श्रमिकों की बेटी की शादी में कन्यादान के रूप में दी जाती है एक लाख रुपये की राशि : उपायुक्त अनीश यादव
हरियाणा भवन एवं संनिर्माण श्रम कल्याण बोर्ड द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से श्रमिकों को विभिन्न सुविधाओं का लाभ प्रदान किया जा रहा है। बोर्ड द्वारा श्रमिकों की बेटी की शादी के लिए एक लाख एक हजार रुपए की राशि कन्यादान के रूप में प्रदान की जाती है और यह सुविधा श्रमिक की तीन बेटियों तक प्रदान की जाती है।
उपायुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत श्रमिक की यदि कार्य करते हुए मृत्यु होने पर 5 लाख रुपये तथा अचानक मृत्यु पर 2 लाख 15 हजार रुपए की सहायता राशि भी दी जाती है। उन्होंने बताया कि बोर्ड द्वारा मातृत्व लाभ के लिए 36 हजार, पितृत्व लाभ के लिए 21 हजार रुपये, कामगारों को 5 वर्ष में एक बार नए औजारों की खरीद के लिए 8 हजार रुपये, पंजीकृत महिला कामगारों को उनकी सदस्यता के नवीनीकरण के समय साड़ी, सूट, चप्पल, रेनकोट, छाता, रबड़ मैट्रस, बर्तन व नैपकिन खरीदने के लिए हर वर्ष 51 सौ रुपए दिए जाते हैं। इसी प्रकार कामगारों को साइकिल खरीदने के लिए 3 हजार रुपये की वित्तीय राशि तथा महिला श्रमिक को सिलाई मशीन दी जाती है।
उपायुक्त ने बताया कि पंजीकृत कामगार व उसके परिवार के चार सदस्यों को 4 वर्ष में एक बार धार्मिक व ऐतिहासिक स्थलों के भ्रमण के लिए रेलवे की द्वितीय श्रेणी व साधारण रोडवेज बसों का किराया भी दिया जाता है। पंजीकृत कामगारों के जो बच्चे मेडिकल अथॉरिटी द्वारा 50 प्रतिशत या इससे अधिक शारीरिक अथवा मानसिक रूप से अक्षम व दिव्यांग घोषित किए गए हैं, उन्हें दो हजार रुपये प्रति माह सहायता राशि दी जाती है। उन्होंने कहा कि कार्यस्थल पर किसी दुर्घटना में स्थाई रूप से दिव्यांग होने पर पंजीकृत कामगार को दिव्यांग प्रतिशतता के आधार पर डेढ़ से तीन लाख रुपये तक की एकमुश्त वित्तीय सहायता दी जाती है। किसी संक्रामक बीमारी या कार्यस्थल पर दुर्घटना के कारण दिव्यांग होने पर तीन हजार रुपये प्रति माह पेंशन देने का प्रावधान भी किया गया है। उल्लेखनीय है कि ये सुविधाएं पंजीकृत श्रमिक को उसके पंजीकरण होने के एक वर्ष बाद ही दी जाती है।