लोकसभा आम चुनाव – 2024 के दृष्टिगत पीओ तथा एपीओ का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित
चुनाव को निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं शांतिपूर्वक तरीके से आयोजित करवाने के लिए पीओ तथा एपीओ को उनके दायित्वों से कराया अवगत
सीयू/बीयू, वीवीपैट, ईवीएम तथा विभिन्न प्रपत्रों के बारे में दी जानकारी
पंचकूला, 29 अप्रैल – उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री यश गर्ग के मार्गदर्शन में लोकसभा आम चुनाव – 2024 के दृष्टिगत आज सेक्टर-1 स्थित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में पीठासीन (पीओ) और सहायक पीठासीन अधिकारियों (एपीओ) का प्रशिक्षण कार्यक्रम आरंभ हुआ। 6 मई तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले दिन आज 200 अधिकारियों, कर्मचारियों ने भाग लिया।
ट्रेनिंग के नोडल अधिकारी एवं जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गगनदीप सिंह ने निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं शांतिपूर्वक ढंग से चुनाव संपन्न कराने के लिये अधिकारियों को प्रेजेंटेशन के माध्यम से दायित्वों से अवगत कराया। साथ ही मॉक पोल की प्रक्रिया को वीडियो के माध्यम से समझाया गया। प्रशिक्षण शिविर में एआरओ पंचकूला एवं एसडीएम गौरव चौहान, उप जिला निर्वाचन अधिकारी एवं नगराधीश मन्नत राणा ने जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि पीओ तथा एपीओ अपने स्तर पर मतदान केंद्र के निर्धारित स्थान में बदलाव नहीं कर सकते। उन्हें मतदान से एक दिन पहले बूथ पर पहुंचना होगा। जिस भी स्कूल/धर्मशाला/सामुदायिक केंद्र आदि में पोलिंग बूथ बनाया गया है उसकी चारदीवारी से 200 मीटर की दूरी पर ही राजनीतिक दलों की ओर से निर्धारित आकार में टेंट लगाया जा सकता है। यदि इससे कम दूरी पर टेंट लगा है तो पीओ उसे हटवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि ईवीएम व वीवीपैट को मतदान केंद्र की खिड़की के पास नहीं रखा जाना चाहिए। यदि किसी बूथ के बाहर निर्धारित समय के बाद भी मतदाताओं की लाइन लगी हो तो सभी के वोट डलवाना सुनिश्चित करें।
उन्होंने बताया कि सरकारी कर्मचारी, विधायक, मंत्री, सरकार से मानदेय प्राप्त करने वाले, आंगनवाड़ी वर्कर आदि पोलिंग एजेंट नहीं बन सकते। पोलिंग एजेंट के नियुक्ति पत्र पर प्रत्याशी के दस्तखत होने चाहिये। पीओ जिस भी फार्म को भरें उस पर पोलिंग एजेंट के हस्ताक्षर अवश्य करायें।
अधिकारियों को बताया गया कि वे मतदान से 90 मिनट पहले मॉक पोल की प्रक्रिया को एजेंटों की मौजूदगी में पूरा करें। इस प्रक्रिया को नोटा (नन ऑफ द अबव) सहित 50 वोटों को समान रूप से बांटकर पूरा किया जाना चाहिये। मॉक पोल के दौरान किये गये वोट तथा वीवीपैट से निकलने वाली पर्चियों व कंट्रोल यूनिट में कुल वोट का मिलान होने पर पोलिंग एजेंट के हस्ताक्षर जरूर करायें। मॉक पोल के बाद इसका रिकॉर्ड भी रखें। मॉक पोल की स्लिप के पीछे मुहर लगाकर उसे काले रंग के लिफाफे में सील बंद करके रखें।
उन्होंने चुनाव के दौरान ईवीएम खराब होने की स्थिति में उठाये जाने वाले कदमों की जानकारी दी। ईवीएम में किसी भी प्रकार की खराबी के बारे में अविलम्ब एआरओ को सूचित करें। यदि मतदान के दौरान बीयू/सीयू खराब होता है तो पूरा सेट बदलना जरूरी है। फिर नई मशीन से पुन मॉक पोल प्रक्रिया पूरी करें। उन्होंने कहा कि पोलिंग बूथ में चुनाव आयोग द्वारा अधिकृत मीडिया कर्मचारी केवल गेट तक जा सकते हैं। नेत्रहीन मतदाता पोलिंग बूथ तक अपने साथ सहयोगी को ला सकते हैं। महिला मतदाता शिशु के साथ पोलिंग बूथ आकर मतदान कर सकती हैं।
उन्होंने बताया कि पीओ व एपीओ को उन दस्तावेजों की जानकारी दी गई जिनके आधार पर कोई भी मतदाता मतदान करने का अधिकार रखता है। यदि कोई मतदाता बूथ में आने के बाद वोट डालने से इंकार कर देता है तो उस स्थिति में की जाने वाली कार्यवाही, उम्र को लेकर दी जानी वाली चुनौती, टेंडर वोट, पोस्टल मतपत्र, ईवीएम व वीवीपैट को सील की जाने वाली प्रक्रिया, चुनाव प्रक्रिया से जुड़े विभिन्न प्रकार के फार्मों आदि के बारे में भी बताया।
इस अवसर पर खण्ड शिक्षा अधिकारी पिंजोर, मोरनी, रायपुर रानी व बरवाला, मास्टर ट्रेनर द्वारा सीयू/बीयू, वीवीपैट के बारे में भी अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया। इस मौके पर चुनाव नायब तहसीलदार अजय राठी, कानूनगो कुलदीप सिंह भी मौजूद रहे।