विशेषज्ञ टीम ने 2022 में सिफारिश की जाने वाली नरमे की हाइब्रिड का किया निरीक्षण व अवलोकन
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के जेनेटिक इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति (जीईएसी) के विशेषज्ञों की टीम ने बुधवार को स्थानीय केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान क्षेत्रीय स्टेशन में कपास परीक्षणों का निरीक्षण किया। इन परीक्षणों से पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में खेती के लिए जीईएसी द्वारा अनुमोदित बीजी 11 कपास संकरों की सिफारिश की जाती है।
निगरानी दल के अध्यक्ष एवं एडीआर पीएयू लुधियाना डा. डीएस मांगट, अन्य सदस्य व केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान क्षेत्रीय स्टेशन के प्रमुख डा. एसके वर्मा, आरआरएस पीएयू बठिंडा के निदेशक डा. परमजीत सिंह, जेडीआरए एआरएस श्रीगंगानगर डा. आरपीएस चौहान, अखिल भारतीय कपास अनुसंधान परियोजना (कीट विज्ञान) पीएस एंड पीआई डा. ऋषि कुमार, अखिल भारतीय कपास अनुसंधान परियोजना (पादप. रोग विज्ञान) प्रधान वैज्ञानिक एंड पीआई आरआरएसए सिरसा डा.ï एसके सैन, पीएयूए फरीदकोट से डा. कुलवीर सिंह और एचएयूए हिसार से डा. ओमेंद्र सांगवान शामिल थे।
केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान क्षेत्रीय स्टेशन के प्रमुख डा. एसके वर्मा ने बताया कि जीईएसी कपास परीक्षण पंजाब, हरियाणा और राजस्थान राज्यों में 06 स्थानों पर आयोजित किए जा रहे हैं। इन परीक्षणों के तहत उत्तर भारतीय परिस्थितियों में कीटों, रोगों और खेती के लिए उपयुक्तता की विभिन्न बीजी, कपास संकरों का परीक्षण और जांच की जा रही है। इस दौरान केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान क्षेत्रीय स्टेशन सिरसा की गतिविधियों के बारे में चर्चा की। निगरानी टीम द्वारा प्रदर्शन/प्रौद्योगिकी पार्क का भी दौरा किया गया और क्षेत्रीय स्टेशन द्वारा विकसित देसी और अमेरिकी कपास की किस्मों और संकरों को दिखाया गया। इस अवसर पर वैज्ञानिक (कृषि विज्ञान) डा. अमरप्रीत सिंह व वैज्ञानिक (बीज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) देबाशीष पॉल भी उपस्थित थे।