अब तक मंडियों में 99356 मीट्रिक टन धान में से 94815 मीट्रिक टन धान का हुआ उठान

लोक अदालत आम नागरिकों को किसी भी अतिरिक्त लागत या शुल्क के बिना बाध्यकारी मामलों को त्वरित और अंतिम सहमति से निपटान सुनिश्चित करने के लिए एक प्रभावी वैकल्पिक विवाद समाधान करने विधि है।

पंचकूला 14 दिसम्बर- लोक अदालत आम नागरिकों को किसी भी अतिरिक्त लागत या शुल्क के बिना बाध्यकारी मामलों को त्वरित और अंतिम सहमति से निपटान सुनिश्चित करने के लिए एक प्रभावी वैकल्पिक विवाद समाधान करने विधि है। लोक अदालतों के दौरान, न्यायिक अधिकारियों और सदस्यों की अध्यक्षता में अलग-अलग लोक अदालत की बेंच द्वारा सभी  प्रकार के पूर्व-विचाराधीन और अदालत में लंबित मामलों को उठाया जाता है। एमएसीटी मामलों के संबंध में लोक अदालतें बहुत सफल ओर कारगर साबित हो रही है।

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मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी एवं प्राधिकरण की सचिव सम्प्रीत कौर ने बताया कि विधिक सेवाएं प्राधिकरण के अध्यक्ष व जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुभाष महला के निर्देशानुसार राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में हरियाणा राज्य भर में 14 राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन प्रदेश के जिला एवं उमपण्डल स्तर के कार्यालयों में किया गया और इनमें सिविल, आपराधिक, वैवाहिक, बैंक वसूली, आदि से संबंधित विवादों का निपटारा कर लोगों को लाभान्वित किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित करने का उद्देश्य ही वादकारियों को एक बेहतर मंच प्रदान करना है ताकि वे पूर्व-वाद-विवाद वाले अपने विवादों का सरल ओर प्रभावी ढंग से निपटारा करवा सकें।


राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण की ओर से फरवरी, 2020 के महीने में पहली राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। कोविड -19 के प्रकोप के कारण अदालतों के प्रतिबंधित हुए कार्य को गति प्रदान करने की गई। महामारी के दौरान, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने वैकल्पिक विवादों के प्रभावी तंत्र के माध्यम से पार्टियों के मामलों व विवादों को हल करने के उद्देश्य से हरियाणा राज्य भर में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ई-लोक अदालत का आयोजन किया। ई-लोक अदालत के सफल आयोजन के बाद, एचएएलएसए ने हरियाणा में दैनिक ई-लोक अदालत की ओर अपना कदम बढ़ाया, जिसका उद्देश्य विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए वादियों की मदद करना है।

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प्रदेशभर में आयोजित द्वितीय राष्ट्रीय लोक अदालत  में 30,210 मामलों को रखा गया और उनमें से 15,100 मामलों को पूर्व-मुकदमे के स्तर पर ही सुलझा लिया गया और  45,40,59,550 राशि की सैटलमेंट की गई।