम्बेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि है।
कार्यक्रम में पंचकूला के उपायुक्त श्री मुकेश कुमार आहूजा, उपमण्डल अधिकारी रिचा राठी, भूतपूर्व विधायक लहरी सिंह, सभा के अन्य पदाधिकारियों सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।