लिंगानुपात सुधार में दूसरे जिलों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनकर उभरा सिरसा : उपायुक्त प्रदीप कुमार
जिला प्रशासन द्वारा योजनाओं व गतिविधियों का प्रभावी क्रियान्वयन, संबंधित विभागों का बेहतर सामजस्य व लोगों की जागरूकता किसी भी कार्य को सफलता के मुकाम तक पहुंचा सकती हैं। सिरसा जिला का लिंगानुपात में प्रदेश में नम्बर वन पर पहुंचना भी प्रशासन की प्रभावी गतिविधियों व आम जनमानस की जागरूकता का ही परिणाम है। आज सिरसा लिंगानुपात में प्रदेश के दूसरे जिलों के लिए प्रेरणा स्रोत बनकर उभरा है। स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग तथा समाजसेवी संस्थाओं की मेहनत के कारण ही आज प्रदेशभर में हजार लड़कों के पीछे सबसे अधिक बेटियों ने सिरसा में ही जन्म ले रही हैं।
उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा दृढ इच्छा व संकल्प हो तो कोई भी काम नामुकिन नहीं होता और मेहनत व ईमानदारी से कार्य करने पर निश्चित रुप से लक्ष्य की प्राप्ति होती है। जिला सिरसा में स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग व अन्य समाजसेवियों के अथक प्रयास व सामूहिक योगदान के कारण ही जिला सिरसा की लिंगानुपात सुधार में लगातार हो रही बढोतरी की सराहना हो रही है। पिछले छह वर्षों के दौरान ही प्रदेश सरकार द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की दिशा में बनाई गई कारगर नीतियों व जिला प्रशासन द्वारा आपसी तालमेल व योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जिसके कारण लिंगानुपात सुधार में लगातार सफलता मिली।
उपायुक्त ने कहा कि जिला की इस उपलब्धि के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग सहित संबंधित विभाग के साथ-साथ जिला की समाजसेवी संस्थाओं व गणमान्य व्यक्तियों ने लोगों में जागरूकता पैदा करके लिंगानुपात सुधार में अपना सहयोग दिया है वे सभी बधाई की पात्र हैं। लिंगानुपात में चौथी बार सिरसा जिला अव्वल आने पर समाजसेवी संस्थाएं, सरपंचों व नागरिकों ने भी खुशी का इजहार किया। प्रदेश सरकार द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत लिंगानुपात में सुधार व बेटियों की शिक्षा के लिए क्रियांवित की गई कारगर नीतियों व जागरुकता कार्यक्रमों की बदौलत जिला के लिंगानुपात में सुधार हुआ है।
उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को सफल बनाने में प्रशासन का पूर्ण सहयोग करें। उन्होंने सभी से अपील की कि वे लड़का-लड़की में किसी भी प्रकार का भेदभाव न करें। लड़कों की तरह लड़कियों को समान अवसर दें। उन्होंने बच्चियों की शिक्षा पर भी बल देते हुए कहा कि आज लड़कियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। उन्हें शिक्षा के समान अवसर मिलने चाहिए। उन्होंने सभी लोगों से अपील की कि वे लिंग जांच करने वाले लोगों के खिलाफ अवश्य उठाएं। यदि किसी गांव में कोई भी व्यक्ति लिंग जांच में स िमलित पाया जाता है तो उसकी शिकायत अवश्य दें। विभाग द्वारा उसका नाम पूर्ण रूप से गुप्त रखा जाएगा।
इस मुहिम को सफल बनाने में स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा पीसी एवं पीएनडीटी एक्ट के तहत अबतक 36 रेड की गई जिससे न केवल कन्या भ्रूण हत्या करने वालों के हौसले पस्त हुए बल्कि दूसरों को भी सबक मिला। इसके अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग व अन्य विभागों द्वारा गांव-गांव में किए गए जागरुकता कार्यक्रमों में भी समाज में बेटियों के प्रति रुढीवादी विचारधारा को बदलने का काम किया। उन्होंने बताया कि जिला में वर्ष 2020 में 20 हजार 788 बच्चों ने जन्म लिया जिनमें से 10668 लड़कों के पीछे 10 हजार 120 बेटियों की किलकारी गूंजी। जिला के लिए गर्व की बात है कि जिला में लिंगानुपात एक हजार लड़कियों के पीछे 949 है, जो प्रदेश में सर्वाच्च स्थान पर है। इससे पहले भी जिला लिंगानुपात के मामले में वर्ष 2015, 2016 व 2018 में भी अव्वल रहा है।
लिंगानुपात में नम्बर वन बनने पर लोगों ने की खुशी जाहिर :
गांव मौजगढ़ के सरपंच सुखजिंद्र सिंह मान ने जिला के लिंगानुपात में नम्बर वन बनने पर कहा कि यह सिरसावासियों के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि लिंगानुपात में सुधार प्रशासन द्वारा योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन व लोगों में लड़कियों के प्रति बनी सकारात्मक सोच का ही परिणाम है।
गांव मटदादू के सरपंच पृथ्वी सिंह ने कहा कि यह बड़ी खुशी की बात है कि सिरसा जिला में सबसे अधिक लड़कियां जन्म ले रही हैं, सिरसावासियों के लिए यह सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि हमें लिंगानुपात सुधार को ओर अधिक आगे ले जाना है और इसके लिए हमें लड़का-लड़की में भेद को मिटाते हुए उन्हें समान अवसर उपलब्ध करवाएं। गांव रिसालियाखेड़ा के सरपंच आजाद सिंह ने कहा कि सिरसा जिला चौथी बार लिंगानुपात में अव्वल बना है। इतनी बार टोपर बनना दर्शाता है कि लोगों में बेटियों के प्रति सोच बदली है। उन्होंने कहा कि लिंगानुपात सुधार की दिशा में सफलता का श्रेय प्रशासन के संबंधित विभागों द्वारा प्रदेश सरकार की योजनाओं व गतिविधियों का प्रभावी क्रियान्वयन को जाता है। गांव रिसालियाखेड़ा की सोनू देवी पत्नी राज कुमार ने सिरसा जिला में लिंगानुपात में प्रथम होने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उनकी दो बेटियां हैं। उन्होंने कहा कि लड़के व लड़कियों में कोई भेद नहीं है और नहीं समझना चाहिए। आज लड़कियांं किसी भी क्षेत्र में लड़कों से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की लड़कियों के हित में चलाई योजनाओं व लोगों की जागरूकता से लिंगानुपात सुधार हो रहा है।