मॉनसून के मौसम में जल जनित रोगों की आशंका के मद्देनजर एडवाइजरी जारी
स्वास्थ्य विभाग हरियाणा द्वारा मॉनसून के मौसम में अतिसार, हैजा, पीलिया, पेचिश, टाइफाइड आदि जैसे जल जनित रोगों की आशंका के मद्देनजर एडवाइजरी जारी की है। जल जनित रोगों के प्रकोप से बचाव के लिए निवारक उपायों को अपनाना बहुत महत्वपूर्ण है।
उपायुक्त अनीश यादव स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि सभी सरकारी व निजी क्षेत्रों में फील्ड स्टाफ द्वारा निगरानी और आईईसी गतिविधियों को मजबूत करें और जल जनित रोग रोगों के प्रत्येक मामले की अच्छी प्रकार से निगरानी की जाए। इसके अलावा रैपिड रिस्पांस टीम सभी प्रकार के प्रकोप का पता लगाने के लिए सक्रिय होनी चाहिए और किसी भी प्रकार के मामले के संज्ञान में आते ही संबंधित टीम को आवश्यक कार्रवाई के लिए सूचना दें। उन्होंने कहा कि अगर पानी की पाइप लाइन में कोई रिसाव पाया जाता है तो जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग की टीम के साथ समन्वय करके उसे ठीक करवाया जाए।
उन्होंने कहा कि सभी जल स्रोतों में उचित और प्रभावी क्लोरीनीकरण सुनिश्चित की जाए। साथ ही अलग-अलग स्थानों से पानी के नमूने एकत्रित करें और ऑर्थोटौलिडीन और बैक्टीरियोलॉजिकल जांच भी की जाए। जांच के लिए मल और पानी के नमूने एकत्र करें तथा इसकी रिपोर्ट राज्य आईडीएसपी (एसएसयू) को सांझा करें। इसके अलावा जल जनित रोग के निवारण और नियंत्रण उपायों के बारे में आमजन को जागरूक किया जाए।
उन्होंने कहा कि सुरक्षित पेयजल के लिए आईईसी गतिविधियां आयोजित की जाए, लोगों को क्या करें और क्या न करें, पानी को उबाल कर उपयोग करें, पीने के पानी को ढक कर रखें आदि के बारे में जानकारी दी जाए। जिला में क्लोरीन/हैलोजन टैबलेट/ओआरएस पैकेट का पर्याप्त स्टॉक रखा जाए। ओआरएस की उपलब्धता सुनिश्चित करें और जहां कहीं आवश्यक हो, विशेष रूप से शहरी मलिन बस्तियों में वितरित करें। अस्पतालों और औषधालयों में अन्य दवाओं यानी एंटीबायोटिक्स, पैरासिटामोल आदि की उपलब्धता भी सुनिश्चित करें।